Tuesday, January 9, 2024

जेल में बंद इमरान खान फिर गिरफ्तार, अब पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय पर हुए हमले वाले केस में फंसे

रावलपिंडी: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को फिर गिरफ्तार किया गया है। इस बार उनकी गिरफ्तारी 9 मई को पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय पर हुए हमले के केस में की गई है। मंगलवार को रावलपिंडी पुलिस ने उन्हें अदियाला जेल से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी रावलपिंडी की एक आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) से जारी वारंट पर की गई। कोर्ट ने आज यानी 9 मई को इमरान खान को 9 मई को हुए हमले वाले मामले में तलब किया था। इमरान खान सिफर लीक और तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में सलाखों के पीछे हैं।

कोर्ट ने नहीं दी इमरान खान की रिमांड

गिरफ्तारी के बावजूद इमरान खान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए क्योंकि सुरक्षा चिंताओं के कारण उन्हें अदियाला जेल अधिकारियों ने उन्हें अदालत में पेश नहीं करने का फैसला किया। मामलों की सुनवाई के दौरान, आरए बाजार पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने 9 मई के मामलों में पीटीआई संस्थापक इमरान खान की शारीरिक रिमांड की मांग की, हालांकि, एटीसी न्यायाधीश मलिक ऐजाज आसिफ ने अनुरोध को खारिज कर दिया। एटीसी न्यायाधीश ने पुलिस को अदियाला जेल में पीटीआई संस्थापक से पूछताछ करने का निर्देश दिया।

कुरैशी भी हो चुके हैं गिरफ्तार

इससे कुछ दिनों पहले ही पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी को भी 9 मई के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। कुरैशी को सिफर मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया था। रावलपिंडी की एक स्थानीय अदालत ने 28 दिसंबर, 2023 को जीएचक्यू पर हमले से संबंधित मामले सहित 9 मई के मामलों के सिलसिले में कुरेशी को 14 दिन की रिमांड पर अदियाला जेल भेज दिया था। कुरैशी को शुरू में जीएचक्यू हमले के मामले में अदियाला जेल से गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उसके खिलाफ 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शन से संबंधित 12 अन्य मामले भी दर्ज किए गए थे।

9 मई को इमरान खान के समर्थकों ने की थी तोड़फोड़

पिछले साल मई में, इमरान खान के कथित समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार मामले में पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी के विरोध में जीएचक्यू सहित सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इसके बाद, 9 मई की हिंसा के सिलसिले में पीटीआई के दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, जबकि कई नेताओं ने दंगों को लेकर इमरान खान से नाता तोड़ लिया, उनका मानना था कि यह पूर्व प्रधान मंत्री की टकराव की राजनीति का परिणाम था।


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