Tuesday, October 11, 2022

दिल्ली: धर्मांतरण और हिंदू देवी-देवताओं की निंदा के मामले में आप नेता राजेंद्र गौतम से फिर हुई पूछताछ

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के पूर्व मंत्री से एक धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति के बारे में दर्ज शिकायत को लेकर दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक पूछताछ की। इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं की कथित तौर पर निंदा की गई थी। दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफे के एक दिन बाद सोमवार को पुलिस ने इस धर्मांतरण कार्यक्रम में गौतम की उपस्थिति के सिलसिले में उनसे उनके निवास पर पूछताछ की थी। बाद में उन्हें मंगलवार को पहाड़गंज थाने में अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए औपचारिक नोटिस दिया गया। धर्मांतरण कार्यक्रम के अन्य आयोजकों से भी होगी पूछताछ पुलिस के अनुसार गौतम करीब ढाई बजे पहाड़गंज थाने में पूछताछ में शामिल हुए। पुलिस उपायुक्त (मध्य) श्वेता चौहान ने कहा, 'राजेंद्र पाल गौतम के खिलाफ शिकायत थी। इसलिए उन्हें इस मामले की जांच के तहत पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उनसे शिकायत के संबंध में सवाल पूछे गए।' उन्होंने बताया कि कि जांच पूरी होने के बाद वह शाम करीब साढ़े पांच बजे थाने से चले गए। पुलिस के अनुसार, गौतम से घटनाओं के क्रम, विवाद से जुड़े उनके कथित भाषण के पीछे की मंशा, निमंत्रण समेत कार्यक्रम से जुड़े दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की गयी गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हम जल्द ही कार्यक्रम के अन्य आयोजकों से भी पूछताछ करेंगे।' गौतम के खिलाफ अभी एफआईआर नहीं पुलिस ने कहा कि आप नेता के विरूद्ध अभी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। गौतम ने कहा, 'मुझसे आज पूछताछ की गई। वे (पुलिस) कह रहे हैं कि कल पूछताछ के लिए एक बार फिर नोटिस जारी करूंगा। मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उनसे कहा कि जब तक वे मुझे लिखित में नहीं देते कि मुझसे किस धारा के तहत पूछताछ करना चाहते हैं, तब तक मैं जांच में शामिल नहीं होऊंगा।' उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि कल मुझे वे कौन सा नोटिस जारी करेंगे। अगर मुझे बिना मामला दर्ज किए केवल पूछताछ के बहाने बुलाया जाता है तो मैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। मैं वकील हूं और कानून का पालन करूंगा। मैं कानून-पालन करने वाला नागरिक हूं।' गौतम ने कहा, 'हम बाबासाहेब आम्बेडकर और भारतीय संविधान को मानने वाले लोग हैं। मैं अन्याय के खिलाफ लड़ूंगा।' पुलिस के नोटिस में क्या है, जानें नोटिस के अनुसार 5 अक्टूबर को गौतम ने आम्बेडकर भवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां 'कुछ ऐसे शब्द सार्वजनिक रूप से कहे गए जिससे आम लोगों में नाराजगी है।' नोटिस में कहा गया है, 'इस संबंध में लिखित शिकायतें मिली हैं... जांच के दौरान (यह निष्कर्ष निकला कि) कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई तय करने के लिए आपकी मौजूदगी (पेशी) बहुत जरूरी है।' उसमें कहा गया है, 'आपको सभी दस्तावेजों के साथ पहाड़गंज थाने में पेश होने का अनुरोध किया जाता है/निर्देश दिया जाता है। यदि आप पेश नहीं होते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपको अपनी ओर से कुछ कहना या सफाई देना नहीं है।फिर कानून के मुताबिक इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा।' विवाद के बाद गौतम ने छोड़ा मंत्री पद गौतम ने इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर उठे विवाद के कारण रविवार को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया था और उन पर 'हिंदू विरोधी' होने का आरोप लगाया था। ट्विटर पर साझा किए गए एक पत्र में गौतम ने कहा कि वह निजी हैसियत से इस कार्यक्रम में गए थे तथा इसका उनकी पार्टी या सरकार से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने केजरीवाल और आप को निशाना बनाने के लिए भी भाजपा की निंदा की थी और आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे पर 'गंदी राजनीति' कर रही है। दिल्ली सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/जनजाति मंत्री रहे गौतम ने कहा था कि वह मंत्रिपद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि उनकी वजह से उनके नेता या आप किसी संकट में फंसे।


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