नई दिल्ली: कस्टम, नार्कोटिक्स विभाग और पुलिस की टीमें अक्सर ही नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों की धरपकड़ करती है और उनके कब्जे हेरोइन या कोकीन जब्त की जाती है। इस कार्रवाई को लेकर हर किसी के मन में कुछ सवाल होते हैं। जैसे-जब्त की गई ड्रग्स का क्या किया जाता है? ड्रग्स को कहीं संभालकर रखा जाता है या नष्ट किया जाता है? क्या ड्रग्स को रीसाइकल किया जाता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।
कमेटी करती है फैसला
सभी राज्य सरकारों को 2015 में ही एक आदेश दिया गया था कि वे एक ड्रग डिस्पोजल कमेटी बनाएं ताकि ड्रग्स को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के हिसाब से नष्ट किया जा सके। इस कमेटी में एसपी रैंक का एक पुलिस अधिकारी, कस्टम और सेंट्रल एक्साइज विभाग के जॉइंट कमिश्नर और डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के जॉइंट डायरेक्टर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी होने चाहिए।बॉयलर में जलाकर नष्ट की जाती है ड्रग्स
भारत में कई जगहों पर ड्रग्स को 1000 डिग्री सेल्सियस पर बॉयलर में जलाकर नष्ट किया जाता है। दरअसल यह तरीका एकदम सुरक्षित होता है और इससे प्रदूषण का खतरा कम होता है। वहीं NDPS एक्ट के तहत सिंथेटिक ड्रग्स की नीलामी की अनुमति भी दी गई है। इसी नियम के तहत, रीसाइकल कर सके जाने वाले ड्रग्स को दवा कंपनियों को दे दिया जाता है और इससे सरकार की कमाई भी हो जाती है। हालांकि, सिंथेटिक ड्रग्स न होने और कम मात्रा होने पर पुलिस या अन्य विभागों के लोग इसे खुले में जला देते हैं। वहीं अवैध शराब की बोतलों को तोड़कर गड्ढे में दबा दिया जाता है।करोड़ों की ड्रग्स नष्ट की गई
कस्टम प्रीवेंटिव कमिश्नरेट की टीम ने शनिवार को 1000 किलो एमफेड्रिन ड्रग्स, 28 किलो हेरोइन और 84 ग्राम कोकीन को नष्ट किया है। कस्टम प्रवक्ता के अनुसार इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सारी सावधानी बरती गई और प्रदूषण ना फैले इस बाबत भी इंतजाम किए गए।ड्रग्स को नष्ट करने के दौरान इको फ्रेंडली सिस्टम तैयार किया गया, जिससे प्रदूषण ना फैले। नष्ट की गई ड्रग्स की कीमत कई करोड़ थी।(इनपुट- नवीन निश्चल)from https://ift.tt/UflGWvA
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