Sunday, January 29, 2023

उत्तराखंड के जोशीमठ की तरह धारचूला का ये गांव भी धंस रहा, दरारों से कभी हो सकता है बड़ा हादसा

देहरादून/पिथौरागढ़: जोशीमठ में भूधंसाव जैसी आपदा धारचूला तहसील के चौदास ततांरोतो गांव के लोग भी जूझ रहे हैं। यहां तो हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोग अपने घरों को छोड़ कर सामुदायिक भवनों में निवास कर रहे हैं। यहां पर वर्ष 2013 से लगातार भूधंसाव हो रहा है। लोगों के घरों में दरार है और कई घर तो जमीन धंसने के कारण नीचे की ओर जा रहे हैं। ऐसे में यहां के लोग हमेशा ही मौत के साए में रहते हैं। इनकी शिकायत है कि शासन प्रशासन से कई बार पत्राचार के बावजूद अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसके कारण लोगों में भारी आक्रोश है।ततांरोतो गांव में वर्ष 2013 से लगातार मकानों में दरार आ रही है। साथ ही जमीन खिसकती जा रहीं हैं। इस क्षेत्र में हालात खराब हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक संज्ञान नहीं लिया है। स्थानीय लोग यह आरोप लगा रहे हैं। क्षेत्र के हालातों का संज्ञान लेने के लिए स्थानीय लोगों के जरिए दिए ज्ञापनों की फाइलें अब तक फाइलों में ही दफन है। लोग ततांरोतो गांव के लोग परेशान हाल हैं और अब वे आंदोलन करने के की योजना बना रहे हैं। सीमांत धारचूला के लोग प्रशासन पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं। भूधंसाव की त्रासदी से जूझ रहे लोग विस्थापन की राह देख रहे हैं।

जोशीमठ जैसा हो जाएगा यहां का हाल

गांव में संदीप कुमार, जयंती देवी, हरक सिंह सहित अन्य कई लोगों के मकान हैं, जो आज गिरने की स्थिति में हैं। कई मकान तिरछे हो चुके हैं। गौशालाएं टूट चुकी हैं, जिसके चलते लोग अपने घरों को छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति गंभीर हो जाएगी। स्थानीय निवासी प्रकाश गुंज्याल ने बताया कि नदी के कटाव से पूरे क्षेत्र में धंसाव हो रहा है। इसके चलते चट्टान भी लगातार खिसक रही हैं। हालात खराब हैं और लोग अपने घरों को छोड़कर सामुदायिक भवनों में रहने के लिए मजबूर हैं।रिपोर्ट - रश्मि खत्री


from https://ift.tt/YX65inq

No comments:

Post a Comment