Tuesday, December 31, 2024

मुजफ्फरपुर में 'गंगाजल' कांड: तीन नशेड़ियों ने किया तेजाब से हमला, 4 लोग घायल, महिला की हालत गंभीर

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर से 'गंगाजल' कांड की खबर सामने आई है। घटना औराई थाना क्षेत्र के सरहंचिया गांव की है। यहां तीन नशेड़ियों ने चार लोगों पर तेजाब फेंक दिया। यह घटना सोमवार देर शाम की है। हमले में सास-बहू समेत चार लोग झुलस गए। एक महिला की हालत गंभीर है। आरोपियों ने शराब के नशे में गाली-गलौज और मारपीट की। बीच-बचाव करने पर और लोगों पर भी तेज़ाब फेंका। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

घायल महिला की हालत गंभीर

घटना में घायल शांति देवी के सिर पर गंभीर चोट आई है। हमला इतना तेज था कि उनका सिर फट गया और उन्हें पांच टांके लगाने पड़े। इसके अलावा, वह तेजाब के कारण भी बुरी तरह झुलस गई हैं। अन्य घायलों में दिलीप साह, इंद्रासन देवी और आरती देवी शामिल हैं। सभी घायलों का एसकेएमसीएच (श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) में इलाज चल रहा है।

नशे में धुत आरोपियों ने किया हमला

घायलों के बयान के अनुसार, विजय साह, राधेश्याम, और मुनचुन साह नामक तीन व्यक्तियों ने शराब के नशे में गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। उन्होंने शांति देवी के साथ अभद्रता की और बीच-बचाव करने आए अन्य लोगों पर भी तेजाब फेंक दिया।

तेजाब हमले में सोना-चांदी का एसिड इस्तेमाल

ग्रामीण एसपी विद्यासागर ने बताया कि आरोपी सोना-चांदी के जेवर बनाने का काम करते हैं। इस काम में इस्तेमाल होने वाले तेजाब का इस्तेमाल हमला करने के लिए किया गया। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की, लेकिन वे सभी घर बंद कर फरार हो गए हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

एफआईआर दर्ज, गिरफ्तारी के प्रयास जारी

विद्यासागर ने बताया कि घायलों का फर्द बयान एसकेएमसीएच में दर्ज किया गया, जिसके आधार पर मंगलवार को मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस का कहना है कि हर हाल में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। प्रारंभिक जांच में नशे में धुत होकर दो पक्षों के बीच विवाद का मामला सामने आया है। पूछताछ के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

ग्रामीणों में भय और आक्रोश

इस घटना ने गांव में दहशत और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा किया है।


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Monday, December 30, 2024

अमेरिका का H-1B वीजा कार्यक्रम क्या है, जिसने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के बीच छेड़ दी बहस, जानें

: अमेरिका में H-1B वीजा कार्यक्रम पर खूब बहस हो रही है। रिपब्लिकन पार्टी के अंदर ही इस पर मतभेद हैं। अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस मामले में अपनी पुरानी नीतियों से थोड़ा अलग रुख अपना रहे हैं। उन्होंने इसे 'शानदार कार्यक्रम' कहा है। इससे उनके समर्थकों में भी बंटवारा हो गया है। विवेक रामास्वामी और निक्की हेली जैसे नेता भी इस बहस में कूद पड़े हैं। एलन मस्क की भी इसमें अपनी राय है। यह वीजा कुशल विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। यह वीजा खासकर टेक इंडस्ट्री में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन इसे लेकर ट्रंप प्रशासन के 'अमेरिका फर्स्ट' के नारे के समर्थकों में असंतोष है। ट्रंप ने पहले नियमों को सख्त किया था, लेकिन 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान उनका रवैया थोड़ा नरम दिखा। उन्होंने कहा था, ''मैं एच-1बी वीजा में विश्वास करता हूं। मैंने इसे कई बार इस्तेमाल किया है। यह एक बेहतरीन कार्यक्रम है।" ट्रंप के बदले रुख से उनके समर्थकों में दोफाड़ हो गया है। कुछ लोग इसे व्यावहारिक कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे उनके सिद्धांतों से अलग।

H-1B Visa पर डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों में क्यों है भ्रम की स्थिति?

ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 'हायर अमेरिकन' नाम का एक आदेश जारी किया था। इसका मकसद अमेरिकी नागरिकों के हितों की रक्षा करना था। इस आदेश के तहत कंपनियों के लिए विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखना और मुश्किल हो गया था, लेकिन अब ट्रंप के बदले हुए बयान से उनके समर्थकों में भ्रम की स्थिति है। दरअसल, ट्रंप खुद एक व्यवसायी रहे हैं। उन्होंने अपने होटल और रियल एस्टेट कारोबार में विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखा है। इसलिए एच-1बी वीजा के प्रति उनका नरम रवैया उनकी व्यवसायिक पृष्ठभूमि से मेल खाता है।

विवेक रामास्वामी का क्या कहना है?

विवेक रामास्वामी ने इस मुद्दे पर अपनी राय सोशल मीडिया पर रखी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ''हमारी अमेरिकी संस्कृति ने उत्कृष्टता के बजाय सामान्यता को महत्व दिया है। एक ऐसी संस्कृति जो मैथ ओलंपियाड चैंपियन की बजाय प्रोम क्वीन या वेलेडिक्टोरियन की बजाय जॉक को महत्व देती है, वह सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर नहीं पैदा करेगी।'' बता दें कि वेलेडिक्टोरियन का अर्थ (उत्तरी अमेरिका में) ऐसे छात्र से है जो ग्रेजुएशन सेरेमनी में विदाई भाषण देता है। जॉक का अर्थ ऐसे उत्तरी अमेरिकी युवा व्यक्ति से है जो किसी विशेष खेल के प्रति उत्साही होता है और उसे खेलने में बहुत समय बिताता है। प्रोम क्वीन का अर्थ ऐसी लड़की से है जिसे हाई स्कूल प्रोम में एक विशेष टाइटल और पोजिशन प्राप्त करने के लिए चुना जाता है। प्रोम स्कूल वर्ष के अंत में आयोजित होने वाले औपचारिक नृत्य होते हैं।रामास्वामी ने आगे लिखा, ''शीर्ष तकनीकी कंपनियां अक्सर विदेशी मूल के और पहली पीढ़ी के इंजीनियरों को 'देशी' अमेरिकियों पर इसलिए नियुक्त करती हैं, क्योंकि अमेरिकी बुद्धिमत्ता में कमी है (यह एक आलसी और गलत व्याख्या है)। इसका एक मुख्य कारण संस्कृति है। कठिन प्रश्नों के कठिन उत्तर चाहिए।"

निक्की हेली क्या बोलीं?

निक्की हेली ने रामास्वामी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, "अमेरिकी कर्मचारियों या अमेरिकी संस्कृति में कुछ भी गलत नहीं है। आपको बस बॉर्डर पर नजर डालनी है और देखना है कि हमारे पास जो है, उसे कितने लोग चाहते हैं। हमें अमेरिकियों में निवेश करना चाहिए और उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि विदेशी कर्मचारियों में।''

श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति से कुछ MAGA समर्थकों में नाराजगी

ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी उद्यमी श्रीराम कृष्णन को एआई सलाहकार नियुक्त किया है। इससे भी कुछ MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) समर्थकों में नाराजगी है। दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों का कहना है कि यह ट्रंप के प्रो-इमिग्रेशन झुकाव को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर इस नियुक्ति को लेकर कई षड्यंत्र के सिद्धांत भी घूम रहे हैं।

H-1B वीजा पर क्या है एलन मस्क का स्टैंड?

इसके अलावा, एच-1बी कार्यक्रम के मुखर समर्थक एलन मस्क के साथ ट्रंप का गठबंधन उनकी स्थिति को जटिल बनाता है। टेस्ला और स्पेसएक्स सहित मस्क की कंपनियां एच-1बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थियों में से हैं। मस्क ने आलोचकों को सार्वजनिक रूप से चुनौती दी है, उन्होंने इस कार्यक्रम को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए अनिवार्य बताया है।

H-1B वीजा क्या है?

एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है। यह उच्च शिक्षित विदेशी पेशेवरों को 'विशेष व्यवसायों' में काम करने की अनुमति देता है। इन व्यवसायों के लिए कम से कम स्नातक की डिग्री की आवश्यकता होती है। तकनीकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा विज्ञान जैसे क्षेत्रों में इस वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आते हैं। यह वीजा आमतौर पर तीन साल के लिए वैध होता है, जिसे अधिकतम छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। यह ग्रीन कार्ड के माध्यम से स्थायी निवास प्राप्त करने का रास्ता भी खोल सकता है।नियोक्ता को यह सुनिश्चित करना होता है कि एच-1बी कर्मचारी को नियुक्त करने से अमेरिकी कर्मचारियों की मजदूरी और कार्य स्थितियों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस कार्यक्रम के लिए प्रतिवर्ष 65,000 वीजा की सीमा है, जिसमें अमेरिकी संस्थानों से उच्च डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त 20,000 आरक्षित हैं। मांग ज्यादा होने के कारण वीजा आवंटन के लिए लॉटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। एच-1बी वीजा धारकों में भारतीयों की संख्या अच्छी-खासी है।

एच-1बी वीजा धारकों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में दिया है अहम योगदान

अमेरिका का तकनीकी क्षेत्र कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए एच-1बी कार्यक्रम पर काफी निर्भर है। अध्ययनों से पता चलता है कि एच-1बी वीजा धारकों ने अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2021 में एच-1बी कर्मचारियों का औसत वेतन 108,000 डॉलर था, जबकि कुल मिलाकर अमेरिकी कर्मचारियों के लिए यह 45,760 डॉलर था। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान टीके के विकास जैसे क्षेत्रों में एच-1बी कर्मचारियों की अहम भूमिका रही है।एच-1बी वीजा पर चर्चा अमेरिका में आप्रवास को लेकर बड़ी चिंताओं को दर्शाती है। आलोचकों का तर्क है कि यह कार्यक्रम घरेलू कर्मचारियों के लिए मजदूरी को कम करता है और विदेशी प्रतिभा पर निर्भरता को बढ़ावा देता है। समर्थकों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण श्रम अंतराल को भरता है और नवाचार को बढ़ावा देता है।


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Sunday, December 29, 2024

राजस्थान में 1 जनवरी से नया टाइम टेबल, 66 ट्रेनों की रफ्तार होगी तेज, ये 8 ट्रेनें बनेंगी सुपरफास्ट

जयपुर: नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी 2025 से, भारतीय रेलवे के उत्तर पश्चिम रेलवे (NWR) ने राजस्थान के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से संचालित होने वाली कई ट्रेनों के समय में बदलाव कर दिया है। इसके साथ ही, बीकानेर और जोधपुर से चलने वाली दो दर्जन से अधिक ट्रेनों के टर्मिनल स्टेशनों में भी बदलाव किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, कैप्टन शशि किरण के अनुसार, नई समय-सारणी लागू होने से ट्रेनों की औसत गति में सुधार हुआ है। उत्तर पश्चिम रेलवे की 66 गाड़ियों की गति बढ़ाई गई है, जिससे यात्रा के समय में बचत होगी। यह परिवर्तन यात्रियों को तेज और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा।

ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान समय में आंशिक बदलाव

नई समय-सारणी के अनुसार, विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान समय में आंशिक बदलाव किया गया है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे यात्रा से पहले नई समय-सारणी के अनुसार अपने कार्यक्रम की योजना बनाएं।

यात्रा से पहले अपनी गाड़ी के समय की जांच करें

रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि यात्रा शुरू करने से पहले गाड़ियों का समय जरूर जांचें। साथ ही नए साल में 1 जनवरी 2025 से लागू की गई नई समय सारिणी के अनुसार अपनी रेल यात्रा का कार्यक्रम बनाए। इसके अलावा रेल यात्रियों से अनुरोध है कि यात्रा करने से पूर्व एसएमएस सेवा 139 अथवा वेबसाइट www.indianrail.gov.in या www.trainenquiry.com एवं NTES APP पर गाड़ी का समय देख लें, ताकि यात्री को कोई परेशानी नहीं आए।

बीकानेर से संचालित होने वाली इन गाड़ियों के टर्मिनल स्टेशन में बदलाव

गाड़ी संख्या 12403, प्रयागराज-बीकानेर एक्सप्रेस रेल सेवा 2 जनवरी 25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़़ तक संचालित होगी। वहीं गाड़ी संख्या 12404, बीकानेर-प्रयागराज एक्सप्रेस रेल सेवा नए साल में एक जनवरी से से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़़ से प्रयागराज के लिए संचालित होगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 20403, प्रयागराज-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी 25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़़ तक संचालित होगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 12404, बीकानेर-प्रयागराज एक्सप्रेस रेलसेवा नववर्ष में दो जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़़ से संचालित होगी।

बीकानेर से जाने-आने वाली गाड़ियों में बदलाव

1-गाड़ी संख्या 20471, बीकानेर-पुरी एक्सप्रेस रेलसेवा अब पांच जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ से संचालित होगी।2-गाड़ी संख्या 20472, पुरी-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा नए साल में एक जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ तक संचालित होगी।3-गाड़ी संख्या 14707, बीकानेर-दादर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ से संचालित होगी।4-गाड़ी संख्या 14708, दादर-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा अब एक जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ तक संचालित होगी।5-गाड़ी संख्या 12404, बीकानेर-प्रयागराज एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी 25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ से प्रयागराज के लिए संचालित होगी।6 -गाड़ी संख्या 20403, प्रयागराज-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी.25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ तक संचालित होगी।7 -गाड़ी संख्या 12404, बीकानेर-प्रयागराज एक्सप्रेस रेलसेवा 2 जनवरी 25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ से संचालित होगी।8 -गाड़ी संख्या 20471, बीकानेर-पुरी एक्सप्रेस रेलसेवा 5 जनवरी 25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ से संचालित होगी।9 -गाड़ी संख्या 20472, पुरी-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ तक संचालित होगी।10 -गाड़ी संख्या 14707, बीकानेर-दादर एक्सप्रेस रेलसेवा दिनांक एक जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ से संचालित होगी।11 गाड़ी संख्या 14708, दादर-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ तक संचालित होगी।

जोधपुर से संचालित होने वाली गाड़ियों में बदलाव

1 -गाड़ी संख्या 19225, जोधपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी से संचालित होगी।2-गाड़ी संख्या 19226, जम्मूतवी-जोधपुर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी.25 से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी तक संचालित होगी।3-गाड़ी संख्या 12465, इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस रेलसेवा एकउ जनवरी.25 से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी तक संचालित होगी।4-गाड़ी संख्या 12466, जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस रेलसेवा दिनांक एक जनवरी से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी से संचालित होगी।5-गाड़ी संख्या 14807, भगत की कोठी-दादर एक्सप्रेस रेलसेवा 3 जनवरी.25 से भगत की कोठी के स्थान पर जोधपुर से संचालित होगी।6-गाड़ी संख्या 14808, दादर-भगत की कोठी एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी 25 से भगत की कोठी के स्थान पर जोधपुर तक संचालित होगी।7-गाड़ी संख्या 12403, प्रयागराज-बीकानेर एक्सप्रेस रेलसेवा 2 जनवरी 25 से बीकानेर के स्थान पर लालगढ़ तक संचालित होगी।8-गाड़ी संख्या 19225, जोधपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस रेलसेवा दिनांक एक जनवरी से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी से संचालित होगी।9-गाड़ी संख्या 19226, जम्मूतवी-जोधपुर एक्सप्रेस रेलसेवा दिनांक एक जनवरी जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी तक संचालित होगी।10-गाड़ी संख्या 12465, इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी तक संचालित होगी।11-गाड़ी संख्या 12466, जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से जोधपुर के स्थान पर भगत की कोठी से संचालित होगी।12-गाड़ी संख्या 14807, भगत की कोठी-दादर एक्सप्रेस रेलसेवा 3 जनवरी.25 से भगत की कोठी के स्थान पर जोधपुर से संचालित होगी।13-गाड़ी संख्या 14808, दादर-भगत की कोठी एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी 25 से भगत की कोठी के स्थान पर जोधपुर तक संचालित होगी।

इन गाड़ियों को एक्सप्रेस से सुपरफास्ट में बदला

1. गाड़ी संख्या 19703, उदयपुर सिटी-असारवा एक्सप्रेस रेलसेवा एक जनवरी से गाड़ी संख्या 20987, उदयपुर सिटी-असारवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।2. गाड़ी संख्या 19704, असारवा-उदयपुर सिटी एक्सप्रेस रेलसेवा दिनांक एक जनवरी से गाड़ी संख्या 20988, असारवा-उदयपुर सिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।3. गाड़ी संख्या 19407, साबरमती-वाराणसी एक्सप्रेस रेलसेवा 2 जनवरी से गाड़ी संख्या 20963, साबरमती- वाराणसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।4. गाड़ी संख्या 19408, वाराणसी-साबरमती एक्सप्रेस रेलसेवा 4 जनवरी .25 से गाड़ी संख्या 20964, वाराणसी-साबरमती सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।5. गाड़ी संख्या 19009, बान्द्रा टर्मिनस-बाडमेर एक्सप्रेस रेलसेवा 3 जनवरी 25 से गाड़ी संख्या 21901, बान्द्रा टर्मिनस-बाडमेर सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।6. गाड़ी संख्या 19010, बाडमेर-बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस रेलसेवा 4 जनवरी 25 से गाड़ी संख्या 21902, बाडमेर-बान्द्रा टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।7. गाड़ी संख्या 19055, वलसाड-भगत की कोठी एक्सप्रेस रेलसेवा 7 जनवरी.25 से गाड़ी संख्या 22991, वलसाड-भगत की कोठी सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।8. गाड़ी संख्या 19056, भगत की कोठी-वलसाड एक्सप्रेस रेलसेवा8 जनवरी 25 से गाड़ी संख्या 22992, भगत की कोठी-वलसाड सुपरफास्ट एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।

इन गाड़ियों को एक्सप्रेस रेलसेवा से हमसफर रेलसेवा में बदला

1. गाड़ी संख्या 13423, भागलपुर-अजमेर एक्सप्रेस ट्रेन छह जनवरी 25 से गाड़ी संख्या 13423, भागलपुर-अजमेर हमसफर एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।2. गाड़ी संख्या 13424, अजमेर- भागलपुर एक्सप्रेस ट्रेन 8 जनवरी 25 से गाड़ी संख्या 13424, अजमेर- भागलपुर हमसफर एक्सप्रेस रेलसेवा के रूप में संचालित होगी।


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Saturday, December 28, 2024

सोमा और लाली भी गुरू के साथ कर रहीं कल्पवास, संतों की तरह बेजुबानों को भी भा रही है महाकुंभ की भव्य दुनिया

प्रयागराजः प्रयागराज में संगम की रेती पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में अभी से भक्ति ,साधना और अध्यात्म की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। महाकुम्भ के अखाड़ा सेक्टर में नागा संन्यासियों के शिविर में इसके विभिन्न रंग देखने को मिल रहे हैं। यहां नागा संन्यासियों के पशु प्रेम ने सबका दिल जीत लिया है। महाकुम्भ नगर के अखाड़ों के शिविरों में संन्यासियों की एंट्री हो चुकी है। देश के कोने कोने से आए अद्भुत साधक और संन्यासी यहां दिखने लगे हैं। इनमें कुछ अपने पशु जीव प्रेम के लिए अलग नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश के नरसिंह पुर से महाकुम्भ आए महंत श्रवण गिरी के एक हाथ में भगवान गणेश के नाम जाप की माला रहती है तो दूसरे हाथ में डॉगी लाली का पट्टा। लाली उनके लिए बेजुबान जानवर नहीं बल्कि उनके लिए उनकी साधना का हिस्सा है। महंत श्रवण गिरी बताते है कि 2019 के कुम्भ में प्रयागराज से काशी जाते समय रास्ते में उन्हें लाली मिली थी। दो महीने की लाली तब से उनके साथ है। जब वह साधनारत होते हैं तो लाली शिविर के बाहर उनकी रखवाली करती है। इतना ही नहीं लाली का हेल्थ कार्ड भी उन्होंने बनवाया है जिसमें उसे निशुल्क उपचार मिलता है। महंत तारा गिरी की आंखों का तारा है सोमामहाकुम्भ के अखाड़ा सेक्टर में महंत श्रवण गिरी अकेले पेट लवर नहीं हैं। गुड़गांव के खेटाबास आश्रम से महाकुम्भ आए जूना अखाड़े के श्री महंत तारा गिरी अपने पेट सोमा के साथ ही अखाड़े के बाहर धूनी रमा रहे हैं। श्री महंत तारा गिरी बताते है कि सोमवार के दिन सोमा का जन्म हुआ था इसलिए उसका नाम सोमा रखा गया। सोमा की देखभाल महंत तारा गिरी की शिष्या पूर्णा गिरी करती हैं। पूर्णा गिरी बताती हैं कि साधु संतों के कोई परिवार या बच्चे तो होते नहीं हैं ऐसे में यहीं सोमा जैसे पेट ही उनकी संतान है जिसे वो एक अतिथि की तरह रखती है। सोमा भी उनकी तरह तिलक लगाती है, अपनी जटाएं बंधवाती हैं। सोमा भी पूरी तरह सात्विक भोजन ग्रहण करती है। पूर्णा गिरी बताती है कि जितना समय उन्हें अपनी साधना के लिए तैयार होने में नहीं लगता उससे अधिक सोमा को सजाने संवारने में लगता है।


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Friday, December 27, 2024

मनमोहन सिंह के निधन पर झारखंड में 'मन' उदास, हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि, किया भावुक पोस्ट; जानें क्या लिखा...

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस मौके पर झारखंड सरकार की मंत्री , और हेमंत सोरेन की पत्नी भी मौजूद थीं।

पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने दिल्ली पहुंचे सीएम और मंत्री

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोपहर में सेवा विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री के साथ ही मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, संजय प्रसाद यादव और कल्पना सोरेन भी दिल्ली स्थित पूर्व प्रधानमंत्री के आवास पहुंचीं। इस दौरान मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। बाद में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के परिजनों से मुलाकात की।

सीएम, मंत्री और कल्पना सोरेन ने परिजनों से मुलाकात की

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर वहां रखे टेबल बुक पर कुछ शब्द लिखकर उन्हें याद किया। बाद में हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर पुण्यात्मा को श्रद्धांजलि दी। मरांग बुरु दिवंगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिजनों समेत देश को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति और साहस दे।

झारखंड में भी 7 दिनों का राजकीय शोक

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर झारखंड में भी सात दिनों के राजकीय शोक का ऐलान किया गया। इस दौरान कोई भी राजकीय समारोह नहीं होगा। वहीं 28 जनवरी को रांची में आयोजित होने वाला मंईयां सम्मान योजना के कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है।


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Thursday, December 26, 2024

पूर्व PM मनमोहन सिंह का मध्य प्रदेश से रहा खास नाता, जबलपुर में कमलनाथ का दिया था साथ

भोपालः देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। गांधी परिवार के खास और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के आधिकारिक सोशल मीडिया पेज में मृत्यु की पुष्टि की गई है। 2004 से 2014 तक पीएम रहे मनमोहन सिंह का यूं तो मध्य प्रदेश की धरती से कोई सामाजिक जुड़ाव तो नहीं रहा है। लेकिन, राजनीतिक रूप में वे दो बार सक्रिय रूप से प्रदेश में आए थे।

पूर्व पीएम की पहली एमपी यात्रा

एक बार जब वे प्रधानमंत्री थे तब 17 नवंबर 2013 को जबलपुर आए थे। उन्होंने, मध्य प्रदेश के तत्कालीन विधानसभा चुनाव के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित भी किया था। उस दौरान उनके साथ मंच में कमल नाथ भी नजर आए थे। इस सभा के 6 महीने बाद ही यूपीए की सरकार चली गई और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए।

डॉ मनमोहन सिंह की दूसरी यात्रा

दूसरी बार मनमोहन सिंह मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 में आए थे। 17 दिसंबर 2019 को जब मध्यप्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार को एक वर्ष पूरे हुए तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भोपाल आए थे। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन सीएम कमल नाथ के साथ मीडिया से संयुक्त रूप से चर्चा की थी। उस दौरान कमल नाथ सरकार ने अपना 'विजन डॉक्यूमेंट' लांच किया था।उस समय देश में लोकसभा चुनाव कुछ ही महीने बाद होने जा रहे थे। तब मनमोहन सिंह ने भाजपानीत केन्द्र सरकार के राज में देश की चिंताजनक आर्थिक स्थिति के बारे में बात की थी।

दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

का पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। गुरुवार के दिन उनको अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई। इसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। हालांकि उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो पाया और उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।


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Wednesday, December 25, 2024

सावधान! ठंड से बचने को चारपाई के नीचे अलाव रखकर सोई बुजुर्ग महिला, रजाई में झुलसकर जिंदा जली

रतन पटेल, चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां ठंड से बचाव के लिए चारपाई के नीचे आग जलाकर सोई बुजुर्ग महिला की मौत रात्रि में आग से झुलसने के कारण हो गई। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम को भेजा है।यह हृदय विदारक घटना चित्रकूट जिले की मऊ तहसील के इटवा रामपुर गांव में बुधवार को सवेरे हुई। बताया गया कि 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला संतोषिया पत्नी स्व नंदू अपने तीन बेटों के साथ गांव में रहती थी। पति नंदू के निधन के बाद उसके तीनों बेटों भैयालाल, नत्थू व राजू ने आपस में बंटवारा कर लिया था। जिसके चलते संतोषिया अपने छोटे बेटे राजू के साथ रहती थी।बीते मंगलवार की शाम खाना खाने के बाद संतोषिया को ठंडक का अहसास हुआ। जिसके चलते उसने अपनी चारपाई के नीचे आग जला ली और उसके बाद रजाई ओढ़कर सो गई।इस दौरान बुधवार को भोर के समय चारपाई के नीचे जल रही आग में लपटे उठने लगी और संतोषिया का बिस्तर उसकी चपेट में आ गया। कुछ ही देर में वह बुरी तरह झुलस गई और उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे रैपुरा थाना प्रभारी श्याम प्रताप सिंह पटेल ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया।


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Tuesday, December 24, 2024

पंकजा मुंडे को मिलेगा 'पनौती' वाला बंगला, बावनकुले को हुआ था एलॉट, रामटेक की चर्चा क्यों?

मुंबई: महायुति के मंत्रियों को उनके विभागों के आंवटन के बाद सरकार ने सभी को मंत्रालय इमारत में बने केबिन और मुंबई में रहने के लिए सरकारी बंगले आवंटित कर दिए। राजस्व मंत्री बनाए गए बीजेपी अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले को रामटेक बंगला दिया गया। यह बंगला अशुभ माना जाता है। इस बंगले में रहने वाले मंत्रियों के राजनीतिक करियर में काफी उथल-पुथल होती रहती है। इसलिए बावनकुले को रामटेक बंगला मिलने के बाद उनके कार्यकर्ता डर गए। लेकिन अब यह बात सामने आई है कि पर्यावरण मंत्री इस बंगले में रहेंगी।कहां पर है रामटेक बंगला?दरअसल मालाबार हिल में रामटेक बंगला बहुत बड़ा है। इस बंगले से समुद्र का खूबसूरत नजारा दिखता है। राजस्व मंत्री बने चन्द्रशेखर बावनकुले को रामटेक बंगला दिया गया। वहीं पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, पशुपालन मंत्री पंकजा मुंडे को पर्णकुटी बंगला दिया गया। लेकिन उनको इस बंगले को बदलकर रामटेक बंगला दे दिया गया। ऐसे में जहां बावनकुले के कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। वहीं अब पंकजा मुंडे के कार्यकर्ताओं में डर बढ़ गया है।रामटेक बंगले में कौन रहा? जब राज्य में पहली बार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार बनी थी तब छगन भुजबल रामटेक बंगले में रह रहे थे। उस वक्त उन पर तेलगी मामले में गंभीर आरोप लगे थे। स्टांप पेपर घोटाले के कारण भुजबल को इस्तीफा देना पड़ा था। वह समय भुजबल के लिए बहुत कठिन था। 2014 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन राज्य में सत्ता में आया। तब बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे रामटेक के रहवासी बने। उन्हें सरकार में दूसरे नंबर पर रखा गया था। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उसके बाद से इस बंगले से मानो राजनीतिक वनवास ही हो गया हो।रामटेक बंगले को क्यों मानते हैं अशुभ?2019 में राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार आई। छगन भुजबल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बने। लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। ढाई साल में सरकार गिर गई। इस दौरान भुजबल का प्रवास रामटेक में था। ठाकरे सरकार के पतन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी और शिवसेना की सरकारें आईं। इस सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री बने दीपक केसरकर को रामटेक बंगला मिला। विधानसभा चुनाव के बाद फिर से महायुति की सरकार आई। लेकिन केसरकर को अपना मंत्रालय गंवाना पड़ा। इसलिए रामटेक बंगला अशुभ माना जाता है।


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Monday, December 23, 2024

पनामा की संप्रभुता बिकाऊ नहीं... ट्रंप के बयान पर बढ़ा बवाल, कोलंबिया ने भी अमेरिका को घेरा

फीनिक्स: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पनामा नहर पर कब्जे के बयान पर बवाल मच गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनका प्रशासन पनामा नहर पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास कर सकता है जिसे अमेरिका ने ''मूर्खतापूर्ण'' तरीके से अपने मध्य अमेरिकी सहयोगी को सौंप दिया था। अब इस बयान पर पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने इस धारणा को अपने देश की संप्रभुता का अपमान बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया। कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पनामा की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए समर्थन व्यक्त किया है

ट्रंप पनामा नहर पर कब्जा क्यों चाहते हैं

ट्रंप ने अपनी इस बात के पीछे तर्क दिया कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण नहर से गुजरने के लिए जहाजों से ''बेवजह'' शुल्क वसूला जाता है। रिपब्लिकन पार्टी के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने यह टिप्पणी पांच नवंबर को चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली बड़ी रैली में की। एरिजोना में 'टर्निंग प्वाइंट यूएसए अमेरिकाफेस्ट' में समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास करेगा, अमेरिकी सीमाओं को सील करेगा और पश्चिम एशिया एवं यूक्रेन में युद्धों को तत्काल बंद कराएगा।

अमेरिका को हसीन सपने दिखा रहे ट्रंप

ट्रंप ने कहा, ''मैं गर्व से यह कह सकता हूं कि अमेरिका का स्वर्णिम युग हमारे सामने है। हमारे अंदर अब एक ऐसी भावना है जो कुछ समय पहले तक नहीं थी।'' ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, ''हम सभी को एक साथ लाने की कोशिश करना चाहते हैं। हम कोशिश करने जा रहे हैं। हम वास्तव में इसे एक मौका देने जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने ''अपना आत्मविश्वास खो दिया है और चुनाव के बाद भ्रमित हैं लेकिन वे अंततः हमारे पक्ष में आएंगे क्योंकि हम चाहते हैं कि वे हमारे साथ आए।''

अमेरिका ने पनामा को क्यों सौंपा नहर

ट्रंप ने इस दौरान अनेक नए एवं पुराने मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ''हमें पनामा नहर से वंचित किया जा रहा है।'' साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ''मूर्खतापूर्ण'' तरीके से इसे अपने मध्य अमेरिकी सहयोगी को सौंप दिया था।'' अमेरिका ने 1900 के दशक की शुरुआत में इस नहर का निर्माण किया था और उसका मकसद अपने तटों के बीच वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों के आवागमन को सुविधाजनक बनाना था। अमेरिका ने 1977 में राष्ट्रपति जिमी कार्टर द्वारा हस्ताक्षरित एक संधि के तहत 31 दिसंबर 1999 को जलमार्ग का नियंत्रण पनामा को सौंप दिया था।

पनामा नहर विवादों में क्यों

यह नहर जलाशयों पर निर्भर है और 2023 में पड़े सूखे से यह काफी प्रभावित हुई थी, जिसके कारण देश को इससे गुजरने वाले जहाजों की संख्या को सीमित करना पड़ा था। इसके अलावा नौकाओं से लिया जाने वाला शुल्क भी बढ़ा दिया गया था। इस वर्ष के बाद के महीनों में मौसम सामान्य होने के साथ नहर पर पारगमन सामान्य हो गया है लेकिन शुल्क में वृद्धि अगले वर्ष भी कायम रहने की उम्मीद है।

अमेरिका का करीबी सहयोगी है पनामा

पनामा अमेरिका का एक अहम सहयोगी है और नहर इसकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। पनामा के राष्ट्रपति ने समय-समय पर अनेक मुद्दों पर ट्रंप का साथ दिया है। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि जब उनका दूसरा कार्यकाल शुरू होगा और उस दौरान यदि कुछ सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया तो वह पनामा नहर को अमेरिका को पूर्ण रूप से, शीघ्रता से और बिना किसी प्रश्न के वापस करने की मांग करेंगे।

पनामा के राष्ट्रपति ने जताई सख्त आपत्ति

ट्रंप के संबोधन के बाद पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो ने एक वीडियो जारी करके कहा, ''नहर का प्रत्येक वर्ग मीटर पनामा का है और आगे भी उनके देश का ही रहेगा।'' मुलिनो ने कहा, ''पनामा के लोगों के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन जब हमारी नहर और हमारी संप्रभुता की बात आती है तो हम सभी एकजुट हैं।''

पनामा नहर पर संप्रभुता का दिया हवाला

मुलिनो ने कहा कि शुल्कों को मनमाने ढंग से निर्धारित नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि पनामा ने जहाज यातायात को बढ़ाने के लिए ''अपनी पहल पर'' वर्षों से नहर का विस्तार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जहाज यातायात शुल्क में वृद्धि से सुधारों के लिए भुगतान करने में मदद मिलती है। मुलिनो ने कहा, ''पनामा के लोगों के कई मुद्दों पर अलग-अलग विचार हो सकते हैं। लेकिन जब हमारी नहर और हमारी संप्रभुता की बात आती है, तो हम सभी अपने पनामा के झंडे के नीचे एकजुट होंगे।''

कोलंबियाई राष्ट्रपति ने क्या कहा

कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक्स पर कहा, "मैं पनामा और उसकी संप्रभुता की रक्षा के पक्ष में रहूंगा... यदि नया अमेरिकी प्रशासन व्यापार पर बात करना चाहता है, तो हम आमने-सामने और अपने लोगों की भलाई के लिए व्यापार पर बात करेंगे, लेकिन हम कभी भी सम्मान और गरिमा पर बातचीत नहीं करेंगे।"


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Sunday, December 22, 2024

अब्दुल्ला शफीक ने वनडे में बनाया अनचाहा रिकॉर्ड, ऐसा करने वाले बने इतिहास के पहले ओपनर

जोहानिसबर्ग: पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका के बीच 3 मैचों की रोमांचक वनडे सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच जोहानिबर्ग के वांडर्स स्टेडियम में खेला जा रहा है। पाकिस्तान ने शुरुआती दोनों वनडे जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली है। हालांकि पाकिस्तान टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी। लेकिन उनको बड़ा झटका अब्दुल्ला शफीक के रूप में दूसरे ओवर में ही लग गया। अब्दुल्ला गोल्डन डक का शिकार हो गए। उनको कागिसो रबाडा ने एडन मार्करम के हाथों कैच आउट करवाया। 3 मैच की इस सीरीज में अब्दुल्ला अपना खाता भी नहीं खोल पाए। इससे पहले दोनों वनडे में वह डक पर आउट हुए थे। पहले मैच में 4 गेंद खेलकर तो दूसरे में दूसरी गेंद पर ही आउट हो गए थे। तीन मैचों की वनडे सीरीज में लगातार तीन बार शून्य पर आउट होने वाले अब्दुल्ला शफीक पहले ओपनर बन गए हैं। इसके अलावा वह सिर्फ दूसरे खिलाड़ी हैं जिनके नाम यह अनचाहा रिकॉर्ड वनडे में दर्ज हुआ। इससे पहले 3 मैच की वनडे सीरीज में लगातार तीनों मैचों में शून्य पर आउट सूर्यकुमार यादव हुए थे। 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में उनके साथ ऐसा हुआ था।लगातार वनडे में तीन बार शून्य पर आउट होने वाले अब्दुल्ला शफीक बने दूसरे पाकिस्तानी ओपनरवनडे में लगातार तीन बार शून्य पर आउट होने वाले अब्दुल्ला शफीक दूसरे ओपनर बन गए हैं। इससे पहले सलमान बट्ट के साथ भी ऐसा हो चुका है। आपको बता दें कि वनडे में अब तक डक की हैट्रिक 9 बल्लेबाजों ने लगाई है, जिसमें सचिन तेंदुलकर, शेन वॉट्सन जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी शामिल हैं।एक कैलेंडर ईयर में किसी सलामी बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा डक
  • 8 - हर्शल गिब्स (2002)
  • 8 - तिलकरत्ने दिलशान (2012)
  • 7- डायोन इब्राहिम (2001)
  • 7- क्रिस गेल (2008)
  • 7- उपुल थरंगा (2006)
  • 7- अब्दुल्ला शफीक (2024)


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Saturday, December 21, 2024

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और कंपनियों के लिए H-1B Visa में नया बदलाव, भारतीयों के लिए भी खुलेंगे जॉब के अवसर, आखिर कैसे?

Final Rule: भारतीय पेशेवर (खासकर तकनीकी क्षेत्र से) या छात्र अगर अमेरिका में जॉब चाहते हैं तो निकट भविष्य में उनके लिए अच्छे अवसर आ सकते हैं। विशिष्ट व्यवसायों में आप्रवासियों की जॉब के लिए जरूरी के कार्यक्रम में अमेरिकी सरकार ने हाल ही में विशेष प्रावधान किए जाने की घोषणा की है, जिसे फाइनल रूल (अंतिम नियम) के रूप में जाना जा रहा है। यह 17 जनवरी 2025 से अमल में आएगा। दावा किया जा रहा है कि इसके लागू होने से अमेरिकी कंपनियों को आप्रवासी कर्मचारियों को काम पर रखने में आसानी होगी, यह इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए अवसर खोलेगा और साथ ही कर्मचारियों के लिए भी यह वीजा कार्यक्रम ज्यादा लचीला होगा। बता दें कि एच-1बी विशेषज्ञता वाले व्यवसायों में वास्तुकला, इंजीनियरिंग, गणित, भौतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यवसाय विशेषज्ञता, अकाउंटिंग, लॉ, धर्मशास्त्र और कला जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। आखिर नए नियम लागू होने से इस वीजा कार्यक्रम में क्या बदलाव आएगा और भारतीयों को क्यों फायदा मिलने की उम्मीद है, आइये समझते हैं।

H-1B वीजा कार्यक्रम में नया बदलाव क्या है?

1. नए नियम प्रायोर डेफेरेंस पॉलिसी (पूर्व सम्मान नीति) को कोडिफाई (संहिताबद्ध) करते हैं, जो पहले से मंजूर एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। पहले ट्रंप प्रशासन की ओर से हटाई गई इस नीति के कारण वीजा प्रक्रिया में काफी देरी हुई थी।2. अपडेट किया गए नियम विशेष व्यवसाय की परिभाषा को संशोधित करते हैं। जिसके तहत डिग्री के क्षेत्रों को जॉब की जिम्मेदारियों के साथ सीधे मेल खाना आवश्यक है, जिससे पात्रता के स्पष्ट मानदंड सुनिश्चित किए जा सकेंगे।3. गैर-लाभकारी और सरकारी शोध संगठनों के पास अब सीमा-मुक्त एच-1बी वीजा के लिए क्वालीफाई करने में ज्यादा लचीलापन है। नए नियम रिसर्च को एक 'फंडामेंटल एक्टिविटी' के रूप में मान्यता देते हैं, न कि इसे ऑर्गनाइजेशन का प्राइमरी मिशन मानते हैं।4. एच-1बी वीजा के लिए अपनी स्थिति बदलने वाले एफ-1 अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्टेटस लैप्स होने से बच सकेगा क्योंकि अब आवेदन प्रक्रिया के दौरान उनको अपने छात्र वीजा की वैधता का ऑटोमेटिक एक्सटेंशन (विस्तार) प्राप्त होगा।5. नियम स्पष्ट करते हैं कि नियंत्रित हिस्सेदारी वाले कंपनी संस्थापक एच-1बी स्टेटस के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं, बशर्ते वे स्पेसिफिक कंडीशन को पूरा करें।इसके अलावा, फाइनल रूल वार्षिक एच-1बी लॉटरी सिस्टम में भी सुधार लाते हैं। नए नियम के अनुसार, अब डुप्लिकेट पंजीकरणों से निपटा जाएगा, जो इस वीजा कार्यक्रम की समग्रता बनाए रखते हुए इसमें निष्पक्षता बढ़ाएगा।

कितनी है एच-1बी वीजा की वार्षिक वैधानिक सीमा?

प्रति वित्तीय वर्ष के लिए नए एच-1बी वीजा की वैधानिक सीमा 85,000 है और उन्नत अमेरिकी डिग्री धारकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा आरक्षित हैं। हालांकि, कुछ नियोक्ता, जैसे कि विश्वविद्यालय और शोध संस्थान इस सीमा से मुक्त हैं। एच-1बी वीजा की मांग उपलब्धता से ज्यादा बनी हुई है, जिससे लॉटरी सिस्टम अहम बना हुआ है।

भारतीयों के लिए भी खुलेंगे जॉब के अवसर

माना जा रहा है कि एच-1बी वीजा कार्यक्रम में नया बदलाव भारतीयों के लिए जॉब के अवसर लाएगा। इस वीजा कार्यक्रम में भारतीयों की हिस्सेदारी प्रमुख है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2023 में 386,000 एच-1बी वीजा जारी किए गए थे, जिनमें से 72.3 फीसद वीजा भारतीय के थे। वहीं, इंटरनेशनल एजुकेशनल एक्सचेंज पर ताजा ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्षों के अंतराल के बाद, भारत ने अमेरिका में छात्रों की संख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों का प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है। 2023-2024 शैक्षणिक वर्ष में, 3,30,000 से ज्यादा भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया, जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 23 फीसद की वृद्धि दर्शाता है। चूंकि आम तौर पर प्रमुख तकनीकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाने के लिए एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर बहुत ज्यादा निर्भर रहती हैं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि कार्यक्रम में नए बदलाव का फायदा पेशेवरों के साथ-साथ उन एफ-1 वीजा धारक भारतीय छात्रों को भी मिल सकेगा जो एच-1बी में अपना स्टेटस बदलना चाहेंगे।


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Friday, December 20, 2024

सपा के बागी अभय सिंह की विधायकी लटकी, क्या है 14 साल पुराना मामला, जिस पर दो जजों ने दो फैसले दे दिए

अभय सिंह राठौड़, लखनऊः उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह की विधायकी अधर में लटक गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभय सिंह के एक पुराने में फैसला सुना दिया है। हालांकि मामले में दो जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया है। एक जज ने अभय सिंह को बरी कर दिया है जबकि दूसरे जज ने अभय सिंह को तीन साल की सजा सुना दी है। दो जजों का अलग-अलग फैसला आने के कारण ये मामला चीफ जस्टिस के पास चला गया है। अगर चीफ जस्टिस ने तीन साल की सजा बरकरार रखी तो गोसाईगंज सीट पर उपचुनाव होना तय माना जाएगा। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अभय सिंह को जिस मामले में सजा सुनाई है, वो साल 2010 का बताया जा रहा है। अयोध्या (फैजाबाद तब) के रहने वाले विकास सिंह ने अभय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। विकास ने आरोप लगाया था कि वें अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे तभी अभय सिंह के साथियों ने उनकी गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग झोंक दी थी। तब उन्होंने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई थी। इस मामले में विकास सिंह ने अभय सिंह पर फैजाबाद में मुकदमा दर्ज कराया था। फैजाबाद में सुनवाई के बाद इस मामले को अम्बेडकरनगर निचली अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। जहां से सभी को बरी कर दिया गया था। वहीं विकास सिंह ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2023 में लखनऊ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसी मामले में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान लखनऊ बेंच के दो जजों ने अपना-अपना फैसला सुनाया है। जज मसूदी ने विधायक अभय सिंह को तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि जज अभय श्रीवास्तव ने विधायक अभय सिंह को बरी कर दिया है। वहीं दोनों जजों का अलग-अलग फैसला होने के चलते मामला चीफ जस्टिस के पास चला जाएगा।बता दें, गोसाईगंज सीट से विधायक अभय सिंह ने 2022 के चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव जीता था। लेकिन बाद में हुए राज्यसभा चुनाव में अभय सिंह ने सपा से बगावत करके बीजेपी का समर्थन किया था। जिसके बाद से अभय सिंह बीजेपी के खेमे में आ गए हैं। अभय सिंह की छवि दबंग विधायकों में होती है। उनपर 10 के करीब आपराधिक मामले दर्ज है। अभय सिंह को माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी भी बताया जाता है।


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Thursday, December 19, 2024

'जयशंकर ने ठीक ही कहा'... पुतिन की प्रेस कांफ्रेंस, ब्रिक्स, यूक्रेन, ट्रंप और सीरिया पर खुलकर की बात

मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपना वार्षिक समाचार सम्मेलन और कॉल-इन शो आयोजित किया। रूस के 11 टाइम ज़ोन में लाइव प्रसारित होने वाला यह कार्यक्रम एक वार्षिक परंपरा है। पुतिन इस मंच का उपयोग राष्ट्र को संबोधित करने के लिए करते हैं और आमतौर पर घरेलू मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस दौरान उन्होंने ब्रिक्स, यूक्रेन, ट्रंप और सीरिया पर खुलकर की बात की। पुतिन ने कहा कि रूस कभी भी सीरिया में नहीं हारा, बल्कि उसने अपने सभी लक्ष्यों को हासिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वो जल्द ही बशर अल-असद से मुलाकात करेंगे।पुतिन ने इस सत्र की शुरुआत यह कहकर की कि रूस की अर्थव्यवस्था इस साल लगभग 4 प्रतिशत की दर से बढ़ने की राह पर है। उन्होंने स्वीकार किया कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स काफी ज्यादा हैं, मुद्रास्फीति 9.3 प्रतिशत है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक स्थिति "स्थिर" बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने रूस को "क्रय शक्ति समता के मामले में चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था" माना है। उन्होंने कहा कि "चीन, अमेरिका और भारत हमसे आगे हैं", जबकि रूस जर्मनी और जापान से आगे है। रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में अपने सैनिकों की जीत की भी सराहना की।

ब्रिक्स पर

पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स में हम किसी के खिलाफ काम नहीं कर रहे हैं। हम अपने हित और संगठन के सदस्यों के हित के लिए काम कर रहे हैं। हम किसी भी तरह की प्रतिकूल कथा या एजेंडा बनाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। भारत और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसे सबसे अच्छे तरीके से कहा: "ब्रिक्स पश्चिमी विरोधी नहीं है। यह सिर्फ पश्चिमी नहीं है।"

ट्रंप पर

पुतिन ने कहा कि ठीक है, सबसे पहले, मुझे नहीं पता कि हम कब मिलेंगे क्योंकि वह इसके बारे में कुछ नहीं कहते हैं। मैंने उनसे चार साल से अधिक समय से बात नहीं की है। और मैं इसके लिए तैयार हूं, बेशक, किसी भी समय। और अगर वह चाहें तो मैं बैठक के लिए तैयार रहूंगा। (एक रिपोर्टर को संबोधित करते हुए) - आपने कहा कि यह बातचीत ऐसी स्थिति में होगी जब मैं किसी तरह की कमजोर स्थिति में रहूंगा। प्रिय सहयोगी... आप और वे लोग जो संयुक्त राज्य अमेरिका में आपको वेतन देते हैं, वे बहुत चाहेंगे कि रूस कमजोर स्थिति में रहे। मेरा दृष्टिकोण अलग है। मेरा मानना है कि पिछले 2-3 सालों में रूस बहुत मजबूत हुआ है।

पीएम मोदी पर

पीएम मोदी के साथ मेरे मधुर संबंध हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि एशिया में उनके "बहुत सारे दोस्त" हैं - जिनमें भारत और चीन शामिल हैं।

यूक्रेन के साथ बातचीत करने की इच्छा पर

हमने हमेशा कहा है कि हम बातचीत और समझौते के लिए तैयार हैं, बस दूसरी तरफ, शाब्दिक और लाक्षणिक रूप से, बातचीत करने से इनकार कर दिया...। जल्द ही, जो यूक्रेनियन लड़ना चाहते हैं, वे भाग जाएंगे। मेरी राय में, जल्द ही कोई नहीं बचेगा जो लड़ना चाहता हो। हम तैयार हैं, लेकिन दूसरी तरफ को बातचीत और समझौते दोनों के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

ओरेशनिक हाइपरसोनिक मिसाइल पर

इन मिसाइलों को मार गिराने की कोई संभावना नहीं है... पश्चिमी विशेषज्ञों को हमें प्रस्ताव देना चाहिए, और उन्हें पश्चिम और अमेरिका में उन लोगों को प्रस्ताव देना चाहिए जो उनके विश्लेषण के लिए उन्हें भुगतान करते हैं, कि वे किसी तरह का तकनीकी प्रयोग करें, 21वीं सदी का हाई-टेक द्वंद्व युद्ध जैसे। उन्हें विनाश के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करने दें, जैसे कि कीव में, अपनी सारी एयर डिफेंस और मिसाइल डिफेंस सिस्टम को वहां केंद्रित करें, और हम ओरेशनिक के साथ वहां हमला करेंगे और देखेंगे कि क्या होता है। हम इस तरह के प्रयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या दूसरा पक्ष तैयार है?

यूक्रेन में युद्ध के बारे में

मुझे कहना होगा कि (मोर्चे पर) स्थिति नाटकीय रूप से बदल रही है... पूरी अग्रिम पंक्ति में हलचल है। हर दिन... और जैसा कि आपने कहा, हम अपने प्राथमिक कार्यों को हल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिन्हें हमने विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत में रेखांकित किया था... हर कोई लड़ रहा है, सचमुच वीरतापूर्वक। और वे अभी लड़ रहे हैं। आइए हम उन सभी को, जो कुर्स्क क्षेत्र (रूस के) में लड़ रहे हैं और जो पूरी अग्रिम पंक्ति में लड़ रहे हैं, शुभकामनाएं, जीत और घर लौटने की कामना करें।

अर्थव्यवस्था पर

रूस में, स्थिति सामान्य है, स्थिर है, हम सब कुछ के बावजूद, बाहरी खतरों और हमें प्रभावित करने के प्रयासों के बावजूद विकास कर रहे हैं... बेशक, मुद्रास्फीति ... एक खतरनाक संकेत है...। यहाँ कुछ मुद्दे हैं, जैसे मुद्रास्फीति, अर्थव्यवस्था का एक निश्चित रूप से फैलना। सरकार और केंद्रीय बैंक को पहले से ही गति को कम करने का काम सौंपा गया है... कीमतों में वृद्धि हो रही है। इसमें हमारी ओर से कमियां हैं। उदाहरण के लिए, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक कुछ ऐसे उपाय कर सकता था, जो मुख्य दर को प्रभावी रूप से कम कर सकता था।

सीरिया पर

पुतिन ने कहा कि उन्होंने अभी तक अपदस्थ नेता बशर अल-असद से मुलाकात नहीं की है। लेकिन, वे उनसे मिलने की योजना बना रहे हैं और उनसे 12 साल पहले सीरिया में लापता हुए अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के बारे में पूछेंगे। उन्होंने कहा, ''हम यह सवाल उन लोगों से भी पूछ सकते हैं जो सीरिया में जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करते हैं।'' उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस हारा नहीं, बल्कि उसने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को हासिल किया है।


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Wednesday, December 18, 2024

सरकार की यह कौन सी स्‍कीम जिसमें मिली बड़ी खामियां, निगरानी पर उठे सवाल?

नई दिल्‍ली: कैग ने एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स (EPCG) स्‍कीम की कमजोरियों को उजागर क‍िया है। अपनी रिपोर्ट में उसने कहा है कि (DGFT) की ऑनलाइन प्रणाली दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं करती। घरेलू पूंजीगत वस्तुओं की खरीद में भी अनियमितताएं देखी गईं। (कैग) ने की कमियों पर रिपोर्ट दी है। कैग ने बताया कि डिनाइड एंटिटी लिस्ट (DEL) मैकेनिज्‍म बेअसर साबित हो रहा है। यह तंत्र निर्यातकों को ईपीसीजी स्‍कीम की शर्तों का पालन करवाने के लिए बनाया गया था। कैग ने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ऑनलाइन प्रणाली जमा किए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं करती। इसलिए ऑथराइजेशन की समीक्षा जरूरी है। ईपीसीजी स्‍कीम के तहत शून्य सीमा शुल्क पर पूंजीगत वस्तुओं का आयात किया जा सकता है। इसका उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता के सामान और सेवाओं का उत्पादन करना है। इससे हमारी मैन्‍यूफैक्‍चरिंग प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

कैग ने पाईं क‍िस तरह की खाम‍ियां?

कैग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कहा कि डीजीएफटी के पास एक डेटा-आधारित निगरानी तंत्र होना चाहिए। यह तंत्र विदेश व्यापार नीति के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करेगा। कैग ने कहा, 'पहले के दायित्वों की पूर्ति सुनिश्चित किए बिना बाद के ऑथराइजेशन जारी करना जोखिम भरा कदम है।' यहां पहले के ऑथराइजेशन दायित्वों की पूर्ति का मतलब है कि पिछली बार दी गई अनुमति की शर्तों को पूरा किया गया है या नहीं।कैग के अनुसार, पूंजीगत वस्तुओं की घरेलू खरीद के मामले में तय प्रक्रियाओं का पालन न करने से दोहरा लाभ उठाने का जोखिम है। कंपनियां एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) से छूट का लाभ उठा सकती हैं। साथ ही शुल्क मुक्त वस्तुओं का आयात भी कर सकती हैं। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, FTP में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना पंजीकृत बंदरगाह के अलावा अन्य बंदरगाहों से पूंजीगत वस्तुओं का आयात करने से कई जोखिम हैं। एक ही ऑथराइजेशन का इस्‍तेमाल करके कई बंदरगाहों से सामान आयात किया जा सकता है। इससे रेवेन्‍यू प्रभावित होता है। बॉन्‍ड के दुरुपयोग का भी खतरा रहता है।कैग ने कहा, 'ऑडिट में पाया गया कि डीजीएफटी की ओर से निर्यात आय की समय पर प्राप्ति की निगरानी नहीं की गई। डीजीएफटी को निर्यात आय में देरी, कमी या गैर-प्राप्ति की प्रभावी ढंग से निगरानी करनी चाहिए।'

दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं

ईपीसीजी स्‍कीम का लाभ उठाने के लिए निर्यातकों को कुछ शर्तों का पालन करना होता है। लेकिन, कैग ने पाया कि डीईएल तंत्र इन शर्तों को लागू करने में प्रभावी नहीं है। डीईएल में उन कंपनियों की सूची होती है जिन्होंने ईपीसीजी स्‍कीम की शर्तों का उल्लंघन किया है। डीजीएफटी को इन कंपनियों को नए ईपीसीजी ऑथराइजेशन जारी नहीं करने चाहिए। लेकिन, कैग ने पाया कि डीजीएफटी डीईएल की जांच नहीं कर रहा है। इससे उन कंपनियों को भी ईपीसीजी ऑथराइजेशन मिल रहे हैं जिन्होंने पहले शर्तों का उल्लंघन किया है।कैग ने यह भी पाया कि डीजीएफटी ऑनलाइन सिस्टम से जमा किए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच नहीं करता है। इससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ईपीसीजी ऑथराइजेशन जारी होने का खतरा है। कैग ने सिफारिश की है कि डीजीएफटी को अपनी निगरानी प्रणाली को मजबूत करना चाहिए। उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ईपीसीजी स्‍कीम का लाभ केवल योग्य कंपनियों को ही मिले।


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Tuesday, December 17, 2024

हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था... बलिया में बीजेपी दफ्तर पर चला बुलडोजर तो छलक उठा नेताजी का दर्द

बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया में भाजपा के कैंप कार्यालय पर नगर पालिका का बुलडोजर चल ही गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इसके पहले एक सप्ताह के भीतर भाजपा कैंप कार्यालय को हटाने के लिए जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन दो बार गया था, लेकिन भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह के विरोध के चलते उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा था। कार्यालय के जमींदोज होने पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।सिंह ने कहा कि मैं पार्टी के काम से जिला कार्यालय गया था, तभी लोगों ने बताया कि कार्यालय टूट गया है। सरकार के लोगों ने तोड़ा है। इसके पहले कोई नोटिस भी नहीं दी गई। जब से यह इंदिरा नगर मार्केट है तब से अपना कार्यालय भी है। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि सपा सरकार के समय भी कार्यालय तोड़ा गया, मैं धरने पर बैठा तो समाजवादी पार्टी की सरकार ने एक हफ्ते में पुनः कार्यालय बनाकर दिया। अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर क्या बैठना। हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था। मेरी कश्ती वहीं डूबी, जहां पानी कम था।उन्होंने कहा कि अतिक्रमण अभियान ठीक नहीं चल रहा है। इससे क्या होना था, जाम भी नहीं लगना था। यहां के जिलाधिकारी की कार्यशैली अच्छी नहीं है। सारे अधिकारियों ने बताया कि डीएम साहब ने कहा कि कार्यालय तोड़ दो। जिलाधिकारी से चार दिन से समय मांग रहा हूं, लेकिन मिल नहीं रहे हैं। इस कार्यालय में बहुत से नेता बैठते थे। सपा सरकार के समय आंदोलन की रणनीति यहीं बनती थी। बसपा से भी लड़े और कार्यालय को खाली नहीं होने दिया। कार्यालय अगर बन जाएगा तो समझ लेना कि लोकतंत्र है।उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय तोड़ने के पीछे लोगों की सोच है कि कहीं मैं बड़ा नेता नहीं बन जाऊं। कहीं बलिया से टिकट का दावेदार न बन जाऊं। 40 साल विपक्ष में रहकर लड़ा हूं। मैं डरने वाला नहीं हूं। यहां पर अंदरूनी लड़ाई बहुत है। बलिया जिला प्रशासन के पास कोई विजन नहीं है। गरीब इसी कार्यालय में सोते थे। दूसरी तरफ बलिया नगर पालिका के ईओ सुभाष कुमार ने बताया कि जिस स्थल से अतिक्रमण हटाया गया है। वहां एक छोटा पार्क बनाया जाना है। यह जगह पार्क के लिए चिह्नित थी। पहले कैंप कार्यालय नहीं लिखा था। आज लिखा गया। सोमवार तक कार्यालय हटाने के लिए समय मांगा गया था। लेकिन, हटाया नहीं गया तो कार्रवाई की गई।


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Monday, December 16, 2024

दिल्ली में चुनाव से पहले महिला सुरक्षा को लेकर हो रही राजनीति? केजरीवाल के आरोप पर बीजेपी का पलटवार

नई दिल्ली: फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजधानी ने सियासी घमासान चरम पर है। ऐसे में दिल्ली की मौजूदा सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने सोमवार को त्यागराज स्टेडियम में 'महिला अदालत' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर आप के राष्ट्रीय संयोजक ने महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि पर नियंत्रण होने के बावजूद बीजेपी महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं देती।

केजरीवाल का 'महिला अदालत' के जरिए बीजेपी पर वार

दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित 'महिला अदालत' इवेंट में INDIA गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव भी शामिल हुए। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी मौजूद थे। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि दस साल पहले आपने मुझे दिल्ली के स्कूल, अस्पताल और पानी की व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी दी थी, और मैंने अपना काम किया है। लेकिन आपने सुरक्षा की जिम्मेदारी बीजेपी और अमित शाह को दी, जो इसमें नाकाम रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह महिलाओं को वोट बैंक नहीं मानते और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी शक्ति के भीतर सब कुछ किया है।

केजरीवाल ने बताया क्या-क्या किया

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि आप के सत्ता में आने से पहले शहर में कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। हमने लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए और बस मार्शल नियुक्त किए। आम आदमी पार्टी की ओर से बुलाई गई महिला अदालत 2012 के दिल्ली गैंगरेप की 12वीं बरसी पर आयोजित की गई थी। इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश पैदा किया था। इसके बाद कड़े बलात्कार विरोधी कानून भी बने थे। आप की ओर से बुलाई गई महिला अदालत में यौन उत्पीड़न से बचने वाली कई महिलाओं ने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए। कई महिलाएं भीड़ के सामने अपना अनुभव याद करते हुए भावुक हो गईं।

आप के इवेंट में अखिलेश भी हुए शामिल

अखिलेश यादव ने इस दौरान महिला सुरक्षा को लेकर केजरीवाल के आरोपों को दोहराया और आम आदमी पार्टी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गृह विभाग सिर्फ नाम के लिए है। अगर वे सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, तो गृह विभाग का काम कौन कर रहा है? कई राज्यों ने AAP के स्वास्थ्य मॉडल को अपनाया है।

बीजेपी का आप पर पलटवार

वहीं बीजेपी ने इस इवेंट को लेकर AAP पर पलटवार किया। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की उस शिकायत पर कार्रवाई करने की मांग उठाई, जिसमें उन्होंने केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। बीजेपी ने कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल भूल गए हैं कि अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव ने एक बार महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले लड़कों का बचाव करते हुए कहा था कि 'लड़कों से गलतियां हो जाती हैं'। क्या अखिलेश यादव अपने पिता के बयान को लेकर माफी मांगेंगे।


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Sunday, December 15, 2024

राजस्थान के भक्त ने दी अनोखी भेंट, इसे पहन लंदन जा रहे हैं बाबा बागेश्वर, बोले- ये यह वाकई अद्भुत

पाली: बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पिछले महीने जयपुर आए थे। इससे पहले भीलवाड़ा में उनका कार्यक्रम था। राजस्थान में उनके कई प्रशंसक और अनुयायी हैं। ऐसे ही उनके एक प्रशंसक उन्हें लालचन्दन लकड़ी की माला भेंट चर्चा में आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि इन दिनों फिल्म पुष्पा -2 की वजह से लालचंदन की लकड़ी सुर्खियों में हैं। इसी बीच धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लालचंदन की माला भेंट करने वाले जितेंद्र मनौत की भी चर्चा हो रही है। पाली के व्यवसायी ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लाल चंदन की लकड़ी की माला भेंट की है। बताया जा रहा है कि इसी माला को पहनने के बाद बागेश्वर धाम के शास्त्री लन्दन की यात्रा पर निकल गए। बता दें कि जितेंद्र मनौत मूल रूप से पाली के रहने वाले हैं। वर्तमान में जयपुर में भी रहते हैं। मनौत ने बताया कि दिल्ली में जाकर बाबा बागेश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लाल चंदन की माला पहनाई है। शास्त्री ने माला की तारीफ की है।

माला भेंट के पीछे की कहानी बेहद अनोखी

मिली जानकारी के अनुसार माला भेंट के पीछे की कहानी बड़ी अनोखी है। हाल ही अपनी पदयात्रा समाप्त करने के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दिल्ली पहुंचे थे। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की सूचना मिलने पर उनके चाहने वाले दिल्ली पहुंचे। इसी दौरान उनका यह राजस्थानी भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंच गया। इस दौरान लाल चंदन से बनी हुई माला देख के वहां मौजूद दंग रह गए। चूंकि, यह खूबसूरत माला कर्नाटक के मशूहर कारीगरों की ओर से खास बाबा बागेशवर धाम के पीठाधीश्वर के लिए बनाई गई है।

लाल चंदन की माला का है आध्यात्मिक महत्त्व

इसे कर्नाटक के दुर्लभ लाल चंदन की लकड़ी से तैयार किया गया था. लाल चंदन को इसकी दुर्लभता और आध्यात्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता है. जब शास्त्री ने इस माला को देखा, तो उन्होंने कहा, ऐसा पहली बार देखा है और यह वाकई अद्भुत है।


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Saturday, December 14, 2024

चिराग पासवान का सियासी प्लान 'टेन मंथ' एक्टिव, 2025 चुनाव के लिए 'W' फैक्टर पर लगाया पूरा जोर, जानें

पटना/ औरंगाबाद: बिहार की राजनीति में किसी नेता के बारे में ये कहा जाए कि वो पूरी प्लानिंग के साथ कदम उठाते हैं, उसमें बेशक का नाम सामने आएगा। चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव में सौ फीसदी स्ट्राइक रेट दिया। चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान भी बने रहे और अपने चाचा पशुपति पारस को उनके सियासी अंजाम तक जाने के लिए मजबूर किया। चिराग पासवान राजनीति में पूरी प्लानिंग के साथ परफेक्ट एक्शन लेने के लिए जाने जाते हैं। चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक खास प्लान तैयार किया है। उसकी एक झलक औरंगाबाद के एक सभा में दिखी।

औरंगाबाद पहुंचे चिराग

औरंगाबाद जिले के अंबा पहुंचे चिराग पासवान ने पार्टी की ओर से आयोजित मिलन समारोह में शामिल हुए। उसके बाद उन्होंने मंच से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्लान 'टेन मंथ' को एक्टिव किया। चिराग पासवान ने मंच से कहा कि ये जान लीजिए आने वाले दस महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। आपको इस बात पर ध्यान रखना है कि अगले पांच साल के लिए आप अपना भविष्य किसके हवाले कर रहे हैं। चिराग पासवान ने इस मौके पर अपना डब्ल्यू फैक्टर यानी वर्करों को एक्टिव किया। चिराग पासवान ने सीधे कार्यकर्ताओं से बातचीत की।

चिराग का प्लान तैयार

चिराग पासवान ने 'टेन मंथ' प्लान के जरिए कार्यकर्ताओं को एक्टिव करते हुए उनसे साफ कहा कि उन्हें उन दलों की ओर ध्यान नहीं देना है, जो कुछ नहीं करते। उन्हें इस ओर ध्यान देना है कि उनकी चिंता कौन करता है। उन्होंने कहा कि वे बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट पर काम कर रहे हैं। आप लोगों को सावधान रहना है। आने वाले दस महीने से पहले तैयारी कर लेनी है। कमर कस लेनी है। चुनाव आने वाला है। उन्होंने कहा कि इन दस महीनों में एक नये बिहार के लिए खुद को तैयार करना है। इसके लिए आपको तैयार रहना होगा।

कार्यकर्ताओं को किया एक्टिव

चिराग पासवान ने कहा कि कार्यकर्ता इन दस महीनों में गांव- गांव जाएं और घर- घर जाएं और इस बात की जानकारी दें कि कौन लोग सही मायनों में बिहार में आपके विकास की चिंता कर रहे हैं। कौन सा गठबंधन, कौन सा नेता और कौन सा दल आपके विकास की बात कर रहा है। इस बात को गांव- गांव तक पहुंचाएं। चिराग ने कार्यकर्ताओं को एक्टिव करते हुए कहा कि आपको दूसरी ओर ध्यान नहीं देना है। आपको उस दल, उस नेता और उस गठबंधन का मजबूती से साथ देना है जो आपका भला चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार मैं एक लक्ष्य के साथ निकला हूं। मैं एक सपने के साथ निकला हूं। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट।

महिला संवाद यात्रा सही- चिराग

वहीं दूसरी ओर चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के महिला संवाद यात्रा पर सवाल खड़े करने पर कहा कि जो लोग जनता के बीच नहीं जाते, उन्हें शिकायत रहती है कि दूसरा क्यों जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की घबराहट को दर्शाता है, नीतीश कुमार की यात्रा पर टिप्पणी करना। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जब सत्ता में थे तो उनके अंदर अहंकार भरा हुआ था। उनका परिवार जनता के बीच नहीं जाता था। अब तेजस्वी यादव सवाल उठा रहे हैं। घबरा गए हैं लोग। चिराग पासवान ने कांग्रेस की ओर से संवैधानिक संस्था पर सवाल खड़े करने की बात को गलत ठहराया।

तेजस्वी पर चिराग का तंज

चिराग पासवान ने कहा कि झारखंड में ये लोग जीत गए, तो ईवीएम को दोष नहीं दिया। लेकिन जब एनडीए महाराष्ट्र में जीत गई, तब ये सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि मैं बिहार में रहना चाहता हूं। मुझे बिहार से लगाव है। मैं अपने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट विजन को आगे करूंगा। चिराग पासवान ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा था कि बीजेपी चिराग पासवान को डूबाने के चक्कर में लगी हुई है। चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव की मंशा कभी पूरी नहीं होगी, जो वो चाहते हैं कि एनडीए का आपस में विवाद हो।


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Friday, December 13, 2024

गुजरात के अहमदाबाद में ASI की जाली NOC से बने सलमान एवेन्यू पर चला हथौड़ा, राजनीति भी गरमाई, जानें पूरा मामला

अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में नगर निगम ने शुक्रवार को अवैध सलमान एवेन्यू को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) की टीमों ने बिल्डिंग की पांचवीं और छठवीं मंजिल को तोड़ना शुरू किया। इसके एक बड़ी टीम हथौड़े लेकर पहुंची और छत की तुड़ाई शुरू की। बिल्डिंग के डेवलपर ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जाली अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने के बाद 2015 में अवैध निर्माण किया गया था।हाईकोर्ट ने आदेश में क्या कहा? गुजरात हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को गिराने के संबंध में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि इमारत की अवैध पांचवीं और छठी मंजिलों को सील करने के आदेश दिए हैं, ताकि इनका उपयोग न हो सके। पुलिस ने यहां पर तैनात करने को कहा है। अदालत ने इसके अतिरिक्त पीठ द्वारा अपना अंतिम आदेश जारी किए जाने तक तोड़ने की कार्रवाई कार्य पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।कांग्रेस विधायक ने दिया धरना सलमान एवेन्यू में सहायक नगर आयुक्त मिलन शाह की मौजूदगी में तोड़फोड़ की गई। बाद में कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला और एआईएमआईएम पार्षदों ने तोड़फोड़ को रोकने की मांग करते हुए मौके पर धरना दिया। एआईएमआईएम पार्षदों के दबाव के बावजूद, सहायक नगर आयुक्त शाह ने कहा कि तोड़फोड़ की कार्रवाई योजना के अनुसार ही होगी, क्योंकि इसे रोकने के लिए कोई अदालती आदेश नहीं है। सहायक नगर आयुक्त को विरोध कर रहे पार्षदों ने घेर लिया, जो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में भी तोड़फोड़ रोकने की मांग करते रहे।ASI ने नहीं जारी की कोई NOC कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने चिंता व्यक्त की। मौके पर तोड़फोड़ का विरोध करते हुए खेड़ावाला ने कहा कि संपदा विभाग जमालपुर में दो अवैध मंजिलों को ध्वस्त कर रहा है। खेड़ावाला ने आरोप लगाया कि अहमदाबाद में कई अन्य अवैध निर्माण अछूते हैं। उन्होंने दावा किया कि केवल इस इमारत को निशाना बनाया जा रहा है। अहमदाबाद में एएमसी कार्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित इस इमारत का निर्माण एएसआई से फर्जी एनओसी का उपयोग करके किया गया था। 2018 में यह पता चला कि बिल्डर द्वारा एएमसी को प्रस्तुत एनओसी नकली थी। एएसआई ने पुष्टि की कि 2015 में ऐसा कोई एनओसी जारी नहीं किया गया था, जो बिल्डर के दावे के विपरीत है।


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Thursday, December 12, 2024

IAS टीना डाबी के पति को छात्राओं की चेतावनी! स्कूल में टीचरों को लेकर खोली पोल

जयपुर: राजस्थान की चर्चित आईएएस टीना डाबी के आईएएस पति और जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे के जिले में छात्राओं में भारी अंसतोष है। सरकारी स्कूल की छात्राओं ने जालोर कलेक्टर के सामने अपनी पीड़ा बताते हुए धरना दिया। दरअसल, सरकारी स्कूल में टीचर नहीं होने से छात्राओं की पढ़ाई ठप्प हो रही है। इसको लेकर छात्राओं ने जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे को ज्ञापन देकर समस्या के निराकरण की मांग की। इस दौरान छात्राओं ने कलेक्टर के सामने कहा कि जब तक उनकी समस्या का निस्तारण नहीं होगा, उनका धरना जारी रहेगा।

स्कूल में 9 टीचरों की कमी से कैसे हो पढ़ाई?

यह मामला जालोर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालिका गोडाजी का है, जहां काफी समय से शिक्षकों की कमी चल रही है। इसके कारण बालिकाओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित है। वहीं अर्द्ध वार्षिक एग्जाम भी नजदीक है। इस दौरान कलेक्टर को ज्ञापन में बालिकाओं ने बताया कि उनकी स्कूल में 9 शिक्षकों की कमी है, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो चुकी है। ज्ञापन देखकर छात्राओें ने जल्द शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग उठाई। इस दौरान कलेक्टर ने उनकी समस्या जल्द दूर करने का आश्वासन दिया।

कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी छात्राएं धरने पर बैठ गई

सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी से परेशान छात्रों ने जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने में स्कूल की आठवीं से 12वीं क्लास की छात्राएं शामिल थी। उन्हें जब कलेक्टर नेे आश्वासन दिया, तब भी वह संतुष्ट नहीं हुई। ज्ञापन देने के बाद यह छात्राएं कलेक्ट्रट के बाहर धरना देकर बैठ गई। उनका कहना था कि जब तक समस्या हल नहीं होगी, तब तक धरना चलता रहेगा। बाद में उन्हें समझाबुझा कर घर भेजा गया।

टीना डाबी भी उनके पड़ोस के बाड़मेर जिले में है कलेक्टर

जालोर के कलेक्टर प्रदीप गवांडे की बहु चर्चित आईएएस पत्नी भी उनके पड़ोस के बाड़मेर जिले में कलेक्टर हैं, जो इन दोनों काफी सुर्खियों में है। इधर, भजनलाल सरकार ने इस बार कई आईएएस और आईपीएस दंपतियों को आसपास के जिलों में ही पोस्टिंग दी है। ऐसा ही मामला टोंक की कलेक्टर सौम्या झा के साथ भी है, जहां उनके पति अक्षय गोदारा को बूंदी कलेक्टर के तौर पर तैनात किया है। बूंदी और टोंक जिला दोनों आपस में जुड़े हुए जिले हैं।


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Wednesday, December 11, 2024

आईपीएस शमशेर सिंह ACB संभालेंगे, पांडियन को लॉ एंड ऑर्डर का जिम्मा, गुजरात के कई जिलों को मिले नए एसपी

अहमदाबाद: गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे करने से पहले दो दर्जन पुलिस अफसरों के काम में बदलाव करते हुए उनके तबादले किए हैं। राज्य पुलिस महकमें में साफ सुथरी छवि रखने वाले डॉ. शमशेर सिंह अब सिर्फ एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) की अगुवाई करेंगे। अभी तक वह डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। चर्चा है कि अगले ट्रांसफर आदेश में डॉ. शमशेर सिंह को गुजरात सरकार रिलीव करके केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर भेज सकती है। तब तक वह एसीबी के कामकाज को और चाकचौबंद करेंगे। दिल्ली आईआईटी से पीएचडी करने वाले डॉ. शमशेर सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं। वे एसीबी में दूसरी पारी खेल रहे हैं। सरकार ने 19 आईपीएस और 6 एसपीएस का तबादला किया है। शमशेर सिंह 1991 बैच के आईपीएस है जबकि पांडियन 1996 बैच के अफसर हैं। मेवाणी ने लिया ट्रांसफर का क्रेडिट पिछले दिनों राज्य में कांग्रेस नेता और वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवानी से टकराव के चलते सुर्खियों में आए राज कुमार पांडियन को एडीजीपी के तौर सीआईडी से हटाकर लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी दी है। पावर लॉबी में चर्चा है को सरकार ने यह फैसला कुछ शिकायतें सामने आने के बाद लिया है। तो वहीं कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी ने पांडियन के ट्रांसफर का श्रेय राज्य के तमाम दलित संगठनों की एकजुटता को दिया है। पांडियन अभी तक राज्य में सीआईडी चीफ के तौर पर काम कर रहे थे। अजय और विधि चौधरी को नई तैनाती 1999 बैच के आईपीएस अजय चौधरी को एडीजीपी के तौर पर महिला सेल में तैनात किया गया है जबकि आईपीएस सुधीर चौधरी को आईबी का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इस सब के अलावा 2009 बैच की आईपीएस विधि चौधरी को अहमदाबाद में स्पेशल कमिश्नर के तौर पर तैनाती मिली है। आईपीएस ऊषा राडा को का तबादला साबरकांठा से वडोदरा किया गया है। आईपीएस जयपाल सिंह को ज्वाइंट जेसीपी सेक्टर-2 अहमदाबाद के तौर पर नई नैताती मिली है। बलराम मीणा-संजय खराट एसपी बने वडोदरा में तैनात रहे 2006 बैच के आईपीएस एम एम निनामा को आईजीपी स्ट्रेट ट्रैफिक बनाया गया है। पश्चिम रेलवे में बतौर एसपी काम कर रहे बलराम मीणा को अहमदाबाद में डीसीपी जोन बनाया गया है। एसपीएस मेघा तेवार को साबरकांठा एसआरपीएफ ग्रुप 6 की कमांडर के तौर पर तैनात किया गया है। आईपीएस के तबादलों में कई अधिकारियों को जिलों की कमान भी दी गई है। हिमकर सिंह को राजकोट ग्राम्य का एसपी बनाया गया है। तो वही संजय खराट को अमरेली का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। डॉ. रविंद्र पटेल को जीएसपीएससी को एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है। आईपीएस विकास सुंडा को कच्छ-भुजा वेस्ट का एसपी बनाया गया है। हिमांशु वर्मा को एंटी इकोनॉमिक्स ऑफेंस विंग सीआईडी क्राइम का एसीपी बनाया गया है। इन अधिकारियों को मिली नई तैनाती आईपीएस आलोक कुमार को जोन-1 सूरत का डीसीपी बनाया गया है। अभिषेक गुप्ता को वडोदरा जोन-3 डीसीपी लगाया गया है। 2020 की तेजतर्रार आईपीएस डॉ. निधि ठाकुर को अहमदाबाद की साबरमती जेल अधीक्षक बनाया गया है। इसके अलावा एसपीएस वसंत कुमार को पाटण का एसपी और एसपीएस कोमल व्यास को एसआरपीएफ ग्रुप 17 जामनगर कमांडेंट बनाया गया है। भरत कुमार राठोड को अहमदाबाद जोन 2 को नया डीसीपी बनाया है। इसी प्रकार श्रीपाल शेषमा को अहमदाबाद शहर जोन 2 का डीसीपी बनाया गया है। जशपाल राठोड को एसीपी सेक्टर 2 अहमदाबाद में तैनाती दी गई है। चर्चा है कि अगले महीने 40 और आईपीएस का तबादला हो सकता है। नए साल में अहमदाबाद शहर को नई टीम मिलने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है।


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Tuesday, December 10, 2024

नागौर की शादी में हुई 'रुपयों की बारिश', मायरे में 1 करोड़ कैश के अलावा सोना- चांदी दे मामा ने मचाई धूम!

नागौर: राजस्थान के नागौर जिले में एक बार फिर भात यानी मायरा भरने की खबर चर्चा में है। यहां एक नाना और मामा ने मिलकर अपने नाती की शादी में ऐसा भात भरा कि हर कोई दंग रह गया। यहां रामनारायण झाड़वाल नाम के शख्स ने दो करोड़ रुपये का मायरा भरा है। इसमें एक करोड़ रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवर, जमीन और दूसरी कई कीमती चीजें शामिल थीं। लिहाजा इस अनोखे मायरा की पूरे इलाके में चर्चा ।

मामा रामनाराययण हैं रिटायर्ड शिक्षक

बुरडी गांव के रहने वाले रामनारायण झाड़वाल ने 7 दिसंबर को अपने नाती रामेश्वर की शादी में पहुंचे थे। यहां उन्होंने दिल खोलकर मायरा दिया। रामेश्वर की मां संतोष, रामनारायण की बहन हैं। शादी मालगांव में हुई। रामनारायण 250 गाड़ियों के काफिले के साथ शादी में पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी बहन और उसके परिवार के लिए यह मायरा भरा। रामनारायण रिटायर्ड शिक्षक हैं, उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे रामकिशोर ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग ऑफिसर हैं। छोटे बेटे डॉ. अशोक झाड़वाल नागौर के जेएलएन अस्पताल में एमडी (मेडिसिन) हैं। मायरे के दौरान बहन और उसके ससुराल वालों को कपड़े और दूसरे उपहार भी दिए गए।

यहां जानिए क्या-क्या था मायरे में ?

मिली जानकारी के अनुसार यहां सबसे पहले तो एक करोड़ एक लाख रुपये नकद दिए गए। इसके बाद 30 लाख रुपये कीमत के प्लॉट की कागज पेश किए। 25 तोला सोना जेवरों के रूप में दिया गय। चांदी के जेवर 5 किलो के थे। इसके अलावा 140 चांदी के सिक्के भी दिए गए। एक नई ट्रैक्टर-ट्रॉली, जो बाजरा से भरी हुई थी और देसी घी से भरा एक मटका। कुल मिलाकर बताया जा रहा है कि मायरे की कीमत दो करोड़ रुपये खर्च किए गए।

जानिए क्या है राजस्थान की मायरा प्रथा

बता दें कि मायरा भरने की रस्म राजस्थान में काफी पुरानी है। इसे 'भात' भी कहते हैं। यह रस्म बहन के बच्चों की शादी में ननिहाल पक्ष द्वारा निभाई जाती है। इसमें बहन के परिवार और उसके ससुराल वालों को उपहार दिए जाते हैं। यह रस्म प्यार और अपनापन का प्रतीक है। साथ ही यह भी बताती है कि भाई का बहन के प्रति समपर्ण भाव भी दिखाती है।


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Monday, December 9, 2024

दो सगे भाई इंग्लैेंड के स्टार प्लेयर, तीसरा भाई जिम्बाब्वे से खेलेगा, पिता भी थे इंटरनेशनल क्रिकेटर

हरारे: ये कहानी एक ऐसा पिता की है जो खुद इंटरनेशनल क्रिकेटर बना और फिर अपने तीन बेटों को भी इंटरनेशनल क्रिकेटर बनाने का सपना देखा। ये कहानी है केविन करन की। जिम्बाब्वे का वह क्रिकेटर जिसके दो बड़े बेटे इंग्लैंड की ओर से इंटरनेशनल डेब्यू करते हैं जबकि तीसरी और सबसे छोटा बेटा जिम्बाब्वे के लिए खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।सैम, टॉम के बाद अब बेन का दौरदरअसल, इंग्लैंड के पुरुष खिलाड़ी सैम करन और टॉम करन के भाई बेन करन को अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज के लिए जिम्बाब्वे की टीम में पहली बार शामिल किया गया है। उनके अलावा, जिम्बाब्वे ने युवा बाएं हाथ के तेज गेंदबाज न्यूमैन न्यामहुरी को भी पहली बार टीम में शामिल किया है, जिन्हें टी-20 टीम में भी जगह मिली है।करन परिवार का क्रिकेट से कनेक्शनबेन करन, जिन्होंने 2018 और 2022 के बीच नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेला था, उन्हें जिम्बाब्वे की 50 ओवर और रेड-बॉल घरेलू प्रतियोगिताओं में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी होने के बाद पहली बार टीम में शामिल किया गया है। केविन के भाई टॉम और सैम इंग्लैंड के लिए तीनों प्रारूपों में खेले हैं। टॉम 2019 में घरेलू वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे और आखिरी बार 2021 में इंग्लैंड के लिए खेले थे, सैम ऑस्ट्रेलिया में 2022 टी-20 विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड में प्लेयर ऑफ द फाइनल और टूर्नामेंट के खिलाड़ी थे।केन करन को कैसे मिला मौका?केविन करन ने 1983 से 1987 के बीच जिम्बाब्वे के लिए 11 वनडे मैच खेले, इससे पहले वह 2005 से 2007 तक उनके मुख्य कोच रहे। दूसरी ओर, 18 वर्षीय न्यामहुरी देश की सबसे बेहतरीन युवा प्रतिभाओं में से एक रहे हैं, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी अंडर-19 पुरुष क्रिकेट विश्व कप में प्रभावित किया था, जहां वह आठ विकेट लेकर जिम्बाब्वे के अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में उभरे थे। करन और न्यामहुरी दोनों, तेज गेंदबाज विक्टर न्याउची के साथ, फराज अकरम, ब्रैंडन मावुता और क्लाइव मदंडे की जगह वनडे टीम में शामिल हैं, जो कंधे की हड्डी के उखड़ने से उबर रहे हैं। पाकिस्तान के खिलाफ जिम्बाब्वे की हालिया वनडे सीरीज की बाकी टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।कब से कब तक खेली जाएगी सीरीज?टी-20 टीम में एकमात्र बदलाव के तौर पर न्यामहुरी को ओपनिंग बैट्समैन ताकुदज़वानाशे कैटानो के साथ शामिल किया गया है, जो सबसे छोटे प्रारूप में पदार्पण करने की कतार में हैं, जबकि मदंडे और मावुता चोट और चयन समायोजन के कारण बाहर हो गए हैं। जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के बीच सीरीज हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेली जाएगी, जिसकी शुरुआत 11, 13 और 14 दिसंबर को तीन टी-20 से होगी, इसके बाद क्रमशः 17, 19 और 21 दिसंबर को तीन वनडे मैच खेले जाएंगे।


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Sunday, December 8, 2024

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में दौड़ती रहीं योगी के मंत्री की गाड़ियां, नियमों की उड़ी धज्जियां, वीडियो वायरल

कुमार सौरभ, पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें के जंगल में गाड़ियों का काफिला दौड़ता हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ ही काफिले में शामिल पुलिस की गाड़ियों पर ऊपर लगी लाइटें भी जल रही हैं। काफिला यूपी सरकार के राज्य मंत्री का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद डिप्टी डायरेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी होने से इनकार किया है।दरअसल पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में निजी गाड़ियों के प्रवेश पर डिप्टी डायरेक्टर ने रोक लगा रखी है। रविवार को सोशल मीडिया पर टूरिस्ट द्वारा एक वीडियो वायरल किया गया। इसमें गाड़ियों का एक काफिला जंगल के अंदर दौड़ता हुआ नजर आया। काफिले में शामिल गाड़ियां यूपी सरकार के राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार और उनके समर्थकों की बताई जा रही हैं।वीडियो सामने आने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह से जब मामले की जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि जंगल में निजी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक है गाड़ियां किसकी हैं। कब जंगल में आई इसके संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। पूरे मामले में डिप्टी डायरेक्टर ने रेंजर से स्पष्टीकरण मांगने की बात भी कहीं। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद आजाद अधिकार सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व डीजीपी अमिताभ ठाकुर ने भी पूरे मामले को नियमों का उल्लंघन करार देते हुए सरकार पर निशाना साधा है पूर्व डीजीपी ने कहा की बात-बात पर विपक्ष के लोगों का पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज करने वाली सरकार को इस पूरे मामले का संज्ञान लेना चाहिए और वन अधिनियम के तहत राज्य मंत्री पर कार्रवाई होनी चाहिए इसके साथ ही अमिताभ ठाकुर ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की भी मांग रखी है।


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Saturday, December 7, 2024

बदलकर रहेंगे, सबकुछ हो जाएगा बंद... दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AAP और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज

नई दिल्ली: अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार को पार्टी की प्रदेश इकाई के पंत मार्ग स्थित मुख्यालय में चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने पत्नी के साथ हवन किया, जिसमें पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा, चुनाव समन्वय समिति के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी, मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत, बांसुरी स्वराज, योगेंद्र चंदोलिया, प्रवीण खंडेलवाल और अन्य लोग मौजूद थे। दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल फरवरी में होने हैं। वर्ष 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर भाजपा के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस मौके पर पांडा और अन्य नेताओं ने कई वैन को हरी झंडी दिखाई, जो विधानसभा चुनाव के वास्ते पार्टी के घोषणापत्र के लिए लोगों से फीडबैक लेने के उद्देश्य से दिल्ली भर में भ्रमण करेगी।इस अवसर पर पांडा ने घोषणापत्र के लिए फीडबैक अभियान के विषय के रूप में अब नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे का नारा दिया।बीजेपी नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि दिल्ली के लोग अब बहुत कुछ सह चुके हैं और अब वे गंदे पानी की आपूर्ति, क्षतिग्रस्त सड़कों, महंगी बिजली और उच्च स्तर के प्रदूषण से राहत पाने के लिए आप को सत्ता से हटाना चाहते हैं।भाजपा के नारे पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि विपक्षी पार्टी का बदलकर रहेंगे नारा दर्शाता है कि वह दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार द्वारा किए गए सभी कार्यों को रोकना चाहती है।


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Friday, December 6, 2024

कनाडा में भारतीय छात्र की दर्दनाक हत्या, रूममेट ने ही बहस के बाद चाकू से गोदकर उतारा मौत के घाट

ओट्टावा: कनाडा में एक भारतीय छात्र की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई है। मारे गए छात्र की पहचान 22 वर्षीय गुरशीश सिंह के रूप में की गई है, जो लैम्बटन कॉलेज में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था। हत्या के आरोप में 36 वर्षीय क्रॉसली हंटर को गिरफ्तार किया गया है। उसके ऊपर सेकंड डिग्री मर्डर का चार्ज लगाया गया है। एक बयान में पुलिस ने बताया कि फॉरेंसिक टीम के सदस्यों ने घटनास्थल की जांच की और सबूत जुटाए हैं।पुलिस ने बताया कि गुरशीश और हत्यारोपी हंटर एक ही कमरे में रहते थे। रविवार की सुबह दोनों के बीच रसोई में झड़प हो गई। इस दौरान हंटर ने कथित तौर पर एक चाकू निकाला और सिंह पर कई बार चाकू से वार किया। गुरशीश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार को किया गया सूचित

पुलिस ने बताया कि उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है। सरनिया पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे गुरशीश के परिवार और दोस्तों को सहायता दिलाने के लिए लैम्बटन कॉलेज के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि वह इस घटना के पीछे की परिस्थितियों और संभावित मकसद को निर्धारित करने के लिए सबूत इकट्ठा करना जारी रखती हैं। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक रूप से ऐसा नहीं लगता कि अपराध के पीछे नस्लवादी भावना थी।

कॉलेज ने मौत पर जताया दुख

लैम्बटन कॉलेज ने अपने छात्र की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। कॉलेज ने एक बयान में कहा, गुरशीश लैम्बटन कॉलेज के दिल में है। एक छात्र की मौत सबसे बड़ी त्रासदी है। इस बीच सिंह के परिवार को अंतिम संस्कार और उनके शव को पंजाब वापस भेजने में सहायता के लिए एक ऑनलाइन चंदा जुटाने वाला अभियान शुरू किया गया है।


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मैंने इंडिया गठबंधन बनाया था, अगर मौका मिला तो.. ममता ने कांग्रेस पर बोला हमला

Mamata Banerjee News: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को लेकर ममजा बनर्जी के एक बयान से कांग्रेस में खलबली मच सकती है. उन्होंने कहा कि जिन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, अगर वे इसे सही से नहीं संभाल पा रहे, तो मैं इसमें क्या कर सकती हूं.

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Thursday, December 5, 2024

यूपी मे शादी में विदाई के वक्त को मां को आया हार्ट अटैक, बेटी की डोली के साथ उठी मां की अर्थी

अज़हर अब्बास, सुल्तानपुर: सुल्तानपुर से दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां गुरुवार को बेटी का हाथ पिला करने के बाद बेटी को बिदा करते समय कोहराम मच गया। बेटी की बिदाई के दुखदाई पल को मां बर्दाशत नहीं कर पाई। हृदयगति रुकने से उसकी मौत हो गई। ऐसे में जिस घर में कुछ समय पहले ढोल नगाड़ों के साथ बिदाई के गीत गाए जा रहे थे वहां मातम पसर गया। बेटी भी रोटी बिलखती मायके से ससुराल चली गई है। ये पूरा मामला जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के अमिलिया सिकरा गांव का है। जहां बुधवार को जयराम शर्मा के बेटी अर्चना की बारात आई थी। यहां हंसी खुशी सारे वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। गुरुवार की सुबह जब बेटी को बिदाई के लिए लाया गया इसी बीच दुल्हन की मां नन्हका (65) चक्कर खाकर गिर पड़ी। आनन फानन में परिवारीजन नन्हका को लेकर सीएचसी जयसिंहपुर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता ने दिल पर पत्थर रख किया बेटी को विदामां की मौत की सूचना से दुल्हन रंजना का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पिता ने कलेजे पर पत्थर रखकर बेटी को बिदा किया। बेटी की बिदाई के बाद परिजन शव को लेकर घर पहुंचे तो गांव में भी सन्नाटा पसर गया। जिस द्वार पर कुछ घंटे पहले खुशियों का माहौल था, हंसी खुशी लोग शादी निपटाने में लगे थे वहां अब मातम छा गया है।


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Wednesday, December 4, 2024

1100 की जगह 2500 आएंगे खटाखट, झारखंड में हेमंत सोरेन ने महिलाओं को दे दी बड़ी खुशखबरी

रांचीः झारखंड की महिलाओं के लिए खुशखबरी! के तहत अब उन्हें 2500 रुपये मिलेंगे। यह राशि दिसंबर से उनके खातों में आना शुरू हो जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार बजट में प्रावधान कर रही है। पहले यह राशि 1000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है। इस योजना का लाभ राज्य की 57 लाख से ज्यादा महिलाओं को मिलेगा। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि 11 दिसंबर से पैसा आना शुरू हो जाएगा।

योजना के लिए महिलाओं का रजिस्ट्रेशन जारी

महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। सरकार बजट में इसके लिए ज़रूरी पैसे का इंतज़ाम कर रही है। इस महीने गरीब महिलाओं के खाते में 1000 रुपये की जगह 2500 रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए जाएंगे। सरकार अभी भी ज़रूरतमंद महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कर रही है। इसलिए लाभार्थियों की संख्या और भी बढ़ सकती है। क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं अपना रजिस्ट्रेशन करवा रही हैं। इससे पता चलता है कि इस योजना को लेकर महिलाओं में कितना उत्साह है।

11 सितंबर से महिलाओं के खाते में राशि जाएगी

महिलाओं के मन में इस योजना के पैसे कब मिलेंगे, इसे लेकर कई तरह के सवाल थे। लेकिन अब इस पर से पर्दा उठ गया है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 11 दिसंबर से महिलाओं के खातों में 2500 रुपये आने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं के खाते में खटाखट 2500 रुपये मिलने लगेंगे। यह खबर राज्य की महिलाओं के लिए वाकई एक बड़ी सौगात है। इससे उन्हें अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।


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Tuesday, December 3, 2024

संभल का हरिहर मंदिर कब और किसने बनवाया, आइन ए अकबरी से लेकर मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर की रिपोर्ट पढ़िए

सुनील मिश्रा, संभल/बदायूं: के संभल में हरिहर मंदिर या जामा मस्जिद के दावे लेकर हिंसा हो गई। अब राजनीतिक दलों की सियासत भी चरम पर है। अगर इतिहास की बात की जाए तो संभल में हरिहर मंदिर का जिक्र समय-समय पर होता रहा है। बताया जा रहा है कि 12वीं शताब्दी से लेकर 2024 तक अलग-अलग स्थानों पर हरिहर मंदिर का जिक्र है। इसमें आइन ए अकबरी और मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर का भी जिक्र शामिल है।इतिहासकार अजय अनुपम के मुताबिक मुगल शासन काल के दौरान अकबर के दरबारी अबुल फजल ने 16वीं शताब्दी में आइन ए अकबरी में भी संभल के हरिहर मंदिर का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि राजा नखुश के पुत्र ययाति ने संभल नगर की स्थापना की थी। पौराणिक काल से संभल नगर मौजूद है। भारत पर विदेशी आक्रमण हुए, आक्रमणकारियों ने भी संभल का जिक्र किया।

संभल रहा शासकों का केंद्र

सल्तनत काल में नसीरुद्दीन अलाउद्दीन खिलजी जैसे शासक थे। इन्होंने अमरोहा और बदायूं को महत्व दिया, चूंकि इब्राहिम लोदी के समय तक आते-आते संभल फिर से महत्वपूर्ण हो गया। लोदी के समय संभल सूबे की राजधानी बनाया गया। बाबर ने भी संभल को इस प्रदेश की राजधानी घोषित किया। बाबर ने अपने बड़े बेटे हुमायूं को संभल का गवर्नर बनाया। जब हिमायूं आगरा का शासक बना तब उसने अपने छोटे भाई असगरी को संभल का गवर्नर बना दिया। संभल एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र पहले से ही रहा है। पृथ्वीराज चौहान के बाद जिन शासकों ने आक्रमण किया, उन्होंने संभल को अपने सूबे का केंद्र बनाया था।

पृथ्वीराज चौहान ने हरिहर मंदिर का निर्माण कराया

इतिहासकार अजय अनुपम बताते है कि मंडलीय गजेटियर तैयार किया गया है। इसमें 1911 के गजेटियर का उल्लेख है। इसी आधार पर 2024 के गजेटियर में हरिहर मंदिर का जिक्र है। उन्होंने बताया कि 12वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान ने संभल में हरिहर मंदिर का निर्माण कराया था। कई बार हरिहर मंदिर पर आक्रमण हुए और राजाओं ने अपने हिसाब से इसे परिवर्तित किया, लेकिन जब पृथ्वीराज चौहान की ताकत बढ़ी तब उन्होंने फिर से उसे हरिहर मंदिर बना दिया। उन्होंने बताया कि 1968 के गजेटियर में संभल के हरिहर मंदिर का जिक्र है। साथ ही कहा कि प्राचीन काल के जो इतिहासकार हुए और ब्रिटिश काल के प्यूहरल और नेविल इन दोनों लेखकों के द्वारा लिखे गए गजेटियर में संभल के हरिहर मंदिर का उल्लेख किया गया है।


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Monday, December 2, 2024

ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल को लेकर आई गुड न्यूज, प्रोजेक्ट को मिली 35 हेक्टेयर वन जमीन, 15 मिनट में पूरा होगा घंटे भर का सफर

मुंबई: घोड़बंदर रोड का ट्रैफिक कम करने वाले प्रोजेक्ट को वन क्षेत्र की 35.5644 हेक्टेयर ज़मीन मिल गई है। ठाणे से मुंबई उपनगर की दूरी कम करने वाले इस प्रोजेक्ट का काम आरंभ करने के लिए 35.5644 हेक्टेयर वन क्षेत्र मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को सौंप दी गई है। इसमें ठाणे की दिशा की तरफ के सात गांव और बोरीवली की तरफ से एक गांव की ज़मीन शामिल है। एमएमआरडीए के मुताबिक, ठाणे की दिशा की तरफ के मानपाडा, माजीवाड़ा, बोरीवड़े, येऊर और चेने गांव की ज़मीन है। वहीं, बोरीवली की दिशा की तरफ से प्रोजेक्ट के लिए मागाठाणे गांव की ज़मीन पर निर्माण कार्य की अनुमति प्राप्त हुई है। ट्विन टनल प्रोजेक्ट के तहत 1.85 किमी लंबा मार्ग तैयार करने की योजना बनाई गई है। एमएमआर के बेहद अहम प्रोजेक्ट के निर्माण पर कुल 14,401 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार की तरफ 1,144.60 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार के तरफ से 572.30 करोड़ रुपये और ज़मीन अधिग्रहण पर 700 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। क्या है प्रोजेक्ट?ट्विन टनल प्रोजेक्ट संजय गांधी नेशनल पार्क के नीचे से गुजरने वाला है। इस कारण से टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का इस्तेमाल कर 3-3 लेन की दो टनल तैयार करने की योजना बनाई गई है। टनल के माध्यम से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को सीधे ठाणे के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे से कनेक्ट किया जा सकेगा। टनल निर्माण के काम को तीन फेज में विभाजित किया गया है। पैकेज-1 में बोरीवली से ठाणे के बीच करीब 5.75 किमी लंबी टनल और पैकेज-2 में ठाणे से बोरीवली के बीच करीब 6.5 किमी लंबी टनल होगी। पैकेज-3 में मार्ग पर वेंटिलेशन सिस्टम समेत अन्य उपकरण लगाने का काम होगा। एमएमआरडीए ने तीन वर्ष में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा है। ये हैं प्रोजेक्ट के फायदे प्रोजेक्ट के पूरा होने से वाहन बगैर घोड़बंदर रोड पर गए केवल 15 से 20 मिनट में ठाणे से बोरीवली तक पहुंच सकेंगे। अभी यह सफर पूरा करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। रात के समय भारी वाहनों के चलने की अनुमति होने पर यह सफर पूरा करने में दो घंटे से अधिक समय लग जाता है। वहीं, अगर सड़क पर कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो कई बार घंटों तक गाड़ियां एक ही स्थान पर अटक जाती हैं।


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Sunday, December 1, 2024

क्या हर मस्जिद से शिवलिंग निकालेंगे... शिया लॉ बोर्ड के मौलाना बोले-हिंदुस्तान में सिविल वार चाहते हैं क्या?

अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के बाद बदायूं की जामा मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया गया है। अब ये मामला भी कोर्ट पहुंच गया है। इतना ही नहीं, हिन्दू पक्ष ने अब अजमेर शरीफ की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा कर दिया है। इन सभी मामलों ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर मौलानाओं ने नाराजगी जाहिर की है। इसी बीच मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैक्ट के आधार पर फैसला सुनाया होता तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। क्या हर मस्जिद के नीचे से शिवलिंग निकालेंगे। ऐसे करके क्या हिंदुस्तान में सिविल वार चाहते हैं। के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा में लोग मन की शांति के लिए जाते हैं। क्या हर मस्जिद के नीचे से शिवलिंग निकालेंगे। क्या हर मजार को गिराकर वहां पर मंदिर बनाएंगे। क्या हिंदुस्तान के अंदर सिविल वार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये सब वहां हो रहा जहां बीजेपी की सरकार है। बीजेपी सरकार को बदनाम करने के लिए उसके खिलाफ काम हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनकर सब देख रही है। सरकार कुछ भी नहीं बोल रही है। मौलाना यासूब ने केंद्र सरकार से ऐसे लोगों पर लगाम लगाने की अपील की है। 'क्या आप हिंदुस्तान की हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहते हैं'मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि चाहे संभल की जामा मस्जिद का मामला हो या फिर अजमेर शरीफ की दरगाह का मामला हो। उन्होंने कहा कि आज से नहीं बरसो से मुसलमानों से ज्यादा हिंदू अजमेर जा रहे हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने इंसानियत का मैसेज दिया है। अजमेर दरगाह से आज भी एकता और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। ऐसे में क्या आप हिंदुस्तान की हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहते हैं। हिंदुस्तान में बहुत जगह पड़ी है, वहां मंदिर बनाइये। आपको कौन रोक रहा है। अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा कि हिंदुस्तान के अंदर इंसानियत का खून गिरे। इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 'प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 की लगातार अवहेलना'वहीं मौलाना ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 की लगातार अवहेलना हो रही है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में जज्बात के ऊपर फैसला ना करके अगर सुप्रीम कोर्ट फैक्ट के ऊपर फैसला करती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। लेकिन बड़े अफसोस की बात है। मौलाना यासूब अब्बास ने आगे कहा कि अगर भावनाओं को देखते हुए अगर कोर्ट फैसला करने लगे तो लोगों का कोर्ट पर से भी विश्वास खत्म हो जाएगा। बता दें, संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने के दौरान बीते दिनों जमकर बवाल हो गया था। देखते ही देखते विवाद बढ़कर हिंसा में तब्दील हो गया था। इस हिंसा में करीब पांच लोगों की मौत हो गई थी।


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Saturday, November 30, 2024

माफिया और गुंडों से डील मुख्यमंत्री के घर से होती है... केजरीवाल पर कपिल मिश्रा का पलटवार

नई दिल्ली: भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गैंगस्टर वाले बयान पर कहा है कि गुंडे कौन हैं, इसका खुलासा विधायक नरेश बालियान के ऑडियो से होता है। उन्होंने कहा, 'माफिया और गुंडों से डील मुख्यमंत्री के घर से होती है। आम आदमी पार्टी के मंत्री और विधायक बिल्डर माफिया और अपराधियों के साथ काम कर रहे हैं।'उन्होंने कहा,'जहां तक कानून व्यवस्था की बात है तो यहां कभी बम धमाके होते थे। जब से पीएम मोदी और अमित शाह सत्ता में आए हैं, दिल्ली के लोगों को अब आतंकी हमलों का डर नहीं रहा है। दिल्ली के लोग अब यह नहीं सोचते हैं कि बच्चा घर से जब बाहर निकलता है तो वह शाम को लौटेगा कि नहीं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता है।' उन्होंने आगे कहा 'अगर अरविंद केजरीवाल के अंदर जरा भी शर्म होती तो वह अमित शाह को धन्यवाद करें। लेकिन वह खुद गैंगस्टरों के बीच में रहते हैं उनके साथ डील करते हैं। इसलिए उनसे बड़ा कोई गैंगस्टर नहीं है।' संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल को रोका गया है। इस पर कपिल मिश्रा ने कहा है कि अखिलेश यादव तब रोते हैं जब किसी मुसलमान के घर में मौत होती है। लेकिन, जब एक हिंदू का बच्चा मरता है तो उस पर ध्यान भी नहीं देते हैं। संभल में मारे गए पत्थरबाज और दंगाई थे। किसकी गोली से उनकी मौत हुई। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

'संभल में पहले भी मंदिर था और बनेगा'

लेकिन समाजवादी पार्टी 5 लाख रुपये की घोषणा कर रही है। लेकिन जब हिंदुओं के बच्चे मारे गए तो उनके दरवाजे पर राहुल गांधी या अखिलेश यादव एक बार भी नहीं जाते हैं। वह टोपी देखकर आंसू बहाते हैं और तिलक देखकर उनका दिल पत्थर का हो जाता है। यह पूरा देश देख रहा है। संभल में पहले भी मंदिर था और बनेगा।


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Friday, November 29, 2024

आज $100,000 पर पहुंचेगी बिटकॉइन की कीमत! जानिए कितनी रह गई है दूर

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे पुरानी, सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में आज फिर तेजी दिख रही है। माना जा रहा है कि यह आज ही 100,000 डॉलर पर पहुंच सकती है। अमेरिका में शुरुआती कारोबार में यह 2.61% तेजी के साथ 98,148.37 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। इसके साथ ही इसके इस साल 100,000 डॉलर पर पहुंचने की संभावना 85% पहुंच चुकी है। यह इस मुकाम से अब सिर्फ 1.1 फीसदी दूर रह गई है। पिछले चार दिनों में इसकी कीमत में भारी उतारचढ़ाव देखने को मिला है। बुधवार को यह $90,770 के इंट्राडे लो पर पहुंच गई थी, लेकिन उसके बाद से इसमें तेजी आई है।अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित होने से क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेटरी आउटलुक में पॉजिटिव रुख आया है। इस कारण हाल में क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत में भारी तेजी देखने को मिली है। ट्रंप की ट्रांजिशन टीम ने SEC प्रेजिडेंट गैरी जेन्सलर के उत्तराधिकारी बनने के लिए पॉल एटकिंस का इंटरव्यू लिया है। एटकिंस को क्रिप्टो का समर्थक माना जाता है। मुड्रेक्स के सह-संस्थापक और सीईओ एडुल पटेल ने कहा के ट्रंप सरकार में प्रमुख भूमिकाओं के लिए प्रो-क्रिप्टो लोगों के नामों पर विचार करने से बिटकॉइन $100K के निशान के करीब पहुंच रहा है।

कितनी बढ़ी है कीमत

पटेल ने कहा कि फेडरल रिजर्व के मिनट्स में धीरे-धीरे दरों में कटौती का संकेत दिया गया है, जिससे बाजार की धारणा और भी बढ़ गई है। बिटकॉइन वर्तमान में $99,300 पर प्रतिरोध का सामना कर रहा है जबकि $93,400 पर समर्थन है। बाययूकॉइन के सीईओ शिवम ठकराल ने कहा, 'यह उछाल सप्ताह की शुरुआत में एक संक्षिप्त गिरावट के बाद आया है। निवेशक बिटकॉइन को लेकर आशावादी हैं। कुछ का अनुमान है कि यह जल्द ही $100,000 तक पहुंच सकती है। बिटकॉइन ने इस साल अब तक 120% रिटर्न दिया है। अकेले नवंबर में इसमें 42% तेजी आई है।


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Thursday, November 28, 2024

बांग्लादेश को सख्त संदेश देगी भारत सरकार! विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम मोदी को कर दिया ब्रीफ

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा पर पीएम मोदी को जानकारी दी। सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि जयशंकर 24 से 26 नवंबर तक G7 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के बाद इटली से लौटे थे। उन्होंने इस बैठक के नतीजों की भी जानकारी प्रधानमंत्री को दी। इटली में जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। उन्होंने ब्रिटेन, फ्रांस और यूक्रेन सहित कई अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ भी बातचीत की। यह मुलाकात बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बीच हुई है।

बांग्लादेश में हिंदू आबादी पर हो रहे हमले

बांग्लादेश की 17 करोड़ की आबादी में हिंदू अल्पसंख्यक लगभग 8 प्रतिशत हैं। 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से उन्हें 200 से अधिक हमलों का सामना करना पड़ा है। इस हफ्ते फिर से हिंसा भड़क उठी। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को सोमवार को ढाका हवाई अड्डे पर राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया। उन पर अक्टूबर में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है। चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को इस्कॉन से निकाल दिया गया था। उन्हें जमानत नहीं मिली। इसके बाद ढाका और चटगांव में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। उनके समर्थक सुरक्षा बलों से भिड़ गए।

इस्कॉन को 'धार्मिक कट्टरपंथी संगठन' बताया

चटगांव में एक अदालत के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक मुस्लिम वकील की मौत हो गई। पुलिस ने CCTV फुटेज के जरिए 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के सदस्यों सहित कम से कम 30 अन्य लोगों को तोड़फोड़ और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। हिंसा के चलते बांग्लादेश सरकार ने बुधवार को एक रिट याचिका दायर की। इसमें इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। सरकार ने इस्कॉन को 'धार्मिक कट्टरपंथी संगठन' बताया है।


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Wednesday, November 27, 2024

मोहम्मद जुबैर के खिलाफ 'देश की एकता-अखंडता को खतरे में डालने' का केस, यूपी पुलिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को बताया

प्रयागराज: आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस की ओर से दर्ज गई एफआईआर में अब धारा 152 भारतीय न्याय संहिता (BNS) भी जोड़ दी गई है। यह धारा भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को अपराध मानती है। यूपी पुलिस की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट को आज (बुधवार) बताया गया कि के खिलाफ किन-किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह एफआईआर ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत पर दर्ज की गई थी। उदिता त्यागी का दावा है कि ज़ुबैर ने 3 अक्टूबर को नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम की वीडियो क्लिप पोस्ट की थी। उनका आरोप है कि ज़ुबैर का इरादा मुसलमानों को नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा के लिए भड़काना था। मोहम्मद ज़ुबैर ने इस FIR को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।25 नवंबर को मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जांच अधिकारी (IO) को अगली सुनवाई तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। इस हलफनामे में स्पष्ट रूप से उन सभी धाराओं का उल्लेख होना चाहिए था, जिनके तहत ज़ुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आज कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए जांच अधिकारियों ने बताया कि FIR में दो नई धाराएं जोड़ी गई हैं। पहली धारा 152 BNS और दूसरी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 जोड़ी गई है। गौरतलब है कि जुबैर के खिलाफ शुरुआत में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 228 (झूठे सबूत गढ़ना), 299 (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 356(3) (मानहानि) और 351(2) (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत FIR दर्ज की गई थी।मोहम्मद ज़ुबैर ने FIR रद्द करने और कठोर कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करते हुए हाई कोर्ट का रुख किया है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि उनके एक्स पोस्ट में यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा का आह्वान नहीं किया गया है। उन्होंने केवल पुलिस अधिकारियों को नरसिंहानंद की हरकतों के बारे में सतर्क किया था और कानून के अनुसार कार्रवाई की मांग की थी, और इसे दो वर्गों के लोगों के बीच वैमनस्य या दुर्भावना को बढ़ावा देना नहीं माना जा सकता है। उन्होंने BNS के तहत मानहानि के प्रावधान को लागू करने को भी चुनौती दी है। उनका तर्क है कि नरसिंहानंद के खुद के वीडियो, जो पहले से ही सार्वजनिक हैं, उन्हें शेयर करके उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करना मानहानि नहीं हो सकता।याचिका में यह भी कहा गया है कि पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते समय नरसिंहानंद एक अन्य नफरत भरे भाषण के मामले में जमानत पर थे, जहां उनकी जमानत की शर्त यह थी कि वह ऐसा कोई बयान नहीं देंगे, जो सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ता हो। ज़ुबैर ने पुलिस को सतर्क किया और कानून के मुताबिक कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि इसे दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना नहीं कहा जा सकता। मोहम्मद ज़ुबैर ने यह भी कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वीडियो शेयर करके कार्रवाई की मांग मानहानि नहीं है। याचिका में यह भी बताया गया है कि नरसिंहानंद पहले से ही एक नफरत भरे भाषण के मामले में जमानत पर थे। उनकी जमानत की शर्त थी कि वे ऐसा कोई बयान नहीं देंगे, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़े।


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Tuesday, November 26, 2024

48 घंटे के भीतर पाकिस्तान का जवाबी हमला! जिम्बाब्वे को दूसरे वनडे में 10 विकेट से पीटा

बुलावायो: अबरार अहमद और सलमान आगा की घातक गेंदबाजी के बाद सैम अयूब की दमदार शतकीय पारी से पाकिस्तान ने दूसरे वनडे मैच में जिम्बाब्वे को 10 विकेट से हरा दिया। मुकाबले में जिम्बाब्वे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 32.3 ओवर में 145 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। इसके बाद पाकिस्तान ने सैम अयूब और अब्दुल्ला शफीक की बेहतरीन बल्लेबाजी से बिना कोई विकेट गंवाए 148 रन बनाकर 190 गेंद शेष रहते ही मैच को अपने नाम कर लिया।पाकिस्तान के लिए मुकाबले में लक्ष्य का पीछा करते हुए सैम अयूब ने 62 गेंद में 113 रनों की दमदार पारी खेली। अपनी इस पारी में अयूब ने 17 चौके और 3 छक्के भी लगाए। सैम अयूब के अलावा अब्दुल्लाह शफीक ने भी 48 गेंद में 4 चौके की मदद से 32 रनों की दमदार पारी खेली। इस तरह पाकिस्तान ने दूसरे वनडे में जिम्बाब्वे को हराकर सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला दिया है। गेंदबाजी में भी चमके पाकिस्तान के खिलाड़ीइससे पहले के खिलाड़ी गेंदबाजी में भी धूम मचा कर रख दी। गेंदबाजी में पाकिस्तान ने अबरार अहमद और सलमान आगा ने खूब कमाल किया। अबरार अहमद ने 8 ओवर में सिर्फ 33 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए। इसके अलावा सलमान आगा ने 7 ओवर में 26 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए। वहीं सैम अयूब और फैजल अकरम के खाते में एक-एक विकेट आया। वहीं बात करें जिम्बाब्वे की तो दूसरे वनडे में वह पूरी तरह से फ्लॉप साबित रहे। टीम की तरफ से सबसे ज्यादा डियोन मेयर्स ने 33 और सीन विलियम्स ने 31 रनों की पारी खेली। इन दोनों बल्लेबाजों के अलावा जिम्बाब्वे खिलाड़ी बैटिंग में बुरी तरह से संघर्ष करते हुए। हालांकि, पहले वनडे मैच में टीम ने दमदार खेल दिखाकर पाकिस्तान को 80 रन से हराया था।


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Monday, November 25, 2024

हर बात CBI जांच का आदेश देने से पुलिस का गिरता है मनोबल, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सीबीआई को नियमित रूप से जांच अपने हाथ में लेने का आदेश देने से न केवल जांच एजेंसी पर बोझ पड़ता है, बल्कि राज्य पुलिस के अधिकारियों का भी मनोबल गिरता है। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ रेप और मर्डर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार महिला को पुलिस हिरासत में कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने संबंधी मामले की एसआईटी जांच का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की।

हाई कोर्ट के आदेश में किया संशोधन

बेंच ने कलकत्ता हाई कोर्ट के 6 नवंबर के आदेश में संशोधन किया, जिसके तहत मामले की सीबीआई जांच का आदेश देने की सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा था। अदालत ने कहा, 'हमारे लिए उन कारणों पर टिप्पणी करना जरूरी नहीं है, सिवाय यह कहने के कि मामलों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने से न केवल देश की प्रमुख जांच एजेंसी पर अकल्पनीय बोझ पड़ता है, बल्कि राज्य पुलिस के अधिकारियों को भी मनोबल गिराने वाले बहुत गंभीर और दूरगामी प्रभाव का सामना करना पड़ता है।'

सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का किया गठन

सुप्रीम कोर्ट ने इस आधार पर आगे बढ़ना उचित नहीं समझा कि पश्चिम बंगाल कैडर को आवंटित सीनियर आईपीएस अधिकारी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच करने और सच्चाई का पता लगाने में असमर्थ थे। शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया, जिसमें 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी आकाश मघरिया (डीआईजी प्रेसीडेंसी रेंज), स्वाति भंगालिया (एसपी हावड़ा ग्रामीण) और सुजाता कुमारी वीणापानी (हावड़ा की डीएसपी यातायात) शामिल हैं।

'तत्काल एसआईटी करेगी मामले की जांच'

बेंच ने आदेश दिया, 'एसआईटी जांच तत्काल अपने हाथ में लेगी... जांच के सभी रिकॉर्ड आज ही एसआईटी को सौंप दिए जाएंगे और एसआईटी बिना किसी देरी के जांच शुरू कर देगी। अगर जरूरी हुआ तो एसआईटी कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों को भी शामिल करने के लिए स्वतंत्र होगी।' सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से एक स्पेशल बेंच गठित करने का आग्रह किया, जिसके सामने एसआईटी अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट पेश करेगी और आगे की जांच के लिए अनुमति मांगेगी।


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Sunday, November 24, 2024

हापुड़: गला दबाकर मारा फिर सूटकेस में भर दी बीवी की लाश, पति और ससुर ही निकले मर्डर के मास्टरमाइंड

हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में नेशनल हाईवे के किनारे लाल सूटकेस में मिली महिला की लाश मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। महिला की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने ससुर और पति को गिरफ्तार कर लिया है। हापुड कोतवाली क्षेत्र में स्थित नेशनल हाईवे-9 के पास लाल सूटकेस में एक महिला का शव मिला था। पुलिस जांच में मृतका की पहचान गुरुग्राम के सेक्टर 33 निवासी राखी पत्नी नागेन्द्र उर्फ अंशुल के रूप में हुई थी। पुलिस ने इस मामले में महिला के पति अंशुल और ससुर रमेश को गिरफ्तार किया।मृतका राखी का पति से पारिवारिक मामले को लेकर विवाद चल रहा था। पूछताछ में सामने आया है कि झगड़े के दौरान आरोपी पति ने राखी का मुंह और गला दबाकर इस वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद किराए की टैक्सी में शव को रखकर गुरुग्राम से हापुड लेकर आए। शव को हापुड़ के हाईवे किनारे फेंक दिया था। पुलिस में वारदात में प्रयुक्त वेगनर गाड़ी और एक बाइक बरामद कर ली है। एसपी ज्ञानजय सिंह ने बताया कि महिला की हत्या पति और सुसर ने पारिवारिक विवाद में की थी। फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पति ने गला दबाकर महिला की हत्या की थी। इस हत्या में मृतका के ससुर और बहनोई भी शामिल थे। हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए हापुड़ आए थे। गुरुग्राम से हापुड़ में नेशनल हाईवे के किनारे पर शव को फेंककर आरोपी फरार हो गए थे।


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Saturday, November 23, 2024

एयरपोर्ट पर वाइफ रितिका ने रोहित शर्मा को गले लगकर दी भावुक विदाई, ऑस्ट्रेलिया के लिए हुए रवाना

मुंबई: भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया में अपना शिकंजा कस लिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच पर्थ क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टीम इंडिया की कप्तानी संभाली। हालांकि, सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के लिए नियमित कप्तान रोहित शर्मा उपलब्ध रहेंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच एडिलेड में खेला जाएगा। ऐसे में रोहित शर्मा अब ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो चुके हैं। रोहित का 24 नवंबर को पर्थ में टीम इंडिया के साथ जुड़ने की उम्मीद है। रोहित शर्मा देर शाम 23 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए। एयरपोर्ट पर रोहित साथ उनकी पत्नी भी पहुंची थी। इस दौरान रितिका ने रोहित को गले लगाकर भावुक विदाई दी, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 15 नवंबर को दूसरी बार पिता बने हैं रोहितबता दें कि रोहित शर्मा बीते 15 नवंबर को दूसरी बार पिता बने हैं। इसी कारण के साथ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं गए थे। हालांकि, अब वह नेशनल ड्यूटी के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया यहां पहुंचने के बाद प्राइम मिनिस्टर इलेवन के खिलाफ रोहित शर्मा प्रैक्टिस मैच में भी खेलेंगे।हालांकि, रोहित शर्मा को लेकर यह लेकर कहा जा रहा था वह पर्थ टेस्ट मैच के लिए उपलब्ध रहेंगे, लेकिन अपनी न्यू बॉर्न बेबी के साथ समय बिताने का फैसला किया, लेकिन सीरीज के बाकी बचे हुए मैचों के लिए रोहित उपलब्ध रहेंगे। पर्थ में टीम इंडिया का दबदबाऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने अपना दबदबा बना लिया है। मैच में टीम इंडिया ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 150 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 104 रन ही बना पाई। इस तरह पहली पारी में भारतीय टीम को 46 रनों की बढ़त मिली। वहीं दूसरी पारी में टीम इंडिया ने दूसरे दिन के खेल में बिना कोई विकेट गंवाकर 172 रन बनाए जिससे की टीम इंडिया की बढ़त 218 रन की हो गई।


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Friday, November 22, 2024

सुकन्‍या समृद्धि, पीपीएफ, किसान विकास पत्र... किसमें कितना ब्‍याज, कहां सबसे ज्‍यादा फायदा?

नई दिल्‍ली: बड़ी संख्‍या में लोग छोटी बचत स्‍कीमों में पैसा लगाते हैं। सरकार हर तीन महीने में इन बचत स्‍कीमों की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। इनमें , महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, (पीपीएफ), किसान विकास पत्र (केवीपी), राष्ट्रीय बचत पत्र और पोस्‍ट ऑफिस फिक्‍स डिपॉजिट जैसी स्‍कीमें शामिल हैं। दिसंबर तिमाही के लिए सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी इन पर सितंबर तिमाही जितना ही ब्‍याज मिलेगा। ये योजनाएं अलग-अलग तरह के लोगों के लिए बनाई गई हैं। मसलन, बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना, महिला निवेशकों के लिए महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग्‍स स्‍कीम (एससीएसएस)। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए पीपीएफ, किसान विकास पत्र और राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी स्‍कीमें हैं। छोटी अवधि के निवेशकों के लिए पोस्‍ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट जैसी योजनाएं उपलब्ध हैं। 30 सितंबर, 2024 को वित्त मंत्रालय ने कहा था, 'वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही यानी 1 अक्टूबर, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 तक विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए अधिसूचित दरों के समान रहेंगी।' इसका मतलब है कि इस तिमाही के लिए सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।आइए, यहां अक्टूबर-दिसंबर 2024 के लिए 7.5% से 8.2% तक ब्याज दरों की पेशकश करने वाली छोटी बचत योजनाओं के बारे में जानते हैं।

1. सीनियर सिटीजन सेविंग्‍स स्‍कीम

सीनियर सिटीजन सेविंग्‍स स्‍कीम यानी एससीएसएस ऐसी सरकारी स्‍कीम है जो वरिष्ठ नागरिकों और रिटायर्ड कर्मचारियों को रेगुलर इनकम प्रदान करती है। एससीएसएस खाते को 1000 रुपये की न्यूनतम जमा राशि से खुलवाया जा सकता है। इसकी अधिकतम सीमा 30 लाख रुपये है। अक्टूबर-दिसंबर, 2024 के लिए यह स्‍कीम सालाना 8.2% ब्याज की पेशकश करती है।

2. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट

पांच साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट के तहत निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कटौती के लिए योग्य है। टाइम डिपॉजिट के लिए न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये है। आपको 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 5 साल की सावधि जमा पर 7.5% की ब्याज दर मिलती है।

3. नैशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट

नैशनल सेविंग्‍स सर्टिफिकेट (NSC) सरकार समर्थित बचत योजना है जो निश्चित रिटर्न और टैक्‍स बेनिफिट प्रदान करती है। इस योजना के तहत जमा आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती के लिए योग्य है। जमा की तारीख से पांच साल पूरे होने पर जमा राशि मैच्‍योर हो जाती है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र अक्टूबर-दिसंबर, 2024 की तिमाही के लिए 7.7% का ब्याज प्रदान करता है। इंडिया पोस्ट की वेबसाइट के अनुसार, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दर की गणना सालाना की जाती है। लेकिन, भुगतान मैच्‍योरिटी पर किया जाता है।

4. किसान विकास पत्र (KVP)

किसान विकास पत्र (KVP) एक कम जोखिम वाला निवेश है जो गारंटीड रिटर्न और निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है। निवेश की गई राशि 115 महीनों (9 साल और 7 महीने) में दोगुनी हो जाती है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए KVP सालाना 7.5% की ब्याज दर प्रदान करता है। ब्याज दर का कैलकुलेशन सालाना होता है।

5. महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र

महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र (MSSC) सरकार समर्थित योजना है जो महिलाओं और लड़कियों को 2,00,000 रुपये तक का निवेश करने में सक्षम बनाती है। इस योजना के तहत मार्च 2025 तक निवेश किया जा सकता है। इंडिया पोस्ट की वेबसाइट के अनुसार, 'खाता खोलने की तारीख से दो साल बाद देय राशि जमाकर्ता को दे दी जाएगी।' यह स्‍कीम सालाना 7.5% की ब्याज दर प्रदान करती है। ब्याज का कैलकुलेशन तिमाही आधार पर किया जाता है।

6. सुकन्या समृद्धि योजना

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) बेटियों के माता-पिता के लिए शानदार बचत स्‍कीम है। इस योजना के तहत जमा आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती के लिए योग्य है। अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के तहत टैक्‍स फ्री है। सुकन्या समृद्धि खाता अभिभावक की ओर से तब तक ऑपरेट किया जाता है जब तक कि बेटी बालिग यानी 18 साल की न हो जाए। सुकन्या समृद्धि योजना में अक्टूबर-दिसंबर, 2024 की तिमाही के लिए 8.2% ब्याज है।

अक्टूबर-दिसंबर, 2024 के लिए छोटी बचत स्‍कीमों की ब्याज दरें

योजना का नाम ब्याज दर (01.10.2024 से 31.12.2024 तक) परिपक्वता अवधि
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 8.2% 1 साल
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (VIII अंक) 7.7% 5 साल
किसान विकास पत्र 7.5% 115 महीने
महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र 7.5% 2 साल
सुकन्या समृद्धि खाता योजना 8.2% 21 वर्ष या बेटी के विवाह तक
5 साल की सावधि जमा 7.5% 5 साल


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