जयपुर: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार का दिन काफी हंगामेदार रहा। पहले पेपर लीक मामले पर जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से नाथी का बाड़ा और कलाम कोचिंग का नाम लेने पर काफी बहस और हंगामा हुआ था। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी तिलमिला उठे और उन्होंने गुस्से में लाल होते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को डांट लगाई। बाद में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आमने सामने हो गए। के संबोधन के दौरान एक कैबिनेट मंत्री बीच में बोले तो तू तड़ाक की नौबत आ गई। इसके बाद काफी देर तक हंगामा चलता रहा।
'मंत्री होंगे आप, लेकिन बीच में नहीं बोल सकते, चुप रहिए'
राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान दोपहर बाद कांग्रेस के विधायक रोहित बोहरा अपना संबोधन दे रहे थे। बोहरा के बोलने के दौरान कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल बीच में बोलने लगे। इसी दौरान रोहित बोहरा गुस्सा हो गए। उन्होंने मंत्री को चिल्लाते हुए चुप रह कह दिया। बोहरा ने कहा कि 'आप मंत्री हो सकते हैं, लेकिन ऐसे बीच में नहीं बोल सकते। पहले कहा चुप रहिए, फिर जोर से चिल्लाते हुए कहा चुप रह।' बोहरा को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते देख सब हैरान रह गए। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बोहरा के इस व्यवहार को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बड़ी मुश्किल से शांत करवाया।राजीव गांधी के नाम से लगी मिर्ची: बोहरा
इससे पहले नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव के दौरान भी रोहित बोहरा के तेवर काफी तीखे रहे। शून्यकाल में राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाए जाने के मुद्दे पर बोलते हुए रोहित बोहरा ने कहा कि उन्हें इसलिए हटाया क्योंकि उनके नाम से पहले राजीव गांधी लगा हुआ है। सरकार को राजीव गांधी नाम से मिर्ची लगी जिसकी वजह से 5000 युवा मित्रों का रोजगार छीन लिया गया। बोहरा सहित कई विधायकों ने राजीव गांधी युवा मित्रों को फिर से रोजगार देने की मांग की।from https://ift.tt/4xNzUKI
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