Monday, March 27, 2023

सावरकर पर राहुल के बयान से सियासत तेज, खरगे के डिनर से उद्धव गुट का बायकॉट, दो धड़ों में बंटी MVA

मुंबई: सावरकर के अपमान के मुद्दे से नाराज शिवसेना (उद्धव) पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बुलाई बैठक का बहिष्कार किया। सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए पार्टी का कोई सांसद या नेता विपक्ष के लिए आयोजित इस डिनर में शामिल नहीं हुआ। शिवसेना (उद्धव) गुट के सांसद अरविंद सावंत और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी पार्टी विपक्षी एकता के लिए बुलाए गए इस आयोजन से दूर रही है।पार्टी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रविवार को एक सभा में राहुल गांधी को इस बारे में सार्वजनिक चेतावनी दे चुके हैं। मालेगांव की सभा में उद्धव ने कहा कि सावरकर हमारे देवता हैं, उनका अपमान हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पत्रकारों को संकेत दिया है कि इस मुद्दे पर राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात हो सकती है। पटोले ने कहा कि सावरकर के द्विराष्ट्र सिद्धांत को उनके समर्थन की वजह से देश का विभाजन हुआ और इससे पैदा हुए विषाक्त माहौल गांधीजी की हत्या का कारण बनी है। शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी केवल देश में लोकतंत्र संविधान बचाने की व्यापक लड़ाई के लिए इकट्ठा आए हैं। इस मुद्दे पर बीजेपी विपक्ष की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही है, पर वह सफल नहीं होगी।

प्रियंका चतुर्वेदी ने रखी बात

शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि 'पार्टी ने भोज के बहिष्कार का फैसला किया है। सुबह विपक्ष की जो बैठक हुई थी, उसमें मैं अंतिम समय पहुंची। वहां मैंने सभी को शिवसेना के स्टैंड के बारे में बताया और यह भी सचेत किया कि सावरकर के मुद्दे का क्या असर हो सकता है।'शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा, 'कांग्रेस जब तक सावरकर को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं करती, तब तक उनके साथ हमारी (शिवसेना-उद्धव गुट) की मुलाकात उचित नहीं है। इसलिए हमने कांग्रेस की बुलाई बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।'


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