Sunday, September 11, 2022

चीन ने पहली बार दुनिया को दिखाया अपना आत्मघाती ड्रोन, भारत के लिए बड़ी टेंशन, जानें कैसे

बीजिंग: चीन ने दुनिया के सामने पहली बार अपना स्विचेबल को पेश किया है। यह ड्रोन बारूद से लैस है, जो रेकी करने के साथ-साथ हमले को भी अंजाम दे सकता है। इस आत्मघाती ड्रोन का नाम FH-901 है। इसे चीन की सरकारी कंपनी चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन ने विकसित किया है। इस ड्रोन की लॉन्चिंग के दौरान चीन ने एक वीडियो फुटेज भी दिखाया, जिसमें FH-901 ड्रोन को एक टैंक के ऊपर हमला करते हुए देखा गया। वीडियो में ड्रोन के हमले के बाद टैंक बर्बाद हो गया। हालांकि, पूरी दुनिया जानती है कि चीन ऐसे झूठे वीडियो जारी कर प्रोपगैंडा फैलाने में भी महारत पाए हुए है। ऐसे में चीन के सभी हथियारों की ताकत युद्ध के मैदान में ही साबित की जा सकती है। अमेरिकी आत्मघाती ड्रोन से कर रहा तुलना चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि डिफेंस एक्सपर्ट्स ने FH-901 को अमेरिका के स्विचब्लेड आत्मघाती ड्रोन के बराबर बताया है। अमेरिकी ड्रोन ने हाल में ही रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। FH-901 को न केवल जमीन से लॉन्च किया जा सकता है, बल्कि आकाश में लड़ाकू विमान या किसी बड़े ड्रोन से भी छोड़ा जा सकता है। इसमें हाई क्वालिटी के कैमरा और सेंसर्स लगे हुए हैं। इस ड्रोन में अलग न किए जाने वाले विस्फोटक भी लगाए गए हैं, जो लक्ष्य पर हमला कर उसे बर्बाद कर सकते हैं। चीन ने विकसित किए हैं कई ड्रोन 2004 के बाद से चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन ने सीएच और एफएच सीरीज के कई ड्रोन विकसित किए हैं। इनमें से कुछ का निर्यात भी किया गया है। चीन का दावा है कि ये ड्रोन एरियल जियोफिजिकल एक्सप्लोरेशन, फॉरेस्ट फायर फाइटिंग, इमरजेंसी रेस्क्यू और इमरजेंसी मैपिंग जैसे काम को अंजाम दे सकते हैं। इन ड्रोन के निर्माण के दौरान कंपनी के पास अनुभव और डेटा जमा होने से ड्रोन के प्रदर्शन में लगातार सुधार किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल स्वार्म ड्रोन की तरह भी किया जा सकता है, जिससे दुश्मन के पास बचने का कोई मौका नहीं होगा। क्या है स्वार्म ड्रोन टेक्नोलॉजी कई ड्रोन जब एक साथ मिलकर एक मिशन को अंजाम देते हैं तो इस सिस्टम को ड्रोन स्वॉर्मिंग या स्वार्म ड्रोन टेक्नोलॉजी कहते हैं। इनमें एक मदर ड्रोन होती है, जिसके अंदर से कई सारे छोटे-छोटे ड्रोन निकलते हैं जो अलग-अलग ठिकानों पर हमला करने में सक्षम होते हैं। अधिक संख्या के कारण दुश्मन की एंटी एयरक्राफ्ट गन या मिसाइलें भी इनके ऊपर बेअसर साबित होती हैं। यह नई टेक्नॉलजी भविष्य में युद्ध के पूरे सीन को ही बदलने की क्षमता रखती है। यह टेक्नोलॉजी नो कॉन्टेक्ट वॉरफेयर यानी बिना किसी इंसानी कॉन्टेक्ट से युद्ध में यह बेहद अहम साबित होगी। भारत क लिए खतरा चीन का यह नया आत्मघाती ड्रोन भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। दरअसल, आशंका है कि चीन इस ड्रोन को भारत से लगी सीमा पर तैनात कर सकता है। क्योंकि, लद्दाख से लगी सीमा दुर्गम, वीरान और अमानवीय है। ऐसे में चीनी सैनिक इस इलाके में बड़ी मुश्किल से रह पाते हैं। इस ड्रोन के आने से चीन न सिर्फ घरों में बैठकर आसमान से नजर रख सकता है, बल्कि इनके जरिए हमला भी कर सकता है। स्विचेबल होने के कारण ये सस्ते और कहीं से भी लॉन्च किए जा सकते हैं।


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