Tuesday, March 11, 2025

दुनिया के प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद का नंबर 30वां, गुरुग्राम की रैंकिंग कितनी?

सचिन हुडा, फरीदाबाद: दुनिया भर के शहरों में एयर क्वॉलिटी पर नज़र रखने वाली संस्था आईक्यू एयर की तरफ से साल 2024 में दुनिया के प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई है। इस लिस्ट में हरियाणा के दो शहरों के नाम हैं। इसमें गुरुग्राम 15वें नंबर पर है तो फरीदाबाद को इस सूची में 30वां स्थान मिला है। हालांकि पिछले कई साल की तुलना में स्थिति में सुधार हुआ है। साल 2023 की रिपोर्ट में फरीदाबाद का 25वां स्थान था। पिछले 8 साल में रिपोर्ट से तुलना की जाए तो साल 2024 में स्थिति सबसे बेहतर रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का भी दावा है कि फरीदाबाद के प्रदूषण के स्तर में पिछले दिनों की तुलना में सुधार हुआ है।8954 शहरों की सूची हुई है जारीआईक्यू एयर की तरफ से दुनिया भर में 8954 शहरों में पीएम 2.5 के स्तर का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है। इसके अनुसार, फरीदाबाद की स्थिति में पिछले साल की तुलना में सुधार हुआ है। फरीदाबाद को इस बार 30वां स्थान मिला है, जबकि फरीदाबाद जिले में शामिल बल्लभगढ़ शहर 24वें स्थान पर है। साल 2024 में पीएम 2.5 का स्तर भी पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम रहा है, जिससे स्थिति में सुधार हुआ है। आईक्यू एयर की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में पड़ोसी जिले गुड़गांव में 15वीं रैंक मिली है। सात सालों में सबसे कम रहा प्रदूषणआईक्यू एयर की तरफ से जारी आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो साल 2017 में फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक था। उस समय की रिपोर्ट में फरीदाबाद प्रदूषण के मामले में दुनिया में 12वें स्थान पर था। साल 2020 में फरीदाबाद को 11वीं रैंक मिली थी, लेकिन पिछले कुछ समय में सुधार होने के चलते अब स्थिति थोड़ी ठीक हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद 30वें स्थान पर है, जबकि 2023 की रिपोर्ट में यह 25वें स्थान पर था। पिछले एक साल में पांच पायदान का सुधार हुआ है।76.8 रहा एयर क्वॉलिटी इंडेक्सआईक्यू एयर पीएम 2.5 के स्तर के आधार पर रिपोर्ट तैयार करता है। रिपोर्ट के अनुसार, फरीदाबाद में साल 2024 में पीएम 2.5 का औसत स्तर 76.8 दर्ज किया गया। साल 2023 की तुलना में यह लगभग तीन अंक कम है। 2023 की रिपोर्ट में पीएम 2.5 का स्तर 79.9 दर्ज किया गया था।पिछले कुछ साल में रैंक
साल रैंक
2024 30
2023 25
2022 19
2021 12
2020 11
2019 18
क्या कहते हैं सीपीसीबी के आंकड़ेकेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़े भी इस बात को कह रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर संदीप सिंह ने बताया कि पिछले साल फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार हुआ है। दिल्ली की तुलना में साल 2024 में अधिकतर दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिकतर दिन 50 प्रतिशत से भी कम रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 के दौरान फरीदाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स सात दिन अच्छी श्रेणी में, 78 दिन संतोषजनक श्रेणी में, 78 दिन मध्यम श्रेणी में, 140 दिन खराब श्रेणी में में, 121 दिन बहुत खराब श्रेणी में और 19 दिन गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है।अभी सुधार की है गुंजाइशबेशक फरीदाबाद के प्रदूषण स्तर में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी यह दुनिया का 30वां सबसे प्रदूषित शहर है, जो एक गंभीर बात है। ऐसे में फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर को सुधारने के लिए और भी प्रयास करने की जरूरत है। यहां पर गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण, क्रेशर जोन व ईंट भट्टों, इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण को रोकने के साथ सड़कों पर उड़ने वाली धूल, कूड़े में लगने वाली आग से होने वाले प्रदूषण को रोकने की जरूरत है। शहर में अभी भी काफी सड़के हैं, जो टूटी हुई हैं और वहां वाहन चलने से धूल उड़ती है। इसके साथ ही 15 साल से पुरानी पेट्रोल व 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर भी लगाम कसने की जरूरत है।मंगलवार को 107 रहा एक्यूआईफिलहाल की बात करें तो मंगलवार को फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया। पिछले कई दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से नीचे बना हुआ था, लेकिन हवा की गति कम होने से इसमें थोड़ी वृद्धि हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी एयर बुलेटिन के अनुसार मंगलवार को फरीदाबाद का एक्यूआई 107 दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से लगभग दो गुना अधिक है।क्या बोले जिम्मेदार?प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर संदीप सिंह ने कहा कि एक्यूआई की रिपोर्ट के बारे में तो मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार प्रदूषण स्तर पर नजर रखता है। इसका रियल टाइम डेटा भी जारी होता है। इसके अनुसार, पिछले साल फरीदाबाद के प्रदूषण स्तर में काफी कमी आई है। दिल्ली व एनसीआर के शहरों की तुलना में फरीदाबाद का एक्यूआई कम हुआ है। शहर में सड़कों का निर्माण होने, कूड़े में आग लगने की घटनाएं कम होने व इंडस्ट्री की निगरानी होने से ऐसा संभव हो पाया है। हालांकि अब भी काफी सुधार की जरूरत है। इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे, ताकि हम अपने शहर की हवा को साफ कर सकेंगे।


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