
पटना: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में हमेशा बिहार का दबदबा रहा है। इस बार छात्रसंघ चुनाव में बिहार के अररिया के रहने वाले नीतीश कुमार ने सफलता हासिल की है। नीतीश कुमार ने के छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। उसके अलावा इस चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव जैसे पदों पर आइसा और डीएसएफ के वाम संगठनों ने जीत हासिल की है। जेएनयू एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। यहां से राजनीतिक की नई पौध निकलती है। इस संस्थान ने देश को कई बड़े राजनेता और नामचीन आईएएस, आईपीएस अधिकारी के अलावा राजदूत दिए हैं।
विवादों से नाता
जेएनयू हाल के दिनों में अपने प्रदर्शनों को लेकर विवादों में भी रहा है। माना जाता है कि यूनिवर्सिटी के सियासी विंग पर वाम दलों का कब्जा है। वामपंथी विचारधारा को मानने वाले छात्र यहां ज्यादा हैं। कन्हैया कुमार जैसे पूर्व अध्यक्ष पर देशद्रोह के आरोप भी लगे। कन्हैया कुमार काफी चर्चित रहे। बिहार के कई छात्रों ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। कोई नेता बना। कोई किसी राजनीतिक संगठन में सक्रिय है। एक पूर्व अध्यक्ष की सिवान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कुल मिलाकर बिहार और जेएनयू का कनेक्शन काफी तगड़ा रहा है।शकील अहमद खान
बिहार विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता और कटिहार के कदवा से विधायक शकील अहमद खान भी जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। वामपंथी विचारधारा की राजनीति करने वाले शकील अहमद खान बाद के दिनों में कांग्रेस में शामिल हो गए। उसके अलावा बिहार के एक और युवा नेता चंद्रशेखर, जिनकी हत्या सिवान में शहाबुद्दीन ने करवा दी थी। चर्चा में रहे थे। चंद्रशेखर वर्ष 1994 में आइएसा से जेएनयू के अध्यक्ष चुने गए थे। उनकी हत्या 1997 में कर दी गई थी। उस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उसके बाद शहाबुद्दीन भी चर्चा में आए।कन्हैया कुमार चर्चा में
वर्ष 2015 में बेगूसराय के रहने वाले कन्हैया कुमार, जो इन दिनों कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। कन्हैया को जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल हुई। उन्होंने 2019 और 2024 में कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गए। हाल में कन्हैया ने बिहार में नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा शुरू की थी। उसे लेकर काफी चर्चा में भी रहे थे। वर्ष 2024 में गया के रहने वाले दलित युवा धनंजय ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी। वे जेएनयू में पीएचडी के छात्र हैं। वे सामाजिक न्याय के लिए लगातार सक्रिय रहते हैं और काम करते हैं।नीतीश कुमार को मिली जीत
हाल के हुए चुनाव में अररिया के रहने वाले नीतीश कुमार ने आइसा- डीएसएफ के संयुक्त समर्थन से जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव जीत गए हैं। कुल मिलाकर नीतीश कुमार बिहार के 5वें ऐसे छात्र हैं, जिन्हें अध्यक्ष पद पर जीत हासिल हुई है। वे शिक्षा में सुधार के लिए आंदोलन भी कर रहे हैं। नीतीश कुमार की चर्चा इन दिनों जोरों पर है। जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव पूरे देश की राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनता है। बिहार के कई बड़े नेता विश्वविद्यालय की राजनीति की उपज हैं। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार जैसे नेता पटना यूनिवर्सिटी की राजनीति से निकले हैं। वहीं जेएनयू से अरुण जेटली सहित सीताराम येचुरी जैसे नेता निकले।from https://ift.tt/nRKAsmv
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