नई दिल्ली: अयोध्या के में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को लेकर सियासत गरम है। विपक्ष ने समारोह के निमंत्रण बांटने में राजनीति के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बीच विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि वह 22 जनवरी को होने वाले समारोह के लिए खुद को निमंत्रण देने गए थे। वहीं, VHP के दूसरे सदस्य अधीर रंजन चौधरी को न्योता देने गए थे। विपक्ष इनविटेशन को लेकर सवाल उठा रहा है। उसका कहना है कि विपक्ष के कुछ नेताओं को बुलाकर जबकि कई अन्य को न बुलाकर राजनीति की जा रही है। यही नहीं, सीताराम येचुरी जैसे कुछ नेताओं ने न्योता मिलने के बाद भी कार्यक्रम में शिरकत करने से मना कर दिया है। इस बीच VHP अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विपक्ष के जिन नेताओं को बुलाया गया है अगर वो आएंगे तो उन्हें सम्मानपूर्वक स्थान दिया जाएगा। उनका स्वागत है। कांग्रेस के अलावा अन्य कई प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को भी बुलाया गया है। यह कार्यक्रम पूरे देश का है। सबका स्वागत है। आलोक कुमार ने कहा, 'मल्लिकार्जुन खरगे के पास मैं खुद निमंत्रण लेकर पहुंचा था। जबकि अधीर रंजन चौधरी के पास VHP और ट्रस्ट के दूसरे सदस्य निमंत्रण लेकर गए थे। नृपेंद्र मिश्रा सोनिया गांधी को न्योता देने गए थे। हमने बाकी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को भी बुलाया है।' इस बीच रविवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए अब तक आमंत्रण नहीं मिला है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भगवान राम हमारी आस्था के केंद्र हैं। हम उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे। वह बोले, ‘अभी तक अयोध्या से कोई आमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन आमंत्रण मिले या न मिले, भगवान राम हमारी आस्था के केंद्र हैं और हम उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे।’कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। पार्टी ने अभी तक आमंत्रण पर कोई फैसला नहीं लिया है।
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