Saturday, December 16, 2023

दिल्ली : फरिश्ते योजना पर फिर आमने-सामने केजरीवाल सरकार-LG, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर 'फरिश्ते' योजना में 'जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने' का आरोप लगाया है । उन्होंने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि उसने (अरविंद केजरीवाल सरकार ने) सुप्रीम कोर्ट में यह मामला दाखिल कर आरोप लगाया है कि वह (उपराज्यपाल) इस योजना को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बयान आरोप लगाया कि उपराज्यपाल को अधिकारियों ने गलत सूचना दी है। ऐसे में उनके ( अधिकारियों के) विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

केजरीवाल ने 14 दिसंबर को लिखा था लेटर

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 14 दिसंबर को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा कि मैं मूल बात रिकार्ड में रखना चाहूंगा कि संंबंधित योजना और उसका क्रियान्वयन स्वास्थ्य एवं वित्त विभागों के अंतर्गत आता है। यह संविधान के अनुसार पूरी तरह अंतरित विषय है तथा पूर्ण रूप से आपके और आपके मंत्रियों के नियंत्रण में हैं। उपराज्यपाल ने अपने पत्र में खबरो का हवाला दिया है जिसके अनुसार दिल्ली के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के सामने उपराज्यपाल पर सड़क हादसों के शिकार लोगों पर केंद्रित फरिश्ते योजना को रोकने का आरोप लगाया है।

'मेरे सिर ठीकरा फोड़ने की कोशिश'

सक्सेना ने कहा कि ऐसे विभाग जो अंतरित हैं, के तहत आन वाले योजनाओं आदि की विफलता का ठीकरा किसी अन्य, कम से कम उपराज्यपाल , के सिर फोड़ने की कोशिश कुछ नहीं बल्कि हेकड़ी की पूरी तरह सुनियोजित हरकत है। इसका मकसद जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना तथा अपनी विफलताओं के लिए दूसरे को दोषी ठहराना है। उपराज्यपाल ने लिखा कि 2022-23 के दौरान फरिश्ते योजना में 3,698 लाभार्थी थे जबकि 2023-24 में सात महीने में ये 3,604 हैं। सक्सेना ने कहा कि ये आंकड़े प्रथम दृष्टया न तो इस योजना के रूकने का संकेत देते हैं और न ही गैर भुगतान के आरोपों का समर्थन करते हैं जैसा कि स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया है। इसमें मुख्यमंत्री ने उनका समर्थन किया है। हकीकत में ये आंकड़े इन दावों को झूठा ठहराते हैं।


from https://ift.tt/DCw21NK

No comments:

Post a Comment