Wednesday, November 9, 2022

इस आदमी ने रच डाली खुद के मर्डर की ऐसी कहानी कि क्राइम थ्रिलर फिल्म भी फेल हो जाए

प्रयागराज: आपने सीआईडी तो देखा होगा कि सीरियल के एक क्राइम सीन को एक कुख्यात अपराधी ने अपनी असल जिंदगी में प्लान कर डाला। पुलिस जांच में अपराधी की खूनी करतूत का खुलासा भी हूबहू उसी अंदाज में हो गया। कुख्यात अपराधी फिरोज अहमद के ऊपर दो दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमें दर्ज हो गए थे। जेल जाने व मुकदमों की पैरवी को लेकर वह लाखों का कर्जदार हो गया था। उसने एक क्राइम सीन को देखा जिसमें अपराधी अपने अपराधों व कर्ज से मुक्ति के लिए अपने जैसे हुलिया वाले व्यक्ति अपना कपड़ा अगूंठी घड़ी आदि पहनाकर उसका खून कर देता है। फिरोज अहमद ने भी अपने साथियों शिवबाबू समशेर अली की मदद से ठीक इसी तरह के क्राइम सीन को सेट किया। वह भी चाहता था कि उसकी आपराधिक पहचान मिट जाए उसके ऊपर जो भी कर्ज है, उससे मुक्ति मिल जाए । वह कहीं दूर जाकर दूसरी जिंदगी दूसरे नाम से जीना शुरू करें। वह अपने साथियों के साथ छिवकी रेलवे स्टेशन पर अपने हुलिया से मिलते-जुलते एक व्यक्ति सूरज गुप्ता को खोज लिया। उसको शराब व पैसे की लालच देकर बहला लिया। शराब पिलाई और नए कपड़े पहनने दिए 16 अक्टूबर को फिरोज अहमद शिव बाबू और समशेर अली ने सूरज गुप्ता को शराब पिलाई और नए कपड़े पहनने को दीये। फिर करछना क्षेत्र के मर्दापुर ढाबे के पास सुनसान जगह पर बैठकर शराब पी। मौका पाकर फिरोज,शिवबाबू व समशेर ने सूरज को दबोच लिया। फिरोज ने सूरज का गला काट सिर को धड़ से अलग कर दिया। सूरज का गुफ्तांग भी रेत दिया। मृतक के धड़ को आग लगाकर झुलसाया। धड़ के पास में फिरोज ने अपना पर्स,डीएल लाइसेंस छोड़ दिया। जिससे यह साबित हो कि मृतक फिरोज अहमद ही है।सूरज के कटे सर को रेलवे लाइन के दूसरी तरफ नहर में फेंक दिया। पुलिस को मिली सिर कटी लाश 17 अक्टूबर की सुबह पुलिस को सिर कटी लाश मिलने की सूचना प्राप्त हुई। मौके पर जांच के दौरान मृतक की डेड बॉडी के पास फिरोज अहमद का पर्स और डीएल लाइसेंस तो मिल गया। लेकिन मृतक के दाहिने हाथ पर त्रिशूल का निशान और गुफ्तांग को रेता होना विरोधाभास था। पुलिस को अंदरूनी कपड़े की जेब से कागज पर लिखे कुछ मोबाइल नम्बर मिले जिसपर कॉल करने पर जानकारी हुई कि मृतक फिरोज अहमद नहीं बल्कि पीपी रोड थाना कोतवाली जिला बक्सर बिहार का रहने वाला व्यापारी सूरज गुप्ता पुत्र स्व०ओम प्रकाश गुप्ता है। पुलिस पहुंची तब तक हुआ फरार एसएसपी प्रयागराज शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि पुलिस टीम जब फिरोज अहमद के घर पहुंची तो वह फरार था। फिरोज अहमद की पत्नी ने फिरोज अहमद के खून रंजित जूते, कपड़े पास की गड़ही में फेंका था। उसको साक्ष्य छिपाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस मठभेड़ में फिरोज गिरफ्तार एसएसपी प्रयागराज शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि 7 नवम्बर की रात्रि में प्रभारी निरीक्षक करछना विश्वजीत सिंह एसओजी प्रभारी यमुनापार रणजीत सिंह की संयुक्त टीम को सूचना मिली कि एक कुख्यात अपराधी इस रास्ते से कहीं जा रहा है। चेकिंग के दौरान संदिग्ध बदमाश को रोकने पर ने उसने भागना चाहा।लेकिन फिसल कर गिर गया।आड़ लेकर उसने पुलिस पर फायरिंग की। पुलिस की जवाबी फायरिंग में फिरोज के पैर में गोली लगी । पुलिस ने घायल बदमाश को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि वह वांछित बड़ा अपराधी फिरोज अहमद है। जिसकी सूरज गुप्ता हत्याकांड में तलाश थी। दाढ़ी व सिर मुंडवा कर पहनी रुद्राक्ष की माला एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि कुख्यात अपराधी फिरोज अहमद ने अपने साथियों के साथ मिलकर मिलते जुलते कद काठी के सूरज गुप्ता की हत्या कर उसकी डेड बॉडी को फिरोज अहमद साबित करने की साजिश रची थी। इतना ही नहीं फिरोज अहमद ने इस घटना को अंजाम देने के बाद अपना हुलिया भी बदल लिया। वह दाढ़ी व सिर मुंडवा कर गले में दो मोटी मोती रुद्राक्ष की माला पहन लिया था। लेकिन उसकी होशियारी ही गले की फांस बन गयी।


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