पटना: एक कहावत है सिर मुड़ाते ओले पड़े। जमुई लोकसभा से चुनाव लड़ रहे अरुण भारती अभी दलित सर्टिफिकेट को लेकर चर्चा में आए थे। अब एक नई मुश्किल सामने आ गई। जमुई की राजनीति में नरेंद्र सिंह के परिवार का अपना एक अलग प्रभाव रहा है। ऐसे में नरेंद्र सिंह के बेटे अजय प्रताप का राजद का दामन थाम लेना खतरे की घंटी से कम नहीं है। वो भी तब, जब लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आरोप लगाया था कि सुमित सिंह हमारे विरुद्ध रणनीति बना रहे हैं और विपक्ष को मजबूत कर रहे हैं। हालांकि, चिराग पासवान की 2019 लोकसभा चुनाव में विजय ही मिली। मगर, इस बार तो नरेंद्र सिंह के बेटे अजय प्रताप ने राजद का दामन थाम लिया। ऐसे में एनडीए का नैतिक विरोध करने का अधिकार तो नरेंद्र सिंह के बेटे अजय प्रताप को बनता ही है।
चिराग विरोधी तो पहले से थे सुमित
वर्ष 2021 में सुमित सिंह का एक बयान वायरल हुआ था। इस वीडियो में वे ये कहते नजर आ रहे हैं कि 'चिराग पासवान तो हवाबाज नेता हैं, ये क्या अपने मेहनत और पराक्रम से जमुई लोकसभा जीते थे? ये तो पी एम नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद और नीतीश कुमार के किए विकास कार्य के कारण जीते थे। आने वाले दो-तीन माह में पंचायत चुनाव होने वाले हैं, हिम्मत है तो चिराग अपनी ताकत आजमा लें।'अब अजय प्रताप ने थामा राजद का दामन
सूत्र बताते हैं कि पूर्व विधायक अजय प्रताप की मुलाकात पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पटना में हुई थी। इस भेंट के बाद चर्चा ये हो रही थी कि अजय प्रताप राजद में शामिल होंगे। वैसे भी भाजपा से नाराज अजय प्रताप के लिए कोई चारा नहीं रहा। दरअसल, अजय प्रताप ने वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव चिन्ह पर जमुई के विधायक बने। मगर, 2015 में उन्हें राजद के विजय प्रकाश ने हरा दिया। 2020 में भाजपा ने गच्चा दे दिया। भाजपा रणनीतिकार ने वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह को चुनावी जंग में उतारा। श्रेयसी सिंह के हाथों राजद के विजय प्रकाश पराजित हो गए। श्रेयसी के आने के बाद भाजपा की राजनीति अजय के लिए समाप्त हो गई। अब इन्हें राजनीतिक करियर के लिए कोई अन्य दल में जाना ही था। 6 अप्रैल को जमुई में तेजस्वी की सभा में अजय प्रताप ने राजद की सदस्यता ले ली।कुछ बदले-बदले दिख रहे सुमित सिंह
एक शुभ संकेत ये जरूर है कि बिहार सरकार में मंत्री सुमित कुमार सिंह हाल ही में एक साक्षात्कार में ये कहते नजर आ रहे हैं कि चिराग पासवान से मेरे रिश्ते अच्छे रहे हैं। संवाददाताओं से बात करते उन्होंने ये भी कहा कि चिराग पासवान से मेरा रिश्ता छत्तीस का कभी भी नहीं रहा है। मेरा उनका रिश्ता तो बड़े भाई छोटे भाई का है। ये सब मीडियावाले खबर को मसालेदार बनाने के लिए करते हैं। इस बार भी चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती की जीत होगी। मेरी पहुंच का एक-एक वोट एनडीए उम्मीदवार को पड़ेगा।कास्ट सर्टिफिकेट का उठा था मामला
अरुण भारती का जातीय सर्टिफिकेट का भी मामला उठा था। बताया यह जा रहा है कि इन्होंने नामांकन तो कर दिया मगर, जाति प्रमाण के लिए जरूरी कागजात जमा नहीं किए थे। परंतु इन सब आरोपों से इतर चुनाव आयोग ने अरुण भारती का पर्चा स्वीकार कर लिया। अब वे आराम से चुनाव प्रचार कर सकते हैं।from https://ift.tt/ZXwWEqp
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