Monday, July 14, 2025

दिल्ली पुलिस अब मांगेगी असुरक्षित मकानों की सूची, वेलकम में इमारत ढहने से 7 लोगों की मौत के बाद लिया फैसला

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में इमारत ढहने की घटना के बाद, जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों से असुरक्षित इमारतों की विस्तृत सूची मांगेगी। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी।यह कदम निवासियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के बीच उठाया गया है, खासकर मानसून के मौसम में इमारतों के ढहने की घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि असुरक्षित या रहने के लिए अनुपयुक्त मानी जाने वाली इमारतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ समन्वय शुरू किया जा रहा है।यह डेटा पुलिस को तेजी से एक्शन लेने में मदद करेगाअधिकारी ने कहा कि यह डेटा पुलिस को शहर भर में संवेदनशील संरचनाओं पर कड़ी नजर रखने और आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई करने में मदद करेगा। पुलिस औपचारिक रूप से एमसीडी को पत्र लिखकर जर्जर या खतरनाक इमारतों की विस्तृत सूची मांगेगी। इस सूची के आधार पर, जिला-स्तरीय पुलिस दल इन इमारतों की निगरानी करेंगे और आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगे।वेलकम में चार मंजिला इमारत ढहने के बाद दिल्ली पुलिस की पहलयह पहल रविवार को वेलकम क्षेत्र में एक चार मंजिला इमारत के ढहने की घटना के बाद शुरू की गई है, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित सात लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। एमसीडी संरचनात्मक स्थिरता की खातिर भवनों के प्रमाणन के लिए जिम्मेदार है। निगम नियमित रूप से उन संपत्ति मालिकों को नोटिस जारी करता है जिनके परिसर निरीक्षण के बाद असुरक्षित पाए जाते हैं।अधिकारी ने कहा, 'हालांकि, वैकल्पिक आवास के अभाव या लापरवाही के कारण ऐसी कई इमारतों में लोग अब भी रह रहे हैं। बरसात के मौसम में, इनके ढहने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि पानी के रिसाव से नींव कमजोर हो जाती है, खासकर पुराने या अनधिकृत निर्माणों में।'आने वाले दिनों में जवान अपने-अपने इलाकों का सर्वेक्षण करेंगेअधिकारी ने कहा, 'आने वाले दिनों में, पुलिस के जवान अपने-अपने इलाकों का सर्वेक्षण करेंगे और स्पष्ट रूप से क्षतिग्रस्त या जर्जर संरचनाओं का पता लगाएंगे। आसन्न खतरे की स्थिति में, पुलिस आपदा प्रतिक्रिया टीमों और एमसीडी के साथ समन्वय करेगी।'


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Sunday, July 13, 2025

जिंदगी का सबसे घटिया शॉट खेलकर आउट हुए यशस्वी, दोस्त ने ही निकाली दुश्मनी, अब पछता रहे होंगे!

लंदन: लॉर्ड्स टेस्ट मैच के चौथे दिन टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल दूसरी पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए। यशस्वी ने कुल 7 गेंदों का सामना किया। यशस्वी को इंग्लैंड के पेसर जोफ्रा आर्चर ने जेमी स्मिथ के हाथों कैच आउट कराया। पहला रन नहीं बना पाने के कारण यशस्वी कुछ दबाव में दिख रहे थे। ऐसे में उन्होंने आर्चर की तीखी बाउंसर पर हवाई शॉट खेलने का प्रयास किया, लेकिन वह मिस हिट कर गए। ऐसे में गेंद उनके बल्ले के टॉप एज पर लगकर हवा में लहरा गई। इस तरह विकेटकीपर जेमी स्मिथ ने गेंद को सुरक्षित अपने ग्लव्स में जकड़ कर टीम इंडिया को पहला झटका दिया। बता दें कि अक्सर इस तरह का शॉट खेलने से बचते हैं, लेकिन आईपीएल में अपने ही टीम मेट की गेंद पर वह गच्चा खा गए। लॉर्ड्स टेस्ट मैच की पहली पारी में भी यशस्वी जायसवाल कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए थे। यशस्वी ने टीम इंडिया के लिए पहली पारी में 8 गेंद का सामना कर सिर्फ 13 रन ही बनाए थे। ऐसे में उनके लिए तीसरा टेस्ट मैच कुछ खास नहीं रहा।टीम इंडिया को जीत के लिए मिली 193 रन का लक्ष्यइंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट मैच में भारतीय टीम अच्छी स्थिति में दिख रही है। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने खेल के चौथे दिन इंग्लैंड को उसकी दूसरी पारी में 192 रन के स्कोर पर समेट दिया। ऐसे में टीम इंडिया को जीत के लिए 193 रन का टारगेट मिला है। चौथे दिन भारतीय टीम के लिए गेंदबाजी में वॉशिंगटन सुंदर ने कमाल का प्रदर्शन किया। सुंदर ने 12.1 ओवर में सिर्फ 22 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने 2-2 विकेट अपने नाम किए। वहीं नीतीश कुमार रेड्डी और आकाश दीप सिंह के खाते में एक-एक विकेट आया।वहीं पहली पारी की बात करें तो इंग्लैंड की टीम मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी। इंग्लैंड ने जो रूट की दमदार शतकीय पारी की मदद से 387 रन का स्कोर खड़ा किया। जो रूट के अलावा इंग्लैंड के लिए ब्रायडन कार्स और जेमी स्मिथ ने भी अर्धशतकीय पारी खेली थी। इसके जवाब में टीम इंडिया ने भी के शतक से 387 रन बनाए, जिससे स्कोर बराबर हो गया।


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Saturday, July 12, 2025

खुलने से पहले ही ग्रे मार्केट में इस आईपीओ ने मचाई धूम, रोजाना बढ़ रहा जीएमपी, कहां पहुंचा भाव?

नई दिल्ली: अगले हफ्ते कई आईपीओ खुलने जा रहे हैं। इन्हीं में स्पनवेब नॉनवोवन लिमिटेड (Spunweb Nonwoven Ltd) का आईपीओ भी शामिल है। एसएमई सेगमेंट के इस आईपीओ ने में धूम मचाई हुई है। इसका (जीएमपी) रोजाना ऊपर जा रहा है। यह आईपीओ सोमवार को खुलेगा। निवेशक इसमें बुधवार तक बोली लगा सकेंगे।इस आईपीओ का इश्यू साइज 60.98 करोड़ रुपये है। कंपनी 63.52 लाख फ्रेश शेयर जारी करेगी। कोई भी शेयर ओएफएस के तहत जारी नहीं किया जाएगा। यह इश्यू 14 जुलाई से 16 जुलाई तक खुला रहेगा। इसकी फेस वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर है। 90 से 96 रुपये प्रति शेयर है। एक लॉट में 1200 शेयर हैं। रिटेल इन्वेस्टर को न्यूनतम और अधिकतम 2 लॉट बुक कराने होंगे। इसके लिए उन्हें 2,30,400 रुपये निवेश करने होंगे। इसकी लिस्टिंग 21 जुलाई को हो सकती है।

क्या है ग्रे मार्केट में भाव?

इस आईपीओ के आईपीओ को ग्रे मार्केट में जबरदस्त भाव मिल रहा है। पिछले कई दिनों से इसमें लगातार तेजी आ रही है। शनिवार को यह 35 रुपये जीएमपी के साथ 36.46% के अनुमानित प्रीमियम लिस्टिंग पर ट्रेंड कर रहा था। इस जीएमपी के मुताबिक यह आईपीओ 131 रुपये पर लिस्ट हो सकता है। ऐसे में यह लिस्टिंग पर निवेशकों को 36.46% का मुनाफा दे सकता है।

क्या करती है कंपनी?

यह कंपनी साल 2015 में शुरू हुई थी। यह नॉन-वोवन फैब्रिक बनाती और बेचती है। इस फैब्रिक का इस्तेमाल डोरमैट, बैग, कालीन और तिरपाल बनाने में होता है। कंपनी तीन तरह के फैब्रिक बनाती है: नॉनवोवन फैब्रिक, लैमिनेटेड फैब्रिक और UV-ट्रीटेड नॉनवोवन फैब्रिक। UV-ट्रीटेड फैब्रिक को धूप से कोई नुकसान नहीं होता।कंपनी के पास टेस्टिंग के लिए आधुनिक मशीनें हैं। इनमें यूनिवर्सल टेन्सिल टेस्टिंग और रीवेट प्रॉपर्टीज टेस्टिंग मशीनें शामिल हैं। कंपनी अपने प्रोडक्ट उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में भी भेजती है। कंपनी की ज्यादातर कमाई हाइजीन सेक्टर से होती है। लगभग दो-तिहाई रेवेन्यू इसी सेक्टर से आता है। बाकी कमाई मेडिकल, पैकेजिंग, एग्रीकल्चर और से होती है।डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, एनबीटी के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें। क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।


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Friday, July 11, 2025

आसान नहीं निर्वासन: अमेरिका गिरफ्तारियों की तुलना में आधे अप्रवासियों को ही देश से निकाल पा रहा

नई दिल्ली: अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इनफोर्समेंट (ICE) ने पिछले महीने पांच सालों में सबसे ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन निर्वासन (Deportation) की संख्या के वादे से बहुत पीछे है। यहां तक कि यह ओबामा प्रशासन से भी पीछे है। एनबीसी न्यूज़ के डेटा के अनुसार, गिरफ्तारियां ज़्यादा हो रही हैं, लेकिन निर्वासन कम हो रहे हैं। ट्रम्प प्रशासन को लाखों अप्रवासियों को निर्वासित करने के अपने वादे को पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। के आंकड़ों के अनुसार, जून में लगभग 30,000 अप्रवासियों को गिरफ्तार किया गया। यह नवंबर 2020 के बाद सबसे ज़्यादा है। लेकिन इस जून में 18,000 से ज़्यादा अप्रवासियों को निर्वासित किया गया। यह गिरफ्तारी की संख्या का लगभग आधा है। इसका कारण यह है कि कई अप्रवासियों के शरण के मामले लंबित हैं। साथ ही कुछ इमिग्रेशन जजों ने उनके निर्वासन पर अस्थायी रोक लगा दी है। ट्रम्प प्रशासन इन मामलों को जल्द से जल्द निपटाना चाहता है। इससे फैसिलिटी में भीड़ बढ़ गई है। कांग्रेस ने 41,500 बिस्तरों के लिए धन दिया था, लेकिन लगभग 60,000 अप्रवासियों को हिरासत में रखा गया है।डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के बाद वादा किया था कि वह लाखों अप्रवासियों को देश से बाहर निकाल देंगे। लेकिन, अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इनफोर्समेंट ने पिछले महीने बहुत सारे लोगों को पकड़ा। पिछले पांच सालों में यह सबसे ज़्यादा है। लेकिन जितने लोगों को पकड़ा गया, उनमें से आधे लोगों को ही देश से बाहर भेजा जा सका। आईसीई के आंकड़ों के अनुसार, मई के महीने में ट्रम्प प्रशासन ने करीब 24,000 अप्रवासियों को हिरासत में लिया था। लेकिन उनमें से सिर्फ 15,000 को ही देश से बाहर भेजा गया।

बड़ी संख्या में अप्रवासियों के शरण के मामले अदालतों में लंबित

गिरफ्तारी और निर्वासन की संख्या में इतना अंतर क्यों है? इसका एक कारण यह है कि बहुत सारे के शरण के मामलों में सुनवाई अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसका मतलब है कि उन्होंने देश में रहने के लिए अर्जी दी है। जब तक उनकी अर्जी पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक उन्हें देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता है। कुछ इमिग्रेशन वकीलों के अनुसार उनके बहुत सारे क्लाइंट ऐसे हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन, उनके शरण के मामले अभी तक चल रहे हैं। कुछ इमिग्रेशन जजों ने भी उनके निर्वासन पर अस्थायी रोक लगा दी है। यानी कि जब तक जज कोई फैसला नहीं सुना देते, तब तक उन्हें देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता।ट्रम्प प्रशासन चाहता है कि इन मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए। वह चाहता है कि जिनके शरण के मामले लंबित हैं, उन्हें बिना सुनवाई के ही देश से बाहर भेज दिया जाए। वे उन लोगों को भी देश से बाहर भेजना चाहते हैं जिनके निर्वासन पर जजों ने रोक लगा दी है।

सबसे ज्यादा निर्वासन ओबामा प्रशासन ने किया था

फरवरी से ने हर महीने औसतन 14,700 लोगों को देश से बाहर भेजा है। साल 2013 में ओबामा प्रशासन के दौरान हर महीने औसतन 36,000 लोगों को देश से बाहर भेजा गया था। फरवरी से अप्रैल 2024 तक बाइडेन प्रशासन ने औसतन 12,660 अप्रवासियों को देश से बाहर भेजा था। बाइडेन प्रशासन के आंकड़ों में दक्षिणी सीमा पर गिरफ्तार किए गए अप्रवासियों की संख्या भी शामिल है। इससे पहले जनवरी 2023 में सबसे ज़्यादा गिरफ्तारियां हुई थीं। उस समय ICE ने 18,170 लोगों को हिरासत में लिया था।ट्रम्प प्रशासन चाहता है कि जिनके शरण के मामले लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द देश से बाहर भेज दिया जाए। वे उनके मामलों को खत्म करना चाहते हैं और उन्हें बिना सुनवाई के ही "शीघ्र निर्वासन" के रास्ते पर डालना चाहते हैं। वे उन लोगों को भी उनके गृह देशों के बजाय दूसरे देशों में भेजना चाहते हैं जिनके निर्वासन पर जजों ने रोक लगा दी है।

हिरासत में रखे गए लोगों की संख्या ज्यादा, सुविधाएं कम

गिरफ्तारियों की तुलना में निर्वासन की संख्या बहुत कम है। इससे आईसीई की सुविधाओं में भीड़ बढ़ गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, लगभग 60,000 को हिरासत में रखा गया है। जबकि कांग्रेस ने सिर्फ 41,500 बिस्तरों के लिए ही धन दिया है। हिरासत में रखे गए अप्रवासी सफाई, चिकित्सा देखभाल, भोजन और बिस्तर की कमी के बारे में शिकायत कर रहे हैं।डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की प्रवक्ता ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने कहा कि, "भीड़भाड़ या घटिया हालात का कोई भी दावा पूरी तरह से गलत है।" उन्होंने एक बयान में कहा, "सभी बंदियों को उचित भोजन, चिकित्सा उपचार और अपने परिवार के सदस्यों और वकीलों के साथ संवाद करने के अवसर प्रदान किए जाते हैं।" मैकलॉघलिन ने यह भी कहा कि ट्रम्प प्रशासन ने 253,000 से ज़्यादा अप्रवासियों को देश से बाहर भेजा है। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इस संख्या में कौन-कौन से लोग शामिल है। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि क्या DHS ने कोस्ट गार्ड द्वारा रोके गए लोगों, स्वेच्छा से देश छोड़ने वाले अप्रवासियों या सीमा पर वापस भेजे गए लोगों को गिना है। एनबीसी न्यूज़ ने निर्वासन डेटा की अपनी समीक्षा में सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के अलावा ICE द्वारा भी गिरफ्तार किए गए लोगों को शामिल किया है जिन्हें उनके गृह देशों या तीसरे देशों में वापस भेज दिया जाता है, जो उन्हें वापस लेने के लिए सहमत होते हैं। कांग्रेस द्वारा "बिग ब्यूटीफुल बिल" पारित करने से ICE को डिटेंशन के लिए 45 बिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है। इससे अप्रवासियों को हिरासत में रखने की क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी।

कोर्ट के फैसलों को दरकिनार करके रास्ता बना सकते हैं ट्रम्प

सुप्रीम कोर्ट ने जून के अंत में फैसला सुनाया कि ट्रम्प प्रशासन अप्रवासियों को उनके अपने देशों के अलावा दूसरे देशों में भी भेज सकता है। अगर ट्रम्प प्रशासन अप्रवासन न्यायाधीशों के उन फैसलों को दरकिनार कर सकता है जो अप्रवासियों को उनके गृह देशों में उत्पीड़न या यातना के डर के आधार पर भेजने से रोकते हैं, तो यह फैसला इस महीने निर्वासन को गति दे सकता है।होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने हाल ही में घोषणा की कि ग्वाटेमाला और होंडुरास संयुक्त राज्य से विदेशी नागरिकों को वापस लेने के लिए सहमत हो गए हैं।


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Thursday, July 10, 2025

युवराज सिंह के इवेंट में एक ही टाइम पर दिखे शुभमन गिल और सारा तेंदुलकर, वायरल हो रहा वीडियो

लंदन: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज युवराज सिंह इन दिनों अपनी 'यूवीकैन फाउंडेशन' कार्यक्रम को लेकर लंदन में थे। यूवीकैन फाउंडेशन कैंसर के प्रति जागरूकता और ईलाज के लिए धन जुटाता है। के इस इवेंट में इस कार्यक्रम में क्रिकेट जगत की कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। इसके अलावा इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज के लिए गई टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों को भी उन्होंने डिनर पर बुलाया।इवेंट में भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे। इसी कार्यक्रम के दौरान शुभमन गिल की एक फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में महान क्रिकेटर की बेटी सारा तेंदुलकर भी दिखाई दे रही हैं, जिसके बाद एक बार फिर शुभमन और सारा के रिलेशनशिप की खबरें शुरू हो गई है। तस्वीर में शुभमन सारा के सामने बैठे मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह तस्वीर तब ली गई जब गिल डिनर में शामिल हुए और सारा पहले से ही वहां मौजूद थीं।सारा ने इंस्टाग्राम पर शेयर की तस्वीरेंसारा तेंदुलकर ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस इवेंट की तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें वह अपने दोस्तों के साथ दिख रही हैं। इससे के साथ उनके रिलेशनशिप को लेकर चल रही अटकलों को और हवा मिल गई है। पहले भी उनके बीच रोमांटिक रिश्ते की अफवाहें थीं, क्योंकि वे एक-दूसरे को सोशल मीडिया पर फॉलो करते थे और लाइक-कमेंट्स के जरिए बातचीत करते थे।हालांकि, शुभमन और सारा दोनों ने कभी भी सार्वजनिक रूप से इन अफवाहों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। एक समय पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक-दूसरे को अनफॉलो भी कर दिया था, जिससे अटकलें खत्म होती दिख रही थीं। इसके बावजूद चैरिटी इवेंट में उनके रिएक्शन को देख कर अब नई चर्चा शुरू हो गई है।


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Wednesday, July 9, 2025

आईसीसी रैंकिंग में भूचाल, शुभमन गिल ने मारी छलांग तो नंबर वन का तख्तापलट, देखें टॉप-10 की लिस्ट

नई दिल्ली: भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने आईसीसी पुरुष टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल कर ली है। वहीं, इंग्लैंड के बल्लेबाज हैरी ब्रूक हमवतन जो रूट को पछाड़कर टेस्ट फॉर्मेट में नंबर-1 बन गए हैं। शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में 269 और 161 रनों की पारियां खेलीं। वह टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 150 से अधिक का स्कोर बनाने वाले इतिहास के दूसरे खिलाड़ी बने। गिल बल्लेबाजों की टेस्ट रैंकिंग में 15 स्थानों की छलांग लगाकर छठे स्थान पर पहुंच गए हैं। इससे पहले सितंबर 2024 में गिल 14वें स्थान पर पहुंचे थे।उन्होंने मौजूदा सीरीज की शुरुआत 23वें स्थान से की थी। दूसरी ओर, हैरी ब्रूक ने बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 158 रन जड़े, जिसने उन्हें बल्लेबाजों की टेस्ट रैंकिंग में एक पायदान ऊपर पहुंचा दिया। ब्रूक इससे पहले पिछले साल दिसंबर में एक हफ्ते के लिए नंबर-1 टेस्ट बल्लेबाज रह चुके थे। एजबेस्टन टेस्ट में 89 और 69 रन की पारियां खेलने वाले रवींद्र जडेजा छह पायदान ऊपर उठकर 39वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इंग्लैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज जेमी स्मिथ को भी इस मुकाबले से रैंकिंग में फायदा मिला है, जो नाबाद 184 और 88 रन बनाने के बाद 16 स्थान ऊपर चढ़कर पहली बार टॉप-10 में शामिल हुए हैं।आईसीसी की टेस्ट की बैटिंग रैंकिंग में टॉप-10 बैट्समैन
क्रम बल्लेबाज देश रेटिंग अंक
1 हैरी ब्रूक इंग्लैंड 886
2 जो रूट इंग्लैंड 868
3 केन विलियमसन न्यूजीलैंड 867
4 यशस्वी जायसवाल भारत 858
5 स्टीव स्मिथ ऑस्ट्रेलिया 813
6 शुभमन गिल भारत 807
7 टेम्बा बावुमा दक्षिण अफ्रीका 790
7 ऋषभ पंत भारत 790
9 कामिन्दु मेंडिस श्रीलंका 781
10 जेमी स्मिथ इंग्लैंड 753
भारतीय गेंदबाज मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने भी टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। सिराज ने एजबेस्टन में कुल सात विकेट निकाले, जिसके बाद वह छह स्थान चढ़कर 22वें पायदान पर पहुंच चुके हैं। आकाश दीप ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में कुल 10 विकेट झटके। यह तेज गेंदबाज 39 स्थान की छलांग लगाकर अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ 45वें स्थान पर पहुंच गया है। बुलावायो में जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 367 रनों की पारी खेलकर सुर्खियां बटोरने वाले दक्षिण अफ्रीका के वियान मुल्डर बल्लेबाजी रैंकिंग में 34 स्थान की छलांग लगाकर करियर के सर्वश्रेष्ठ 22वें स्थान पर पहुंच गए हैं।उन्होंने तीन विकेट भी लिए, जिससे अब वह गेंदबाजों की सूची में चार स्थान ऊपर चढ़कर 48वें स्थान पर आ गए हैं। ऑलराउंडर्स की रैंकिंग में, मुल्डर करियर के सर्वश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। यहां उनसे आगे रविंद्र जडेजा और मेहदी हसन मिराज हैं। बुलावायो में प्रदर्शन के बाद जिन अन्य खिलाड़ियों को फायदा हुआ है, उनमें दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेविड बेडिंगहाम शामिल हैं, जो चार स्थान ऊपर चढ़कर 43वें स्थान पर हैं, जबकि लुआन-ड्रे प्रीटोरियस आठ स्थान ऊपर चढ़कर 60वें स्थान पर पहुंच गए हैं।आईसीसी की टेस्ट की बॉलिंग रैंकिंग में टॉप-10 बॉलर
क्रम गेंदबाज देश रेटिंग अंक
1 जसप्रीत बुमराह भारत 898
2 कागिसो रबाडा दक्षिण अफ्रीका 851
3 पैट कमिंस ऑस्ट्रेलिया 840
4 जोश हेजलवुड ऑस्ट्रेलिया 817
5 नोमान अली पाकिस्तान 806
6 मैट हेनरी न्यूजीलैंड 782
7 नाथन लायन ऑस्ट्रेलिया 777
8 मार्को यानसेन दक्षिण अफ्रीका 767
9 जेडन सील्स वेस्ट इंडीज 755
10 मिचेल स्टार्क ऑस्ट्रेलिया 735
गेंदबाजों की सूची में कॉर्बिन बॉश छह स्थान ऊपर चढ़कर 51वें स्थान पर पहुंच गए हैं। ग्रेनेडा में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट के बाद, कैमरून ग्रीन चार स्थान ऊपर चढ़कर 45वें स्थान पर, और ब्यू वेबस्टर दो स्थान ऊपर चढ़कर 50वें स्थान पर पहुंच गए हैं। वहीं, वेस्टइंडीज की ओर से रोस्टन चेज चार स्थान ऊपर चढ़कर 81वें स्थान पर, जबकि ब्रैंडन किंग 60 स्थान ऊपर चढ़कर 83वें स्थान पर पहुंच गए हैं। वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज शमर जोसेफ और अल्जारी जोसेफ, दोनों छह स्थान ऊपर चढ़कर क्रमश: 29वें और 31वें स्थान पर पहुंच गए हैं।


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Tuesday, July 8, 2025

एलन मस्क राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य, फिर 'अमेरिका पार्टी' किस डगर पर जाएगी?

नई दिल्ली: टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक ने नाम से एक नया राजनीतिक दल बना लिया है। और रिपब्लिकन पार्टी से मतभेद के बाद मस्क ने यह कदम उठाया है। मस्क खुद राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकते, इसलिए वे इस पार्टी के जरिए अपनी विचारधारा वाले उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे। उनका लक्ष्य है कि में राजनीतिक सुधार हो और सिर्फ दो दलों के वर्चस्व वाले सिस्टम को चुनौती दी जाए। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह घोषणा की।एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी के साथ अनबन होने के बाद अपनी अलग पार्टी बना ली है। मस्क ने अपनी सोशल मीडिया साइट X पर इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे अमेरिका में दो-दलीय सिस्टम से खुश नहीं हैं, इसलिए यह पार्टी बनाई गई है। मस्क ने X पर लिखा, "हम एक-दलीय सिस्टम में जी रहे हैं, लोकतंत्र में नहीं।" उन्होंने कहा कि ्टी लोगों को "आजादी" वापस दिलाने के लिए बनाई गई है। उन्होंने अपनी रणनीति की तुलना एपामिनोंडास नाम के एक यूनानी सेनापति से की। एपामिनोंडास ने एक खास जगह पर ध्यान केंद्रित करके एक बड़ी लड़ाई जीती थी। मस्क का कहना है कि उनकी पार्टी भी इसी तरह "यूनिपार्टी" सिस्टम को तोड़ने के लिए काम करेगी।

देश पर कर्ज बढ़ाने वाले बिल का विरोध

हाल ही में ट्रम्प द्वारा साइन किए गए एक टैक्स और खर्च कानून का ने विरोध किया था। मस्क ने इस बिल का विरोध इसलिए किया क्योंकि इससे देश पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा था। उन्होंने 2024 में ट्रम्प के फिर से चुनाव लड़ने का समर्थन किया था। बाद में उन्हें डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का प्रमुख बनाया गया था। इस पद पर रहते हुए उन्हें सरकारी खर्च में कटौती करने के तरीके खोजने का काम सौंपा गया था।अब मस्क उन उम्मीदवारों को पैसा देंगे और उनका समर्थन करेंगे जो रिपब्लिकन पार्टी के उस बिल का विरोध करते हैं जिसकी उन्होंने आलोचना की थी। वे अपनी संपत्ति का इस्तेमाल ग्रांड ओल्ड पार्टी (रिपब्लिकन) के नेताओं को चुनौती देने के लिए भी करेंगे।हालांकि मस्क ने अभी तक अपनी पार्टी का पूरा प्लान नहीं बताया है, लेकिन उन्होंने कुछ विचार जरूर जाहिर किए हैं। उन्होंने कुछ लोगों के विचारों को शेयर किया है, जिनमें शामिल हैं:
  • देश पर कर्ज कम करना
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके सेना को आधुनिक बनाना
  • टेक्नोलॉजी से जुड़े कानूनों का समर्थन करना
  • ऊर्जा नियमों में कटौती करना
  • अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ावा देना
  • जन्म दर को बढ़ाना
  • दूसरे मामलों में बीच का रास्ता अपनाना
मस्क ने अमेरिका पार्टी को "रिपब्लिकन/डेमोक्रेट यूनिपार्टी" को बदलने का एक तरीका बताया है। उन्होंने अपने फॉलोअर्स से पूछा कि पार्टी का पहला सम्मेलन कहां और कब होना चाहिए।

पूर्व में तीसरी असरदार पार्टी बनाने की कोशिशें नाकाम हुईं

अमेरिका में तीसरी पार्टी बनाने की कोशिशें पहले भी कई बार हुई हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली है। सन 2024 में प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वे में पाया गया कि लगभग सभी वोटर या तो डेमोक्रेट या रिपब्लिकन का समर्थन करते हैं। बैलोटपीडिया के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 50 से ज्यादा राजनीतिक पार्टियां हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही प्रभावशाली बन पाई हैं।सन 1992 में रॉस पेरोट ने रिफॉर्म पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा था और उन्हें 19% वोट मिले थे। उनकी वजह से जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश चुनाव हार गए थे। सन 2000 में राल्फ नादर ने ग्रीन पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा था और डेमोक्रेट्स ने उन्हें अल गोर की हार का जिम्मेदार ठहराया था। वर्ष 2016 में हिलेरी क्लिंटन की हार के बाद जिल स्टीन को भी इसी तरह की आलोचना का सामना करना पड़ा था। खुद ट्रम्प ने भी 2000 में रिफॉर्म पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की कोशिश की थी। 2016 में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार बनने से पहले उन्होंने 2012 में निर्दलीय चुनाव लड़ने पर भी विचार किया था।

अमेरिका की राजनीति में बदलाव संभव

का जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ था और वे अमेरिका के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति बनने की योग्यता नहीं रखते हैं। वे वास्तव में 'किंग मेकर' बनना चाहते हैं। एलन मस्क का यह कदम अमेरिका की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। यह भविष्य में पता चलेगा कि उनकी पार्टी कितनी सफल होती है और क्या वह दो-दलीय सिस्टम को चुनौती दे सकेगी?


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