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नई दिल्ली: सरकार खाने-पीने की चीजों के निर्यात को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए वह के विस्तार की योजना बना रही है। उसका सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्लान है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले (EIC) ने निर्यात के लिए फूड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विस्तृत अध्ययन शुरू किया है। यह अध्ययन अगले 2-3 महीनों में पूरा हो जाएगा। इसके बाद खाने-पीने की चीजों की टेस्टिंग के लिए और बेहतर सुविधाएं बनाने की पूरी योजना बनाई जाएगी। ईआईसी निर्यात के लिए निरीक्षण, परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रेसेबिलिटी मॉड्यूल भी शुरू करने वाली है। नई लैब अहमदाबाद, फरीदाबाद और मैंगलोर में स्थापित की जा रही हैं। ईआईसी उत्पादों के लिए अलग-अलग देशों के साथ म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट (MRA) और एमओयू पर भी हस्ताक्षर कर रही है। इसका उद्देश्य अपनी प्रक्रियाओं को वैश्विक मान्यता दिलाना है।
फूड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में गैप का अध्ययन
वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव नितिन कुमार यादव ने बताया है कि फूड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में गैप की पहचान की जा रही है। उम्मीद है कि अध्ययन 2-3 महीनों के भीतर पूरा हो जाएगा। इसके बाद और अधिक समग्र तरीके से बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए व्यापक योजना विकसित होगी। यादव ने यह भी बताया कि परिषद IoT-आधारित सैम्पलिंग तकनीकों जैसी उन्नत तकनीकों को अपना रही है।यह पहल ऐसे समय में हो रही है जब भारत ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) पर बातचीत कर रहा है। इससे घरेलू मानकों में सुधार की उम्मीद है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे बाजारों में खाद्य पदार्थों के निर्यात की भी काफी संभावनाएं हैं। इसने 2022 में भारत के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किए थे।देशभर में परीक्षण सुविधाओं में बढ़ोतरी
यादव ने कहा, 'हम भारत के लिए MRA स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। हम अन्य देशों की आवश्यकताओं का भी अध्ययन कर रहे हैं। इन समझौतों को सुविधाजनक बनाने के लिए क्षमताओं का निर्माण किया जा रहा है।'मंत्रालय के अनुसार, निर्यात निरीक्षण परिषद यानी ईआईसी ने देश भर में परीक्षण सुविधाओं में बढ़ोतरी की है। मानता प्राप्त प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़कर 78 हो गई है। EIC प्रणाली के जरिये स्वीकृत निर्यात प्रतिष्ठानों की संख्या पिछले एक दशक में 794 से बढ़कर 1,446 हो गई है। मंत्रालय ने कहा, 'आयात करने वाले देशों की ओर से मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र एक दशक में लगभग दोगुने हो गए है। इनकी संख्या 61,000 से बढ़कर 120,000 से अधिक हो गई है। 2013-14 में ISO 17025 मानकों वाली मान्यता प्राप्त 21 प्रयोगशालाए थीं। ये बढ़कर 2024-25 में 78 हो गई हैं।from https://ift.tt/o8iyFCf
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