Tuesday, April 16, 2024

कांग्रेस के मेनिफिस्टो में OPS का जिक्र तक नहीं, गहलोत ने अटकाया ERCP प्रोजेक्ट, राजस्थान में बरसीं निर्मला सीतारमण

जयपुर: केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को एक दिवसीय जयपुर दौरे पर रही। इस दौरान वे मीडिया से मुखातिब हुई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ओल्ड पेंशन स्कीम का जिक्र तक नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि गहलोत की यह स्कीम सही नहीं थी। केंद्रीय नेताओं ने गहलोत की इस योजना को प्री मेच्योर माना है। यही वजह है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने गहलोत की स्कीम को खारिज कर दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ जनता को भ्रमित करने का काम करती है। कर्मचारियों को लुभाने के लिए उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम का दांव खेला था लेकिन वह फेल हो गया।

ओपीएस लागू करना गहलोत का गलत फैसला था

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करना गहलोत का गलत फैसला था। यह नामुमकिन वादा था लेकिन उन्होंने जिद की थी कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तब ओल्ड पेंशन स्कीम लाएंगे। गहलोत के इस फैसले से उनकी ही पार्टी के नेता सहमत नहीं थे क्योंकि वे जानते थे कि यह संभव नहीं है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने यही प्रलोभन देकर चुनाव जीत लिया। उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करके वोट बटोरना कांग्रेस का काम रह गया है।

गहलोत की वजह से अटकी थी ईआरसीपी

निर्मला सीतारमण ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वजह से पूर्व राजस्थान नहर परियोजना का काम पांच साल तक अटका रहा। मध्यप्रदेश ने खूब कोशिश की कि ईआरसीपी और पीकेसी पर समझौता हो ताकि केंद्र से मंजूरी मिल सके लेकिन गहलोत ने ऐसा नहीं होने दिया। वे चाहते तो इसे पूरा कर सकते थे लेकिन चुनावी फायदे के लिए उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भजनलाल सरकार बनते ही इस प्रोजेक्ट पर समझौता हो गया और केंद्र से मंजूरी भी मिल गई। ये काम पहले भी हो सकता था लेकिन गहलोत ने जानबूझकर रुकावटें पैदा की।

2014 से पहले देश होप लेस था - निर्मला सीतारमण

जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित सीए सम्मेलन में भी केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुई। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से पहले देश होप लेस था। पिछले 10 सालों में देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्वास के साथ आगे बढ़ा है। आज देश में निराशा नहीं बल्कि लोगों को आशा है। हर तरफ सकारात्मकता का माहौल है। अंतिम तिमाही में अर्थव्यवस्था ने 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है। यह बताता है कि भारतीय किस गति से ग्रोथ करना चाहता है।


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