Tuesday, June 17, 2025

ओबीसी मामले में ममता बनर्जी सरकार को बड़ा झटका, कलकत्ता हाईकोर्ट ने नई अधिसूचना पर रोक लगाई

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सरकार को से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को ओबीसी की नई सूची के संबंध में राज्य की ओर से प्रकाशित सभी अधिसूचनाओं पर अंतरिम रोक लगा दी। यह आदेश 31 जुलाई तक लागू रहेगा। ओबीसी सूची को लेकर मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को कलकत्ता हाईकोर्ट में होगी। यह मामला जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथा की बेंच में आया था। सोमवार को राज्य ने पोर्टल खोलकर सभी विभागों से जाति प्रमाण पत्र जमा करने के लिए आवेदन मांगा था। हाईकोर्ट ने उस पर भी रोक लगाने का आदेश दिया।क्या है मामला?दरअसल ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने के मामले में आवेदक ने दावा किया था कि हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार सर्वेक्षण नहीं किया गया। राज्य और पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने तर्क दिया कि सर्वेक्षण सभी नियमों के अनुसार किया गया था और इसकी रिपोर्ट पेश की गई थी। सोमवार को खंडपीठ सर्वेक्षण पद्धति समेत सभी दस्तावेज देखना चाहती है। हालांकि वादी के वकीलों ने दावा किया कि सर्वे के संबंध में कोई अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई। सरकार की तरफ से दिया तर्कआयोग के वकील ने कहा कि सर्वेक्षण न्यायालय के सभी आदेशों के अनुरूप किया गया था। गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को विधानसभा सत्र में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि न्यायालय के आदेश पर पिछड़े समुदायों की नई सूची तैयार की गई है। कुछ दिन पहले पिछड़ा वर्ग विकास आयोग ने एक विशिष्ट सूची प्रकाशित की थी कि किन जनजातियों को ओबीसी के रूप में मान्यता दी जाएगी। इसमें 140 समुदायों की पहचान ओबीसी के रूप में की गई थी।12 लाख ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थेसंयोग से 22 मई 2024 को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य में लगभग 12 लाख ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थे। न्यायालय ने कहा था कि 2010 के बाद ओबीसी प्रमाण पत्र प्राप्तकर्ताओं की जो सूची तैयार की गई थी, वह पिछड़ा वर्ग अधिनियम 1993 के विरुद्ध थी।


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