
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहमदाबाद में हुई AICC बैठक में पार्टी नेताओं को सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बटाते उन्हें आराम करने की जरूरत है और जो जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए। लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी खरगे की इस बात पर अमल कर पाएगी?
पार्टी के कार्यकर्ताओं को दी चेतावनी
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, "साथ में मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में हाथ नहीं बटाते, उन्हें आराम करने की आवश्यकता है। जो जिम्मेदारी नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए।" यह बयान कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए एक सख्त चेतावनी है, लेकिन पार्टी का पुराना रिकॉर्ड इस पर सवाल खड़े करता है।हार का सिलसिला
2014 के लोकसभा चुनावों से कांग्रेस लगातार हार रही है। हरियाणा, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इन हार के लिए जिम्मेदारी तय नहीं की गई। पूर्व कांग्रेसी संजय झा का कहना है कि जब तक ऊपरी स्तर पर जवाबदेही नहीं दिखेगी, कार्यकर्ताओं का भरोसा नहीं जीता जा सकता। उन्होंने कहा, “सामान्य कार्यकर्ता हर चुनाव में मेहनत करते हैं, लेकिन हार के बाद किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता। हरियाणा और मध्य प्रदेश में हार हुई, लेकिन जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”क्षेत्रीय नेताओं का दबदबा
मध्य प्रदेश में कमलनाथ और हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा पर पार्टी ने भरोसा किया, लेकिन दोनों राज्यों में हार मिली। कमलनाथ ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और सहयोगी अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को नजरअंदाज किया। हरियाणा में हार के बाद भी हुड्डा का दबदबा बरकरार है।जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर की चर्चा
उन्होंने कांग्रेस के अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति निष्पक्ष तरीके से होगी और चुनावों में उम्मीदवारों के चयन में उन्हीं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने भी देश भर से जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें बुलाईं। राहुल जी और हमने उनसे बात की। उनसे जानकारी ली। हम भविष्य में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को शामिल करने वाले हैं।from https://ift.tt/QnUPkdF