कश्मीर के जनमानस में हिंदी की प्रतिष्ठा को देखते हुए कश्मीरी भाषा के लेखक भी हिंदी में रचनाएं करने लगे। उम्मीद है अब राजभाषा का दर्जा मिलने से हिंदी जम्मू-कश्मीर में और फले-फूलेगी। कश्मीर और हिंदी का संबंध सदियों पुराना है।
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