Wednesday, November 15, 2023

पापा कैसे हो? बेटे के सवाल पर गब्बर ने कहा- मैं ठीक हूं... उत्तराखंड टनल हादसे में बढ़ी परिजनों की चिंता

देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों के परिजनों का हाल- बेहाल है। वे अपने परिजनों की चिंता कर रहे हैं। सरकार और तमाम एजेंसियां इस कार्य में लगी हुई हैं। यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों का रेस्क्यू मिशन काफी धीमी गति से चल रहा है। इसको लेकर उनके परिवार में चिंता की लहर बढ़ने लगी है। सुरंग में फंसे मजदूरों के परिजन अब घटनास्थल पर पहुंचने लगे हैं। उनका आक्रोश भी सामने आ रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड निवासी महाराज सिंह नेगी भी सिलक्यारा सुरंग के पास पहुंचे हैं। उनके भाई गब्बर सिंह नेगी सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं। गब्बर के बेटे आकाश सहित अपने परिवार के साथ सोमवार देर रात घटनास्थल पर पहुंचे।आकाश वॉकी-टॉकी का उपयोग करके अपने पिता से बात करने में कामयाब रहा। बातचीत के दौरान आकाश ने सवाल किया, पापा कैसे हो? इस पर गब्बर ने कहा, मैं यहां ठीक हूं। उन्होंने बेटे को चिंता न करने को कहा। गब्बर ने बेटे को बताया कि वे बचाव दल के साथ लगातार संपर्क में हैं। आकाश ने कहा कि मेरे पिता न मुझे बताया कि बचाव दल अच्छा काम कर रही है। नियमित भोजन के पैकेट हमें मिल रहे हैं। हमारी बातचीत के बाद मैंने तुरंत अपनी मां से संपर्क किया। वह बहुत चिंतित थीं। हालांकि, महाराज सिंह बचाव प्रयासों को लेकर सशंकित हैं।

परिजनों के बाहर आने का इंतजार

महाराज सिंह नेगी ने कहा कि हम अपने परिजनों के बाहर आने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। हमने कंपनी के अधिकारियों और श्रमिकों से बात की है, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है। भोजन, पानी और दवाओं जैसी आवश्यक आपूर्ति नियमित रूप से उन तक पहुंच रही है। प्रशासन के प्रयास केवल आंशिक रूप से संतोषजनक हैं। करीब तीन दिन बीत चुका है। वे सुरंग के अंदर नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों से हम अनजान हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि वे कुछ घंटों में बाहर आ जायेंगे, अन्य लोग कहते हैं कि इसमें कई दिन लग सकते हैं।

झारखंड के सबसे अधिक मजदूर

उत्तराखंड टनल में फंसे 40 मजदूरों में से 15 झारखड के हैं। यहां पर फंसे 22 वर्षीय महादेव नायक की एक ऑडियो उनके परिवार को मिली है। इस पर परिवार की उम्मीदें टिकी हैं। इसमें महादेव दबी हुई आवाज में उड़िया में कहते सुनाई देते हैं कि वे सुरक्षित हैं। उनके दोस्त भी उनके सुरक्षित होने की बात कही जा रही है। महादेव पश्चिम सिंहभूम जिले के चेलाबेड़ा गांव के रहने वाले हैं और उनके परिवार को अभी तक दिवाली पर मिली खबर का एहसास नहीं हुआ है। किराने की दुकान चलाने वाले उनके भाई बोनू नायक ने कहा कि सोमवार शाम 6 बजे रिकॉर्डिंग मिलने तक परिवार बहुत परेशान था।

झारखंड सरकार ने भेजी टीम

प्रदेश के मजदूरों के सुरक्षित निकाले जाने को लेकर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेने के लिए झारखंड सरकार ने तीन सदस्यीय टीम भेजी है। टीम के सदस्य भवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि हमने गिरीडीह निवासी विश्वजीत कुमार वर्मा और सुबोध कुमार वर्मा से बात की है। उन्हें और सुरंग में फंसे तमाम श्रमिकों को आश्वस्त किया गया है। सरकार उनके साथ है। हम उन्हें घर तक सुरक्षित पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन टीम ने सूचित किया है कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। अन्य राज्यों के श्रमिकों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है।


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