फरीदाबाद: साइबर ठग पहले देश में रहकर ग्रुप बनाकर लोगों को ऑनलाइन निवेश और पार्ट टाइम जॉब (टास्क फ्रॉड) के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे थे। अब ठगों ने भारतीय नंबरों के सिम का प्रयोग कर दुबई से बैठकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। इन सिम को भारत से दुबई तक भेजने के लिए ठग कूरियर और लोगों की मदद ले रहे हैं। आरोपी इन सिम को गरीब व्यक्तियों को ऑफर और पैसे का लालच देकर ले लेते हैं। इसके साथ ही अकाउंट के लिए भी ठग मोटी रकम खर्च कर रहे हैं। अचार के डब्बों में दुबई सप्लाई हो रहा है सिम पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सौरभ सिम जुटाने और उसे आगे अंकित और दिव्यांशु दुबई इस सिम को सप्लाई करते थे। आरोपी सौरभ बुलंदशहर और अलीगढ़ में लोगों को सिम खरीदने पर टैब और मोबाइल गिफ्ट में मिलने का लकी ड्रॉ का ऑफर देता था। इस तरह से वो गरीब रिक्शा चालकों और रेहड़ी लगाने वालों की आईडी पर सिम लेता था। जिसके बाद इन सिम को एक हजार रुपये में अंकित और दिव्यांशु को बेच देता था। इस तरह से उसने 400 सिम जुटाकर आगे सप्लाई करने के लिए दिव्यांशु को देने के लिए रखे थे उससे पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 250 सिम नवंबर में दुबई किए थे सप्लाई आरोपी दिव्यांशु जोकि बीसीए का स्टूडेंट हैं वो नवंबर में दुबई गया था। इस दौरान वो अचार के डब्बे में 250 सिम जोकि सौरभ ने उसे दिए थे वो लेकर गया। ये सिम उसने दुबई में टोनी नाम के व्यक्ति को दिए। टोनी दुबई से इस पूरी ठगी को ऑपरेट करता है। पूछताछ में सामने आया कि डार्क वेब के जरिए दिव्यांशु टोनी के संपर्क में आया था। एक से डेढ़ लाख में बेचते थे अकाउंट गिरफ्तार आरोपी शमीम 8वीं पास है। वो अकाउंट देने का काम करता है। उसने इस मामले में खुद का अकाउंट एक लाख रुपये में आरोपी अंकित वर्मा को बेचा था। अंकित वर्मा बीएड पास है और वो भी सीधा दुबई ठगों से डीलिंग में शामिल है। इसके साथ ही एक अन्य आरोपी रौशन कुमार ने भी कई अकाउंट मोहिया कराए हैं। उसने ये अकाउंट डेढ़ से दो लाख रुपये में आरोपी अंकित को दिए थे। एक बैंक अकाउंट में कम से कम 07 करोड़ के हुए ट्रांजैक्शनपुलिस जांच में इन आरोपियों के पास से आठ बैंक अकाउंट बरामद हुए हैं। एक बैंक अकाउंट में आरोपियों के 07 करोड़ रुपये एक दिन में ट्रांजैक्शन मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि इन सभी बैंक अकाउंट में 50 करोड़ से अधिक की ठगी के पैसे क्रिप्टो में कन्वर्ट किए गए हैं। ऐसे में इन ठगी का तीन पर्सेन्ट दिव्यांशु और अंकित कमा रहे हैं।
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