नई दिल्ली: ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) के दफ्तरों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का सर्वे खत्म हो गया है। यह सर्वे करीब तीन दिन तक चला। दिल्ली और मुंबई के दफ्तर से करीब 59 घंटे बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीमें वापस निकलीं। सर्वे के दौरान इनकम टैक्स अधिकारियों ने चुनिंदा कर्मचारियों के फाइनेंशियल डेटा जुटाए। साथ ही न्यूज ऑर्गनाइजेशन के इलेक्ट्रॉनिक और कागजी डेटा की कॉपी भी बनाईं।इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे सर्वे ऑपरेशन शुरू किया था। टैक्स चोरी की जांच के तहत बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों में यह ऑपरेशन हुआ था। टैक्स अधिकारियों ने बुधवार को ही कह दिया था कि यह प्रक्रिया कुछ और समय जारी रहेगी। उन्होंने कहा था, 'ऑपरेशन कब पूरा होगा, यह मौके पर मौजूद दलों पर निर्भर करता है।' यह सर्वे इंटरनेशनल टैक्सेशन और बीबीसी की सहायक कंपनियों के ‘ट्रांसफर प्राइसिंग’ से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए किया गया। इस दौरान सर्वे टीम ने वित्तीय लेनदेन, कंपनी स्ट्रक्चर और समाचार कंपनी के बारे में अन्य विवरण पर जवाब मांगा। सबूत जुटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आंकड़ों की प्रतियां बनाईं। विपक्षी दलों ने बीबीसी के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई की निंदा की थी। उसने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। बीबीसी के दो-भाग वाली डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रसारित किए जाने के कुछ सप्ताह बाद यह कार्रवाई हुई। इस सर्वे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी दलों के बीच तीखी राजनीतिक बहस शुरू हो गई। यह कार्रवाई जिस समय की गई है, विपक्ष ने उसे लेकर सवाल उठाए। बीजेपी ने बीबीसी पर भारत के खिलाफ ‘जहरीली रिपोर्टिंग’ का आरोप लगाया।
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