नई दिल्ली: अगर आप इस साल रेपो रेट में में कटौती की उम्मीद लगाए हुए हैं तो आपके लिए अच्छी खबर नहीं है। इस साल रेपो रेट में कटौती के आसार नहीं हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नीतिगत ब्याज दर में लगातार दूसरी बार बदलाव नहीं करने के बावजूद विश्लेशकों का मानना है कि मुद्रास्फीति पर केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में रेपो दर में कटौती की संभावना नहीं है। हालांकि सभी जानकारों को उम्मीद है कि रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का सिलसिला दिसंबर में होने वाली मौद्रिक समीक्षा तक जारी रहेगा। उन्होंने रेपो दर में पहली गिरावट फरवरी, 2024 की समीक्षा बैठक में होने की उम्मीद जताई है।एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा, "जहां आरबीआई गवर्नर वृद्धि को लेकर उत्साहित हैं और मुद्रास्फीति पर कम हुए दबाव को समझते हैं वहीं वह मुद्रास्फीति के भविष्य के बारे में अधिक सतर्क भी हैं। वह मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के करीब रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने भी कहा कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा और केवल 2024 की मार्च तिमाही में कटौती शुरू करेगा।यूबीएस इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन को उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी, 2024 की बैठक में पहली बार दर में कटौती करेगा। इससे पहले वह दिसंबर, 2023 की समीक्षा में ऐसा होने की उम्मीद कर रही थीं।एमपीसी की बैठक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के अप्रैल में 18 महीनों के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आने के बाद हुई है। आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में संकेत दिए थे कि मई में यह आंकड़ा अप्रैल से भी नीचे जा सकता है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा था कि आरबीआई के ब्याज दरों पर विराम लगाने और नीतिगत दर रेपो के 6.5 प्रतिशत पर ही रहने की बहुत ज्यादा संभावना है। इस बैठक में हुआ भी ऐसा ही है। मई के लिए सीपीआई की घोषणा 12 जून को होगी।
from https://ift.tt/yhb2DSi
No comments:
Post a Comment