प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट () ने नोएडा में ग्रैंड ओमैक्स () के फ्लोरेंस डी टावर के फ्लैट मालिकों को बड़ी राहत दी है। उनके कथित अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार और नोएडा अथॉरिटी से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने मुकुल गुप्ता व 124 फ्लैट मालिकों की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। ग्रैंड ओमेक्स एसोसिएशन, अपार्टमेंट मालिकों की शिकायत पर नोएडा अथॉरिटी ने अवैध स्थाई निर्माण हटा लेने की नोटिस दी थी। पालन न होने पर फिर नोटिस दी और मुनादी कराई। शुक्रवार को ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जानी थी। याचिका दाखिल कर कोर्ट से तुरंत सुनवाई की अपील की गई। कोर्ट ने दो बजे सुनवाई करने का आश्वासन देते हुए 12 बजे अथॉरिटी के अधिवक्ता को ध्वस्तीकरण रोकने का मौखिक निर्देश दिया और दो बजे दोनों पक्षों को सुनकर ध्वस्तीकरण रोकते हुए फ्लैट मालिकों को भी यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। याचियों का कहना है कि कोई स्थाई निर्माण नहीं किया है। बिल्डर के करार के तहत 6 लाख जमा करने के बाद केवल टीन शेड लगाएं है। नोटिस का जवाब दिया गया है।जिस पर विचार किए बगैर कार्रवाई की जा रही है, जबकि अथॉरिटी का कहना है कि नोटिस स्थाई अवैध निर्माण हटाने की है। नोटिस के जवाब में याचियों ने इस पर कुछ नहीं कहा है। नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने विपक्षियों को नोटिस जारी की और उनसे भी जवाब मांगा है।
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