नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को कहा कि के साथ उसके दोस्ताना संबंध बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ने व्यापक आर्थिक और समुद्री सहयोग के लिए एक खाका पेश किया। यह दोनों देशों के बीच पिछले साल आई कुछ खटास के बाद रिश्तों के फिर से बेहतर होने का संकेत है। मोदी और मुइज्जू ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और मुद्रा अदला-बदली समझौते पर सहमति जतायी। इसके तहत भारत, मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। साथ ही 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगा।
मुइज्जू ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद
प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में बातचीत के बाद मुइज्जू ने कहा, ‘मैं 40 करोड़ डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली समझौते के अलावा 30 अरब रुपये (3,000 करोड़ रुपये) के रूप में सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार का आभारी हूं। यह विदेशी मुद्रा से जुड़े मुद्दों का हल करने में सहायक होगा।’दोनों नेताओं ने मालदीव में जारी किया रुपे कार्ड
ने कहा, ‘हमने द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक आयाम जोड़ने के लिए व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी को अपनाया है।’ दोनों नेताओं ने मालदीव में रुपे कार्ड जारी किया। इसके अलावा डिजिटल रूप से हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नये रनवे का उद्घाटन किया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जतायी।पिछले साल दोनों देशों के रिश्तों में आई थी खटास
बता दें कि पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई थी। मोदी ने कहा, ‘आने वाले समय में हम भारत और मालदीव को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे।’ इससे पहले, रविवार को पांच दिन के राजकीय दौरे पर आए मुइज्जू का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे।आगरा और मुंबई भी जाएंगे मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति गुरुवार को माले लौटेंगे। उससे पहले मंगलवार को आगरा और मुंबई जाएंगे। बुधवार को बेंगलुरु जाएंगे। मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव जीता था और भारत से इस साल मई तक वहां तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस लेने के लिए कहा था। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को उस समय झटका लगा जब मालदीव के मंत्रियों ने मोदी के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं।'याराना जारी रहेगा'
हालांकि, मुइज्जू ने उन मंत्रियों को बर्खास्त करते हुए अपने भारत विरोधी रुख को कुछ नरम किया। विदेश सचिव से पूछा गया कि भारत पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में आई खटास को दूर करने कैसे कामयाब रहा, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘याराना जारी रहेगा।’ विदेश सचिव ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध कई महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित हैं। मिस्री ने कहा, ‘इस यात्रा में हमारा प्रयास पहले से मौजूद इस मजबूत रिश्ते को और प्रगाढ़ करने तथा कई साझा हितों को आगे बढ़ाने का है। आज दोनों नेताओं ने इस रिश्ते के महत्व को पहचाना।’(एजेंसी के इनपुट के साथ)from https://ift.tt/yZhtCrp
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