लंदन: ब्रिटेन के महाराज के रूप में राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में महाराज चार्ल्स तृतीय ने शुक्रवार को कहा कि वह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से बहुत दुखी हैं और जीवन पर्यंत राष्ट्र की सेवा करने का उनका काम जारी रखेंगे। गुरुवार को महारानी के निधन के बाद चार्ल्स ने राजगद्दी संभाली। उन्हें महाराज चार्ल्स तृतीय की उपाधि दी गई है। चार्ल्स ने कहा, ‘‘जीवनपर्यंत सेवा के इस वादे को मैं आज फिर से दोहराता हूं। भाषण के दौरान उनकी डेस्क पर दिवंगत महारानी की तस्वीर रखी थी। महारानी की श्रद्धांजलि सभा में उमड़ी भीड़ चार्ल्स का भाषण टीवी पर और सेंट पॉल्स कैथेड्रल में प्रसारित किया गया, जहां करीब 2,000 लोग महारानी की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें प्रधानमंत्री लिज ट्रस और सरकार के अन्य सदस्य शामिल हैं। किंग चार्ल्स ने अपने पहले संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आज मैं गहरे दुख के साथ अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहा हूं। अपने पूरे जीवन में, महामहिम महारानी - मेरी प्यारी मां - मेरे और मेरे पूरे परिवार के लिए एक प्रेरणा और उदाहरण थीं। चार्ल्स बोले- हम उनके कर्जदार किंग चार्ल्स ने कहा कि हम उनके उनके प्यार, स्नेह, मार्गदर्शन के लिए ऋणी हैं। क्वीन एलिजाबेथ एक अच्छी तरह से जीवन व्यतीत करने वाली महिला थीं। उन्होंने नियति के साथ एक वादा निभाया। उनके निधन पर हम गहरे शोक में हैं। उन्होंने आजीवन सेवा का जो वादा किया था, उसे में आज फिर से रिन्यू करता हूं। यह एक वादे से कहीं अधिक था। यह एक गहन व्यक्तिगत प्रतिबद्धता थी जिसने उनके पूरे जीवन को परिभाषित किया। मेरी मां मेरे और परिवार के लिए प्रेरणा थीं किंग चार्ल्स ने कहा कि वह एक प्रेरणा थीं और उनके और उनके परिवार के लिए एक उदारहण थीं। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा कि "और मेरी प्यारी मां के लिए, जब आप मेरे प्यारे स्वर्गीय पिताजी से जुड़ने के लिए अपनी अंतिम महान यात्रा शुरू करते हैं, तो मैं बस यह कहना चाहता हूं: धन्यवाद। "हमारे परिवार और राष्ट्रों के परिवार के प्रति आपके प्रेम और समर्पण के लिए धन्यवाद, आपने इतने वर्षों तक इतनी लगन से सेवा की है।
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