Monday, July 15, 2024

₹1.5 लाख बन गए ₹1 करोड़, इन 3 टैक्‍स सेविंग स्‍कीमों ने मालामाल कर दिया

नई दिल्‍ली: पिछले 25 सालों में तीन ELSS या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंडों ने 1.5 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश को 1 करोड़ रुपये में बदल दिया है। लगभग छह ELSS या टैक्स सेविंग फंड ऐसे हैं जो 25 साल पूरे कर चुके हैं। ईटीम्यूचुअलफंड्स के एक विश्लेषण से इसका पता चलता है। ELSS या टैक्स सेविंग स्कीम निवेशकों को इनकम टैक्‍स अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्‍स बचाने में मदद करती हैं। कोई व्यक्ति इनमें न‍िवेश करके एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये की कटौती क्‍लेम कर सकता है। ELSS फंड शेयरों में निवेश करते हैं। शेयरों में निवेश के कारण इनके साथ जोखिम होता है। इन स्‍कीमों में तीन साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि होती है। सेक्‍शन 80C के तहत अन्य निवेश विकल्पों में होल्डिंग की अवधि ज्‍यादा होती है। आइए, यहां टैक्‍स सेव‍िंंग स्‍कीमों के र‍िटर्न के बारे में जानते हैं। HDFC ELSS टैक्स सेवर ने पिछले 25 सालों में 1.5 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश को 2.53 करोड़ रुपये में बदल दिया। इस अवधि में इसका CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) 22.77 फीसदी रहा। वहीं, फ्रैंकलिन इंडिया ELSS टैक्स सेवर फंड ने इसी अवधि में एकमुश्त निवेश को 1.89 करोड़ रुपये में बदल दिया। स्‍कीम ने समान अवधि में 21.34 फीसदी का CAGR दिया।

SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने द‍िया 18.76% र‍िटर्न

सबसे पुराने ELSS या टैक्स-सेविंग फंड SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने समान समय सीमा में एकमुश्त निवेश को 1.10 करोड़ रुपये में बदल दिया। स्‍कीम ने इसी अवधि में 18.76% का CAGR दिया।अन्य ELSS या टैक्स सेविंग फंडों ने पिछले 25 सालों में एकमुश्त निवेश को 18.11 लाख रुपये से 80.98 लाख रुपये कर दिया है। इन ELSS फंडों ने इस समय अवधि में 10.47% - 17.29% के बीच CAGR दिया।

न‍िवेशक इस बात पर जरूर ध्‍यान दें

यह विश्‍लेषण सिर्फ इस बात का पता लगाने के लिए किया गया था कि पिछले 25 सालों में किन ELSS फंडों ने 1.5 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश को 1 करोड़ रुपये में बदल दिया। इस व‍िश्‍लेषण के आधार पर निवेश या रिडेम्‍प्‍शन का फैसला नहीं लेना चाहिए। निवेश संबंधी निर्णय लेने से पहले हमेशा जोखिम लेने की क्षमता, निवेश की अवधि और लक्ष्य पर विचार करना चाहिए।डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, एनबीटी के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।


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