संदीप तिवारी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 20 साल पुराने चर्चित मधुमिता हत्याकांड () का मामला एक फिर सुर्खियों में आ गया है। बसपा सरकार के मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी () के ऊपर मधुमिता की बहन ने गंभीर आरोप लगाए हैं।बुधवार को निधि ने दावा करते हुए कहा कि उत्तराखंड से गोरखपुर जेल में शिफ्ट किए गए अमरमणि अपना पूरा समय मुख्यमंत्री के गृह जनपद बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में बिता रहे हैं। आरटीआई में मांगी गई सूचना से पता चला है कि करीब 60% समय मेडिकल कॉलेज में बिता चुके हैं। बावजूद इसके गोरखपुर जेल से उनके अच्छे आचरण की रिपोर्ट भेजी जा रही है। अमरमणि को बचाने में जुटे अधिकारी और नेता- निधि शुक्लानिधि शुक्ला का कहना है कि मधुमिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी को बचाने की कवायद में अधिकारी और कुछ वरिष्ठ नेता जुटे हुए हैं। अमरमणि की सजा माफी के लिए गोरखपुर प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।निधि ने बताया कि मधुमिता शुक्ला की हत्या वर्ष 2003 में हुई थी। वह इस मामले की मुख्य वादी हैं। 19 साल से लगातार संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अमरमणि त्रिपाठी व अन्य आरोपियों से उनको और उनके परिवार की जान को खतरा भी है। वहीं अमनमणि और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को गोरखपुर से हरिद्वार भेजने के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं। क्या है पूरा मामलाबता दें कि 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपरमिल कॉलोनी में मधुमिता शुक्ला नाम की 24 वर्षीय कवियत्री की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मधुमिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो बात सामने आई उसको जानकर सब हैरान रह गए थे। दरअसल, मधुमिता के प्रेग्नेंट होने की बात सामने आई थी। इसके साथ ही डीएनए जांच में पता चला कि मृतका के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि त्रिपाठी का है।वहीं इस हत्या का आरोप अमरमणि पर लगा। वहीं साजिश में उनकी पत्नी मधुमणि भी शामिल थीं। इस मामले में छह महीने के भीतर ही देहरादून फास्टट्रैक कोर्ट ने अमरमणि, मधुमणि समेत चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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