जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने के लिए फिर से गद्दारी वाला बयान दिया है। इस पर सचिन पायलट ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पायलट ने कहा कि गहलोत जी वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। उन्हें इस तरह के बयान शोभा नहीं देते हैं। पायलट ने कहा कि उन्होंने मुझ पर नकारा, निकम्मा और गद्दार जैसे आरोप लगाए हैं, जो बेबुनियाद है। सचिन पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत जी दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद हुए दोनों चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। तीसरी बार आलाकमान ने गहलोत जी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया तो हम सब ने स्वागत किया। पायलट ने कहा कि आज हम सब का ध्येय सरकार को रिपीट करने का होना चाहिए। ऐसे समय में गहलोत जी जैसे सीनियर नेता को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए। 'गहलोत के तीसरी बार सीएम बनाने जाने के फैसले को हमसब ने माना'पायलट ने सीएम के 'गद्दार' का जवाब एहसान गिनाते हुए दिया। पायलट ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में मेरे प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर बीजेपी को हराया था। तब हमारी सरकार बनी थी। गहलोत साहब दो बार सीएम बने। उनके सीएम रहते हुए हम लोग दो बार पार्टी चुनाव हारी। इसके बावजूद तीसरी बार पार्टी आलाकमान ने कहा कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनना है तो हम लोगों ने इस फैसले को स्वीकार किया। मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं पायलट: गहलोत दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा कि जिसने गद्दारी की है, उसे मुख्यमंत्री कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने साफ तौर पर सचिन पायलट का नाम लेकर कहा कि पायलट तो मुख्यमंत्री बन ही नहीं सकते क्योंकि उनके पास तो महज 10 विधायक हैं। 2020 में मेरी वजह से ही बची कांग्रेस सरकार: गहलोत गहलोत ने कहा कि जुलाई 2020 में जब सियासी संकट आया था। तब उनके साथ 102 विधायक थे। उन्हीं के कारण सरकार बची थी। उन सभी को पायलट मंजूर नहीं है और स्वाभाविक तौर पर मुझे भी मंजूर नहीं है। (रिपोर्ट - रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
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