गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की एक अदालत में मंगलवार को वकीलों और पुलिसकर्मियों के समूहों के बीच झड़प हो गई। इसमें कथित तौर पर कुछ वकील घायल हो गए और स्थानीय पुलिस चौकी में आगजनी की गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। गाजियाबाद में राज नगर इलाके में सुबह करीब 11 बजे जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर के अंदर अग्रिम जमानत के एक मामले की सुनवाई को लेकर सत्र जज और वकील के बीच बहस के बाद अफरा-तफरी मच गई। फिलहाल, कोर्ट में तनाव का माहौल है। कई थानों की पुलिस और पीएसी को कचहरी में लगाया गया है। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष समेत 50 वकीलों पर दो मुकदमे दर्ज हुए हैं।
घटना का वीडियो हुआ वायरल
घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें अदालत परिसर में वकीलों और लाठी लिए पुलिसकर्मियों के बीच झड़प होती दिखाई दे रही है। गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि वकीलों के एक समूह ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जिला जज पर दबाव डालने की कोशिश की और हमला करने का प्रयास किया। सीपी ने कहा कि बाद में एक स्थानीय पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई।वकील ने बताई पूरी घटना
एक वकील ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि वकीलों के एक समूह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार से अग्रिम जमानत के एक मामले की प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने की मांग की, जिसके लिए उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई संख्या के अनुसार की जाएगी।वकील ने दावा किया कि इस पर वकीलों के एक समूह ने जिला जज के खिलाफ नारेबाजी की। मामला तब बिगड़ गया जब अदालती कार्यवाही बाधित हुई और जज ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने अदालत कक्ष में पहुंचकर लाठियां बरसाईं, जिससे 12 से अधिक वकील घायल हो गए।हाई कोर्ट में की गई शिकायत
इस बीच, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने घटना की शिकायत इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस कर दी। इसमें उन्होंने दावा किया है कि मंगलवार सुबह 11 बजे वकील जितेंद्र सिंह और अभिषेक यादव अग्रिम जमानत का विरोध करने के लिए अदालत पहुंचे। उन्होंने बताया कि अदालत में भीड़भाड़ होने के कारण वकीलों ने जिला जज से प्राथमिकता के आधार पर दलीलें सुनने या मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह किया। नाहर सिंह यादव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी शिकायत में आरोप लगाया कि जिला जज ने अपना आपा खो दिया। शिकायत में कहा गया है कि जज अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और अपना कोट, गाउन उतार दिया। वकीलों को अपशब्द कहे। जिला जज ने पुलिस बल को बुलाया।शिकायत में कहा कि पुलिस उपायुक्त (सिटी जोन) राजेश कुमार सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त (कविनगर) अभिषेक श्रीवास्तव की मौजूदगी में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके कारण 12 से अधिक वकील घायल हो गए। नाहर सिंह यादव ने सीसीटीवी फुटेज को तुरंत सुरक्षित रखने की भी मांग की है, ताकि पूरा घटनाक्रम स्पष्ट हो सके। शिकायत पर आठ वकीलों के हस्ताक्षर हैं।सीपी ने दी जानकारी
गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने व्हॉट्सएप पर दिए बयान में कहा कि वकील नाहर सिंह यादव (बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजवादी पार्टी के नेता), वकील अभिषेक यादव, वकील औरंगजेब खान, वकील बिलाल अहमद ने अपने साथी वकीलों के साथ जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जिला जज पर दबाव बनाने की कोशिश की। उन पर हमला करने का प्रयास किया।पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस ने उचित हस्तक्षेप किया और हल्का बल प्रयोग करके उन्हें तितर-बितर किया। इस बीच, वकीलों के एक समूह ने पुलिस चौकी में आग लगा दी।सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
इससे पहले, सोशल मीडिया पर इस हंगामे की वीडियो क्लिप में कथित तौर पर अदालत के अंदर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच झड़प होती दिखाई दे रही है। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ पुलिसकर्मियों के हाथों में डंडे हैं। एक पुलिसकर्मी को लड़ाई में शामिल दूसरे पक्ष पर हमला करने के लिए हवा में कुर्सी पकड़े हुए भी देखा गया। एक वकील के सिर पर कथित तौर पर चोट के निशान भी देखे गए।from https://ift.tt/QONGzVk
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