नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में लगभग पांच लाख प्रॉपर्टी मालिक ऐसे हैं जिन्होंने किसी ने किसी फाइनैंशल ईयर में प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं किया। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग का दावा है कि इन डिफॉल्टरों पर एमसीडी का लगभग 700 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। इसलिए पूरा फोकस इन डिफॉल्टरों से प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली पर है। जिससे किसी तरह से पिछले साल जितना प्रॉपर्टी टैक्स वसूल किया गया था उसके आसपास पहुंचा जा सके।
2400 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स
प्रॉपर्टी टैक्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एमसीडी में 15 लाख के करीब प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हैं। पिछले साल 13.29 लाख प्रॉपर्टी मालिकों ने अपने प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान किया था। इससे एमसीडी को 2400 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स मिला था। यह अपने आपमें एक रेकॉर्ड है। इससे उत्साहित होकर विभाग ने साल 2023-24 का टारगेट बढ़ाकर 3500 करोड़ कर दिया था। अभी तक 11.30 लाख प्रॉपर्टी मालिकों ने अपने प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान किया है। अब तक प्रॉपर्टी टैक्स विभाग 1756 करोड़ रुपये ही वसूल कर पाया है। फाइनैंशल ईयर खत्म होने वाला है इसलिए अधिकारियों ने यह मान लिया है कि टारगेट तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल है। जितना प्रॉपर्टी टैक्स अभी तक वसूला गया है इतने कम समय में उतना ही प्रॉपर्टी टैक्स वसूल कर पाना नामुमकिन है।डिफॉल्टरों पर दबाव बनाना शुरू
इसलिए एमसीडी ने ऐसे डिफॉल्टरों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है जिन्होंने किसी ने किसी फाइनैंशल ईयर में अपने प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं किया। विभाग का कहना है कि ऐसे डिफॉल्टरों की संख्या पांच लाख के करीब है। उन्हें लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं। नोटिस मिलने के बाद डिफॉल्टर अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने के लिए प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर रहे है। अधिकारियों का कहना है कि इसके अलावा कई सरकारी विभागों से भी 150 करोड़ की वसूली होनी है। इनमें से ज्यादातर विभाग ऐसे है जो मार्च के आखिर तक ही अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराते है।from https://ift.tt/TBF2sCN
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