Thursday, October 6, 2022

हरियाणा में बनी कफ सिरप पीने से अफ्रीकी देश में बच्चों की मौत? अब तक के 5 बड़े अपडेट

नई दिल्ली: हरियाणा के सोनीपत में मेडन फार्मासुटिकल्स लिमिटेड की ओर से बनाई गई कफ सिरप से अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अलर्ट जारी किया है। वहीं ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस मामले में जांच शुरू करने के साथ ही WHO से ब्योरा मांगा है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को चेतावनी दी कि हरियाणा के सोनीपत स्थित ‘मैडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड’ द्वारा कथित तौर पर उत्पादित दूषित और कम गुणवत्ता वाले चार कफ सीरप पश्चिमी अफ्रीका के देश गाम्बिया में हुई बच्चों की मौत का कारण हो सकते हैं। हालांकि ऑल इंडिया ओरिजिन केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स ने यह स्पष्ट किया कि Maiden Pharmaceuticals Limited ड्रग्स की कोई सप्लाई भारत में नहीं होती है। इसका काम केवल एक्सपोर्ट का है। अगर इसके बाद भी डीजीसीआई ने कोई गाइडलाइन निकाली है तो हम उसका पालन जरूर करेंगे। केंद्र सरकार ने कहा कि कफ सिरप के नमूने भारत के औषधि महानियंत्रक डीसीजीआई को जांच के लिए भेजे गए हैं और इसके नतीजों से आगे की कार्रवाई में मदद मिलेगी। 1. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री का बयान सुनिए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा कि कंपनी की ओर से बनाए गए 4 तरह के कफ सिरप के नमूनों को कोलकाता स्थिति केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) में भेजा गया है। विज ने कहा, ‘नमूनों को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) और हरियाणा के फूड एवं ड्रग्स एडमिनेस्ट्रेशन विभाग ने एकत्र किया और इसे कोलकता स्थित सीडीएल को भेजा गया है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र के औषध विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) से बात की है। विज ने कहा कि कंपनी की ओर से बनाई गई कफ सिरप को निर्यात के लिए मंजूरी दी गई थी और यह देश में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है।विज ने कहा कि जो भी कदम उठाना होगा, उसे सीडीएल की रिपोर्ट के बाद उठाया जायेगा। 2. 'पहले ही जांच के लिए कदम उठाए जा चुके हैं' सरकार के सूत्रों ने कहा कि मौत के सटीक कारण डब्ल्यूएचओ द्वारा ना तो उपलब्ध कराये गये हैं और ना ही दवा और इसके लेबल का ब्योरा केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के साथ साझा किया गया है ताकि उत्पादन के स्रोत की पुष्टि हो सके। उपलब्ध सूचना के आधार पर सीडीएससीओ पहले ही इस मामले में हरियाणा के नियामक प्राधिकरण के साथ तात्कालिक जांच के लिए कदम उठा चुका है। 3. WHO ने डीजीसीआई को 29 सितंबर को किया था सूचित सूत्रों के मुताबिक डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को डीसीजीआई को सूचित किया था कि गाम्बिया में बच्चों की मौत का संभावित कारण उन दूषित दवाओं का इस्तेमाल हो सकता है जिनमें 23 नमूनों की जांच के बाद डाइएथीलीन ग्लाइकोल/एथीलीन ग्लाइकोल की मात्रा मिली। 4. सीडीएसीओ ने क्या कहा सीडीएससीओ ने कहा कि इसने डब्ल्यूएचओ को सूचना मिलने के डेढ़ घंटे के अंदर प्रतिक्रिया दी और मामले को राज्य के नियामक प्राधिकरण के समक्ष उठाया गया। सूत्रों ने कहा कि हरियाणा राज्य दवा नियंत्रक के साथ मिलकर तथ्यों और ब्योरों को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत जांच शुरू की गई है। 5. उत्पादन और निर्यात केवल गांबिया को किया गया प्राथमिक जांच के आधार पर कहा गया है कि राज्य औषधि नियंत्रक से लाइसेंस प्राप्त ‘मैडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड’ ने संदर्भित दवाओं का उत्पादन किया। सूत्रों ने कहा,‘कंपनी ने इन दवाओं का उत्पादन किया और इनका निर्यात केवल गांबिया को किया।’


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