Friday, December 15, 2023

लाइट ऑफ करके कैसे खजाने की खोज में जुट गई थी IT टीम, धीरज साहू के ठिकानों पर इस टेक्नोलॉजी से मारी गई रेड

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली से करीब 1300 किलोमीटर दूर रांची शहर में आयकर विभाग (IT) की एक ऐसी छापेमारी चली जिसको देखकर हर कोई हैरान है। हैरानी छापेमारी पर नहीं बल्कि जो कैश मिला है उस पर है। एक बार तो यकीन ही नहीं होता। नोटों के बंडल को देखकर लोग कह रहे हैं कि इतना कैश तो बैंक के भीतर भी नहीं होता है। कांग्रेस सांसद धीरज कुमार साहू के यहां से अब तक 353.5 करोड़ रुपये कैश बरामद हो चुका है। इस बीच सबके मन में सवाल है कि क्या और भी कैश है या कुछ और मिलेगा। लोगों के मन में ही नहीं इनकम टैक्स के मन में भी यही सवाल था कि अभी खजाना और है। इनकम टैक्स को इस बात की आशंका थी कि जमीन के भीतर भी सोना छिपाया गया होगा। इसी को ध्यान में रखकर आईटी डिपार्टमेंट ने सोने के आभूषण और गोल्ड की तलाश के लिए हाईटेक टेक्नोलॉजी की मदद ली। आईटी विभाग की ओर से जियो सर्विलांस सिस्टम का उपयोग किया गया। गोल्ड की तलाश में आईटी टीम कांग्रेस नेता के यहां से बरामदगी भारत में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है, जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बड़े पैमाने पर कैश मिलने के बाद आयकर विभाग की ओर से सोने के आभूषण की तलाश जारी है। IT टीम के अधिकारियों ने कहा कि झारखंड के रांची और लोहरदगा में के दो घरों पर जियो सर्विलांस सिस्टम का उपयोग कर रही हैं - जिससे जमीन के नीचे छिपे आभूषणों और अन्य कीमती सामानों का आसानी से पता लगाने में मदद मिलती है।जियो सर्विलांस सिस्टम से क्या चलेगा पताजमीन के अंदर या दीवारों में गोल्ड या उससे बने आभूषण या दूसरे कीमती सामानों को जियो सर्विलांस सिस्टम की मदद से खोजा जा सकता है। इस तकनीक की मदद से दीवारों के भीतर लॉकर का भी पता लगाय जा सकता है। आईटी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम की मदद से जमीन के नीचे छिपे आभूषण और दूसरे कीमती सामानों का पता लगाने में मदद मिलती है। लाइट बंद कराकर हुई जांच झारखंड की राजधानी रांची में धीरज साहू के निवास पर मंगलवार रात इस मशीन की मदद से कोने-कोने को खंगाला गया जिसके ऊपर स्क्रीन पर चीजें नजर आ रही थीं। आयकर विभाग को जमीन के नीचे कुछ चीजें होने की आशंका थी। आवास सुशीला निकेतन में टीम जब पहुंची तब कैंपस की पूरी लाइट को बंद करा दिया गया और उसके बाद आवास के अंदर, बाहर, बगीचा, सीवरेज पाइप और पार्किंग एरिया की जांच की गई। हालांकि इस बारे में जानकारी नहीं दी गई कि टीम को मिला क्या।


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