Thursday, October 6, 2022

दिल्ली में केंद्रीय विद्यालय के टॉयलट में छात्रा से गैंगरेप, क्या टीचर्स ने मामले को दबाया?

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में एक केंद्रीय विद्यालय के शौचालय में गैंगरेप की घटना ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। टॉयलट में दो सीनियर छात्रों ने 11 साल की एक छात्रा के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। कथित घटना जुलाई की है और पीड़ित ने मंगलवार को दिल्ली महिला आयोग (DCW) द्वारा मामले को उठाए जाने के बाद पुलिस से संपर्क किया। इस घटना को गंभीर मामला बताते हुए डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस और स्कूल के प्रधानाचार्य को नोटिस जारी किया है। स्कूल ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी? स्कूल के अधिकारियों को यह बताने के लिए कहा गया है कि उनकी ओर से पुलिस को घटना की सूचना क्यों नहीं दी गई। उधर, केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के अधिकारियों ने कहा कि घटना की सूचना पीड़िता या उसके माता-पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल को नहीं दी थी और पुलिस जांच के बाद ही यह मामला सामने आया। केवीएस शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है और यह देश के 25 क्षेत्रों में फैले 1,200 से अधिक केंद्रीय विद्यालयों का संचालन करता है। पुलिस के मुताबिक पीड़िता ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई और तुरंत मामला दर्ज कर लिया गया। क्या टीचर ने मामला दबाने की कोशिश की डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, 'हमें दिल्ली के एक स्कूल के अंदर 11 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के एक बेहद गंभीर मामले की जानकारी मिली है। लड़की ने आरोप लगाया है कि उसके स्कूल के शिक्षक ने मामले को दबाने की कोशिश की। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी में स्कूल भी बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हैं।' उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कक्षा में जा रही थी बच्ची... मालीवाल ने कहा, 'साथ ही इस मुद्दे पर स्कूल अधिकारियों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए।' आयोग के मुताबिक नाबालिग ने आरोप लगाया कि जुलाई में जब वह अपनी कक्षा में जा रही थी तो वह अपनी स्कूल के दो छात्रों से टकरा गई जो 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ते थे। डीसीडब्ल्यू ने बयान में कहा गया, 'उसने कहा कि उसने लड़कों से माफी मांगी लेकिन वे उसे गाली देने लगे और उसे एक शौचालय के अंदर ले गए।' उसने आरोप लगाया कि लड़कों ने शौचालय का दरवाजा अंदर से बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने कहा कि जब उसने एक शिक्षक को घटना की जानकारी दी, तो उसे बताया गया कि लड़कों को निष्कासित कर दिया गया है और मामले को कथित तौर पर दबा दिया गया। केवीएस अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में स्कूल अधिकारियों को कोई शिकायत नहीं मिली है। केवीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'केवीएस का क्षेत्रीय कार्यालय मामले की जांच कर रहा है। इस घटना की जानकारी लड़की या उसके माता-पिता ने नहीं दी थी। घटना के बाद हुई अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) में भी इस मुद्दे को नहीं उठाया गया था।' अधिकारी ने कहा, 'यह मामला पुलिस जांच से ही हमारे संज्ञान में आया है। हम दिल्ली पुलिस की कार्यवाही में सहयोग कर रहे हैं।' पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि पीड़िता के बयान के आधार पर शिक्षण कर्मियों और संदिग्ध छात्रों से पूछताछ की जा रही है। डीसीडब्ल्यू ने पुलिस से घटना पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। बयान में कहा गया, 'आयोग ने स्कूल के प्रिंसिपल से यह बताने को कहा है कि स्कूल के अधिकारियों को इस मामले के बारे में कब पता चला और उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई। स्कूल से इस मामले में की गई जांच की रिपोर्ट की एक प्रति प्रस्तुत करने को भी कहा गया है।' इसमें कहा गया, 'आयोग ने दिल्ली पुलिस और विद्यालय से स्कूल के शिक्षक और/या किसी अन्य स्टाफ के खिलाफ दिल्ली पुलिस को मामले की कथित रूप से रिपोर्ट नहीं करने के लिए की गई कार्रवाई की जानकारी देने के लिए भी कहा है।'


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