
अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: प्रख्यात कथा वाचक मुरारी बापू सूतक काल में दर्शन पूजन कर संतों और बनारसियों के निशाने पर आ गए हैं। पत्नी की मृत्यु के तीसरे दिन ही मोरारी बापू बनारस में कथा वाचन करने पहुंचे और काशी विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे। मोरारी बापू के खिलाफ अब संत मुखर हो गए हैं। वहीं, अस्सी चौराहे के पास आम लोगों ने भी मोरारी बापू के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका। अखिल भारतीय संत समिति ने बाकायदा वीडियो संदेश जारी कर मोरारी बापू पर तीखा हमला बोला है।
मोरारी बापू के सफाई पर और भड़के संत
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने सूतक काल में कथा वाचन और काशी विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन पूजन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि मोरारी बापू ने पूर्व में भी चिता की अग्नि के फेरे लगवा कर विवाह करवाया, व्यास पीठ पर बैठकर अल्लाह मौला कर के अमंगल कृत्यों को मंगलकारी बताते रहे हैं।सूतक काल में 4 प्रकार के लोगों को नहीं लगता सूतक
ब्रह्मनिष्ठ यति, ब्रह्नचारी, राजा, अग्निहोत्री कार्य करने वालों को सूतक काल के नियमों में नहीं आते हैं। अब मोरारी बापू बताएं कि वो किस वर्ग में आते हैं। स्वामी जितेन्द्रानंद ने कड़े शब्दों में कहा कि मोरारी बापू धर्म को धंधा में न बदले ये ज्यादा बेहतर होगा।अस्सी चौराहे पर आम लोगों ने फूंका पुतला
मोरारी बापू के खिलाफ आम बनारसी भी सड़कों पर निकले। बड़ी संख्या में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के धर्म विज्ञान के छात्र, घाट पर पुरोहिती कराने वाले और आम लोग अस्सी चौराहे पर जमा हुए और अपना आक्रोश व्यक्त किया। बनारसियों का गुस्सा सूतक काल में बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन करने को लेकर था। मोरारी बापू के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इन लोगों ने मुरारी बापू का पुतला भी फूंकाfrom https://ift.tt/cbReinB
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