Monday, December 23, 2024

पनामा की संप्रभुता बिकाऊ नहीं... ट्रंप के बयान पर बढ़ा बवाल, कोलंबिया ने भी अमेरिका को घेरा

फीनिक्स: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पनामा नहर पर कब्जे के बयान पर बवाल मच गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका प्रशासन पनामा नहर पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास कर सकता है जिसे अमेरिका ने ''मूर्खतापूर्ण'' तरीके से अपने मध्य अमेरिकी सहयोगी को सौंप दिया था। अब इस बयान पर पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने इस धारणा को अपने देश की संप्रभुता का अपमान बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया। कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पनामा की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए समर्थन व्यक्त किया है

ट्रंप पनामा नहर पर कब्जा क्यों चाहते हैं

ट्रंप ने अपनी इस बात के पीछे तर्क दिया कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण नहर से गुजरने के लिए जहाजों से ''बेवजह'' शुल्क वसूला जाता है। रिपब्लिकन पार्टी के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने यह टिप्पणी पांच नवंबर को चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली बड़ी रैली में की। एरिजोना में 'टर्निंग प्वाइंट यूएसए अमेरिकाफेस्ट' में समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास करेगा, अमेरिकी सीमाओं को सील करेगा और पश्चिम एशिया एवं यूक्रेन में युद्धों को तत्काल बंद कराएगा।

अमेरिका को हसीन सपने दिखा रहे ट्रंप

ट्रंप ने कहा, ''मैं गर्व से यह कह सकता हूं कि अमेरिका का स्वर्णिम युग हमारे सामने है। हमारे अंदर अब एक ऐसी भावना है जो कुछ समय पहले तक नहीं थी।'' ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, ''हम सभी को एक साथ लाने की कोशिश करना चाहते हैं। हम कोशिश करने जा रहे हैं। हम वास्तव में इसे एक मौका देने जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने ''अपना आत्मविश्वास खो दिया है और चुनाव के बाद भ्रमित हैं लेकिन वे अंततः हमारे पक्ष में आएंगे क्योंकि हम चाहते हैं कि वे हमारे साथ आए।''

अमेरिका ने पनामा को क्यों सौंपा नहर

ट्रंप ने इस दौरान अनेक नए एवं पुराने मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ''हमें पनामा नहर से वंचित किया जा रहा है।'' साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ''मूर्खतापूर्ण'' तरीके से इसे अपने मध्य अमेरिकी सहयोगी को सौंप दिया था।'' अमेरिका ने 1900 के दशक की शुरुआत में इस नहर का निर्माण किया था और उसका मकसद अपने तटों के बीच वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों के आवागमन को सुविधाजनक बनाना था। अमेरिका ने 1977 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा हस्ताक्षरित एक संधि के तहत 31 दिसंबर 1999 को जलमार्ग का नियंत्रण पनामा को सौंप दिया था।

पनामा नहर विवादों में क्यों

यह नहर जलाशयों पर निर्भर है और 2023 में पड़े सूखे से यह काफी प्रभावित हुई थी, जिसके कारण देश को इससे गुजरने वाले जहाजों की संख्या को सीमित करना पड़ा था। इसके अलावा नौकाओं से लिया जाने वाला शुल्क भी बढ़ा दिया गया था। इस वर्ष के बाद के महीनों में मौसम सामान्य होने के साथ नहर पर पारगमन सामान्य हो गया है लेकिन शुल्क में वृद्धि अगले वर्ष भी कायम रहने की उम्मीद है।

अमेरिका का करीबी सहयोगी है पनामा

पनामा अमेरिका का एक अहम सहयोगी है और नहर इसकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। पनामा के राष्ट्रपति ने समय-समय पर अनेक मुद्दों पर ट्रंप का साथ दिया है। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि जब उनका दूसरा कार्यकाल शुरू होगा और उस दौरान यदि कुछ सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया तो वह पनामा नहर को अमेरिका को पूर्ण रूप से, शीघ्रता से और बिना किसी प्रश्न के वापस करने की मांग करेंगे।

पनामा के राष्ट्रपति ने जताई सख्त आपत्ति

ट्रंप के संबोधन के बाद पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने एक वीडियो जारी करके कहा, ''नहर का प्रत्येक वर्ग मीटर पनामा का है और आगे भी उनके देश का ही रहेगा।'' मुलिनो ने कहा, ''पनामा के लोगों के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन जब हमारी नहर और हमारी संप्रभुता की बात आती है तो हम सभी एकजुट हैं।''

पनामा नहर पर संप्रभुता का दिया हवाला

मुलिनो ने कहा कि शुल्कों को मनमाने ढंग से निर्धारित नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि पनामा ने जहाज यातायात को बढ़ाने के लिए ''अपनी पहल पर'' वर्षों से नहर का विस्तार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जहाज यातायात शुल्क में वृद्धि से सुधारों के लिए भुगतान करने में मदद मिलती है। मुलिनो ने कहा, ''पनामा के लोगों के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं। लेकिन जब हमारी नहर और हमारी संप्रभुता की बात आती है, तो हम सभी अपने पनामा के झंडे के नीचे एकजुट होंगे।''

कोलंबियाई राष्ट्रपति ने क्या कहा

कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक्स पर कहा, "मैं पनामा और उसकी संप्रभुता की रक्षा के पक्ष में रहूंगा... यदि नया अमेरिकी प्रशासन व्यापार पर बात करना चाहता है, तो हम आमने-सामने और अपने लोगों की भलाई के लिए व्यापार पर बात करेंगे, लेकिन हम कभी भी सम्मान और गरिमा पर बातचीत नहीं करेंगे।"


from https://ift.tt/c7dQGSY

Sunday, December 22, 2024

अब्दुल्ला शफीक ने वनडे में बनाया अनचाहा रिकॉर्ड, ऐसा करने वाले बने इतिहास के पहले ओपनर

जोहानिसबर्ग: पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच 3 मैचों की रोमांचक वनडे सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच जोहानिबर्ग के वांडर्स स्टेडियम में खेला जा रहा है। पाकिस्तान ने शुरुआती दोनों वनडे जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली है। हालांकि पाकिस्तान टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी। लेकिन उनको बड़ा झटका अब्दुल्ला शफीक के रूप में दूसरे ओवर में ही लग गया। अब्दुल्ला गोल्डन डक का शिकार हो गए। उनको कागिसो रबाडा ने एडन मार्करम के हाथों कैच आउट करवाया। 3 मैच की इस सीरीज में अब्दुल्ला अपना खाता भी नहीं खोल पाए। इससे पहले दोनों वनडे में वह डक पर आउट हुए थे। पहले मैच में 4 गेंद खेलकर तो दूसरे में दूसरी गेंद पर ही आउट हो गए थे। तीन मैचों की वनडे सीरीज में लगातार तीन बार शून्य पर आउट होने वाले अब्दुल्ला शफीक पहले ओपनर बन गए हैं। इसके अलावा वह सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं जिनके नाम यह अनचाहा रिकॉर्ड वनडे में दर्ज हुआ। इससे पहले 3 मैच की वनडे सीरीज में लगातार तीनों मैचों में शून्य पर आउट सूर्यकुमार यादव हुए थे। 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उनके साथ ऐसा हुआ था।लगातार वनडे में तीन बार शून्य पर आउट होने वाले अब्दुल्ला शफीक बने दूसरे पाकिस्तानी ओपनरवनडे में लगातार तीन बार शून्य पर आउट होने वाले अब्दुल्ला शफीक दूसरे ओपनर बन गए हैं। इससे पहले सलमान बट्ट के साथ भी ऐसा हो चुका है। आपको बता दें कि वनडे में अब तक डक की हैट्रिक 9 बल्लेबाजों ने लगाई है, जिसमें सचिन तेंदुलकर, शेन वॉट्सन जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं।एक कैलेंडर ईयर में किसी सलामी बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा डक
  • 8 - हर्शल गिब्स (2002)
  • 8 - तिलकरत्ने दिलशान (2012)
  • 7- डायोन इब्राहिम (2001)
  • 7- क्रिस गेल (2008)
  • 7- उपुल थरंगा (2006)
  • 7- अब्दुल्ला शफीक (2024)


from https://ift.tt/nO9Kj7g

Saturday, December 21, 2024

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और कंपनियों के लिए H-1B Visa में नया बदलाव, भारतीयों के लिए भी खुलेंगे जॉब के अवसर, आखिर कैसे?

Final Rule: भारतीय पेशेवर (खासकर तकनीकी क्षेत्र से) या छात्र अगर अमेरिका में जॉब चाहते हैं तो निकट भविष्य में उनके लिए अच्छे अवसर आ सकते हैं। विशिष्ट व्यवसायों में आप्रवासियों की जॉब के लिए जरूरी के कार्यक्रम में अमेरिकी सरकार ने हाल ही में विशेष प्रावधान किए जाने की घोषणा की है, जिसे फाइनल रूल (अंतिम नियम) के रूप में जाना जा रहा है। यह 17 जनवरी 2025 से अमल में आएगा। दावा किया जा रहा है कि इसके लागू होने से अमेरिकी कंपनियों को आप्रवासी कर्मचारियों को काम पर रखने में आसानी होगी, यह इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए अवसर खोलेगा और साथ ही कर्मचारियों के लिए भी यह वीजा कार्यक्रम ज्यादा लचीला होगा। बता दें कि एच-1बी विशेषज्ञता वाले व्यवसायों में वास्तुकला, इंजीनियरिंग, गणित, भौतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यवसाय विशेषज्ञता, अकाउंटिंग, लॉ, धर्मशास्त्र और कला जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। आखिर नए नियम लागू होने से इस वीजा कार्यक्रम में क्या बदलाव आएगा और भारतीयों को क्यों फायदा मिलने की उम्मीद है, आइये समझते हैं।

H-1B वीजा कार्यक्रम में नया बदलाव क्या है?

1. नए नियम प्रायोर डेफेरेंस पॉलिसी (पूर्व सम्मान नीति) को कोडिफाई (संहिताबद्ध) करते हैं, जो पहले से मंजूर एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। पहले ट्रंप प्रशासन की ओर से हटाई गई इस नीति के कारण वीजा प्रक्रिया में काफी देरी हुई थी।2. अपडेट किया गए नियम विशेष व्यवसाय की परिभाषा को संशोधित करते हैं। जिसके तहत डिग्री के क्षेत्रों को जॉब की जिम्मेदारियों के साथ सीधे मेल खाना आवश्यक है, जिससे पात्रता के स्पष्ट मानदंड सुनिश्चित किए जा सकेंगे।3. गैर-लाभकारी और सरकारी शोध संगठनों के पास अब सीमा-मुक्त एच-1बी वीजा के लिए क्वालीफाई करने में ज्यादा लचीलापन है। नए नियम रिसर्च को एक 'फंडामेंटल एक्टिविटी' के रूप में मान्यता देते हैं, न कि इसे ऑर्गनाइजेशन का प्राइमरी मिशन मानते हैं।4. एच-1बी वीजा के लिए अपनी स्थिति बदलने वाले एफ-1 अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्टेटस लैप्स होने से बच सकेगा क्योंकि अब आवेदन प्रक्रिया के दौरान उनको अपने छात्र वीजा की वैधता का ऑटोमेटिक एक्सटेंशन (विस्तार) प्राप्त होगा।5. नियम स्पष्ट करते हैं कि नियंत्रित हिस्सेदारी वाले कंपनी संस्थापक एच-1बी स्टेटस के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं, बशर्ते वे स्पेसिफिक कंडीशन को पूरा करें।इसके अलावा, फाइनल रूल वार्षिक एच-1बी लॉटरी सिस्टम में भी सुधार लाते हैं। नए नियम के अनुसार, अब डुप्लिकेट पंजीकरणों से निपटा जाएगा, जो इस वीजा कार्यक्रम की समग्रता बनाए रखते हुए इसमें निष्पक्षता बढ़ाएगा।

कितनी है एच-1बी वीजा की वार्षिक वैधानिक सीमा?

प्रति वित्तीय वर्ष के लिए नए एच-1बी वीजा की वैधानिक सीमा 85,000 है और उन्नत अमेरिकी डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा आरक्षित हैं। हालांकि, कुछ नियोक्ता, जैसे कि विश्वविद्यालय और शोध संस्थान इस सीमा से मुक्त हैं। एच-1बी वीजा की मांग उपलब्धता से ज्यादा बनी हुई है, जिससे लॉटरी सिस्टम अहम बना हुआ है।

भारतीयों के लिए भी खुलेंगे जॉब के अवसर

माना जा रहा है कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम में नया बदलाव भारतीयों के लिए जॉब के अवसर लाएगा। इस वीजा कार्यक्रम में भारतीयों की हिस्सेदारी प्रमुख है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2023 में 386,000 एच-1बी वीजा जारी किए गए थे, जिनमें से 72.3 फीसद वीजा भारतीय के थे। वहीं, इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज पर ताजा ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्षों के अंतराल के बाद, भारत ने अमेरिका में छात्रों की संख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों का प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। 2023-2024 शैक्षणिक वर्ष में, 3,30,000 से ज्यादा भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 23 फीसद की वृद्धि दर्शाता है। चूंकि आम तौर पर प्रमुख तकनीकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाने के लिए एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर बहुत ज्यादा निर्भर रहती हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि कार्यक्रम में नए बदलाव का फायदा पेशेवरों के साथ-साथ उन एफ-1 वीजा धारक भारतीय छात्रों को भी मिल सकेगा जो एच-1बी में अपना स्टेटस बदलना चाहेंगे।


from https://ift.tt/EqUuRk7

Friday, December 20, 2024

सपा के बागी अभय सिंह की विधायकी लटकी, क्या है 14 साल पुराना मामला, जिस पर दो जजों ने दो फैसले दे दिए

अभय सिंह राठौड़, लखनऊः उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह की विधायकी अधर में लटक गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभय सिंह के एक पुराने में फैसला सुना दिया है। हालांकि मामले में दो जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया है। एक जज ने अभय सिंह को बरी कर दिया है जबकि दूसरे जज ने अभय सिंह को तीन साल की सजा सुना दी है। दो जजों का अलग-अलग फैसला आने के कारण ये मामला चीफ जस्टिस के पास चला गया है। अगर चीफ जस्टिस ने तीन साल की सजा बरकरार रखी तो गोसाईगंज सीट पर उपचुनाव होना तय माना जाएगा। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभय सिंह को जिस मामले में सजा सुनाई है, वो साल 2010 का बताया जा रहा है। अयोध्या (फैजाबाद तब) के रहने वाले विकास सिंह ने अभय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। विकास ने आरोप लगाया था कि वें अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे तभी अभय सिंह के साथियों ने उनकी गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग झोंक दी थी। तब उन्होंने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई थी। इस मामले में विकास सिंह ने अभय सिंह पर फैजाबाद में मुकदमा दर्ज कराया था। फैजाबाद में सुनवाई के बाद इस मामले को अम्बेडकरनगर निचली अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। जहां से सभी को बरी कर दिया गया था। वहीं विकास सिंह ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2023 में लखनऊ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसी मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान लखनऊ बेंच के दो जजों ने अपना-अपना फैसला सुनाया है। जज मसूदी ने विधायक अभय सिंह को तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि जज अभय श्रीवास्तव ने विधायक अभय सिंह को बरी कर दिया है। वहीं दोनों जजों का अलग-अलग फैसला होने के चलते मामला चीफ जस्टिस के पास चला जाएगा।बता दें, गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह ने 2022 के चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव जीता था। लेकिन बाद में हुए राज्यसभा चुनाव में अभय सिंह ने सपा से बगावत करके बीजेपी का समर्थन किया था। जिसके बाद से अभय सिंह बीजेपी के खेमे में आ गए हैं। अभय सिंह की छवि दबंग विधायकों में होती है। उनपर 10 के करीब आपराधिक मामले दर्ज है। अभय सिंह को माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी भी बताया जाता है।


from https://ift.tt/YNqiLfa

Thursday, December 19, 2024

'जयशंकर ने ठीक ही कहा'... पुतिन की प्रेस कांफ्रेंस, ब्रिक्स, यूक्रेन, ट्रंप और सीरिया पर खुलकर की बात

मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपना वार्षिक समाचार सम्मेलन और कॉल-इन शो आयोजित किया। रूस के 11 टाइम ज़ोन में लाइव प्रसारित होने वाला यह कार्यक्रम एक वार्षिक परंपरा है। पुतिन इस मंच का उपयोग राष्ट्र को संबोधित करने के लिए करते हैं और आमतौर पर घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस दौरान उन्होंने ब्रिक्स, यूक्रेन, ट्रंप और सीरिया पर खुलकर की बात की। पुतिन ने कहा कि रूस कभी भी सीरिया में नहीं हारा, बल्कि उसने अपने सभी लक्ष्यों को हासिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वो जल्द ही बशर अल-असद से मुलाकात करेंगे।पुतिन ने इस सत्र की शुरुआत यह कहकर की कि रूस की अर्थव्यवस्था इस साल लगभग 4 प्रतिशत की दर से बढ़ने की राह पर है। उन्होंने स्वीकार किया कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स काफी ज्यादा हैं, मुद्रास्फीति 9.3 प्रतिशत है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक स्थिति "स्थिर" बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने रूस को "क्रय शक्ति समता के मामले में चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था" माना है। उन्होंने कहा कि "चीन, अमेरिका और भारत हमसे आगे हैं", जबकि रूस जर्मनी और जापान से आगे है। रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में अपने सैनिकों की जीत की भी सराहना की।

ब्रिक्स पर

पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स में हम किसी के खिलाफ काम नहीं कर रहे हैं। हम अपने हित और संगठन के सदस्यों के हित के लिए काम कर रहे हैं। हम किसी भी तरह की प्रतिकूल कथा या एजेंडा बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। भारत और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे सबसे अच्छे तरीके से कहा: "ब्रिक्स पश्चिमी विरोधी नहीं है। यह सिर्फ पश्चिमी नहीं है।"

ट्रंप पर

पुतिन ने कहा कि ठीक है, सबसे पहले, मुझे नहीं पता कि हम कब मिलेंगे क्योंकि वह इसके बारे में कुछ नहीं कहते हैं। मैंने उनसे चार साल से अधिक समय से बात नहीं की है। और मैं इसके लिए तैयार हूं, बेशक, किसी भी समय। और अगर वह चाहें तो मैं बैठक के लिए तैयार रहूंगा। (एक रिपोर्टर को संबोधित करते हुए) - आपने कहा कि यह बातचीत ऐसी स्थिति में होगी जब मैं किसी तरह की कमजोर स्थिति में रहूंगा। प्रिय सहयोगी... आप और वे लोग जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आपको वेतन देते हैं, वे बहुत चाहेंगे कि रूस कमजोर स्थिति में रहे। मेरा दृष्टिकोण अलग है। मेरा मानना है कि पिछले 2-3 सालों में रूस बहुत मजबूत हुआ है।

पीएम मोदी पर

पीएम मोदी के साथ मेरे मधुर संबंध हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि एशिया में उनके "बहुत सारे दोस्त" हैं - जिनमें भारत और चीन शामिल हैं।

यूक्रेन के साथ बातचीत करने की इच्छा पर

हमने हमेशा कहा है कि हम बातचीत और समझौते के लिए तैयार हैं, बस दूसरी तरफ, शाब्दिक और लाक्षणिक रूप से, बातचीत करने से इनकार कर दिया...। जल्द ही, जो यूक्रेनियन लड़ना चाहते हैं, वे भाग जाएंगे। मेरी राय में, जल्द ही कोई नहीं बचेगा जो लड़ना चाहता हो। हम तैयार हैं, लेकिन दूसरी तरफ को बातचीत और समझौते दोनों के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

ओरेशनिक हाइपरसोनिक मिसाइल पर

इन मिसाइलों को मार गिराने की कोई संभावना नहीं है... पश्चिमी विशेषज्ञों को हमें प्रस्ताव देना चाहिए, और उन्हें पश्चिम और अमेरिका में उन लोगों को प्रस्ताव देना चाहिए जो उनके विश्लेषण के लिए उन्हें भुगतान करते हैं, कि वे किसी तरह का तकनीकी प्रयोग करें, 21वीं सदी का हाई-टेक द्वंद्व युद्ध जैसे। उन्हें विनाश के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करने दें, जैसे कि कीव में, अपनी सारी एयर डिफेंस और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को वहां केंद्रित करें, और हम ओरेशनिक के साथ वहां हमला करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है। हम इस तरह के प्रयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या दूसरा पक्ष तैयार है?

यूक्रेन में युद्ध के बारे में

मुझे कहना होगा कि (मोर्चे पर) स्थिति नाटकीय रूप से बदल रही है... पूरी अग्रिम पंक्ति में हलचल है। हर दिन... और जैसा कि आपने कहा, हम अपने प्राथमिक कार्यों को हल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिन्हें हमने विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत में रेखांकित किया था... हर कोई लड़ रहा है, सचमुच वीरतापूर्वक। और वे अभी लड़ रहे हैं। आइए हम उन सभी को, जो कुर्स्क क्षेत्र (रूस के) में लड़ रहे हैं और जो पूरी अग्रिम पंक्ति में लड़ रहे हैं, शुभकामनाएं, जीत और घर लौटने की कामना करें।

अर्थव्यवस्था पर

रूस में, स्थिति सामान्य है, स्थिर है, हम सब कुछ के बावजूद, बाहरी खतरों और हमें प्रभावित करने के प्रयासों के बावजूद विकास कर रहे हैं... बेशक, मुद्रास्फीति ... एक खतरनाक संकेत है...। यहाँ कुछ मुद्दे हैं, जैसे मुद्रास्फीति, अर्थव्यवस्था का एक निश्चित रूप से फैलना। सरकार और केंद्रीय बैंक को पहले से ही गति को कम करने का काम सौंपा गया है... कीमतों में वृद्धि हो रही है। इसमें हमारी ओर से कमियां हैं। उदाहरण के लिए, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक कुछ ऐसे उपाय कर सकता था, जो मुख्य दर को प्रभावी रूप से कम कर सकता था।

सीरिया पर

पुतिन ने कहा कि उन्होंने अभी तक अपदस्थ नेता बशर अल-असद से मुलाकात नहीं की है। लेकिन, वे उनसे मिलने की योजना बना रहे हैं और उनसे 12 साल पहले सीरिया में लापता हुए अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के बारे में पूछेंगे। उन्होंने कहा, ''हम यह सवाल उन लोगों से भी पूछ सकते हैं जो सीरिया में जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करते हैं।'' उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस हारा नहीं, बल्कि उसने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को हासिल किया है।


from https://ift.tt/gZFYG3C

Wednesday, December 18, 2024

सरकार की यह कौन सी स्‍कीम जिसमें मिली बड़ी खामियां, निगरानी पर उठे सवाल?

नई दिल्‍ली: कैग ने एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (EPCG) स्‍कीम की कमजोरियों को उजागर क‍िया है। अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि (DGFT) की ऑनलाइन प्रणाली दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं करती। घरेलू पूंजीगत वस्तुओं की खरीद में भी अनियमितताएं देखी गईं। (कैग) ने की कमियों पर रिपोर्ट दी है। कैग ने बताया कि डिनाइड एंटिटी लिस्ट (DEL) मैकेनिज्‍म बेअसर साबित हो रहा है। यह तंत्र निर्यातकों को ईपीसीजी स्‍कीम की शर्तों का पालन करवाने के लिए बनाया गया था। कैग ने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ऑनलाइन प्रणाली जमा किए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं करती। इसलिए ऑथराइजेशन की समीक्षा जरूरी है। ईपीसीजी स्‍कीम के तहत शून्य सीमा शुल्क पर पूंजीगत वस्तुओं का आयात किया जा सकता है। इसका उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता के सामान और सेवाओं का उत्पादन करना है। इससे हमारी मैन्‍यूफैक्‍चरिंग प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

कैग ने पाईं क‍िस तरह की खाम‍ियां?

कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा कि डीजीएफटी के पास एक डेटा-आधारित निगरानी तंत्र होना चाहिए। यह तंत्र विदेश व्यापार नीति के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करेगा। कैग ने कहा, 'पहले के दायित्वों की पूर्ति सुनिश्चित किए बिना बाद के ऑथराइजेशन जारी करना जोखिम भरा कदम है।' यहां पहले के ऑथराइजेशन दायित्वों की पूर्ति का मतलब है कि पिछली बार दी गई अनुमति की शर्तों को पूरा किया गया है या नहीं।कैग के अनुसार, पूंजीगत वस्तुओं की घरेलू खरीद के मामले में तय प्रक्रियाओं का पालन न करने से दोहरा लाभ उठाने का जोखिम है। कंपनियां एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) से छूट का लाभ उठा सकती हैं। साथ ही शुल्क मुक्त वस्तुओं का आयात भी कर सकती हैं। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, FTP में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना पंजीकृत बंदरगाह के अलावा अन्य बंदरगाहों से पूंजीगत वस्तुओं का आयात करने से कई जोखिम हैं। एक ही ऑथराइजेशन का इस्‍तेमाल करके कई बंदरगाहों से सामान आयात किया जा सकता है। इससे रेवेन्‍यू प्रभावित होता है। बॉन्‍ड के दुरुपयोग का भी खतरा रहता है।कैग ने कहा, 'ऑडिट में पाया गया कि डीजीएफटी की ओर से निर्यात आय की समय पर प्राप्ति की निगरानी नहीं की गई। डीजीएफटी को निर्यात आय में देरी, कमी या गैर-प्राप्ति की प्रभावी ढंग से निगरानी करनी चाहिए।'

दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं

ईपीसीजी स्‍कीम का लाभ उठाने के लिए निर्यातकों को कुछ शर्तों का पालन करना होता है। लेकिन, कैग ने पाया कि डीईएल तंत्र इन शर्तों को लागू करने में प्रभावी नहीं है। डीईएल में उन कंपनियों की सूची होती है जिन्होंने ईपीसीजी स्‍कीम की शर्तों का उल्लंघन किया है। डीजीएफटी को इन कंपनियों को नए ईपीसीजी ऑथराइजेशन जारी नहीं करने चाहिए। लेकिन, कैग ने पाया कि डीजीएफटी डीईएल की जांच नहीं कर रहा है। इससे उन कंपनियों को भी ईपीसीजी ऑथराइजेशन मिल रहे हैं जिन्होंने पहले शर्तों का उल्लंघन किया है।कैग ने यह भी पाया कि डीजीएफटी ऑनलाइन सिस्टम से जमा किए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं करता है। इससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ईपीसीजी ऑथराइजेशन जारी होने का खतरा है। कैग ने सिफारिश की है कि डीजीएफटी को अपनी निगरानी प्रणाली को मजबूत करना चाहिए। उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ईपीसीजी स्‍कीम का लाभ केवल योग्य कंपनियों को ही मिले।


from https://ift.tt/GcldkAm

Tuesday, December 17, 2024

हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था... बलिया में बीजेपी दफ्तर पर चला बुलडोजर तो छलक उठा नेताजी का दर्द

बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया में भाजपा के कैंप कार्यालय पर नगर पालिका का बुलडोजर चल ही गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके पहले एक सप्ताह के भीतर भाजपा कैंप कार्यालय को हटाने के लिए जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन दो बार गया था, लेकिन भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह के विरोध के चलते उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा था। कार्यालय के जमींदोज होने पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।सिंह ने कहा कि मैं पार्टी के काम से जिला कार्यालय गया था, तभी लोगों ने बताया कि कार्यालय टूट गया है। सरकार के लोगों ने तोड़ा है। इसके पहले कोई नोटिस भी नहीं दी गई। जब से यह इंदिरा नगर मार्केट है तब से अपना कार्यालय भी है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि सपा सरकार के समय भी कार्यालय तोड़ा गया, मैं धरने पर बैठा तो समाजवादी पार्टी की सरकार ने एक हफ्ते में पुनः कार्यालय बनाकर दिया। अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर क्या बैठना। हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था। मेरी कश्ती वहीं डूबी, जहां पानी कम था।उन्होंने कहा कि अतिक्रमण अभियान ठीक नहीं चल रहा है। इससे क्या होना था, जाम भी नहीं लगना था। यहां के जिलाधिकारी की कार्यशैली अच्छी नहीं है। सारे अधिकारियों ने बताया कि डीएम साहब ने कहा कि कार्यालय तोड़ दो। जिलाधिकारी से चार दिन से समय मांग रहा हूं, लेकिन मिल नहीं रहे हैं। इस कार्यालय में बहुत से नेता बैठते थे। सपा सरकार के समय आंदोलन की रणनीति यहीं बनती थी। बसपा से भी लड़े और कार्यालय को खाली नहीं होने दिया। कार्यालय अगर बन जाएगा तो समझ लेना कि लोकतंत्र है।उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय तोड़ने के पीछे लोगों की सोच है कि कहीं मैं बड़ा नेता नहीं बन जाऊं। कहीं बलिया से टिकट का दावेदार न बन जाऊं। 40 साल विपक्ष में रहकर लड़ा हूं। मैं डरने वाला नहीं हूं। यहां पर अंदरूनी लड़ाई बहुत है। बलिया जिला प्रशासन के पास कोई विजन नहीं है। गरीब इसी कार्यालय में सोते थे। दूसरी तरफ बलिया नगर पालिका के ईओ सुभाष कुमार ने बताया कि जिस स्थल से अतिक्रमण हटाया गया है। वहां एक छोटा पार्क बनाया जाना है। यह जगह पार्क के लिए चिह्नित थी। पहले कैंप कार्यालय नहीं लिखा था। आज लिखा गया। सोमवार तक कार्यालय हटाने के लिए समय मांगा गया था। लेकिन, हटाया नहीं गया तो कार्रवाई की गई।


from https://ift.tt/uSgktTW

Monday, December 16, 2024

दिल्ली में चुनाव से पहले महिला सुरक्षा को लेकर हो रही राजनीति? केजरीवाल के आरोप पर बीजेपी का पलटवार

नई दिल्ली: फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजधानी ने सियासी घमासान चरम पर है। ऐसे में दिल्ली की मौजूदा सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने सोमवार को त्यागराज स्टेडियम में 'महिला अदालत' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर आप के राष्ट्रीय संयोजक ने महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पर नियंत्रण होने के बावजूद बीजेपी महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देती।

केजरीवाल का 'महिला अदालत' के जरिए बीजेपी पर वार

दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित 'महिला अदालत' इवेंट में INDIA गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव भी शामिल हुए। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी मौजूद थे। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि दस साल पहले आपने मुझे दिल्ली के स्कूल, अस्पताल और पानी की व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी दी थी, और मैंने अपना काम किया है। लेकिन आपने सुरक्षा की जिम्मेदारी बीजेपी और अमित शाह को दी, जो इसमें नाकाम रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह महिलाओं को वोट बैंक नहीं मानते और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी शक्ति के भीतर सब कुछ किया है।

केजरीवाल ने बताया क्या-क्या किया

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि आप के सत्ता में आने से पहले शहर में कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। हमने लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए और बस मार्शल नियुक्त किए। आम आदमी पार्टी की ओर से बुलाई गई महिला अदालत 2012 के दिल्ली गैंगरेप की 12वीं बरसी पर आयोजित की गई थी। इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया था। इसके बाद कड़े बलात्कार विरोधी कानून भी बने थे। आप की ओर से बुलाई गई महिला अदालत में यौन उत्पीड़न से बचने वाली कई महिलाओं ने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए। कई महिलाएं भीड़ के सामने अपना अनुभव याद करते हुए भावुक हो गईं।

आप के इवेंट में अखिलेश भी हुए शामिल

अखिलेश यादव ने इस दौरान महिला सुरक्षा को लेकर केजरीवाल के आरोपों को दोहराया और आम आदमी पार्टी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गृह विभाग सिर्फ नाम के लिए है। अगर वे सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, तो गृह विभाग का काम कौन कर रहा है? कई राज्यों ने AAP के स्वास्थ्य मॉडल को अपनाया है।

बीजेपी का आप पर पलटवार

वहीं बीजेपी ने इस इवेंट को लेकर AAP पर पलटवार किया। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की उस शिकायत पर कार्रवाई करने की मांग उठाई, जिसमें उन्होंने केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। बीजेपी ने कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल भूल गए हैं कि अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव ने एक बार महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले लड़कों का बचाव करते हुए कहा था कि 'लड़कों से गलतियां हो जाती हैं'। क्या अखिलेश यादव अपने पिता के बयान को लेकर माफी मांगेंगे।


from https://ift.tt/RaDmfC0

Sunday, December 15, 2024

राजस्थान के भक्त ने दी अनोखी भेंट, इसे पहन लंदन जा रहे हैं बाबा बागेश्वर, बोले- ये यह वाकई अद्भुत

पाली: बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पिछले महीने जयपुर आए थे। इससे पहले भीलवाड़ा में उनका कार्यक्रम था। राजस्थान में उनके कई प्रशंसक और अनुयायी हैं। ऐसे ही उनके एक प्रशंसक उन्हें लालचन्दन लकड़ी की माला भेंट चर्चा में आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि इन दिनों फिल्म पुष्पा -2 की वजह से लालचंदन की लकड़ी सुर्खियों में हैं। इसी बीच धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लालचंदन की माला भेंट करने वाले जितेंद्र मनौत की भी चर्चा हो रही है। पाली के व्यवसायी ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लाल चंदन की लकड़ी की माला भेंट की है। बताया जा रहा है कि इसी माला को पहनने के बाद बागेश्वर धाम के शास्त्री लन्दन की यात्रा पर निकल गए। बता दें कि जितेंद्र मनौत मूल रूप से पाली के रहने वाले हैं। वर्तमान में जयपुर में भी रहते हैं। मनौत ने बताया कि दिल्ली में जाकर बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लाल चंदन की माला पहनाई है। शास्त्री ने माला की तारीफ की है।

माला भेंट के पीछे की कहानी बेहद अनोखी

मिली जानकारी के अनुसार माला भेंट के पीछे की कहानी बड़ी अनोखी है। हाल ही अपनी पदयात्रा समाप्त करने के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दिल्ली पहुंचे थे। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की सूचना मिलने पर उनके चाहने वाले दिल्ली पहुंचे। इसी दौरान उनका यह राजस्थानी भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंच गया। इस दौरान लाल चंदन से बनी हुई माला देख के वहां मौजूद दंग रह गए। चूंकि, यह खूबसूरत माला कर्नाटक के मशूहर कारीगरों की ओर से खास बाबा बागेशवर धाम के पीठाधीश्वर के लिए बनाई गई है।

लाल चंदन की माला का है आध्यात्मिक महत्त्व

इसे कर्नाटक के दुर्लभ लाल चंदन की लकड़ी से तैयार किया गया था. लाल चंदन को इसकी दुर्लभता और आध्यात्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता है. जब शास्त्री ने इस माला को देखा, तो उन्होंने कहा, ऐसा पहली बार देखा है और यह वाकई अद्भुत है।


from https://ift.tt/emEx7lF

Saturday, December 14, 2024

चिराग पासवान का सियासी प्लान 'टेन मंथ' एक्टिव, 2025 चुनाव के लिए 'W' फैक्टर पर लगाया पूरा जोर, जानें

पटना/ औरंगाबाद: बिहार की राजनीति में किसी नेता के बारे में ये कहा जाए कि वो पूरी प्लानिंग के साथ कदम उठाते हैं, उसमें बेशक का नाम सामने आएगा। चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव में सौ फीसदी स्ट्राइक रेट दिया। चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान भी बने रहे और अपने चाचा पशुपति पारस को उनके सियासी अंजाम तक जाने के लिए मजबूर किया। चिराग पासवान राजनीति में पूरी प्लानिंग के साथ परफेक्ट एक्शन लेने के लिए जाने जाते हैं। चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक खास प्लान तैयार किया है। उसकी एक झलक औरंगाबाद के एक सभा में दिखी।

औरंगाबाद पहुंचे चिराग

औरंगाबाद जिले के अंबा पहुंचे चिराग पासवान ने पार्टी की ओर से आयोजित मिलन समारोह में शामिल हुए। उसके बाद उन्होंने मंच से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्लान 'टेन मंथ' को एक्टिव किया। चिराग पासवान ने मंच से कहा कि ये जान लीजिए आने वाले दस महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। आपको इस बात पर ध्यान रखना है कि अगले पांच साल के लिए आप अपना भविष्य किसके हवाले कर रहे हैं। चिराग पासवान ने इस मौके पर अपना डब्ल्यू फैक्टर यानी वर्करों को एक्टिव किया। चिराग पासवान ने सीधे कार्यकर्ताओं से बातचीत की।

चिराग का प्लान तैयार

चिराग पासवान ने 'टेन मंथ' प्लान के जरिए कार्यकर्ताओं को एक्टिव करते हुए उनसे साफ कहा कि उन्हें उन दलों की ओर ध्यान नहीं देना है, जो कुछ नहीं करते। उन्हें इस ओर ध्यान देना है कि उनकी चिंता कौन करता है। उन्होंने कहा कि वे बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट पर काम कर रहे हैं। आप लोगों को सावधान रहना है। आने वाले दस महीने से पहले तैयारी कर लेनी है। कमर कस लेनी है। चुनाव आने वाला है। उन्होंने कहा कि इन दस महीनों में एक नये बिहार के लिए खुद को तैयार करना है। इसके लिए आपको तैयार रहना होगा।

कार्यकर्ताओं को किया एक्टिव

चिराग पासवान ने कहा कि कार्यकर्ता इन दस महीनों में गांव- गांव जाएं और घर- घर जाएं और इस बात की जानकारी दें कि कौन लोग सही मायनों में बिहार में आपके विकास की चिंता कर रहे हैं। कौन सा गठबंधन, कौन सा नेता और कौन सा दल आपके विकास की बात कर रहा है। इस बात को गांव- गांव तक पहुंचाएं। चिराग ने कार्यकर्ताओं को एक्टिव करते हुए कहा कि आपको दूसरी ओर ध्यान नहीं देना है। आपको उस दल, उस नेता और उस गठबंधन का मजबूती से साथ देना है जो आपका भला चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार मैं एक लक्ष्य के साथ निकला हूं। मैं एक सपने के साथ निकला हूं। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट।

महिला संवाद यात्रा सही- चिराग

वहीं दूसरी ओर चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा पर सवाल खड़े करने पर कहा कि जो लोग जनता के बीच नहीं जाते, उन्हें शिकायत रहती है कि दूसरा क्यों जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की घबराहट को दर्शाता है, नीतीश कुमार की यात्रा पर टिप्पणी करना। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जब सत्ता में थे तो उनके अंदर अहंकार भरा हुआ था। उनका परिवार जनता के बीच नहीं जाता था। अब तेजस्वी यादव सवाल उठा रहे हैं। घबरा गए हैं लोग। चिराग पासवान ने कांग्रेस की ओर से संवैधानिक संस्था पर सवाल खड़े करने की बात को गलत ठहराया।

तेजस्वी पर चिराग का तंज

चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में ये लोग जीत गए, तो ईवीएम को दोष नहीं दिया। लेकिन जब एनडीए महाराष्ट्र में जीत गई, तब ये सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि मैं बिहार में रहना चाहता हूं। मुझे बिहार से लगाव है। मैं अपने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट विजन को आगे करूंगा। चिराग पासवान ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा था कि बीजेपी चिराग पासवान को डूबाने के चक्कर में लगी हुई है। चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव की मंशा कभी पूरी नहीं होगी, जो वो चाहते हैं कि एनडीए का आपस में विवाद हो।


from https://ift.tt/Xm9Y7If

Friday, December 13, 2024

गुजरात के अहमदाबाद में ASI की जाली NOC से बने सलमान एवेन्यू पर चला हथौड़ा, राजनीति भी गरमाई, जानें पूरा मामला

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में नगर निगम ने शुक्रवार को अवैध सलमान एवेन्यू को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) की टीमों ने बिल्डिंग की पांचवीं और छठवीं मंजिल को तोड़ना शुरू किया। इसके एक बड़ी टीम हथौड़े लेकर पहुंची और छत की तुड़ाई शुरू की। बिल्डिंग के डेवलपर ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के बाद 2015 में अवैध निर्माण किया गया था।हाईकोर्ट ने आदेश में क्या कहा? गुजरात हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को गिराने के संबंध में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि इमारत की अवैध पांचवीं और छठी मंजिलों को सील करने के आदेश दिए हैं, ताकि इनका उपयोग न हो सके। पुलिस ने यहां पर तैनात करने को कहा है। अदालत ने इसके अतिरिक्त पीठ द्वारा अपना अंतिम आदेश जारी किए जाने तक तोड़ने की कार्रवाई कार्य पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।कांग्रेस विधायक ने दिया धरना सलमान एवेन्यू में सहायक नगर आयुक्त मिलन शाह की मौजूदगी में तोड़फोड़ की गई। बाद में कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला और एआईएमआईएम पार्षदों ने तोड़फोड़ को रोकने की मांग करते हुए मौके पर धरना दिया। एआईएमआईएम पार्षदों के दबाव के बावजूद, सहायक नगर आयुक्त शाह ने कहा कि तोड़फोड़ की कार्रवाई योजना के अनुसार ही होगी, क्योंकि इसे रोकने के लिए कोई अदालती आदेश नहीं है। सहायक नगर आयुक्त को विरोध कर रहे पार्षदों ने घेर लिया, जो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में भी तोड़फोड़ रोकने की मांग करते रहे।ASI ने नहीं जारी की कोई NOC कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने चिंता व्यक्त की। मौके पर तोड़फोड़ का विरोध करते हुए खेड़ावाला ने कहा कि संपदा विभाग जमालपुर में दो अवैध मंजिलों को ध्वस्त कर रहा है। खेड़ावाला ने आरोप लगाया कि अहमदाबाद में कई अन्य अवैध निर्माण अछूते हैं। उन्होंने दावा किया कि केवल इस इमारत को निशाना बनाया जा रहा है। अहमदाबाद में एएमसी कार्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित इस इमारत का निर्माण एएसआई से फर्जी एनओसी का उपयोग करके किया गया था। 2018 में यह पता चला कि बिल्डर द्वारा एएमसी को प्रस्तुत एनओसी नकली थी। एएसआई ने पुष्टि की कि 2015 में ऐसा कोई एनओसी जारी नहीं किया गया था, जो बिल्डर के दावे के विपरीत है।


from https://ift.tt/iqRwz7S

Thursday, December 12, 2024

IAS टीना डाबी के पति को छात्राओं की चेतावनी! स्कूल में टीचरों को लेकर खोली पोल

जयपुर: राजस्थान की चर्चित आईएएस टीना डाबी के आईएएस पति और जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे के जिले में छात्राओं में भारी अंसतोष है। सरकारी स्कूल की छात्राओं ने जालोर कलेक्टर के सामने अपनी पीड़ा बताते हुए धरना दिया। दरअसल, सरकारी स्कूल में टीचर नहीं होने से छात्राओं की पढ़ाई ठप्प हो रही है। इसको लेकर छात्राओं ने जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे को ज्ञापन देकर समस्या के निराकरण की मांग की। इस दौरान छात्राओं ने कलेक्टर के सामने कहा कि जब तक उनकी समस्या का निस्तारण नहीं होगा, उनका धरना जारी रहेगा।

स्कूल में 9 टीचरों की कमी से कैसे हो पढ़ाई?

यह मामला जालोर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालिका गोडाजी का है, जहां काफी समय से शिक्षकों की कमी चल रही है। इसके कारण बालिकाओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित है। वहीं अर्द्ध वार्षिक एग्जाम भी नजदीक है। इस दौरान कलेक्टर को ज्ञापन में बालिकाओं ने बताया कि उनकी स्कूल में 9 शिक्षकों की कमी है, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो चुकी है। ज्ञापन देखकर छात्राओें ने जल्द शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग उठाई। इस दौरान कलेक्टर ने उनकी समस्या जल्द दूर करने का आश्वासन दिया।

कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी छात्राएं धरने पर बैठ गई

सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी से परेशान छात्रों ने जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने में स्कूल की आठवीं से 12वीं क्लास की छात्राएं शामिल थी। उन्हें जब कलेक्टर नेे आश्वासन दिया, तब भी वह संतुष्ट नहीं हुई। ज्ञापन देने के बाद यह छात्राएं कलेक्ट्रट के बाहर धरना देकर बैठ गई। उनका कहना था कि जब तक समस्या हल नहीं होगी, तब तक धरना चलता रहेगा। बाद में उन्हें समझाबुझा कर घर भेजा गया।

टीना डाबी भी उनके पड़ोस के बाड़मेर जिले में है कलेक्टर

जालोर के कलेक्टर प्रदीप गवांडे की बहु चर्चित आईएएस पत्नी भी उनके पड़ोस के बाड़मेर जिले में कलेक्टर हैं, जो इन दोनों काफी सुर्खियों में है। इधर, भजनलाल सरकार ने इस बार कई आईएएस और आईपीएस दंपतियों को आसपास के जिलों में ही पोस्टिंग दी है। ऐसा ही मामला टोंक की कलेक्टर सौम्या झा के साथ भी है, जहां उनके पति अक्षय गोदारा को बूंदी कलेक्टर के तौर पर तैनात किया है। बूंदी और टोंक जिला दोनों आपस में जुड़े हुए जिले हैं।


from https://ift.tt/OyWehjd

Wednesday, December 11, 2024

आईपीएस शमशेर सिंह ACB संभालेंगे, पांडियन को लॉ एंड ऑर्डर का जिम्मा, गुजरात के कई जिलों को मिले नए एसपी

अहमदाबाद: गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे करने से पहले दो दर्जन पुलिस अफसरों के काम में बदलाव करते हुए उनके तबादले किए हैं। राज्य पुलिस महकमें में साफ सुथरी छवि रखने वाले डॉ. शमशेर सिंह अब सिर्फ एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) की अगुवाई करेंगे। अभी तक वह डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। चर्चा है कि अगले ट्रांसफर आदेश में डॉ. शमशेर सिंह को गुजरात सरकार रिलीव करके केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर भेज सकती है। तब तक वह एसीबी के कामकाज को और चाकचौबंद करेंगे। दिल्ली आईआईटी से पीएचडी करने वाले डॉ. शमशेर सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं। वे एसीबी में दूसरी पारी खेल रहे हैं। सरकार ने 19 आईपीएस और 6 एसपीएस का तबादला किया है। शमशेर सिंह 1991 बैच के आईपीएस है जबकि पांडियन 1996 बैच के अफसर हैं। मेवाणी ने लिया ट्रांसफर का क्रेडिट पिछले दिनों राज्य में कांग्रेस नेता और वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी से टकराव के चलते सुर्खियों में आए राज कुमार पांडियन को एडीजीपी के तौर सीआईडी से हटाकर लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी दी है। पावर लॉबी में चर्चा है को सरकार ने यह फैसला कुछ शिकायतें सामने आने के बाद लिया है। तो वहीं कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी ने पांडियन के ट्रांसफर का श्रेय राज्य के तमाम दलित संगठनों की एकजुटता को दिया है। पांडियन अभी तक राज्य में सीआईडी चीफ के तौर पर काम कर रहे थे। अजय और विधि चौधरी को नई तैनाती 1999 बैच के आईपीएस अजय चौधरी को एडीजीपी के तौर पर महिला सेल में तैनात किया गया है जबकि आईपीएस सुधीर चौधरी को आईबी का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इस सब के अलावा 2009 बैच की आईपीएस विधि चौधरी को अहमदाबाद में स्पेशल कमिश्नर के तौर पर तैनाती मिली है। आईपीएस ऊषा राडा को का तबादला साबरकांठा से वडोदरा किया गया है। आईपीएस जयपाल सिंह को ज्वाइंट जेसीपी सेक्टर-2 अहमदाबाद के तौर पर नई नैताती मिली है। बलराम मीणा-संजय खराट एसपी बने वडोदरा में तैनात रहे 2006 बैच के आईपीएस एम एम निनामा को आईजीपी स्ट्रेट ट्रैफिक बनाया गया है। पश्चिम रेलवे में बतौर एसपी काम कर रहे बलराम मीणा को अहमदाबाद में डीसीपी जोन बनाया गया है। एसपीएस मेघा तेवार को साबरकांठा एसआरपीएफ ग्रुप 6 की कमांडर के तौर पर तैनात किया गया है। आईपीएस के तबादलों में कई अधिकारियों को जिलों की कमान भी दी गई है। हिमकर सिंह को राजकोट ग्राम्य का एसपी बनाया गया है। तो वही संजय खराट को अमरेली का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। डॉ. रविंद्र पटेल को जीएसपीएससी को एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है। आईपीएस विकास सुंडा को कच्छ-भुजा वेस्ट का एसपी बनाया गया है। हिमांशु वर्मा को एंटी इकोनॉमिक्स ऑफेंस विंग सीआईडी क्राइम का एसीपी बनाया गया है। इन अधिकारियों को मिली नई तैनाती आईपीएस आलोक कुमार को जोन-1 सूरत का डीसीपी बनाया गया है। अभिषेक गुप्ता को वडोदरा जोन-3 डीसीपी लगाया गया है। 2020 की तेजतर्रार आईपीएस डॉ. निधि ठाकुर को अहमदाबाद की साबरमती जेल अधीक्षक बनाया गया है। इसके अलावा एसपीएस वसंत कुमार को पाटण का एसपी और एसपीएस कोमल व्यास को एसआरपीएफ ग्रुप 17 जामनगर कमांडेंट बनाया गया है। भरत कुमार राठोड को अहमदाबाद जोन 2 को नया डीसीपी बनाया है। इसी प्रकार श्रीपाल शेषमा को अहमदाबाद शहर जोन 2 का डीसीपी बनाया गया है। जशपाल राठोड को एसीपी सेक्टर 2 अहमदाबाद में तैनाती दी गई है। चर्चा है कि अगले महीने 40 और आईपीएस का तबादला हो सकता है। नए साल में अहमदाबाद शहर को नई टीम मिलने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।


from https://ift.tt/NbxHQoY

Tuesday, December 10, 2024

नागौर की शादी में हुई 'रुपयों की बारिश', मायरे में 1 करोड़ कैश के अलावा सोना- चांदी दे मामा ने मचाई धूम!

नागौर: राजस्थान के नागौर जिले में एक बार फिर भात यानी मायरा भरने की खबर चर्चा में है। यहां एक नाना और मामा ने मिलकर अपने नाती की शादी में ऐसा भात भरा कि हर कोई दंग रह गया। यहां रामनारायण झाड़वाल नाम के शख्स ने दो करोड़ रुपये का मायरा भरा है। इसमें एक करोड़ रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवर, जमीन और दूसरी कई कीमती चीजें शामिल थीं। लिहाजा इस अनोखे मायरा की पूरे इलाके में चर्चा ।

मामा रामनाराययण हैं रिटायर्ड शिक्षक

बुरडी गांव के रहने वाले रामनारायण झाड़वाल ने 7 दिसंबर को अपने नाती रामेश्वर की शादी में पहुंचे थे। यहां उन्होंने दिल खोलकर मायरा दिया। रामेश्वर की मां संतोष, रामनारायण की बहन हैं। शादी मालगांव में हुई। रामनारायण 250 गाड़ियों के काफिले के साथ शादी में पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी बहन और उसके परिवार के लिए यह मायरा भरा। रामनारायण रिटायर्ड शिक्षक हैं, उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे रामकिशोर ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग ऑफिसर हैं। छोटे बेटे डॉ. अशोक झाड़वाल नागौर के जेएलएन अस्पताल में एमडी (मेडिसिन) हैं। मायरे के दौरान बहन और उसके ससुराल वालों को कपड़े और दूसरे उपहार भी दिए गए।

यहां जानिए क्या-क्या था मायरे में ?

मिली जानकारी के अनुसार यहां सबसे पहले तो एक करोड़ एक लाख रुपये नकद दिए गए। इसके बाद 30 लाख रुपये कीमत के प्लॉट की कागज पेश किए। 25 तोला सोना जेवरों के रूप में दिया गय। चांदी के जेवर 5 किलो के थे। इसके अलावा 140 चांदी के सिक्के भी दिए गए। एक नई ट्रैक्टर-ट्रॉली, जो बाजरा से भरी हुई थी और देसी घी से भरा एक मटका। कुल मिलाकर बताया जा रहा है कि मायरे की कीमत दो करोड़ रुपये खर्च किए गए।

जानिए क्या है राजस्थान की मायरा प्रथा

बता दें कि मायरा भरने की रस्म राजस्थान में काफी पुरानी है। इसे 'भात' भी कहते हैं। यह रस्म बहन के बच्चों की शादी में ननिहाल पक्ष द्वारा निभाई जाती है। इसमें बहन के परिवार और उसके ससुराल वालों को उपहार दिए जाते हैं। यह रस्म प्यार और अपनापन का प्रतीक है। साथ ही यह भी बताती है कि भाई का बहन के प्रति समपर्ण भाव भी दिखाती है।


from https://ift.tt/i5jSeXx

Monday, December 9, 2024

दो सगे भाई इंग्लैेंड के स्टार प्लेयर, तीसरा भाई जिम्बाब्वे से खेलेगा, पिता भी थे इंटरनेशनल क्रिकेटर

हरारे: ये कहानी एक ऐसा पिता की है जो खुद इंटरनेशनल क्रिकेटर बना और फिर अपने तीन बेटों को भी इंटरनेशनल क्रिकेटर बनाने का सपना देखा। ये कहानी है केविन करन की। जिम्बाब्वे का वह क्रिकेटर जिसके दो बड़े बेटे इंग्लैंड की ओर से इंटरनेशनल डेब्यू करते हैं जबकि तीसरी और सबसे छोटा बेटा जिम्बाब्वे के लिए खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।सैम, टॉम के बाद अब बेन का दौरदरअसल, इंग्लैंड के पुरुष खिलाड़ी सैम करन और टॉम करन के भाई बेन करन को अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए जिम्बाब्वे की टीम में पहली बार शामिल किया गया है। उनके अलावा, जिम्बाब्वे ने युवा बाएं हाथ के तेज गेंदबाज न्यूमैन न्यामहुरी को भी पहली बार टीम में शामिल किया है, जिन्हें टी-20 टीम में भी जगह मिली है।करन परिवार का क्रिकेट से कनेक्शनबेन करन, जिन्होंने 2018 और 2022 के बीच नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेला था, उन्हें जिम्बाब्वे की 50 ओवर और रेड-बॉल घरेलू प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने के बाद पहली बार टीम में शामिल किया गया है। केविन के भाई टॉम और सैम इंग्लैंड के लिए तीनों प्रारूपों में खेले हैं। टॉम 2019 में घरेलू वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे और आखिरी बार 2021 में इंग्लैंड के लिए खेले थे, सैम ऑस्ट्रेलिया में 2022 टी-20 विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड में प्लेयर ऑफ द फाइनल और टूर्नामेंट के खिलाड़ी थे।केन करन को कैसे मिला मौका?केविन करन ने 1983 से 1987 के बीच जिम्बाब्वे के लिए 11 वनडे मैच खेले, इससे पहले वह 2005 से 2007 तक उनके मुख्य कोच रहे। दूसरी ओर, 18 वर्षीय न्यामहुरी देश की सबसे बेहतरीन युवा प्रतिभाओं में से एक रहे हैं, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी अंडर-19 पुरुष क्रिकेट विश्व कप में प्रभावित किया था, जहां वह आठ विकेट लेकर जिम्बाब्वे के अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में उभरे थे। करन और न्यामहुरी दोनों, तेज गेंदबाज विक्टर न्याउची के साथ, फराज अकरम, ब्रैंडन मावुता और क्लाइव मदंडे की जगह वनडे टीम में शामिल हैं, जो कंधे की हड्डी के उखड़ने से उबर रहे हैं। पाकिस्तान के खिलाफ जिम्बाब्वे की हालिया वनडे सीरीज की बाकी टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।कब से कब तक खेली जाएगी सीरीज?टी-20 टीम में एकमात्र बदलाव के तौर पर न्यामहुरी को ओपनिंग बैट्समैन ताकुदज़वानाशे कैटानो के साथ शामिल किया गया है, जो सबसे छोटे प्रारूप में पदार्पण करने की कतार में हैं, जबकि मदंडे और मावुता चोट और चयन समायोजन के कारण बाहर हो गए हैं। जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के बीच सीरीज हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेली जाएगी, जिसकी शुरुआत 11, 13 और 14 दिसंबर को तीन टी-20 से होगी, इसके बाद क्रमशः 17, 19 और 21 दिसंबर को तीन वनडे मैच खेले जाएंगे।


from https://ift.tt/7kZLld3

Sunday, December 8, 2024

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में दौड़ती रहीं योगी के मंत्री की गाड़ियां, नियमों की उड़ी धज्जियां, वीडियो वायरल

कुमार सौरभ, पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें के जंगल में गाड़ियों का काफिला दौड़ता हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ ही काफिले में शामिल पुलिस की गाड़ियों पर ऊपर लगी लाइटें भी जल रही हैं। काफिला यूपी सरकार के राज्य मंत्री का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद डिप्टी डायरेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी होने से इनकार किया है।दरअसल पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में निजी गाड़ियों के प्रवेश पर डिप्टी डायरेक्टर ने रोक लगा रखी है। रविवार को सोशल मीडिया पर टूरिस्ट द्वारा एक वीडियो वायरल किया गया। इसमें गाड़ियों का एक काफिला जंगल के अंदर दौड़ता हुआ नजर आया। काफिले में शामिल गाड़ियां यूपी सरकार के राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार और उनके समर्थकों की बताई जा रही हैं।वीडियो सामने आने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह से जब मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि जंगल में निजी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक है गाड़ियां किसकी हैं। कब जंगल में आई इसके संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। पूरे मामले में डिप्टी डायरेक्टर ने रेंजर से स्पष्टीकरण मांगने की बात भी कहीं। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद आजाद अधिकार सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व डीजीपी अमिताभ ठाकुर ने भी पूरे मामले को नियमों का उल्लंघन करार देते हुए सरकार पर निशाना साधा है पूर्व डीजीपी ने कहा की बात-बात पर विपक्ष के लोगों का पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज करने वाली सरकार को इस पूरे मामले का संज्ञान लेना चाहिए और वन अधिनियम के तहत राज्य मंत्री पर कार्रवाई होनी चाहिए इसके साथ ही अमिताभ ठाकुर ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की भी मांग रखी है।


from https://ift.tt/JHqpl6r

Saturday, December 7, 2024

बदलकर रहेंगे, सबकुछ हो जाएगा बंद... दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AAP और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज

नई दिल्ली: अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार को पार्टी की प्रदेश इकाई के पंत मार्ग स्थित मुख्यालय में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने पत्नी के साथ हवन किया, जिसमें पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा, चुनाव समन्वय समिति के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत, बांसुरी स्वराज, योगेंद्र चंदोलिया, प्रवीण खंडेलवाल और अन्य लोग मौजूद थे। दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल फरवरी में होने हैं। वर्ष 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस मौके पर पांडा और अन्य नेताओं ने कई वैन को हरी झंडी दिखाई, जो विधानसभा चुनाव के वास्ते पार्टी के घोषणापत्र के लिए लोगों से फीडबैक लेने के उद्देश्य से दिल्ली भर में भ्रमण करेगी।इस अवसर पर पांडा ने घोषणापत्र के लिए फीडबैक अभियान के विषय के रूप में अब नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे का नारा दिया।बीजेपी नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली के लोग अब बहुत कुछ सह चुके हैं और अब वे गंदे पानी की आपूर्ति, क्षतिग्रस्त सड़कों, महंगी बिजली और उच्च स्तर के प्रदूषण से राहत पाने के लिए आप को सत्ता से हटाना चाहते हैं।भाजपा के नारे पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी का बदलकर रहेंगे नारा दर्शाता है कि वह दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए सभी कार्यों को रोकना चाहती है।


from https://ift.tt/zuI3Usf

Friday, December 6, 2024

कनाडा में भारतीय छात्र की दर्दनाक हत्या, रूममेट ने ही बहस के बाद चाकू से गोदकर उतारा मौत के घाट

ओट्टावा: कनाडा में एक भारतीय छात्र की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई है। मारे गए छात्र की पहचान 22 वर्षीय गुरशीश सिंह के रूप में की गई है, जो लैम्बटन कॉलेज में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था। हत्या के आरोप में 36 वर्षीय क्रॉसली हंटर को गिरफ्तार किया गया है। उसके ऊपर सेकंड डिग्री मर्डर का चार्ज लगाया गया है। एक बयान में पुलिस ने बताया कि फॉरेंसिक टीम के सदस्यों ने घटनास्थल की जांच की और सबूत जुटाए हैं।पुलिस ने बताया कि गुरशीश और हत्यारोपी हंटर एक ही कमरे में रहते थे। रविवार की सुबह दोनों के बीच रसोई में झड़प हो गई। इस दौरान हंटर ने कथित तौर पर एक चाकू निकाला और सिंह पर कई बार चाकू से वार किया। गुरशीश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार को किया गया सूचित

पुलिस ने बताया कि उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है। सरनिया पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे गुरशीश के परिवार और दोस्तों को सहायता दिलाने के लिए लैम्बटन कॉलेज के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि वह इस घटना के पीछे की परिस्थितियों और संभावित मकसद को निर्धारित करने के लिए सबूत इकट्ठा करना जारी रखती हैं। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक रूप से ऐसा नहीं लगता कि अपराध के पीछे नस्लवादी भावना थी।

कॉलेज ने मौत पर जताया दुख

लैम्बटन कॉलेज ने अपने छात्र की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। कॉलेज ने एक बयान में कहा, गुरशीश लैम्बटन कॉलेज के दिल में है। एक छात्र की मौत सबसे बड़ी त्रासदी है। इस बीच सिंह के परिवार को अंतिम संस्कार और उनके शव को पंजाब वापस भेजने में सहायता के लिए एक ऑनलाइन चंदा जुटाने वाला अभियान शुरू किया गया है।


from https://ift.tt/KpNfbje

मैंने इंडिया गठबंधन बनाया था, अगर मौका मिला तो.. ममता ने कांग्रेस पर बोला हमला

Mamata Banerjee News: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को लेकर ममजा बनर्जी के एक बयान से कांग्रेस में खलबली मच सकती है. उन्होंने कहा कि जिन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, अगर वे इसे सही से नहीं संभाल पा रहे, तो मैं इसमें क्या कर सकती हूं.

from देश News in Hindi, देश Latest News, देश News https://ift.tt/yfzH7mE

Thursday, December 5, 2024

यूपी मे शादी में विदाई के वक्त को मां को आया हार्ट अटैक, बेटी की डोली के साथ उठी मां की अर्थी

अज़हर अब्बास, सुल्तानपुर: सुल्तानपुर से दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां गुरुवार को बेटी का हाथ पिला करने के बाद बेटी को बिदा करते समय कोहराम मच गया। बेटी की बिदाई के दुखदाई पल को मां बर्दाशत नहीं कर पाई। हृदयगति रुकने से उसकी मौत हो गई। ऐसे में जिस घर में कुछ समय पहले ढोल नगाड़ों के साथ बिदाई के गीत गाए जा रहे थे वहां मातम पसर गया। बेटी भी रोटी बिलखती मायके से ससुराल चली गई है। ये पूरा मामला जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के अमिलिया सिकरा गांव का है। जहां बुधवार को जयराम शर्मा के बेटी अर्चना की बारात आई थी। यहां हंसी खुशी सारे वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। गुरुवार की सुबह जब बेटी को बिदाई के लिए लाया गया इसी बीच दुल्हन की मां नन्हका (65) चक्कर खाकर गिर पड़ी। आनन फानन में परिवारीजन नन्हका को लेकर सीएचसी जयसिंहपुर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता ने दिल पर पत्थर रख किया बेटी को विदामां की मौत की सूचना से दुल्हन रंजना का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पिता ने कलेजे पर पत्थर रखकर बेटी को बिदा किया। बेटी की बिदाई के बाद परिजन शव को लेकर घर पहुंचे तो गांव में भी सन्नाटा पसर गया। जिस द्वार पर कुछ घंटे पहले खुशियों का माहौल था, हंसी खुशी लोग शादी निपटाने में लगे थे वहां अब मातम छा गया है।


from https://ift.tt/qFY0lBs

Wednesday, December 4, 2024

1100 की जगह 2500 आएंगे खटाखट, झारखंड में हेमंत सोरेन ने महिलाओं को दे दी बड़ी खुशखबरी

रांचीः झारखंड की महिलाओं के लिए खुशखबरी! के तहत अब उन्हें 2500 रुपये मिलेंगे। यह राशि दिसंबर से उनके खातों में आना शुरू हो जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार बजट में प्रावधान कर रही है। पहले यह राशि 1000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है। इस योजना का लाभ राज्य की 57 लाख से ज्यादा महिलाओं को मिलेगा। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि 11 दिसंबर से पैसा आना शुरू हो जाएगा।

योजना के लिए महिलाओं का रजिस्ट्रेशन जारी

महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सरकार बजट में इसके लिए ज़रूरी पैसे का इंतज़ाम कर रही है। इस महीने गरीब महिलाओं के खाते में 1000 रुपये की जगह 2500 रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए जाएंगे। सरकार अभी भी ज़रूरतमंद महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कर रही है। इसलिए लाभार्थियों की संख्या और भी बढ़ सकती है। क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं अपना रजिस्ट्रेशन करवा रही हैं। इससे पता चलता है कि इस योजना को लेकर महिलाओं में कितना उत्साह है।

11 सितंबर से महिलाओं के खाते में राशि जाएगी

महिलाओं के मन में इस योजना के पैसे कब मिलेंगे, इसे लेकर कई तरह के सवाल थे। लेकिन अब इस पर से पर्दा उठ गया है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 11 दिसंबर से महिलाओं के खातों में 2500 रुपये आने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं के खाते में खटाखट 2500 रुपये मिलने लगेंगे। यह खबर राज्य की महिलाओं के लिए वाकई एक बड़ी सौगात है। इससे उन्हें अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।


from https://ift.tt/0io31Qr

Tuesday, December 3, 2024

संभल का हरिहर मंदिर कब और किसने बनवाया, आइन ए अकबरी से लेकर मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर की रिपोर्ट पढ़िए

सुनील मिश्रा, संभल/बदायूं: के संभल में हरिहर मंदिर या जामा मस्जिद के दावे लेकर हिंसा हो गई। अब राजनीतिक दलों की सियासत भी चरम पर है। अगर इतिहास की बात की जाए तो संभल में हरिहर मंदिर का जिक्र समय-समय पर होता रहा है। बताया जा रहा है कि 12वीं शताब्दी से लेकर 2024 तक अलग-अलग स्थानों पर हरिहर मंदिर का जिक्र है। इसमें आइन ए अकबरी और मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर का भी जिक्र शामिल है।इतिहासकार अजय अनुपम के मुताबिक मुगल शासन काल के दौरान अकबर के दरबारी अबुल फजल ने 16वीं शताब्दी में आइन ए अकबरी में भी संभल के हरिहर मंदिर का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि राजा नखुश के पुत्र ययाति ने संभल नगर की स्थापना की थी। पौराणिक काल से संभल नगर मौजूद है। भारत पर विदेशी आक्रमण हुए, आक्रमणकारियों ने भी संभल का जिक्र किया।

संभल रहा शासकों का केंद्र

सल्तनत काल में नसीरुद्दीन अलाउद्दीन खिलजी जैसे शासक थे। इन्होंने अमरोहा और बदायूं को महत्व दिया, चूंकि इब्राहिम लोदी के समय तक आते-आते संभल फिर से महत्वपूर्ण हो गया। लोदी के समय संभल सूबे की राजधानी बनाया गया। बाबर ने भी संभल को इस प्रदेश की राजधानी घोषित किया। बाबर ने अपने बड़े बेटे हुमायूं को संभल का गवर्नर बनाया। जब हिमायूं आगरा का शासक बना तब उसने अपने छोटे भाई असगरी को संभल का गवर्नर बना दिया। संभल एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र पहले से ही रहा है। पृथ्वीराज चौहान के बाद जिन शासकों ने आक्रमण किया, उन्होंने संभल को अपने सूबे का केंद्र बनाया था।

पृथ्वीराज चौहान ने हरिहर मंदिर का निर्माण कराया

इतिहासकार अजय अनुपम बताते है कि मंडलीय गजेटियर तैयार किया गया है। इसमें 1911 के गजेटियर का उल्लेख है। इसी आधार पर 2024 के गजेटियर में हरिहर मंदिर का जिक्र है। उन्होंने बताया कि 12वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान ने संभल में हरिहर मंदिर का निर्माण कराया था। कई बार हरिहर मंदिर पर आक्रमण हुए और राजाओं ने अपने हिसाब से इसे परिवर्तित किया, लेकिन जब पृथ्वीराज चौहान की ताकत बढ़ी तब उन्होंने फिर से उसे हरिहर मंदिर बना दिया। उन्होंने बताया कि 1968 के गजेटियर में संभल के हरिहर मंदिर का जिक्र है। साथ ही कहा कि प्राचीन काल के जो इतिहासकार हुए और ब्रिटिश काल के प्यूहरल और नेविल इन दोनों लेखकों के द्वारा लिखे गए गजेटियर में संभल के हरिहर मंदिर का उल्लेख किया गया है।


from https://ift.tt/TGj3Phg

Monday, December 2, 2024

ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल को लेकर आई गुड न्यूज, प्रोजेक्ट को मिली 35 हेक्टेयर वन जमीन, 15 मिनट में पूरा होगा घंटे भर का सफर

मुंबई: घोड़बंदर रोड का ट्रैफिक कम करने वाले प्रोजेक्ट को वन क्षेत्र की 35.5644 हेक्टेयर ज़मीन मिल गई है। ठाणे से मुंबई उपनगर की दूरी कम करने वाले इस प्रोजेक्ट का काम आरंभ करने के लिए 35.5644 हेक्टेयर वन क्षेत्र मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को सौंप दी गई है। इसमें ठाणे की दिशा की तरफ के सात गांव और बोरीवली की तरफ से एक गांव की ज़मीन शामिल है। एमएमआरडीए के मुताबिक, ठाणे की दिशा की तरफ के मानपाडा, माजीवाड़ा, बोरीवड़े, येऊर और चेने गांव की ज़मीन है। वहीं, बोरीवली की दिशा की तरफ से प्रोजेक्ट के लिए मागाठाणे गांव की ज़मीन पर निर्माण कार्य की अनुमति प्राप्त हुई है। ट्विन टनल प्रोजेक्ट के तहत 1.85 किमी लंबा मार्ग तैयार करने की योजना बनाई गई है। एमएमआर के बेहद अहम प्रोजेक्ट के निर्माण पर कुल 14,401 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार की तरफ 1,144.60 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार के तरफ से 572.30 करोड़ रुपये और ज़मीन अधिग्रहण पर 700 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। क्या है प्रोजेक्ट?ट्विन टनल प्रोजेक्ट संजय गांधी नेशनल पार्क के नीचे से गुजरने वाला है। इस कारण से टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का इस्तेमाल कर 3-3 लेन की दो टनल तैयार करने की योजना बनाई गई है। टनल के माध्यम से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को सीधे ठाणे के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे से कनेक्ट किया जा सकेगा। टनल निर्माण के काम को तीन फेज में विभाजित किया गया है। पैकेज-1 में बोरीवली से ठाणे के बीच करीब 5.75 किमी लंबी टनल और पैकेज-2 में ठाणे से बोरीवली के बीच करीब 6.5 किमी लंबी टनल होगी। पैकेज-3 में मार्ग पर वेंटिलेशन सिस्टम समेत अन्य उपकरण लगाने का काम होगा। एमएमआरडीए ने तीन वर्ष में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा है। ये हैं प्रोजेक्ट के फायदे प्रोजेक्ट के पूरा होने से वाहन बगैर घोड़बंदर रोड पर गए केवल 15 से 20 मिनट में ठाणे से बोरीवली तक पहुंच सकेंगे। अभी यह सफर पूरा करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। रात के समय भारी वाहनों के चलने की अनुमति होने पर यह सफर पूरा करने में दो घंटे से अधिक समय लग जाता है। वहीं, अगर सड़क पर कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो कई बार घंटों तक गाड़ियां एक ही स्थान पर अटक जाती हैं।


from https://ift.tt/zmeTU2O

Sunday, December 1, 2024

क्या हर मस्जिद से शिवलिंग निकालेंगे... शिया लॉ बोर्ड के मौलाना बोले-हिंदुस्तान में सिविल वार चाहते हैं क्या?

अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के बाद बदायूं की जामा मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया गया है। अब ये मामला भी कोर्ट पहुंच गया है। इतना ही नहीं, हिन्दू पक्ष ने अब अजमेर शरीफ की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा कर दिया है। इन सभी मामलों ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर मौलानाओं ने नाराजगी जाहिर की है। इसी बीच मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैक्ट के आधार पर फैसला सुनाया होता तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। क्या हर मस्जिद के नीचे से शिवलिंग निकालेंगे। ऐसे करके क्या हिंदुस्तान में सिविल वार चाहते हैं। के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा में लोग मन की शांति के लिए जाते हैं। क्या हर मस्जिद के नीचे से शिवलिंग निकालेंगे। क्या हर मजार को गिराकर वहां पर मंदिर बनाएंगे। क्या हिंदुस्तान के अंदर सिविल वार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये सब वहां हो रहा जहां बीजेपी की सरकार है। बीजेपी सरकार को बदनाम करने के लिए उसके खिलाफ काम हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनकर सब देख रही है। सरकार कुछ भी नहीं बोल रही है। मौलाना यासूब ने केंद्र सरकार से ऐसे लोगों पर लगाम लगाने की अपील की है। 'क्या आप हिंदुस्तान की हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहते हैं'मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि चाहे संभल की जामा मस्जिद का मामला हो या फिर अजमेर शरीफ की दरगाह का मामला हो। उन्होंने कहा कि आज से नहीं बरसो से मुसलमानों से ज्यादा हिंदू अजमेर जा रहे हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने इंसानियत का मैसेज दिया है। अजमेर दरगाह से आज भी एकता और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। ऐसे में क्या आप हिंदुस्तान की हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहते हैं। हिंदुस्तान में बहुत जगह पड़ी है, वहां मंदिर बनाइये। आपको कौन रोक रहा है। अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा कि हिंदुस्तान के अंदर इंसानियत का खून गिरे। इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 'प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 की लगातार अवहेलना'वहीं मौलाना ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 की लगातार अवहेलना हो रही है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में जज्बात के ऊपर फैसला ना करके अगर सुप्रीम कोर्ट फैक्ट के ऊपर फैसला करती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। लेकिन बड़े अफसोस की बात है। मौलाना यासूब अब्बास ने आगे कहा कि अगर भावनाओं को देखते हुए अगर कोर्ट फैसला करने लगे तो लोगों का कोर्ट पर से भी विश्वास खत्म हो जाएगा। बता दें, संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने के दौरान बीते दिनों जमकर बवाल हो गया था। देखते ही देखते विवाद बढ़कर हिंसा में तब्दील हो गया था। इस हिंसा में करीब पांच लोगों की मौत हो गई थी।


from https://ift.tt/AGfqWce