जयपुर : पूर्व मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पायलट के आंदोलन से भाजपा में पहले से ही हड़कंप मचा हुआ है। वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने भी पायलट की मांग को लेकर समर्थन दिया है। शेखावत ने इस बयान के माध्यम से वसुंधरा राजे पर बिना नाम लिए निशाना लगाया है। शेखावत के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में बहस तेज हो गई है। इस दौरान शेखावत ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच होनी चाहिए। चाहे यह भ्रष्टाचार किसी ने भी किया हो। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। शेखावत के इस बयान को लेकर कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। वही इस बयान से भाजपा में भी उथल-फुथल मच गई हैं।
भ्रष्टाचार मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
शेखावत ने सचिन पायलट के मुद्दों को जायज बताया। उन्होंने कहा कि मैं तो कहता हूं। किसी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप है, तो जांच होनी चाहिए। इस दौरान न तो पॉलिटिकल कारण के चलते जांच रोकनी चाहिए। न हीं पॉलीटिकल द्वेषता से जांच करनी चाहिए। केवल भ्रष्टाचार मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर गजेंद्र सिंह ने भी भ्रष्टाचार किया है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए वसुंधरा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला है, तो उस पर भी कार्रवाई करते हुए मामले की जांच होनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार के मामले में एक दूसरे को ढकने का प्रयास करते हैं तो, यह लोकतंत्र की आत्मा की हत्या करने का प्रयास है।गहलोत के कारण कांग्रेस के कई नेताओं का अस्तित्व खत्म
इस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम को घेरते हुए हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में नाथूराम मिर्धा, रामनिवास मिर्धा, परसराम मदेरणा, राम सिंह बिश्नोई, पूनमचंद विश्नोई जैसे कई दिग्गज नेता थे। लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने इन सभी राजनेताओं का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जोधपुर में उनके बेटे की हार को लेकर गहलोत के मन में बहुत बड़ी पीड़ा है। पहली बार राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत को किसी ने चुनौती दी है।राजनीतिक द्वेषता के चलते मेरे खिलाफ देशद्रोह का मामला
शेखावत ने कहा कि जोधपुर में उनकी बेटे की हार से सीएम अशोक गहलोत बौखलाए हुए हैं। इसके चलते मेरे खिलाफ सत्ता और एजेंसियों का दुरुपयोग कर मामले दर्ज किए गए। ऑडियो वायरल होने के मामले में मेरे खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं। इनमें दो एसीबी में और दो एसओजी में मामले दर्ज हैं। इस दौरान राजनीतिक द्वेषता के चलते मेरे खिलाफ राष्ट्रद्रोह का भी मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन मीडिया में इसको लेकर बवाल होने के बाद चुपचाप उन्होंने राष्ट्रद्रोह का मुकदमा वापस ले लिया। आखिर ये क्या है।वॉइस सैंपल के लिए किसी ने संपर्क नहीं किया
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि संजीवनी मामले में वर्ष 2020 में मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिसको 3 साल हो चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री बार-बार मेरे वॉइस सैंपल को लेकर बयान दे रहे हैं। जबकि इन 3 सालों में मेरे वॉइस सैंपल के लिए न तो किसी एजेंसी का कोई नोटिस आया है। न ही किसी ने मुझसे संपर्क किया। वॉइस सैंपल मामले को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट में भी अपील की। लेकिन हाईकोर्ट ने इस बात को खारिज कर दिया कि वॉइस सैंपल दिया जाए। इसके बावजूद मुख्यमंत्री बार-बार अनावश्यक रूप से वॉइस सैंपल को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं।संजीवनी मामले में शेखावत ने सरकार पर ही उठा दिए सवाल
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने संजीवनी घोटाले के मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि संजीवनी घोटाले को लेकर मेरा सोसाइटी से कोई संबंध नहीं है। न हीं मेरे परिवार का कोई सदस्य सोसाइटी में है। हां यह जरूर है कि मैं संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी के मालिक को जानता हूं। लेकिन किसी से जान पहचान करना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने संजीवनी मामले में सरकार पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने तो हर साल क्रेडिट सोसाइटी के खातों को सर्टिफाइड किया है। आखिर सरकार की भी कोई जिम्मेदारी तो बनती है। फिर कांग्रेस सरकार के होते हुए यह गड़बड़ी क्यों हुई।from https://ift.tt/MK1nTGR
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