सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक फैसले को रद्द करते हुए कहा है कि अपराध का प्रयास भी सामाजिक मूल्यों के लिए वास्तविक अपराध जितना ही खतरनाक है। एमपी हाई कोर्ट ने 2005 में नाबालिगों से रेप के मामले के एक आरोपी को यह कहकर बरी कर दिया था कि उसने अपराध की तैयारी की थी, अपराध को अंजाम नहीं दिया था।
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