तेहरान: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख के बाद मध्य पूर्व बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है, जिसमें एक चिंगारी तबाही ला सकती है। तेहरान में 30-31 जुलाई की दरम्यानी रात तेहरान में लगभग 1:45 बजे जो कुछ हुआ, उसकी सटीक जानकारी सामने आने के बाद ही पता चलेगा कि आगे क्या होने वाला है। मध्य पूर्व ही नहीं दुनिया की नजर इस बात पर है कि तेहरान आगे क्या करेगा। हमला चाहे जिस तरह से हुआ हो, लेकिन हानिया की हत्या ने ईरान की राजधानी तेहरान के सुरक्षा दावे के बुलबुले को फोड़ दिया है। ईरान के लिए यह बेहद ही शर्मनाक स्थिति है कि अगर वह अपनी राजधानी में पहुंचने मेहमान को साधारण सुरक्षा देने में नाकाम होता है, तो क्षेत्रीय शक्ति के रूप में उसका दावा बहुत ही दयनीय हो जाता है। ये पहली बार नहीं है, जब इजरायल ने ईरान में घुसकर किसी को निशाना बनाया है। इसके पहले साल 2020 में ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह की हत्या कर दी गई थी। ऐसे में सवाल है कि ईरान के पास अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए क्या कर सकता है और उसके पास क्या विकल्प है।
इजरायल पर सीधा हमला
ईरान हानिया की मौत का बदला लेने के लिए इजरायल पर सीधा हमला करने का विकल्प चुनना बहुत अच्छा नहीं होगा। इसके पहले अप्रैल महीने में सीरिया के दमिश्क में अपने शीर्ष कमांडरों के मारे जाने के बाद वह इजरायल पर हमले की कोशिश कर चुका है। ईरान ने इजरायल के ऊपर 300 ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं, लेकिन उनमें से कोई भी नुकसान पहुंचाने में नाकाम रहीं। इजरायल ने सभी को हवा में ही मार गिराया था। अब देखना है कि ईरान इस बार किस स्तर का हमला करता है।हिजबुल्लाह का इस्तेमाल
ईरान के पास एक विकल्प यह है कि वह इजरायल के पड़ोसी लेबनाम में मौजूद अपने सबसे क्रूर प्रॉक्सी हिजबुल्लाह को जंग में उतार सकता है। लेकिन ईरान ने अब तक हिजबुल्लाह को पूर्ण पैमाने पर युद्ध में उतारने में अपनी अनिच्छा जताई है। हिजबुल्लाह अभी भी एक शक्तिशाली कार्ड बना हुआ है, लेकिन इसे तेहरान शायद सिर्फ एक बार ही खेल पाएगा। इसलिए उन्हें सावधानी से चुनना होगा कि इसका इस्तेमाल वे कब करें। सच्चाई यह है कि ईरान के पास सीमित विकल्प हैं और उनमें से कोई भी बहुत उम्मीद वाले नहीं है।from https://ift.tt/QUBVnrt