नीमच: मध्यप्रदेश के 200 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। अग्रवाल सोया के मालिक पर 200 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है। इससे पहले अग्रवाल सोया के मालिक दीपक सिंघल का नाम मादक पदार्थ की तस्करी, टैक्स चोरी तथा टेरर्र फंडिग के मामलों में आ चुका है। अब उज्जैन की ईओडब्ल्यू टीम ने दावा किया है कि किया गया है। ईओडब्ल्यू ने बुधवार जानकारी देते हुए बताया कि नीमच की अग्रवाल सोया कंपनी ने 36 बोगस फर्म बनाकर व्यापार दर्शाया और 10 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की।इस तरह करीब 200 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर गबन, धोखाखड़ी सहित विभिन्न धाराओं में केस किया है। दो साल पहले की गई शिकायत में जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने शिकायत करने वाले इंदौर के बिजनेसमैन को भी आरोपी बनाया है।खली और तेल व्यापार की आड़ में घोटालाईओडब्ल्यू की टीम ने बताया कि 2019 में सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी औद्योगिक क्षेत्र धामनिया के खिलाफ टैक्स चोरी की शिकायत मिली थी। सीजीएसटी टीम इसकी जांच कर ही रही थी, तभी इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी ने ईओडब्ल्यू को शिकायत की। जिसमें बताया कि अग्रवाल सोया कंपनी के साथ दूसरी और भी फर्जी कंपनियों ने करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है। जांच में पता चला कि अग्रवाल सोया कंपनी के मालिक गोपाल सिंघल, दीपक सिंघल सहित 80 लोगों ने धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से 36 फर्जी कंपनियां बनाई।इन कंपनियों ने खली व तेल के व्यापार की आड़ में अब तक 200 करोड़ का घोटाला किया। बुधवार को अग्रवाल सोया कंपनी के साथ ही सभी कंपनियों और उनके मालिकों के खिलाफ केस किया गया है। अब मामले में जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।2019 की शिकायत पर अब दर्ज हुई रिपोर्ट नीमच स्थित अग्रवाल सोया कंपनी ने 2017 से 2022 के बीच 36 बोगस फर्म और इनके मालिकों के साथ मिलकर कूटरचित इनवॉइस बिल, बिल्टी तैयार किए। सोयाबीन डीओसी (डी-ऑइल केक) की फर्जी खरीद-फरोख्त बताई। गोपाल सिंघल, शालिनी सिंघल, दीपक सिंघल, नवनीत गर्ग ने अपनी कंपनी अग्रवाल सोया के मालिक के रूप में फर्जी ट्रांसपोर्ट नारायण फाइट कैरियर, आदर्श नगर, इंदौर सहित अन्य बोगस फर्म के बिल लगाकर 2 अरब का फर्जीवाड़ा किया। साथ ही 10 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की। इसकी शिकायत 2019 में हुई थी, जिसमें अब जाकर केस दर्ज किया है।इसे भी पढ़ें- शिकायतकर्ता ही निकला आरोपीकार्रवाई से बचने के लिए शिकायत की थी। अब जांच में खुद शिकायतकर्ता ही आरोपी बन गया। ईओडब्ल्यू के अनुसार आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाने के लिए जिन्हें डायरेक्टर बताया, उनके नाम रिकॉर्ड में नकली दर्शाए। खास बात यह है कि मामले की शिकायत करने वाला इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी का मालिक कपिल है। इसे भी ईओडब्ल्यू ने मामले में आरोपी बनाया है, क्योंकि कपिल भी फर्जी कंपनियों में शामिल था। उसने कार्रवाई से बचने के लिए ही शिकायत की थी। ईओडब्ल्यू की जांच में झूठ पकड़ा गया।मास्टर माइंड दीपक सिंघल इस पूरे मामले का मास्टर माइंड दीपक सिंघल है। जिसने शातिराना तरीके से फर्जी फर्में बनाई और सभी अलग-अलग व्यापार दर्शाया। दीपक सिंघल पर मादक पदार्थ की तस्करी, टेरर फंडिंग सहित टैक्स चोरी के मामले हैं। 2015-16 में दीपक सिंघल तस्करी के मामले में हरियाणी की पानीपथ जेल में करीब 2 साल बंद रहा। इसी तरफ अग्रवाल सोया पर दो बार जीएसटी टीम सर्वे कर चुकी है। जबकि पिछले माह 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने खुलासा किया था कि दीपक सिंघल प्रतिबंधित पीएफआई संगठन को फंडिंग की है।
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