पिछले कई चुनावों से यह धारणा बन चुकी है कि जीत-हार में जातियां ही निर्णायक हुआ करती हैं. हाल के कुछ चुनाव इसके अपवाद भी बने. सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हुए, तो उनके नाम पर जातियों की सीमाएं टूटती नजर आईं. ...
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