मुंबई: मुंबई नगर निगम के गोवंडी के एक स्कूल में बड़ा मामला सामने आया है। मुंबई ईस्ट के वार्ड नंबर 148 में वारगांव म्युनिसिपल स्कूल के हिंदी माध्यम के छठी और सातवीं के छात्रों को मिड डे मील खिलाया गया। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस पर उन्हें गोवंडी शताब्दी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बच्चों की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने पर शिक्षक और स्थानीय शिव सेना पदाधिकारी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए दौड़ पड़े। घटना की जानकारी मिलते ही विभाग प्रमुख प्रमोद शिंदे, स्थानीय पूर्व नगरसेविका निधि शिंदे, पूर्व नगरसेविका अंजलि नाईक, पूर्व नगरसेवक अनिल पाटणकर, शाखा प्रमुख विजय नागांवकर, उमेश करकेरा, अविनाश शेवाले अस्पताल पहुंचे। बताया गया कि 240 छात्रों में से केवल 16 छात्रों को परेशानी हुई। स्थानीय पूर्व नगरसेविका निधि प्रमोद शिंदे ने सटीक कारण जानने की मांग की। शताब्दी अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने तुरंत छात्रों का इलाज किया और उन्हें निगरानी के लिए भर्ती कराया।इस घटना के बाद संयुक्त शिक्षा आयुक्त डी गंगाधरन ने स्कूल जाकर निरीक्षण किया। खाना बनाने वाली जगह और अस्पताल का भी दौरा किया और छात्रों की स्थिति का जायजा लिया। इस रसोई से क्षेत्र के 26 स्थानों पर करीब छह हजार छात्र-छात्राओं को भोजन उपलब्ध कराया जाता था। हालांकि, अन्य छात्रों को भी कोई परेशानी महसूस नहीं हुई। गंगाथरन ने कहा कि इस स्कूल के छात्रों को परेशानी क्यों हुई, इसकी जांच के लिए भोजन के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि यदि इसमें कोई गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।दिलचस्प बात यह है कि कल गुरुवार को नगर पालिका ने पोषण आहार उपलब्ध कराने वाली 150 संस्थाओं को पोषण का पाठ पढ़ाया। संयुक्त आयुक्त (शिक्षा) ने विद्यार्थियों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ठीक से निभाने के निर्देश दिए हैं।
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