काठमांडू: भारतीय सेना के अग्निवीर की नौकरी छोड़ नेपाल के गोरखा सैनिक पैसों के लिए अब रूसी सेना में शामिल हो रहे हैं। इसका खुलासा खुद नेपाली सरकार ने किया है। नेपाल की सरकार ने सोमवार को बताया कि रूस की सेना में सेवारत छह नेपाली नागरिक यूक्रेन के साथ युद्ध में मारे गए हैं। इसी के साथ नेपाली सरकार ने रूस से आग्रह किया है कि वह नेपाल के नागरिकों की भर्ती अपनी सेना में नहीं करे। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में मृतकों की पहचान स्यांगजा के प्रीतम कार्की, इलम के गंगा राज मोक्तान, डोलखा के राज कुमार कार्की, कपिलवस्तु के रूपक कार्की, कास्की के दीवान राय और गोरखा के संदीप थपलिया के रूप में की है।
लाश के लिए गिड़गिड़ा रहा नेपाल
बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने रूस से अनुरोध किया है कि वह युद्ध में मारे गए नेपालियों के शव स्वदेश पहुंचाए और पीड़ित परिवारों को मुआवजा प्रदान करे। नेपाल ने रूस से यह भी अनुरोध किया है कि वह उसके नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती नहीं करे और यदि किसी नेपाली नागरिक को भर्ती किया गया है, तो उन्हें तुरंत स्वदेश भेज दे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि एक नेपाली को रिहा करने के लिए राजनयिक प्रयास जारी हैं, जिसे रूसी सेना की ओर से लड़ने के दौरान यूक्रेन ने बंधक बना लिया है।रूसी सेना में 200 नेपाली सैनिक मौजूद
काठमांडू पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि सरकार द्वारा जान जोखिम में न डालने के अनुरोध के बावजूद लगभग 200 नेपाली मौजूदा समय में रूसी सेना में पदस्थ हैं। अखबार ने कहा कि इसी प्रकार विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, कुछ नेपाली युवा यूक्रेन की सेना में भी कार्य कर रहे हैं लेकिन उनकी सटीक संख्या ज्ञात नहीं है।पैसों के लिए रूसी सेना में शामिल हो रहे नेपाली
काठमांडू पोस्ट के मुताबिक पूर्व में सोशल मीडिया पर कई वीडियो प्रसारित हुए थे जिनमें नेपाली युवाओं को रूस और यूक्रेन की सेनाओं में सेवारत दिखाया गया था। वीडियो में दावा किया गया था कि वे प्रति माह 4,00,000 रुपये तक कमा सकते हैं। नेपाल केवल द्विपक्षीय समझौतों के तहत नेपाली नागरिकों को भारतीय और ब्रिटिश सेना में भर्ती की अनुमति देता है।from https://ift.tt/UDnkMqI
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