अहमदाबाद: वाघ बकरी चाय के मालिक के गुजरात में आवारा कुत्तों का मामला चर्चा में हैं। इसी बीच सूरत में एक गजब घोटाला सामने आया है। एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि सूरत नगर निगम में सिर्फ 2754 आवारा कुत्ते हैं लेकिन सूरत नगर निगम ने 30 हजार कुत्तों की खसीकरण करने का दावा किया है। यह अजीबोगरीब खुलासा सूरत के आरटीआई एक्टीविस्ट संजय इझावा () की आरटीआई के जवाब में हुआ है। पिछले दिनों अहमदाबाद में आवारा कुत्तों के पीछे करने से बाघ बकरी के मालिक पराग देसाई की मौत की घटना सामने आई थी, हालांकि अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने कुत्तों की वजह से मौत होने की बात को नकार दिया था। 2018 का है सर्वे आरटीआई के जवाब में पशु पालन विभाग ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि 2754 आवारा कुत्ते है। तो वहीं सूरत नगर निगम ने पिछले पांच साल में 33, 761 कुत्तों को पकड़ने का दावा किया है। निगम ने बताया है कि इस पर 3.28 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई। सूरत जिला पंचायल के पशुपालन विभाग ने आरटीआई के जवाब में कहा है कि सूरत के 101 वार्ड में कुल 2754 कुत्ते है। 2018 के सर्वे में यह जानकारी सामने आई थी। सूरत नगर निगम का कहना है वह कुत्तों की गणना नहीं कराती है। नगर निगम के आंकड़ेसूरत नगर निगम ने आरटीआई के जवाब में कहा है 2018-19 और 2022-23 तक कुल 33,761 कुत्ते पकड़े गए। इन पर 3.28 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की गई। इसमें से 30,300 कुत्तों का टीकारण और नसबंदी की गई। नगर निगम के खर्च की गणना करें तो एक कुत्तें पर 11,931 रुपये खर्च किए गए। आवारा कुत्तों काे पकड़कर उन्हें बंधियाकरण के साथ टीकाकरण का काम नगर निगम के दायरे में आता है। नगर निगम ने इस खुलासे पर अभी कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया है। सूरत में एक औसतन राेज 50-70 कुत्तों के काटने के मामले सामने आते हैं।
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