अस्ताना: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को भारत और चीन को करीबी सहयोगी और साझेदार” करार देते हुए कहा कि दोनों कद्दावर एशियाई देशों ने हमेशा बातचीत शुरू करने और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता के बारे में बात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग एक महीने पहले उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के दौरान पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है। इसके बाद पुतिन का यह बयान आया है। पुतिन ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही, जहां वह पहले रूस-मध्य एशिया सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए थे। सम्मेलन के दौरान रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने इन देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संवाद बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा की। पुतिन बोले- भारत और चीन ने संवाद से संघर्ष हल करने की बात की है रूस की सरकारी स्वामित्व वाली समाचार एजेंसी ‘तास’ की खबर के अनुसार पुतिन ने यूक्रेन से वार्ता में चीन और भारत की संभावित मध्यस्थता के बारे में बात करते हुए कहा कि बीजिंग और नयी दिल्ली ने हमेशा संवाद कायम करने और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता के बारे में बात की है। पुतिन ने जोर देकर कहा, “हम उनका रुख जानते हैं। ये हमारे करीबी सहयोगी और साझेदार हैं और इनके रुख का सम्मान करते हैं। रूस का इरादा यूक्रेन को बर्बाद करने का नहीं है पुतिन ने कहा कि रूस का यूक्रेन को नष्ट करने का कोई इरादा नहीं था। अब रूसी सेना को यूक्रेनी सैन्य बुनियादी ढांचे के खिलाफ हमलों की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि जहां तक मुझे पता है, यूक्रेनी सेना के 29 सैन्य ठिकानों में से सात रूसी रक्षा मंत्रालय की योजना के अनुसार हिट नहीं हुए थे। लेकिन, अब इन ठिकानों को धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है। कम से कम अभी के लिए बड़े पैमाने पर किसी स्ट्राइक की कोई आवश्यक्ता नहीं है।
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