गाजीपुरः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के देवकली ब्लॉक में भीतरी गांव है। यह गांव सामान्य गांव नहीं है। इस गांव में भारत के इतिहास के गौरवशाली अध्याय की निशानियां मिली हैं। इस गांव में गुप्त साम्राज्य के आठवें वंशज स्कंदगुप्त की ओर से बनवाया गया एक विजय स्तंभ है। यह स्तंभ अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के अधीन है। इसकी बेहतर रखरखाव के लिए अब आवाज उठने लगी है। समाजसेवी और भाजपा नेता सनाउल्लाह खान शन्ने इसके बेहतर रखरखाव के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार के संबंधित विभागों से निरंतर पत्राचार कर रहे हैं। इतिहास के हवाले से देखें तो स्कंदगुप्त ने हूणों के आतंक से निजात दिलाया था। गुप्त वंश के शासक आठ बार अलग-अलग युद्ध में हूणों से हार चुके थे। हूणों का आतंक इस कदर था कि अफगानिस्तान से जूनागढ़ होते हुए वह निरंतर आगे बढ़ रहे थे। स्कंदगुप्त ने हूणों से लड़ने के लिए गंगा के किनारे बसे लोगों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। हूणों के पास 70 से 80 हजार के बीच की सेना थी। वहीं स्कंदगुप्त के पास महज 10 हजार सैनिक थे। हूणों और गुप्त राजा के बीच मुड़ियार में युद्ध हुआ। युद्ध में हूणों के शासक का मुंड (सर) स्कंदगुप्त ने काट दिया। इसी घटना के नाम पर गांव का नाम मुड़ियार पड़ा। शन्ने के अनुसार हूणों का इस कदर आतंक था कि आज तक लोग बच्चों को सुलाते समय नजीर देते हैं। मसलन- बच्चे सो जा नहीं तो हूण आ जाएंगे। बाहुबली फिल्म भी इसी तर्ज (हूणों-गुप्त वंश के राजा) पर बनाई गई है। स्कंदगुप्त का महल 18 बीघा में फैला था। भीतरी महल के दीवारें निकली हैं। शन्ने ने पर्यटन मंत्री आदि को इसके बेहतर रखरखाव के बाबत पत्राचार किया है। बीच में कोरोना काल आने के कारण उनका अभियान धीमा पड़ गया था। वह चाहते हैं कि सारनाथ की तर्ज पर स्कंदगुप्त काल के स्तंभ अवशेषों को भी संरक्षित किया जाए। हालांकि आर्कियोलॉजिकल सर्वे के निर्देश के बाद स्तंभ के 300 मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होता है। शन्ने ने बताया कि उनकी मांग है कि गुप्त काल के खुदाई में मिले और अवशेषों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था की जाए। साइट पर बेहतर प्रबंधन के लिए चौकीदार की तैनाती की जाए। स्कंदगुप्त काल की मूर्तियों को वापस लाकर स्थापित किया जाए। साथ ही वहां ऑडिटोरियम का निर्माण हो। जिसमें स्कंदगुप्त शासको के जीवन और शौर्यता से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाए। साइट के आसपास लोगों के पीने के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था किया जाए। स्कंदगुप्त काल का परिसर में स्थित मंदिर का रिनोवेशन कराया जाए।साथ ही परिसर के आसपास अवैध कब्जे को भी हटाया जाए। इसके साथ ही उनकी मांग है कि विजय स्तंभ लगातार झुक रहा है उसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे सुरक्षित करें ताकि यथा स्थिति स्तंभ की बनी रहे।
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