मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने शिवाजी पार्क में दिवाली का आयोजन किया। यूं तो पिछले 10 सालों से शिवाजी पार्क में मनसे दीपोत्सव का आयोजन करती आई है लेकिन इस बार की दिवाली खास थी। इस बार मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे और डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस नजर आए। इसी के साथ गठबंधन को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या आगामी बीएमसी चुनाव में तीनों साथ नजर आ सकते हैं? इससे पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन किया था। उसके बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने इसी पार्क में दिवाली उत्सव का आयोजन किया। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 'दीपोत्सव' समारोह में शिंदे और फडणवीस का स्वागत किया। 'यह दिवाली की अच्छी शुरुआत'एकनाथ शिंदे ने इस अवसर पर कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्षों के दौरान दिवाली और अन्य त्योहार नहीं मनाए जा सके। उन्होंने कहा, ‘हमने (इस साल) गणपति, नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया। यह दिवाली की अच्छी शुरुआत है।’ बीएमसी चुनाव में आ सकते हैं साथ! महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में कई महानगरपालिका के चुनाव होने हैं। साथ ही 2024 में विधानसभा और लोकसभा के भी चुनाव होने हैं। ऐसे में राज ठाकरे के साथ एकनाथ शिंदे गुट और बीजेपी की नज़दीकियां महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) के माथे पर बल ला सकती हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) की ओर से जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें , उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की तस्वीर लगी हुई है। इस पोस्टर के बाद बीएमसी चुनाव (BMC Electoin) के पहले एमएनएस, बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि इस विषय पर आधिकारिक तौर पर अभी भी तीनों ही दलों से कोई भी बात सामने नहीं आई है। राज ठाकरे के घर पर बीजेपी नेताओं का जमावड़ा मनसे प्रमुख राज ठाकरे के दादर स्थित शिवतीर्थ घर पर बीजेपी के आला से लेकर अदना नेता तक अपनी हाजिरी लगा चुके हैं। इसमें उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा मंत्री चंद्रकांत पाटील, आशीष शेलार जैसे कई नेता राज ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए चंद्रकांत पाटील ने यह कहा था कि एमएनएस उत्तर भारतीयों को लेकर अपने स्टैंड को बदले तो बीजेपी के साथ गठबंधन पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि राजनीति में कोई भी किसी का न तो परमानेंट दुश्मन होता है और न दोस्त। ऐसे में सरकार बनने के पहले हुई इन मुलाकातों को अब एक भावी गठबंधन के रूप में भी देखा जा रहा है।
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