Monday, May 19, 2025

मैं खुद भी एक पीड़ित हूं... प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर बोले उपराष्ट्रपति धनखड़, चीफ जस्टिस का जताया अभार, क्या है मामला?

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति ने चीफ जस्टिस बी आर गवई के विचारों को दोहराते हुए सोमवार को कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरों के बगल में उपराष्ट्रपति की तस्वीर नहीं होने को लेकर दुख जताया। धनखड़ ने कहा कि वह भी एक तरह से प्रोटोकॉल के 'पीड़ित' हैं। उन्होंने कहा, 'आपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीर देखी होगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं। अपना कार्यकाल समाप्त होने पर मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरे उत्तराधिकारी की तस्वीर जरूर हो।'

क्या है मामला?

ने रविवार को इस बात को लेकर नाराजगी जताई थी कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त, शीर्ष न्यायिक पद पर (गवई के) पदोन्नत होने के बाद राज्य के उनके पहले दौरे के दौरान उनका स्वागत करने के लिए मौजूद नहीं थे। उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर 14 मई को शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई में थे। उनकी टिप्पणी के कुछ घंटों बाद, जब प्रधान न्यायाधीश गवई समाज सुधारक और संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए दादर में बी आर आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल चैत्यभूमि गए, तब ये तीनों शीर्ष अधिकारी उस समय मौजूद थे।

'...सीजेआई का वास्तव में आभारी हूं'

सोमवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, धनखड़ ने कहा कि आज सुबह उन्हें 'देश में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बात याद आई, और यह मेरे बारे में नहीं है... हमें प्रोटोकॉल में विश्वास करना चाहिए।' धनखड़ ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा, 'देश के प्रधान न्यायाधीश और प्रोटोकॉल को बहुत महत्व दिया जाता है। जब उन्होंने यह संकेत दिया, तो यह व्यक्तिगत नहीं था, यह उनके पद के लिए था। और मुझे यकीन है कि यह बात सभी को ध्यान में रखनी चाहिए।' उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, 'लेकिन मैं नौकरशाहों का ध्यान आकर्षित करने के लिए मौजूदा सीजेआई का वास्तव में आभारी हूं। प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है।'


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