Saturday, August 31, 2024

बिहार में शिक्षा का 'खेल' उजागर! प्रशांत किशोर के खुलासे से मचा हड़कंप, जानें क्या है पूरा सच

पटनाः जन सुराज के सूत्रधार ने बिहार सरकार पर शिक्षा के नाम पर बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया है। पटना में पदयात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा पर हर साल 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन बिहार के 50 बच्चों को भी ढंग की शिक्षा नहीं मिल पाती। उनका कहना है कि नेता जानबूझकर शिक्षा व्यवस्था को खराब रखना चाहते हैं ताकि गरीब लोग सिर्फ खिचड़ी और अनाज के लालच में उन्हें वोट देते रहें। प्रशांत किशोर ने यह भी वादा किया कि जन सुराज सरकार बनने पर 15 साल तक के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।

शिक्षा के नाम पर हर साल 50 हजार करोड़ का बजट कागजों पर खर्च!

बिहार में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि शिक्षा के नाम पर हर साल 50 हज़ार करोड़ रुपए का बजट सिर्फ कागजों पर खर्च होता है, जबकि हकीकत में बिहार के स्कूलों की हालत बहुत खराब है। पीके ने कहा-‘ आप गरीब और बेरोजगार इसलिए हैं क्योंकि आपने जिनको वोट दिया, वो नहीं चाहते कि आपके बच्चे पढ़ें। वो केवल खिचड़ी और 4 किलो अनाज का लालच देकर आपसे आपका वोट लेना चाहते हैं।’

शिक्षा के स्तर में सुधार की कोशिश नहीं

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि नेता और अधिकारी जानते हैं कि बिहार के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत नीचे है, लेकिन वे जानबूझकर इसे सुधारने की कोशिश नहीं करते। उनका मानना है कि नेता चाहते हैं कि बिहार के लोग गरीब और अनपढ़ बने रहें ताकि वे उन्हें आसानी से अपने बहकावे में रख सकें।

15 साल तक के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा

जन सुराज अभियान के जरिए प्रशांत किशोर बिहार में बदलाव का वादा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन सुराज यह सुनिश्चित करेगा कि बिहार के शिक्षा पर खर्च होने वाला हर एक रुपया बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में इस्तेमाल हो। साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि जन सुराज सरकार बनने पर 15 साल तक के सभी बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। उनका दावा है कि भारत में ऐसा क्रांतिकारी कदम इससे पहले किसी भी राज्य में नहीं उठाया गया है।


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Friday, August 30, 2024

कांग्रेस के सस्पेंड करते ही बीजेपी में शामिल हुए विधायक जितेश अंतापुरकर, जानें कौन

मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक खेला शुरू हो गया है। राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने वाले दो विधायकों पर कांग्रेस ने शुक्रवार को एक्शन लिया। पार्टी ने नांदेड़ जिले के डेगलूर-बिलोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जितेश अंतापुरकर को निलंबित कर दिया। कांग्रेस के निलंबित करने के कुछ ही घंटे बाद जितेश अंतापुरकर बीजेपी में शामिल हो गए। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण भी मौजूद रहे। जितेश अंतापुरकर को अशोक चव्हाण का करीबी माना जाता है। चव्हाण लोकसभा चुनावों के बीच में ही बीजेपी में शामिल हुए थे। जितेश अंतापुरकर के साथ कांग्रेस ने मुंबई की एक विधानसभा सीट से विधायक को भी निलंबित किया है। फडणवीस बोले-मजबूत होगी बीजेपी महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने अंतापुरकर का स्वागत किया गया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विश्वास जताया कि अंतापुरकर के आने से नांदेड़ जिले में बीजेपी मजबूत होगी। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में नांदेड़ सीट पर बीजेपी की मामूली हार हुई है। अब नांदेड़ जिले में हालात बदल गए हैं। विधानसभा चुनाव में नांदेड़ जिले में महायुति को सबसे अधिक सीटें मिलेंगी। अशोक चव्हाण ने कहा कि अंतापुरकर ने कांग्रेस में मिले अपमानजनक व्यवहार के कारण बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया है। उनके इस फैसले से बीजेपी को फायदा होगा। अंतापुरकर ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसका हम ईमानदारी से पालन करेंगे।पहली बार बने थे विधायक 30 दिसंबर 1989 को जन्में जितेश अंतापुरकर कांग्रेस के युवा विधायकों में शामिल थे। वह रावसाहेब अंतापुरकर के बेटे हैं। जितेश नांदेड़ शहर के देगलुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे। उन्होंने 2019 के चुनाव में बीजेपी के कैंडिडेट सबने सुभाष पिराजीराव को हराया था। तब वह 41 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।


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Thursday, August 29, 2024

करप्शन, कमीशन, चीट... AAP पर अचानक हमलावर क्यों हो गई कांग्रेस?

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली की 'आप' सरकार पर गुरुवार को तीखा हमला किया। उन्होंने कहा क‍ि 'आप' सरकार तीन 'सी'- करप्शन, कमीशन और चीट के मॉडल पर चल रही है। देवेंद्र यादव ने कहा क‍ि 'दिल्ली की जो आज हालत है, वो किसी से छिपी नहीं है। लेकिन हमें इस बात की खुशी है कि 11 साल बाद आम आदमी पार्टी की सरकार को लोगों की सुध लेने का ध्यान आया है। उन्होंने एक कार्यक्रम किया है, इसके तहत हर विधायक अपने-अपने क्षेत्र में जाने का काम करेंगे।' दिल्ली में कांग्रेस और 'आप' ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ने का मन बना रही हैं।

'दिल्ली सरकार तीन 'सी' के फार्मूले पर चल रही है'

दिल्ली की 'आप' सरकार पर तंज कसते हुए देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली की सरकार तीन 'सी' के फार्मूले पर चल रही है- करप्शन, कमीशन और चीट। हमारा फर्ज है कि हम इस सरकार को एक्सपोज करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता का ये काम है कि वो उनके विधायकों से पूछे कि जब दिल्ली के हर गली-मोहल्लों में शराब की दुकान खोलने को लेकर हम विरोध कर रहे थे, उस समय आप लोग कहां थे। कांग्रेस नेता ने कहा, दिल्ली में 18 नए हॉस्पिटल खोलने की जरूरत थी, लेकिन सिर्फ तीन खुले, वो भी कोविड के समय में। ये वो तीन हॉस्पिटल हैं, जो कांग्रेस के समय में बनने शुरू हुए थे।

'आज मोहल्ला क्लीनिक के अंदर पशु बांधे जाते हैं'

उन्होंने कहा, इन्होंने पांच साल में 1000 मोहल्ला क्लिनिक खोलने की बात की थी, लेकिन सिर्फ 541 पर ही सिमट कर रह गए। आज मोहल्ला क्लीनिक के अंदर पशु बांधे जाते हैं और बाहर गंदगी देखने को मिलती है। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लड़कियों के शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का बिल पास किया। दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने पर इसको लागू करने के सवाल पर देवेंद्र यादव ने कहा, हिमाचल की सरकार ने बहुत सोच समझ कर ये फैसला लिया है। अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो यहां पर भी इस विषय पर विचार किया जाएगा।


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Wednesday, August 28, 2024

सहायक शिक्षकों की 14 हजार 52 पदों पर भर्ती को कलकत्ता हाईकोर्ट से हरी झंडी, जानें डिटेल

कोलकाता: ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को बुधवार को निर्देश दिया कि वह राज्य सरकार की ओर से प्रायोजित और वित्त-पोषित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के पद पर 14,052 अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया 12 सप्ताह के भीतर पूरी करे। जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के कई आदेशों से उत्पन्न 36 अपीलों पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। इनमें राज्य-स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी), 2016 के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी।सभी 14,052 अभ्यर्थी की सिफारिश अदालत ने एसएससी को आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर 14,052 अभ्यर्थियों की अंतिम मेधा सूची और पैनल तैयार करने एवं प्रकाशित करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने निर्देश दिया कि उसके बाद चार सप्ताह की अवधि के भीतर एसएससी काउंसलिंग आयोजित करेगा और व्यक्तित्व परीक्षा में उपस्थित सभी 14,052 अभ्यर्थी की सिफारिश करेगा। पीठ ने निर्देश दिया कि ऐसी सिफारिश के बाद, कानून के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी की ओर से चार सप्ताह की अवधि के भीतर उक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।36 अपीलों के जरिए दी थी चुनौतीइन अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को खंडपीठ के समक्ष 36 अपीलों के माध्यम से चुनौती दी गई थी, जो पर्वतीय क्षेत्रों को छोड़कर सरकारी सहायता प्राप्त/प्रायोजित विद्यालयों में सहायक अध्यापकों (शारीरिक और कार्य शिक्षा को छोड़कर) की भर्ती के लिए एसएलएसटी 2016 से संबंधित कई रिट याचिकाओं में एकल न्यायाधीश के आदेशों से उत्पन्न हुई थी। एसएलएसटी 2016 का आयोजन पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (विद्यालयों के उच्च प्राथमिक स्तर के लिए शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के लिए चयन) नियम, 2016 के तहत किया गया था। साक्षात्कार सूची 24 अगस्त, 2019 को और मेधा सूची चार अक्टूबर, 2019 को प्रकाशित की गई थी।पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया थाचयन प्रक्रिया को एकल पीठ के समक्ष कई रिट याचिकाओं के माध्यम से चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसने पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया था और एसएससी को नियमों के अनुसार पात्र समझे जाने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए एक नयी चयन प्रक्रिया आयोजित करने का निर्देश दिया था। आयोग को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता और व्यावसायिक योग्यता की वैधता को नियमों के अनुसार सत्यापित करने का भी निर्देश दिया गया था। इसके बाद, एसएससी ने जून 2021 में एक नयी साक्षात्कार सूची प्रकाशित की, जिसमें पैरा-शिक्षकों के लिए आरक्षित 10 प्रतिशत को छोड़कर कुल 14,339 अंतिम रिक्तियों का खुलासा हुआ। अन्य रिट याचिकाओं में आदेशों और इसी तरह के फैसलों से असंतुष्ट होकर, वर्तमान अपीलें खंडपीठ के समक्ष दायर की गई थीं।


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Tuesday, August 27, 2024

मुकेश अंबानी की जियो के लिए चुनौती बना बीएसएनएल का यह प्‍लान, ऐसा क्‍या कर दिया है ऑफर?

नई दिल्‍ली: सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने एक नया रिचार्ज प्लान लॉन्च किया है। इसकी कीमत सिर्फ 397 रुपये है। इसकी वैलिडिटी 150 दिनों की है। यह प्लान 4G डेटा और मुफ्त कॉलिंग के साथ आता है। इस प्‍लान को की के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। बीएसएनएल का यह कदम निजी दूरसंचार कंपनियों की ओर से टैरिफ बढ़ोतरी के बाद आया है। इसके कारण बड़ी संख्या में यूजर बीएसएनएल का रुख कर रहे हैं। बीएसएनएल देशभर में अपनी 4जी सेवाओं को शुरू करने की तैयारी में है। कंपनी ने प्रमुख शहरों और टेलीकॉम सर्किलों में 25,000 से ज्‍यादा नए 4जी टावर स्थापित किए हैं। सरकार ने बीएसएनएल को मजबूत बनाने के लिए इस साल के बजट में 83,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह इसके नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

क‍िन्‍हें ध्‍यान में रखकर ड‍िजाइन क‍िया गया प्‍लान?

बीएसएनएल के इस नए प्लान को उन लोगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है जो अपना दूसरा सिम इस्तेमाल करते हैं। यह प्लान न केवल लंबी वैधता प्रदान करता है बल्कि काफी डेटा और मुफ्त कॉल भी देता है। इस प्लान में पहले 30 दिनों के लिए किसी भी नंबर पर असीमित मुफ्त कॉलिंग की सुविधा है। इसके बाद यूजरों को बाकी 150 दिनों के लिए मुफ्त इनकमिंग कॉल का आनंद मिल सकता है। इसके अलावा इसमें पहले महीने के लिए प्रतिदिन 2GB डेटा का अलाउंस शामिल है। इसके बाद 40 kbps की स्पीड से असीमित डेटा मिलता है। यह प्लान रिलायंस जियो जैसी दिग्गज कंपनियों को चुनौती दे सकता है।बीएसएनएल का मानना है कि यह प्लान उन लोगों को आकर्षित करेगा जो एक किफायती और भरोसेमंद प्लान की तलाश में हैं। बीएसएनएल के इस कदम से टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद है। सरकारी टेलीकॉम कंपनी की ओर से उठाया गया यह कदम टेलीकॉम बाजार की गतिशीलता में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह प्लान बीएसएनएल के बड़े 4जी रोलआउट में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

एमटीएनएल के साथ डील को दिया अंत‍िम रूप

इसी बीच, बीएसएनएल के रणनीतिक साझेदार महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने दिल्ली और मुंबई में 4जी सेवाओं को शुरू करने के लिए बीएसएनएल के साथ एक दशक लंबी डील को अंतिम रूप दे दिया है। इस समझौते का उद्देश्य एमटीएनएल की नेटवर्क सेवाओं को बढ़ावा देना है, जो अपने यूजरों को बेहतर 4जी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। दोनों ऑपरेटरों की ओर से 4जी क्षेत्र में प्रवेश करने में देरी के बाद यह बड़ी प्रगति है।बीएसएनएल जैसे-जैसे इस किफायती और मजबूत प्लान के साथ आगे बढ़ रही है, यह न केवल जियो, एयरटेल और Vi जैसी दिग्गज कंपनियों को टक्कर दे रही है, बल्कि संभावित रूप से टेलीकॉम बाजार की गतिशीलता को भी नया रूप दे रही है।


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Monday, August 26, 2024

कोरोना के बाद दिल्ली में जन्म दर में आई गिरावट, आंकड़े जानकर हो जाएंगे हैरान

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के बाद, में गिरावट आयी है और यह प्रति 1,000 अबादी पर 18.35 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2000 में 14.85 हो गई। सरकार की नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ‘दिल्ली में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण पर वार्षिक रिपोर्ट-2023’ में यह भी कहा गया है कि 13,919 गैर-संस्थागत प्रसव में 7,216 (51.84 प्रतिशत) लड़कियों का जन्म हुआ। गैर-संस्थागत प्रसव अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर होने वाले प्रसव हैं जो कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं कराता है।रिपोर्ट के अनुसार, कुल 3,01,168 संस्थागत प्रसव में से 1,94,428 (64.56 प्रतिशत) सरकारी अस्पतालों में हुए। कुल संस्थागत प्रसव में 1,43,891 (47.78 प्रतिशत) लड़कियों ने जन्म लिया।रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली से उभरने वाले महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक जन्म दर है, जो 2005 से 2019 के बीच प्रति 1,000 आबादी पर 18-22 के बीच रही।

जन्म दर में आई गिरावट

हालांकि, कोविड-19 महामारी के बाद, 2020-2023 तक जन्म दर प्रति 1,000 जनसंख्या पर 13-15 के बीच रही। लेकिन, रिपोर्ट में आंकड़ों में गिरावट का कारण नहीं बताया गया है। वर्ष 2019 में जन्म दर प्रति 1,000 आबादी पर 18.35 थी, जबकि 2020 में यह घटकर 14.85, 2021 में 13.13 और फिर 2022 और 2023 में क्रमशः 14.24 और 14.66 हो गई।वर्ष 2023 में बच्चों के जन्म की कुल संख्या में से 95 प्रतिशत से अधिक चिकित्सा संस्थानों से हैं। संस्थागत प्रसव लगातार बढ़ रहा है। 2005 में यह केवल 73.72 प्रतिशत था।वर्ष 2023 के दौरान कुल पंजीकृत प्रसव में संस्थागत प्रसव का अनुपात वर्ष 2022 की तुलना में (1.56 प्रतिशत) बढ़ गया है। वर्ष 2023 में अस्पतालों में कुल 3,01,168 बच्चों के जन्म हुए, अर्थात वर्ष 2023 के दौरान अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 825 बच्चों के जन्म हुए।रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल, अस्पतालों और घरों में मृत्यु होने के दर्ज आंकड़ों के बीच 67:33 का अनुपात रहा।


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Sunday, August 25, 2024

सेक्स ना करने की दे दी सलाह.... राजस्थान में आखिर कौन सी रहस्यमयी बीमारी फैल रही है, जिससे दहशत में हैं लोग

बांसवाड़ा: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के आदिवासी इलाकों में पिछले कुछ महीनों से एक रहस्यमयी बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी का नाम सिकल सेल एनीमिया है। यह एक अनुवांशिक बीमारी है जो तेजी से फैल रही है। राज्य सरकार की ओर से सीएमएचओ को आदेश देकर आदिवासी क्षेत्र में स्क्रीनिंग कराई गई। अब तक करीब 10 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। स्क्रीनिंग से 692 मरीजों में यह बीमारी होने की पुष्टि हुई है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के बाद सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है। सरकार की ओर से क्षेत्र में वैक्सीनेशन अभियान चलाने का फैसला लिया गया है।

हर आयु वर्ग के हैं मरीज

बांसवाड़ा जिले के डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राहुल डिंडोर बताते हैं कि अब तक करीब 10 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हुई है जिससे 692 लोगों में इस बीमारी से संक्रमित होने की बात सामने आई है। मरीज हर आयु वर्ग के हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में सिकल सेल एनीमिया होने की पुष्टि हुई है। डॉ. डिंडोर बताते हैं कि यह अनुवांशिक बीमारी है। माता पिता के जरिए बच्चों में आती है। एक कोई पुलिस इस बीमारी से ग्रसित है तो उसके संपर्क में आने से पत्नी भी संक्रमित हो जाती है। इस तरह से यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

चिकित्सा विभाग की ओर से जारी किया गया है अलर्ट

डॉ. डिंडोर का कहना है कि विभाग की ओर अलर्ट जारी किया गया है। हर क्षेत्र में निगाह रखने और मरीजों पर निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है। लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है क्योंकि यह बीमारी स्त्री पुरुष के संबंध बनाने से ज्यादा फैलती है। ऐसे में जो व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित है, उसे अपने साथी से शारीरिक संबंध नहीं बनाने के लिए कहा जाता है। अगर कोई अविवाहित युवक और युवती इस बीमारी से संक्रमित है तो ऐसे युवक युवतियों को शादी नहीं करनी चाहिए। विभाग की ओर से हर अविवाहित युवक युवती को शादी से पहले स्क्रीनिंग कराने की सलाह दी है। विभाग की ओर से पॉजिटिव मरीजों को लगातार इलाज दिया जा रहा है।

ये लक्षण है इस गंभीर बीमारी के

डॉ. राहुल डिंडोर का कहना है कि पॉजेटिव मरीज में रेड ब्लड सेल कम हो जाते हैं जिससे वह कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है। यह बीमारी रेड ब्लड डिसऑर्डर से जुड़ी है और खून में मौजूद हीमोग्लोबिन को बुरी तरह प्रभावित करती है। ऐसे में शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। शरीर के अंगों तक ठीक से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती जिससे शरीर के हिस्सों में तेज दर्द होने लगता है। हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहना, हाथ पैरों में सूजन आना, थकान होना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में पीलापन आने के साथ किडनी से संबंधित बीमारी होना इसके प्रमुख लक्षण है। संक्रमित बच्चों में कुपोषण, आंखों से जुड़ी समस्याएं और इन्फेक्शन जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं। माता-पिता में से कोई एक सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित है तो यह बीमारी बच्चों में आ सकती है। कई मामलों में संक्रमित मरीज की मृत्यु भी हो जाती है।

कई सालों से है यह बीमारी

बांसवाड़ा से 12 किलोमीटर दूर झुपेल गांव में इसी साल मार्च में स्क्रीनिंग से 40 वर्षीय महिला में सिकल सेल एनीमिया की पुष्टि हुई। पता चला कि महिला को यह बीमारी कई साल से थी। इसी कारण हर 2-3 महीने में वह बीमार पड़ जाती थी। अब हर महीने अधिकारियों की ओर से मोनिटरिंग की जाती है। गनाऊ गांव में सीकल सेल एनीमिया पॉजेटिव एक लड़की का कहना है कि उसमें खून की कमी है। मार्च में उसने जांच कराई तब इस बीमारी के बारे में पता चला। हालांकि अभी तक उसे कोई गंभीर तकलीफ नहीं हुई है। वह घर का पूरा काम काज कर पा रही है और विभाग से मिली दवाइयां ले रही है। बांसवाड़ा शहर से 32 किलोमीटर दूर डूंगरपुर रोड पर स्थित बजाखरा गांव के एक ही परिवार में 6 लोग सिकल सेल एनीमिया पॉजिटिव पाए गए हैं। दो महीने पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में आई और जांच की तब बीमारी के बारे में पता चला।

वैक्सीनेशन कराएगी सरकार

राज्य सरकार की ओर से इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को मुफ्त दवाएं दी जा रही है। सरकार की ओर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई गई है। चिन्हित मरीजों को मुफ्त दवा वितरण किया जाता है। इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए वैक्सीनेशन की मंजूरी मिल गई है। दो वैक्सीन न्यूमोकोल और ‎मैनिंगोकोल हैं जो इस बीमारी को 50 से 60 फीसदी कम कर देती है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस वैक्सीन की मांग की है। वैक्सीन की सप्लाई आने वाली है जिसके बाद वैक्सीनेशन किया जाएगा। वैक्सीन की कीमत करीब 10 से 12 हजार रुपए है लेकिन सरकार की ओर से मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी।


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Saturday, August 24, 2024

4000 करोड़ रुपये का IPO लाएगी यह कंपनी, हीरे से जुड़ा है बिजनेस, जानें कैसा रहा है महंगे आईपीओ का हाल

नई दिल्ली: अगर आप आईपीओ के जरिए शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको लिए अच्छी खबर है। हीरे का कारोबार करने वाली कंपनी की सब्सिडरी कंपनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (IGI) 4 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लाएगी। इसके लिए कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास जरूरी पेपर जमा करा दिए हैं। इस आईपीओ में कंपनी 1250 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर जारी करेगी। वहीं 2750 करोड़ रुपये के शेयर प्रोमोटरों द्वारा ओएफएस के जरिए जारी किए जाएंगे। सेबी के पास दाखिल किए गए पेपर्स के मुताबिक आईपीओ के तहत जारी किए जाने वाले प्रत्येक शेयरों की फेस वैल्यू 2 रुपये होगी। इस प्रस्तावित IPO से IGI का मूल्य लगभग 3.5 बिलियन डॉलर से 4 बिलियन डॉलर होने की संभावना है।

कंपनी कहां खर्च करेगी पैसा?

आईपीओ के जरिए मिली ज्यादातर रकम का इस्तेमाल कंपनी दूसरी कंपनियों को खरीदने में खर्च करेगी। कंपनी का प्लान IGI बेल्जियम ग्रुप और IGI नीदरलैंड ग्रुप के अधिग्रहण का है। इसके अलावा कुछ रकम सामान्य कॉर्पोरेट कामों के लिए भी खर्च की जाएगी।

कंपनी के बारे में जानें

ब्लैकस्टोन ने मई पिछले साल 570 मिलियन डॉलर में IGI को खरीदा था। यह खरीद शंघाई युयुआन टूरिस्ट मार्ट (जो फोसुन की सहायक कंपनी है) और रोलैंड लोरी (जो IGI के संस्थापक परिवार से हैं) से की गई थी। IGI भारत में सबसे बड़ी इंडिपेंडेंट सर्टिफिकेशन और मान्यता सर्विस प्रोवाइडर है। यह डायमंड, जड़े हुई ज्वैलरी और रंगीन स्टोन में सर्टिफिकेशन देती है। इसकी 10 देशों में 29 लैब्स और रत्न विज्ञान के 18 स्कूल हैं।

कैसी हालत है बड़े IPO की?

4 हजार करोड़ रुपये के आईपीओ को बड़ा आईपीओ कहा जा सकता है। हाल के कुछ सालों में इससे भी बड़ी-बड़ी रकम के आईपीओ आ चुके हैं। जानें, ऐसी ही कुछ कंपनियों के शेयरों की आज क्या स्थिति है:LIC IPO: इसका इश्यू साइज करीब 21 हजार करोड़ रुपये था। इसका आईपीओ मई 2022 में आया था। अभी इसके शेयर की कीमत 1,060.55 रुपये है। लिस्टिंग से लेकर अब तक निवेशकों को करीब 28 फीसदी का फायदा हुआ है।Paytm IPO: इसका इश्यू साइज करीब 18 करोड़ रुपये था। इस कंपनी का आईपीओ नंवबर 2021 में आया था। अभी इसके शेयर की कीमत 555.15 रुपये है। लिस्टिंग के बाद से लेकर अब तक इसने निवेशकों को करीब 64 फीसदी नुकसान दिया है।Coal India IPO: इस कंपनी का आईपीओ अक्टूबर 2010 में आया था। इसका इश्यू साइज करीब 15 करोड़ रुपये था। इसके शेयर की कीमत अभी 537.85 रुपये है। लिस्टिंग के बाद से इसने अभी तक निवेशकों को करीब 54 फीसदी प्रॉफिट दिया है।Reliance Power IPO: अनिल अंबानी की इस कंपनी का आईपीओ जनवरी 2008 को आया था। इसका इश्यू प्राइज करीब 12 हजार करोड़ रुपये था। इसके शेयर की कीमत अभी 34.48 रुपये है। लिस्टिंग से लेकर अब तक इसने निवेशकों को करीब 86 फीसदी नुकसान दिया है।SBI Card IPO: इस कंपनी का आईपीओ मार्च 2020 में आया था। इसका इश्यू साइज 10,341 करोड़ रुपये था। इस कंपनी के शेयर की कीमत अभी 716.90 रुपये है। लिस्टिंग से लेकर अब तक यह निवेशकों को करीब 30 फीसदी का नुकसान दे चुका है।


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Friday, August 23, 2024

दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के लिए एलजी जिम्मेदार, सौरभ भारद्वाज ने बोला साफ-साफ

नई दिल्ली: दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टर की कमी को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी एक बार फिर आमने- सामने हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का अधिकार उपराज्यपाल महोदय के अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है। अगर अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है अन्य स्टाफ की कमी है तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर उपराज्यपाल की बनती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का कार्य अस्पताल बनाने का और अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराने का है। यह सभी काम दिल्ली सरकार बखूबी कर रही है।

AAP ने उपराज्यपाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया

सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर सरेआम झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'इन अस्पतालों का बजट हर साल एलजी साहब और केंद्र सरकार के यहां से पास होकर विधानसभा में आता है। पहले से बने हुए अस्पतालों में डॉक्टर समेत 30 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं। इन पर भर्ती के लिए मैं कई बार एलजी साहब को पत्र लिख चुका हूं। नए अस्पतालों में भर्ती के लिए सर्विसेज विभाग को पद सृजित करने होंगे और फिर यूपीएससी के द्वारा नियुक्तियां होंगी। इस पूरी प्रक्रिया में दो वर्ष लग जाएंगे तो अभी तक एलजी साहब और उनका विभाग क्या कर रहा था।'

'कोरोना के समय से ही दिल्ली सरकार ने...'

सौरभ भारद्वाज का कहना है कि कोरोना के समय से ही दिल्ली सरकार ने अस्पतालों के निर्माण और उसमें आईसीयू बेड उपलब्ध कराने का काम शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर कई बार कहा कि दिल्ली सरकार अस्पतालों का निर्माण करा रही है, इनके लिए भर्तियां की जाएं। यह काम एलजी का होने के बावजूद उन्होंने पत्र लिखा, लेकिन स्वास्थ्य सचिव ने पत्र का जवाब तक नहीं दिया। सरकार को करोड़ों का नुकसान कराने वाले इस स्वास्थ्य सचिव पर एलजी ने कोई एक्शन नहीं लिया।

'एलजी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन नहीं ले रहे हैं'

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अस्पतालों में भर्तियों के लिए वह एलजी साहब से कई बार निवेदन कर चुके हैं, लेकिन वह बार-बार इनकार कर रहे हैं। अस्पतालों में संविदा भर्ती का निवेदन वह खुद और हाई कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी भी कर चुकी है, लेकिन एलजी ये भर्तियां नहीं कर रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया, एलजी अधिकारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। एलजी साहब दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लें।'


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एक टी20 और तीन सुपर ओवर... महाराजा ट्रॉफी के इस मैच जैसा रोमांच पहले कभी नहीं देखा होगा

बेंगलुरु: कर्नाटक में घरेलू टी20 लीग महाराजा ट्रॉफी टी20 खेली जा रही है। इसमें शुक्रवार को बेंगलुरु ब्लास्टर्स और हुबली टाइगर्स के बीच मुकाबला खेला गया। इस मैच में वो हुआ जो पहले कभी नहीं दिखा गया था। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर तीन सुपर ओवर के बाद इस मैच का नतीजा निकला। पहले सुपर ओवर में दोनों ही टीमों ने 10-10 रन बनाए। दूसरे में दोनों टीमों की तरफ से 9-9 रन बने। तीसरे सुपर ओवर की आखिरी गेंद पर हुबली टाइगर्स को जीत मिली।

एक गेंद पर चाहिए थे चार रन

की कप्तानी वाली हुबली टाइगर्स को जीत के लिए तीसरे सुपर ओवर में 13 रन चाहिए थे। मनवंत कुमार ने पहले गेंद पर दो रन लिया और फिर क्रांति कुमार के खिलाफ दूसरी गेंद पर चौका जड़ दिया। फिर तीसरी गेंद पर एक रन बनाए। इसके बाद मनीष पांडे डॉट गेंद खेल गए। अगली गेंद वाइड रही। 5वीं गेंद पर मनीष ने एक रन लिया। अब एक गेंद पर जीत के लिए हुबली को चार रन चाहिए थे। मनवंत ने लेग साइड में चौका मारकर अपनी टीम को जीत दिला दी।

बेंगलुरु को चाहिए थे 6 गेंद पर 6 रन

मैच में बेंगलुरु की टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिए 6 रन चाहिए थे। क्रीज पर नवीन एमजी के साथ क्रांति कुमार थे। गेंद एलआर कुमार के हाथ में थी। पहली ही गेंद पर नवीन ने चौका मार दिया। अब 5 गेंद पर 2 रन चाहिए थे और ब्लास्टर्स की जीत पक्की दिख रही थी। लेकिन दूसरे गेंद पर नवीन आउट हो गए। इसके बाद उतरे लविश कुशाल ने दो डॉट गेंदें खेली। फिर वाइ में एक रन लिया। आखिरी गेंद पर क्रांति रन आउट हो गए और मैच टाई रहा। हुबली ने पहले खेलते हुए 20 ओवर में 164 रन बनाए थे। मनीष पांडे के बल्ले से सभी पड़ी 33 रनों की पारी निकली। लविश कुशल ने 5 विकेट झटके। कप्तान मयंक अग्रवाल ने 34 गेंद पर 54 रन बनाए लेकिन फिर भी मैच 20 ओवर के बाद टाई रहा।


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जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर दिल्ली में कांग्रेस CEC की बैठक, पहले फेज की नौ सीटों पर हुआ मंथन

नई दिल्ली : मौजूदा चुनावों को लेकर गुरुवार को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच तालमेल का ऐलान हुआ। जम्मू कश्मीर के दो दिन के दौरे से लौटकर शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता ने जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) में हिस्सा लिया। देर शाम तक चली इस बैठक में पहले चरण की नौ सीटों पर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई।

5 सीटों पर कांग्रेस कैंडिडेट फाइनल!

सूत्रों के मुताबिक, इस मैराथन बैठक में नौ में से पांच सीटों पर उम्मीदवारी को लगभग फाइनल कर दिया गया है। जल्द ही इनका ऐलान किया जाएगा। वहीं जल्द ही सीईसी पहले चरण की हुई सीटों पर फिर से चर्चा करेगी। उल्लेखनीय है कि पहले चरण के चुनाव आगामी 18 सितंबर को होना है, जिसके लिए 27 अगस्त तक नामांकन भरना है। पहले फेज में 24 सीटों पर चुनाव होना है।

जम्मू-कश्मीर की 90 सीट पर 3 फेज में चुनाव

बताया जाता है कि इस फेज में कांग्रेस नौ सीटों पर मुकाबले पर है। राज्य की कुल 90 सीटों पर तीन चरणों में मतदान होना है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं। यहां दस सालों बाद असेंबली चुनाव हो रहे हैं। राज्य में 47 सीटें जम्मू संभाग और 43 सीटें कश्मीर घाटी की हैं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

जम्मू में बीजेपी मजबूत स्थिति में है। हालांकि सीटों की साझेदारी को लेकर जम्मू में कांग्रेस के भीतर कुछ असंतोष उपजा है। दरअसल, कांग्रेस का मानना है कि जम्मू में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। ऐसे में जम्मू इलाके की कुछ सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की दावेदारी कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को नागवार गुजर रही है।


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मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी, सीएम से की सिक्योरिटी सिचुएशन पर बात

नई दिल्ली: भारतीय सेना चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सिक्योरिटी सिचुएशन पर भी बात की। मणिपुर पहुंचने पर आर्मी चीफ ने जमीनी स्तर पर तैनात कमांडरों से ऑपरेशनल तैयारियों के बारे में जानकारी ली। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राज्य में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ भी चर्चा की।

सेना चीफ ने आंतरिक सुरक्षा पर की चर्चा

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के साथ एक अहम बैठक में आर्मी चीफ ने आंतरिक सुरक्षा की स्थिति और मणिपुर में शांति और स्थिरता की जल्द वापसी में भारतीय सेना और असम राइफल्स की भूमिका पर चर्चा की। आर्मी चीफ ने मणिपुर के लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

पिछले साल मणिपुर में हुई थी हिंसा

मणिपुर में 3 मई 2023 को जातीय हिंसा भड़की जिसमें 220 से ज्यादा लोग मारे गए और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। वहां अब भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। जातीय हिंसा को रोकने के राजनीतिक समाधान निकालने की मांग भी हो रही है साथ ही कुकी समुदाय के लोग पहाड़ियों के लिए विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर रहे हैं।जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिकों के साथ भी बातचीत की और उनकी ऑपरेशनल तैयारियों, तत्परता और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए उनकी सराहना की। आर्मी चीफ ने पूर्व सैनिकों से भी मुलाकात की।

सीआरपीएफ की बटालियन होंगी तैनात

सूत्रों के मुताबिक मणिपुर से असम राइफल्स की दो बटालियन को हटाकर अरुणाचल प्रदेश भेजा जा रहा है। मणिपुर में असम राइफल्स की दो बटालियन की जगह सीआरपीएफ की बटालियन की तैनाती की कार्यवाही भी (हेंडिंग-टेकिंग ओवर) शुरू हो गई है। वहीं अरुणाचल प्रदेश से असम राइफल्स की दो बटालियन का जम्मू-कश्मीर जाना शुरू हो गया है। 18 अगस्त को पहली अडवांस पार्टी और 19 अगस्त को दूसरी अडवांस पार्टी रवाना हो गई है।


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Thursday, August 22, 2024

आंध्र प्रदेश की दवा कंपनी में कैसे हुआ धमाका, 17 मौतों की वजह क्या? CM चंद्रबाबू नायडू ने सब बताया

अचुतापुरम: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन ने गुरुवार को कहा कि अचुतापुरम की दवा कंपनी में बुधवार को शक्तिशाली ‘वेपर-क्लाउड’ विस्फोट के कारण आग लगी थी। इससे 17 लोगों की मौत हो गई और लगभग 40 श्रमिक घायल हो गए। दरअसल ‘वेपर-क्लाउड’ विस्फोट तब होता है जब पर्याप्त मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ की गैस और वाष्प से बनने वाले बादल के हवा के संपर्क में आने पर उसमें आग लग जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एस्किएंटिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने में साफ तौर से विफल रही और हादसे का कारण बना रसायन विस्फोटक प्रकृति का था।नियमों का पालन नहीं कियासीएम नायडू के अनुसार, विस्फोट इतना तीव्र था कि इससे कई दीवारें उड़ गईं और मजदूर दीवारों और बाड़ों के उस पार जाकर गिरे। मुख्यमंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दवा कंपनी में ‘वेपर-क्लाउड’ विस्फोट के कारण आग लगने की घटना हुई। यह स्पष्ट है कि उचित एसओपी का पालन नहीं किया गया। यदि उनका पालन किया जाता तो यह समस्या उत्पन्न नहीं होती। रेड श्रेणी की कंपनी पर सख्तीघटनास्थल से मुख्यमंत्री ने ‘रेड’ श्रेणी के तहत उद्योग चलाने वाले सभी उद्योगपतियों से सावधानी बरतने और तत्काल आंतरिक सुरक्षा ऑडिट करने की अपील की। जिन औद्योगिक क्षेत्रों का प्रदूषण सूचकांक स्कोर 60 और उससे अधिक है, वे ‘रेड’ श्रेणी में आते हैं। घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई कंपनी उचित निर्णय नहीं लेती है तो ऐसा ही होता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एस्किएंटिया ‘रेड’ श्रेणी के तहत कार्यरत कंपनी थी।मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की मददपूर्ववर्ती वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी सरकार को दोषी ठहराते हुए नायडू ने आरोप लगाया कि 2014 और 2019 के बीच 119 औद्योगिक दुर्घटनाएं हुईं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसके पहले विशाखापत्तनम में अस्पताल में उपचाराधीन घायलों से मिलने के बाद कहा कि गंभीर रूप से घायल श्रमिकों को 50 लाख रुपये तथा अन्य घायलों को 25 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।सीएम ने क्या कहा?नायडू ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि मैंने विशाखापत्तनम के अस्पताल में अचुतापुरम दवा कंपनी दुर्घटना के घायलों से मुलाकात की और उनको तथा उनके परिजनों को सांत्वना दी। मैंने पीड़ितों के परिजनों को सहायता करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री नायडू ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने का भी आश्वासन दिया और इलाज करा रहे श्रमिकों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। कब हुआ था धमाका?अचुतापुरम में स्थित दवा कंपनी ‘एसेंशिया एडवांस्ड साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड’ में बुधवार को अपराह्न दो बजकर 15 मिनट पर आग लग गई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और लगभग 40 श्रमिक घायल हो गए। (इनपुट भाषा)


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Wednesday, August 21, 2024

सपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज, नगर निगम टीम को राइफल लेकर दौड़ाया था

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के में विवेकानंद पार्क की मंगलवार को सफाई करने गई नगर निगम की टीम को ने राइफल लेकर दौड़ा लिया था, जिसका एक वीडियो वायरल होने के बाद थाने में मंगलवार देर रात उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। थाने के उप निरीक्षक कुलदीप उपाध्याय की तहरीर पर दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि 20 अगस्त को सोशल मीडिया के माध्यम से उनके मोबाइल पर एक संदेश मिला, जिसमें एक व्यक्ति हाथ में राइफल लेकर नगर निगम की टीम के सामने जा रही जेसीबी की ओर दौड़ रहा है। इस संबंध में ‘एक्स’ पर ट्वीट किया गया। तहरीर के मुताबिक, जांच में पाया गया कि अमरनाथ मौर्य ने हाथ में राइफल लेकर नगर निगम की टीम को कार्य करने से रोका और सरकारी कार्य में बाधा डाली। यह टीम विवेकानंद पार्क की साफ-सफाई करने आई थी।धूमनगंज थाने में अमरनाथ मौर्य और एक अज्ञात के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 (सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के इरादे से हमला) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इस मामले में अमरनाथ मौर्य का आरोप है कि नगर निगम की टीम उनकी जमीन से ईंट उखाड़कर ले जा रही थी, जिसके विरोध में वह राइफल हाथ में लेकर घटनास्थल पर गए। उन्होंने कहा कि जब मैंने नगर निगम के लोगों से पूछा कि किस अधिकार से आप मेरी जमीन से ईंट ले जा रहे हैं, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। सरकार द्वारा सुरक्षागार्ड वापस लिए जाने की वजह से मैंने अपनी सुरक्षा के लिए राइफल ले रखी है।


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Tuesday, August 20, 2024

मोदी सरकार की 'दुखती रग' जान गया है विपक्ष! जानें लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार के यूटर्न के पीछे की कहानी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को से ब्यूरोक्रेसी में के लिए अपना विज्ञापन वापस लेने को कहा, जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई। बीजेपी-एनडीए के सदस्यों ने 'सामाजिक न्याय' के मुद्दे को उठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के कदम की सराहना की, तो वहीं इंडिया गठबंधन ने इसे 'संविधान की जीत' बताया और सरकार के इस कदम के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने के लिए नेता प्रतिपक्ष की प्रशंसा की। केंद्र का यह फैसला विपक्ष और एनडीए सहयोगियों दोनों की आलोचनाओं के बीच आया है।

बीजेपी ने पीएम मोदी की तारीफ की

बीजेपी-एनडीए ने इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और 'सामाजिक न्याय' को अपनी नीति की आधारशिला बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। कार्मिक राज्य मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि लेटरल एंट्री 'न्याय और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों' के अनुरूप होनी चाहिए, खासकर 'आरक्षण के प्रावधानों' के संबंध में। उन्होंने कहा, '2014 से पहले की अधिकांश प्रमुख लेटरल एंट्री इस रीके से की गई थी, जिसमें कथित पक्षपात के मामले भी शामिल थे, हमारी सरकार के प्रयास इस प्रक्रिया को संस्थागत रूप से संचालित, पारदर्शी और खुला बनाने के लिए रहे हैं। प्रधानमंत्री का यह मत है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया को हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।'

चिराग पासवान ने भी जताई खुशी

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जो एनडीए के भीतर लेटरल एंट्री योजना के खिलाफ आवाज उठाने वाले पहले नेता थे, ने सरकार द्वारा इस कदम को वापस लेने के अपने फैसले के बाद राहत और खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़े लोगों की चिंताओं को समझा। मेरी पार्टी लोजपा (रामविलास) और मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं।

अश्विनी वैष्णव ने भी की सराहना

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी केंद्रीय लोक सेवा आयोग की लेटरल एंट्री में आरक्षण सिद्धांतों को लागू करके बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि बाबासाहेब अंबेडकर के पांच पवित्र स्थानों को उनका उचित दर्जा दिया जाए। हमें इस बात पर भी गर्व है कि भारत के राष्ट्रपति एक आदिवासी समुदाय से आते हैं।

राहुल गांधी ने कसा तंज

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी 3.0 सरकार के इस फैसले पर तंज कसा और कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष 'बीजेपी की लेटरल एंट्री जैसी साजिशों' का डटकर मुकाबला करता रहेगा। रायबरेली के सांसद ने यह भी दोहराया कि वे 'जाति जनगणना' के आधार पर सामाजिक न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। केंद्र के फैसले के कुछ घंटे बाद उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हम संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे। हम बीजेपी की 'लेटरल एंट्री' जैसी साजिशों को किसी भी कीमत पर विफल करेंगे।'

'संविधान की जीत हुई'

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, संविधान जयते! हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताकत ही हरा सकती है। राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, पर जब तक BJP-RSS सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा।'

विपक्ष के नेताओं ने राहुल गांधी को दिया क्रेडिट

इंडिया गठबंधन के अन्य विपक्षी नेताओं ने लेटरल एंट्री विज्ञापन का बचाव करने के लिए राहुल गांधी की प्रशंसा की और इसे संविधान की जीत बताया। कांग्रेस सांसद मणिक्कम टैगोर ने कहा कि वर्ष 2024 ने 'कमजोर' प्रधानमंत्री और 'मजबूत जननेता प्रतिपक्ष' दिया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने राहुल गांधी को धन्यवाद दिया और कहा कि आपकी दृढ़ प्रतिबद्धता के कारण भारत सभी के लिए सम्मान की राह पर है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नौकरशाही में लेटरल एंट्री के लिए नवीनतम विज्ञापन को रद्द करना 'भारत के संविधान की जीत' है, और कहा कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व वाले विपक्ष के कारण संभव हुआ।

क्या बोले सपा प्रमुख अखिलेश यादव?

इस बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण को खारिज करके यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाजे से नियुक्तियां करने की साजिश आखिरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गई है। उन्होंने इसे एक बड़ी जीत भी बताया और दावा किया कि इस झटके ने 'भाजपा के आरक्षण विरोधी चेहरे' को 'बेपर्दा' कर दिया है।

मायावती का दावा, उनके विरोध के बाद लिया गया फैसला

बसपा प्रमुख मायावती ने दावा किया कि केंद्र ने उनकी पार्टी द्वारा इस कदम के विरोध के बाद लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती के लिए विज्ञापन वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि 'ऐसी सभी आरक्षण विरोधी प्रक्रियाओं' को बंद करने की जरूरत है।

सीएम स्टालिन ने भी विपक्ष को बताया मजबूत

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने विश्वास जताया कि इंडिया गठबंधन के 'मजबूत विपक्ष' ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को लेटरल एंट्री के तहत भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। डीएमके नेता ने इस अवसर पर देशव्यापी जाति जनगणना के लिए अपने लंबे समय से चले आ रहे आह्वान को भी दोहराया। मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, "सामाजिकन्याय की जीत! हमारे इंडिया गठबंधन के कड़े विरोध के बाद केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री भर्ती वापस ले ली है।"


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शेख हसीना को बांग्लादेश प्रत्यर्पित किया जाए... BNP के बड़े नेता ने भारत के खिलाफ उगला जहर

ढाका: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का नाम लेकर भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला है। उन्होंने भारत पर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता नहीं निभाने का आरोप लगाया। फखरुल इस्लाम आलमगीर ने यहां तक कहा कि भारत से बांग्लादेश के खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत शेख हसीना को शरण देकर बांग्लादेशियों का दिल नहीं जीत सकता है। फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग भी की।

शेख हसीना पर क्या आरोप

फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना पर देश में छात्रों के नेतृत्व में हो रही क्रांति (सरकार के खिलाफ प्रदर्शन) को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने भारत से कहा कि हसीना को प्रत्यर्पित किया जाए ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके। हसीना ने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं।

भारत के खिलाफ उगला जहर

फखरुल के हवाले से 'डेली स्टार' अखबार ने लिखा, ''हमारी आपसे मांग है कि आपको उन्हें कानूनी तरीके से बांग्लादेश की सरकार के हवाले कर देना चाहिए। इस देश की जनता ने उन पर मुकदमे का फैसला किया है। उन पर मुकदमा चलने दें।'' पूर्व राष्ट्रपति और बीएनपी संस्थापक जिया-उर-रहमान की कब्र पर पुष्पचक्र चढ़ाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में फखरुल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भारत उन्हें शरण देकर लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता नहीं निभा रहा है।

बीएनपी नेता ने भारत के खिलाफ क्या कहा

उन्होंने कहा कि फासीवादी अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना छात्रों के नेतृत्व में हो रही क्रांति के दौर में देश छोड़कर चली गईं। फखरुल ने कहा, ''दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी देश ने उन्हें शरण दी है। वहां रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश में हुई क्रांति को विफल करने की अनेक साजिश रची हैं।'' भारत ने कहा है कि वह एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता है।


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वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के गल गए हैं शव, कैसे हो पहचान? अब यह कदम उठाने की तैयारी कर रही केरल सरकार

तिरुवनंतपुरम: केरल के वायनाड में हुए भयानक भूस्खलन के बाद पीड़ितों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। मृतकों के शव इतने सड़े हुए हैं कि उनसे साफ डीएनए सैंपल निकालना मुश्किल हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए केरल सरकार अब नेक्स्ट-जनरेशन डीएनए सीक्वेंसिंग टेक्नोलॉजी (NGS) का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने बताया कि सरकार ने NGS तकनीक के इस्तेमाल पर विशेषज्ञों से बातचीत शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि हम पीड़ितों की पहचान के लिए हर संभव तकनीक का उपयोग करना चाहते हैं और विशेषज्ञों से यह जानने के लिए बातचीत कर रहे हैं कि क्या इस तकनीक से सड़े हुए शवों की पहचान की जा सकती है।नेक्स्ट-जनरेशन डीएनए सीक्वेंसिंग टेक्नोलॉजी क्या है?दरअस NGS तकनीक, पारंपरिक डीएनए प्रोफाइलिंग की तुलना में बहुत तेज़ और सटीक है। इससे मानव जीनोम की अधिक व्यापक जानकारी मिलती है और डीएनए के कई टुकड़ों की एक साथ जांच की जा सकती है। इसके लिए कम मात्रा में डीएनए सैंपल की भी ज़रूरत होती है। अभी तक केरल में आपदा पीड़ितों की पहचान (DVI) के लिए NGS का उपयोग नहीं किया गया है। केरल जीनोम डेटा सेंटर (KGDC) के रणनीतिक सलाहकार सैम संतोष ने कहा कि NGS सड़े हुए शवों की पहचान में भी मददगार होगा। उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि कुछ मामलों में समस्या हो, लेकिन हमारे पास ऐसी तकनीकें हैं जिनसे इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिए 248 शवों की पहचान वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की पहचान के लिए कन्नूर की रीजनल फॉरेंसिक लैब में छह सदस्यों की एक टीम काम कर रही है। टीम ने अब तक डीएनए प्रोफाइलिंग के जरिए 248 शवों की पहचान की है। लेकिन सड़े हुए शवों से साफ डीएनए न मिल पाने के कारण पहचान प्रक्रिया में बाधा आ रही है। टीम ने ऐसे 52 सैंपलों को अलग रखा है और 20 और सैंपल लैब में आने वाले हैं।कैसे मददगार होगी एसजीएसफोरेंसिक टीम के एक अधिकारी ने बताया कि पारंपरिक डीएनए विश्लेषण विधि में कम से कम 1 नैनोग्राम डीएनए की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ सैंपल ऐसे हैं जिनसे हमें पर्याप्त मात्रा में डीएनए नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में हम बार-बार विश्लेषण करते हैं ताकि देख सकें कि क्या हमें कुछ परिणाम मिल सकते हैं। NGS से उम्मीद है कि कम मात्रा में डीएनए होने पर भी बेहतर परिणाम मिलेंगे। हमें देखना होगा कि क्या NGS मददगार साबित होता है। अब तक, 42 मामलों में रेफरेंस सैंपल से मिलान करके पहचान की जा चुकी है।राजस्व मंत्री ने क्या कहा?राजस्व मंत्री राजन ने कहा कि अब 401 सैंपल से तैयार डीएनए प्रोफाइल का मिलान 118 लापता लोगों के साथ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रिश्तेदारों के 91 ब्लड सैंपल मिलान के लिए उपलब्ध हैं। तीन मामलों में करीबी रिश्तेदार नमूने देने के लिए दूसरे राज्यों से आएंगे। क्रॉस-मैचिंग की अपनी चुनौतियां भी हैं। ऐसे मामले हैं जहां करीबी रिश्तेदार भी मर चुके हैं और कुछ मामलों में माता-पिता के बजाय जीवनसाथी के नमूने एकत्र किए गए हैं। सटीक क्रॉस-मैचिंग सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मामलों को सुलझाया जाना होगा और नए सिरे से नमूने एकत्र किए जाने होंगे।


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क्या ICC में अब होंगे भारत के जय शाह? जल्द ही मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मौजूदा चेयरमैन ने 30 नवंबर को अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद मंगलवार को तीसरे कार्यकाल की दौड़ से खुद को अलग कर लिया। इससे खेल की वैश्विक संचालन संस्था में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। शाह इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे या नहीं यह 27 अगस्त तक स्पष्ट हो जाएगा जो चेयरमैन पद के लिए नाम दाखिल करने की आखिरी तारीख है। आईसीसी ने बार्कले को लेकर क्या कहा?आईसीसी चेयरमैन दो-दो साल के तीन कार्यकाल के लिए पात्र होता है और न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले ने अब तक चार साल पूरे कर लिए हैं। आईसीसी ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा, ‘आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने बोर्ड को पुष्टि की है कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए खड़े नहीं होंगे और नवंबर के अंत में अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने पर पद छोड़ देंगे। बार्कले को नवंबर 2020 में आईसीसी के स्वतंत्र अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2022 में फिर से इस पद पर चुना गया।’ आईसीसी ने कहा, ‘मौजूदा निदेशकों को अब 27 अगस्त 2024 तक अगले अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रस्तुत करना होगा और यदि एक से अधिक उम्मीदवार हैं तो चुनाव होगा और नए चेयरमैन का कार्यकाल 1 दिसंबर 2024 से शुरू होगा।’क्या जय शाह होंगे आईसीसी के अगले चेयरमैन?आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 16 वोट होते हैं और अब विजेता के लिए नौ मत का साधारण बहुमत (51%) आवश्यक है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए निवर्तमान के पास दो-तिहाई बहुमत होना आवश्यक था। शाह को आईसीसी के बोर्ड में सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक माना जाता है। वह वर्तमान में आईसीसी की शक्तिशाली वित्त (Finance) और वाणिज्यिक (Commercial) मामलों की उप समिति के प्रमुख हैं। वोटिंग करने वाले 16 सदस्यों में से अधिकांश के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं। वर्तमान में बीसीसीआई सचिव के रूप में शाह का एक साल का कार्यकाल बचा है जिसके बाद उन्हें अक्टूबर 2025 से तीन साल का अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ ड्यूरेशन) लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित बीसीसीआई के संविधान के अनुसार कोई पदाधिकारी तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि से पहले 6 साल तक पद पर रह सकता है। कुल मिलाकर कोई व्यक्ति कुल 18 वर्षों तक पद पर रह सकता है - राज्य संघ में नौ और बीसीसीआई में नौ वर्ष। अगर शाह अपने सचिव पद का एक वर्ष शेष रहते हुए आईसीसी में जाने का निर्णय लेते हैं तो उनके पास बीसीसीआई में चार वर्ष शेष रह जाएंगे। वह 35 वर्ष की उम्र में आईसीसी के इतिहास में सबसे कम उम्र के चेयरमैन हो सकते हैं। जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने आईसीसी का नेतृत्व किया है।


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Monday, August 19, 2024

‘आधी-आबादी की पूरी आजादी’, रक्षाबंधन पर अखिलेश यादव ने 'समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी' का किया गठन

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया ने रक्षा बंधन पर 'समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी' का गठन किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ये ‘आधी-आबादी की पूरी आज़ादी’ का अभियान है, जिसके शुभारंभ के लिए ‘रक्षा-बंधन’ जैसे पावन-पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है, लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा, बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहने वाली जागरूकता का चैतन्य रूप होगा। जो नारी को सुरक्षित रखते हुए, आर्थिक रूप से सशक्त करते हुए एक बड़े सामाजिक-मानसिक बदलाव की ओर ले जाएगा और समाज में नारी की सुरक्षा तथा नारी को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए स्वनिर्भरता को प्राथमिकता बनाएगा। ये नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा।"उन्होंने आगे लिखा, "समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी। आधी-आबादी की पूरी आज़ादी। सदियों से इतिहास में सर्व समाज द्वारा मनाए जाने वाले सुरक्षा-सौहार्द के सामाजिक-सामुदायिक पर्व ‘रक्षा-बंधन’ के अवसर पर समाजवादी पार्टी ‘आधी-आबादी’ मतलब हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित एक ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है। ये वर्तमान के संदर्भ में ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाकर, सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी। नारी को समावेशी विकास का हिस्सा बनाएगी।"

‘चार दिन की चिंता’

उन्होंने लिखा, "समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में ‘चार दिन की चिंता’ की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी, केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी, बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ‘वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी। दूरगामी ठोस क़दम भी उठाएगी, रास्ते भी बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी, क्योंकि परिवर्तन थोथे बयानों से नहीं, सच्ची भावना से किए गए सद्प्रयासों से ही आएगा। नारी के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके ‘आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा’ जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का अति महत्वपूर्ण कार्य करेगी।

सभी समाज से आगे आने का आह्वान किया

सपा मुखिया ने लिखा, "हमारा संकल्प-सिद्धांत है : स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी, इसीलिए समाज के सभी वर्गों और तबकों की स्त्री-शक्ति से आह्वान और अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं और अपनी कुशलता और हुनर से अन्य स्त्रियों को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें और उनकी सुरक्षा के सवालों पर आवाज़ भी बुलंद करें और उनके लिए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में सहयोग भी करें। जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी।"


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Sunday, August 18, 2024

भीड़ ज्यादा होने पर चलाई जाएंगी अतिरिक्त ट्रेंने, रक्षाबंधन पर दिल्ली मेट्रो का पूरा प्लान जान लीजिए

नई दिल्ली: रक्षाबंधन पर दिल्ली मेट्रो में भीड़ होने की संभावना को देखते हुए डीएमआरसी ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेट्रो के सभी कॉरिडोर पर रक्षाबंधन के दिन मेट्रो ट्रेनों को स्टैंडबाई मोड पर रखा गया है। जरूरत के हिसाब से भीड़ को देखते हुए इन्हें कॉरिडोर पर उतारा जा सकता है। इसके अलावा सभी स्टेशनों पर भीड़ की संभावना को देखते हुए मेट्रो ने अतिरिक्त स्टाफ भी लगाने की व्यवस्था की है। स्टेशनों पर अधिक टिकट काउंटर भी चलेंगे ताकि पैसेंजर्स को टोकन के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े।पैसेंजरों से भी अपील की गई है कि मेट्रो के टिकट के लिए DMRC MOMENTUM 2.O, वॉट्सऐप, पेटीएम, वन दिल्ली, अमेजन और ऑनलाइन क्यूआर टिकट खरीदें। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार कस्टमर केयर सेंटर से कॉमन मोबिलिटी कार्ड या स्मार्ट कार्ड भी खरीद सकते हैं। मेट्रो के बड़े स्टेशनों पर गार्ड या कस्टमर फेसिलेशन एजेंट्स तैनात किए जाएंगे। यात्री जरूरत के समय इन लोगों से मदद ले सकते हैं।

दिल्ली के इन रास्तों पर मिलेगा ट्रैफिक

रक्षाबंधन के दिन बदरपुर बॉर्डर के आसपास मथुरा रोड पर काफी रश मिल सकता है। रिंग रोड पर भी बुराड़ी और वजीराबाद के आस-पास कंजेशन मिल सकता है। इसके अलावा नरेला, बवाना, समयपुर बादली, रोहिणी, कालिंदी कुंज, यमुना विहार, त्रिलोकपुरी, भजनपुरा, लक्ष्मी नगर, महरौली, लाजपत नगर, उत्तम नगर, जनकपुरी, डाबड़ी, द्वारका जैसे इलाकों में भी प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक स्लो मिल सकता है। आनंद विहार और कश्मीरी गेट बस अड्डे के आसपास भीड़ बढ़ सकती है। दोपहर के बाद और शाम को इंडिया गेट, कनॉट प्लेस, साकेत, वसंत कुंज, नेताजी सुभाष प्लेस, चांदनी चौक, लाजपत नगर, कृष्णा नगर, निर्माण विहार जैसी उन जगहों पर जाम बढ़ सकता है, जहां कई मॉल्स, मल्टीप्लैक्स और रेस्टोरेंट्स हैं।


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फरीदाबाद: भंडारे में गर्म सब्जियों से भरे बड़े बर्तन में गिर गईं 2 लड़कियां, एक की मौत, दूसरी गंभीर

फरीदाबाद: दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में बड़ी अनहोनी घटना सामने आई है। जिले में दो मासूम लड़कियां रविवार को एक 'भंडारे' (सामुदायिक भोज) में गर्म सब्जियों से भरे एक बड़े बर्तन में गिर गईं। इसके कारण एक लड़की की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक वे भंडारे की रसोई में खेलते समय फिसलकर बर्तन में गिर गईं।कब की है घटना?पुलिस ने बताया कि बल्लभगढ़ कस्बे के पास ढीग गांव के एक मंदिर में धार्मिक समागम-भागवत कथा में भाग लेने वाले लोगों के लिए प्रसाद तैयार किया जा रहा था तभी यह हादसा हुआ। दोनों लड़कियों को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने दो साल की जिया को मृत घोषित कर दिया। परी (छह) को गंभीर रूप से झुलसने के कारण बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया।दोनों लड़कियां अपना संतुलन खो बैठीं पुलिस ने बताया कि रसोइये ने सब्जियों को ठंडा करने के लिए बर्तन को चूल्हे से उतार लिया था, लेकिन बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश में उसके हाथ जल गए। पुलिस ने बताया कि समारोह में मौजूद लोगों के अनुसार, परी जिया के ऊपर गिर गई और दोनों लड़कियां अपना संतुलन खो बैठीं और बर्तन में गिर गईं। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद जिया का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। दोनों लड़कियों के माता-पिता से कोई शिकायत नहीं मिलीबल्लभगढ़ सदर थाने के प्रभारी उमेश कुमार ने कहा कि हमें दोनों लड़कियों के माता-पिता से कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जिया की मौत पर शोक जताते हुए ग्रामीणों ने प्रसाद को तालाब में फेंक दिया।


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मोहन यादव की किस योजना का मुरीद हो गया यूनिसेफ, जमकर की तारीफ, केवल घोषणा ही कर पाए थे शिवराज सिंह चौहान

भोपाल: संयुक्त राष्ट्र का एक संगठन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. की तारीफ की है। इस संगठन का नाम संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यानि है। यह संगठन भारत सहित दुनिया के 190 देशों में बाल हितों के लिए कार्य करता है। अब चर्चा इस बात की हो रही है कि संयुक्त राष्ट्र के इस संगठन को आखिर सीएम डॉ. मोहन यादव की तारीफ करने की क्या जरूरत पड़ गई। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह सामने आ रही है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक ऐसा काम कर दिखाया है, जो भारत तो छोड़िए दुनिया के कई देशों ने नहीं किया है। दरअसल, सीएम डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की बेटियों को सुरक्षित और स्वस्थ्य जीवनचर्या के लिए पहल करते हुए सैनेटरी पैड खरीदने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देने की योजना शुरू कर दी है।ऐसी कोई भी योजना न केंद्र सरकार चलाती है, न ही भारत के किसी अन्य राज्य में ऐसी पहल की गई है। यही कारण है कि डॉ. मोहन यादव की सैनेटरी पैड के लिए आर्थिक मदद देने वाली योजना की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। यूनिसेफ भी बच्चियों के सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं चलाता है। इस कारण यूनिसेफ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रशंसा की है। यूनिसेफ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक कैरीकेचर शेयर करते हुए योजना की तारीफ की है।

बड़ा परिवर्तन लाएगी योजना

यूनिसेफ मध्य प्रदेश के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना यूनिसेफ द्वारा की गई है, निश्चित ही यह योजना बड़ा परिवर्तन लाएगी।

इस योजना में क्या है खास?

11 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को सैनेटरी पेड खरीदने के लिए राशि खातों में अंतरित की है। छात्राओं के खाते में 300-300 रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने 19 लाख 6 हजार 137 छात्राओं के खातों में 57 करोड 18 लाख 41 हजार 100 रुपए की राशि सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांसफर किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था दखल

10 अप्रैल 2023 में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड यानी नैपकिन मुहैया कराने का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य में पीरियड्स के दौरान स्वच्छता को लेकर अपनी योजना बताएं। इसके बाद केंद्र सरकार ने कहा था कि छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड बांटने की योजना को लेकर नेशनल पॉलिसी तैयार कर ली गई है। हालांकि आज तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई। बता दें कि संस्था दसरा द्वारा वर्ष 2019 में दी गई एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल 2.3 करोड़ लड़कियां माहवारी के दौरान स्वच्छता के लिए जरूरी सुविधाएं न होने की चलते स्कूल छोड़ देती हैं।

शिवराज ने किया था ऐलान, नहीं शुरू हुई योजना

6 जून 2015 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुफ्त में सैनेटरी नैपकिन दिए जाने की घोषणा की थी। लेकिन तब यह योजना जमीन पर नहीं उतर पाई। मोहन यादव ने अपने 8 महीने के कार्यकाल में ही इस योजना को लागू कर दिया।


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विनेश राजनीति की शिकार हुई,ओलंपिक मेडल के मुद्दे पर सीएम भजनलाल शर्मा के कार्यक्रम में ये क्या बोले दिग्गज जाट नेता राजाराम मील

सीकर: बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार कर वोट मांगने वाले राजस्थान जाट महासभा और भारतीय किसान (बीके) के प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील ने रविवार को अपने बयान से हैरान कर दिया। सीकर जिले के दौरे के दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत में ओलपिंक खिलाड़ी के साथ हुए घटनाक्रम पर बड़ा बयान दिया है। मील सीकर में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित होने वाले मूर्ति अनावरण समारोह में शिकरत करने आए थे। इस दौरान राजस्थान में जाट समाज के कद्दावर नेताओं में से एक राजाराम मील ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्यक्रम में भाग से पहले मीडिया से बातचीत में बड़ा बयान दिया। उन्होंने इस दौरान कहा कि उन्हें लगता है कि ओलपिंक में मेडल के मामले में विनेश फोगाट राजनीति की शिकार हुई है। हालिया लोकसभा चुनाव में झुंझुनं संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के लिए आह्वान करने वाले मील ने रविवार को अपने इस बयान से सभी को चौंका दिया।

विनेश के साथ हुई राजनीति : राजाराम मील

सीकर में मीडिया से बातचीत में बिना किसी का नाम लिए कहा कि रेसलर विनेश फोगाट के मेडल पाने के लिए कुछ होना चाहिए था। उन्हें लगता है कि इस लडक़ी के साथ ज्यादती और राजनीति हुई है। ये लोग ओलपिंक अध्यक्ष के प्रभाव के चलते कुछ नहीं कर पाएं। जाट समाज के बड़े नेताओं में शुमार मील ने कहा कि ओलपिंक प्रतियोगिता में प्रथम दिन विनेश फोगाट ने जो कुश्ती लड़ी। वह उस विश्व प्रसिद्ध रेसलर से थी जो आज तक एक भी मैच नहीं हारी। इस दौरान विनेश गजब का प्रदर्शन किया। इसके बाद विनेश फोगाट ने विश्व की नंबर एक, दो व तीसरे स्थान पर रही। रेसलर को भी हराया। मील ने कहा कि फोगाट का फाइनल और गोल्ड निश्चित था, लेकिन मील ने फिर दोहराते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि इसमें विनेश के साथ जरूर राजनीति हुई है।

यमुना जल समझौता पर भी अपनी बात रखी

मील ने आगे कहा कि जिस समय दिल्ली में रेसलर्स का धरना चल रहा था। उस समय भी भाजपा पार्टी बैकफुट पर थी। इस दौरान मील ने यमुना जल समझौता पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने शेखावाटी के चार जिलों को पानी नहीं मिलने के मुद्दे पर हरियाणा सरकार और बीजेपी को जमकर घेरा


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Saturday, August 17, 2024

राजस्थान: चारपाई पर सोते युवक को ASI ने बालों से खींचकर घसीटा, मारपीट की, दबंगई का वीडियो हैरान कर देने वाला

जयपुर : राजस्थान के बाड़मेर में पुलिस की हैरान करने देने वाली दबंगई का एक मामला सामने आया है। इसमें होटल के बाहर चारपाई पर सो रहे एक युवक को एएसआई ने बाल पकड़ कर घसीटा और मारपीट की। इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद आरोपी एएसआई को ग्रामीणों के विरोध के बाद लाइन हाजिर कर दिया गया।

युवक को एएसआई ने बाल खींचकर घसीटा और मारपीट की

हैरान कर देने वाला यह मामला बाड़मेर के धनुाउ थाना इलाके का है, जहां यह वीडियो गत 14 अगस्त की देर रात का बताया जा रहा है। इसमें धनाउ निवासी सत्तार खान 14 अगस्त की देर रात गुजरात से बस में धनाउ रहा था। इस बीच उसकी बस खराब हो गई। इसके बाद वह होटल पर खाना खाकर चारपाई पर सो गया। इस बीच करीब 12:37 बजे धनाउ पुलिस थाने का एएसआई लाखाराम आया और उसने सत्तार खान के साथ मारपीट की और उसके बाल खींचते हुए घसीटा। यह पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में सामने आई।

वीडियो सामने आया, तो पुलिस आई हरकत में

घटना का यह वीडियो शनिवार को तेजी से वायरल हुआ। इसके बाद परिजनों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया और उन्होंने धनाउ पुलिस थाने के बाहर ग्रामीणों के साथ धरना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन लोग आरोपी एएसआई के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर अड़ गए। बाद में बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने आरोपी एएसआई को लाइन हाजिर कर दिया। इसके बाद जाकर ग्रामीण और परिजन शांत हुए। इधर, मामले को लेकर एसपी ने जांच के आदेश दे दिए हैं।


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Friday, August 16, 2024

SBI और PNB से जुड़े ट्रांजेक्शन को लेकर कर्नाटक सरकार का यूटर्न, 15 दिनों के लिए फैसला टाला, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली: ने (SBI) और (PNB) के साथ ट्रांजेक्शन को लेकर दिया आदेश 15 दिन के लिए टाल दिया है। राज्य सरकार ने 12 अगस्त को एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी तरह के ट्रांजेक्शन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। साथ ही सरकार ने राज्य विभागों को इन बैंकों में अपने खाते बंद करने और अपनी जमाराशि को निकालने का भी निर्देश जारी किया था। अब राज्य सरकार ने इस आदेश को 15 दिनों के लिए टाल दिया है। कर्नाटक सरकार ने 12 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें एसबीआई और पीएनबी के साथ सभी तरह का सरकारी लेनदेन बंद करने का आदेश अपने सभी विभागों, बोर्ड, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और यूनिवर्सिटी को दिया था। अब मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने दोनों बैंकों की तरफ से किए गए अनुरोध पर गौर करने के लिए इस फैसले को फिलहाल टालने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि बैंकों के अनुरोधों पर विचार करने के बाद मुख्यमंत्री ने इन निर्णय को 15 दिन के लिए टालने का निर्देश दिया है।क्यों लगाया गया था बैन?सरकार ने अपने आदेश में कहा था कि एसबीआई और पीएनबी में न तो किसी प्रकार की रकम जमा की जानी चाहिए और न ही किसी तरह का इन्वेस्टमेंट। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार में वित्त विभाग के सचिव डॉ पीसी जाफर द्वारा जारी यह निर्देश इन दोनों बैंकों में जमा सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों के बीच आया था। इसमें सरकार की ओर से कहा गया था कि कथित दुरुपयोग के बारे में कई बार चेतावनियां दिए जाने के बाद भी एसबीआई और पीएनबी ने अपनी तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी कारण दोनों बैंकों के साथ ट्रांजेक्शन पर कोई लगाई जाती है।फैसला टालने से मिलेगा समयराज्य सरकार ने अपने बयान में कहा है कि फिलहाल इस बैन को टालने से बैंकों और सरकार दोनों को संबंधित मुद्दे सुलझाने और सरकार की चिंताओं को दूर करने का पर्याप्त समय मिलेगा। बयान के मुताबिक, सरकार अपने सभी लेन-देन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने कहा कि हम स्थिति की निगरानी करना जारी रखेंगे और सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई करेंगे।कैग की रिपोर्ट के बाद लिया था फैसलाराज्य सरकार ने कहा कि लोक लेखा समिति की टिप्पणियों और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में शामिल निष्कर्षों के आधार पर 12 अगस्त को आदेश जारी किया गया था। उसमें सभी विभागों को अपनी जमा राशि वापस लेने और एसबीआई और पीएनबी की सभी शाखाओं में आगे कोई रकम जमा न करने का निर्देश दिया गया था। बयान के मुताबिक, यह कार्रवाई बैंक शाखाओं में कथित धोखाधड़ी के जवाब में की गई थी। इसके परिणामस्वरूप कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) और कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) की ओर से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की रकम का रीपेमेंट नहीं किया गया।


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Thursday, August 15, 2024

उस बच्ची ने कितनी तकलीफें सही होंगी, रूह कांप गई... कोलकाता रेप-मर्डर केस में छलका संजय सिंह का दर्द

नई दिल्ली: कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप के बाद हत्या मामले ने देश का सियासी पारा चढ़ा दिया है। इस घटना पर आम आदमी पार्टी (AAP) की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस घटना को बेहद पीड़ादायक बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज की संवेदनाओं को झकझोर कर रख देती हैं और इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। संजय सिंह ने अपने बयान में कहा, 'कोलकाता की घटना बेहद दर्दनाक और पीड़ादायक है। दोषी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। यह सोचकर भी रूह कांप जाती है कि उस पीड़ित बच्ची ने कितनी तकलीफें सही होंगी।' संजय सिंह ने इस घटना को लेकर समाज और प्रशासन के प्रति भी सवाल उठाए हैं।

'इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता'

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं बनी हुई हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आज हर नागरिक के मन में सवाल उठ रहे हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सख्ती बरतने की जरूरत है। इन मामलों में सख्ती से निपटने की जरूरत है, ताकि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लोगों के मन में विश्वास बहाल हो सके। केवल कानून का भय ही नहीं, बल्कि समाज में एक सख्त संदेश जाने की जरूरत है कि ऐसी घटनाओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, संजय सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं की सुरक्षा केवल राजनीतिक बयानबाजी या आरोप-प्रत्यारोप से संभव नहीं हो सकती।

'महिलाओं को सुरक्षा राजनीति करने से नहीं मिलेगी'

उन्होंने कहा, 'महिलाओं को सुरक्षा केवल बार-बार राजनीति करने और आरोप-प्रत्यारोप लगाने से नहीं मिल सकती। हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने का अधिकार मिल सके।' संजय सिंह ने इस मुद्दे पर देशवासियों से भी अपील की कि वे जागरूक रहें और ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे और ऐसी घटनाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करे।


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Wednesday, August 14, 2024

एमपॉक्स ने बढ़ाई चिंता... WHO ने घोषित किया पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, जानें लक्षण और बचाव

जेनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। यह घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण के प्रकोप के बाद की गई है जो पड़ोसी देशों में भी फैल गया है। दो साल में यह दूसरी बार है, जब एमपॉक्स को वैश्विक आपातकाल की श्रेणी में डाला है। इसके पहले अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने एमपॉक्स संक्रमण को लेकर महाद्वीप में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इसके साथ ही चेतावन दी थी कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर सकता है। इसे लेकर बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी, जिसमें इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने का फैसला लिया गया।

कैसे फैलता है वायरस?

एमपॉक्स निकट संपर्क के माध्यम से फैल सकता है। यह यौन संपर्क से भी फैलता है। आमतौर पर हल्का, यह दुर्लभ मामलों में घातक होता है। यह फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर मवाद से भरे घाव पैदा करता है। किसी बीमारी के प्रकोप को 'अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' या डब्ल्यूएचओ का उच्चतम स्तर के अलर्ट के रूप में निर्धारित करने से बीमारी को रोकने के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और सहयोग में तेजी आ सकती है।

नया वेरिएंट अधिक संक्रामक

कांगो में इसका प्रकोप एक स्थानीय स्ट्रेन के प्रसार से शुरू हुआ, जिसे क्लेड-I के रूप में जाना जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक नया वेरिएंट क्लेड Ib नियमित निकट संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता हुआ प्रतीत होता है। इसका प्रकोप कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत पड़ोसी देशों में फैल गया है, जिसके चलते डब्ल्यूएचओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेश टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयसस ने कहा, यह स्पष्ट है कि इन प्रकोपों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया आवश्यक है।

एमपॉक्स के लक्षण

एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पहचान सबसे पहले 1958 में की गई थी, जब बंदरों में पॉक्स जैसी बीमारी का प्रकोप हुआ था। हाल ही तक इंसानों में एमपॉक्स के ज्यादातर मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के लोगों में देखे गए थे, जिनका संक्रमित जानवरों के साथ निकट संपर्क था। 2022 में पहली बार वायरस के यौन संबंध के जरिए फैलने की पुष्टि हुई है और 70 से ज्यादा देशों में इसका प्रकोप शुरू हो गया, जहां पहले यह रिपोर्ट नहीं किया गया था। एमपॉक्स,चेचक के वायरस के ही परिवार से संबंधित है, लेकिन यह बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द जैसे हल्के लक्षण पैदा करता है। गंभीर मामलों में लोगों के चेहरे, हाथ, छाती और जननांगों पर घाव हो सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति को अलग-थलग करना इसके बचाव का आवश्यक तत्व है।


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Tuesday, August 13, 2024

32 लाख महिलाओं ने कराया रजिस्ट्रेशन, CM हेमंत सोरेन रक्षाबंधन के दिन खाते में भेजेंगे राशि

रांचीः झारखंड सरकार 21 से 50 वर्ष तक महिलाओं को साल में 12 रुपये की आर्थिक सहायता देने के लिए एक नई पेंशन योजना की शुरुआत करने आ रही है। (जेएमएमएसवाई) के तहत हर महीने महिलाओं के बैंक खाते में सरकार की ओर से एक हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर करने का फैसला लिया गया है। इस योजना को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। राज्य के हर जिले में इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं में होड़ मची है।

कल तक 36 लाख पार हो जाएगा रजिस्ट्रेशन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि मंगलवार शाम 6 बजे शाम तक 32 लाख से ज्यादा महिलाओं की ओर से रजिस्ट्रेशन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है और यह सिर्फ शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि कल तक रजिस्ट्रेशन का यह आंकड़ा 36 लाख तक पार हो जाएगा।

दिसंबर तक प्रज्ञा केंद्रों में आवेदन भरे जा सकेंगे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं के उत्साह को देखते हुए राज्य सरकार रजिस्ट्रेशन की तिथि बढ़ाने पर भी विचार कर रही है, ताकि कोई बहन छूटे नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी राज्यभर में विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद भी प्रज्ञा केंद्रों में दिसंबर तक आवेदन भरे जा सकेंगे।

जल्द से जल्द सम्मान राशि बैंक खातों में जमा होगी

ने कहा कि 30 अगस्त से शुरू हो रहे ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम में भी इस योजना में पंजीयन की सुविधा रहेगी। उन्होंने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों और इंडिया अलायंस के कार्यकर्ताओं के प्रति आभार जताते हुए कहा कि टीम की अद्भुत मेहनत और जुनून ने इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इस सफलता का जश्न मनाएं और अगला लक्ष्य जल्द से जल्द सम्मान राशि को बैंक खातों तक पहुंचाना हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री रक्षाबंधन के दिन महिलाओं के खाते में पहली किस्त भेजेंगे।


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Monday, August 12, 2024

'आपदा के समय मंत्री पता नहीं' किरोड़ीलाल मीणा का नाम लिए बिना सरकार पर बरसे अशोक गहलोत

जयपुर : राजस्थान में भारी बारिश ने हाहाकार मचा रखा है। इस बीच प्रदेश में दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसको लेकर सियासत गर्मा गई है। इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपदा मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा को लेकर बीजेपी को जमकर घेरा है। उन्होंने बड़ा हमला करते हुए कहा कि राजस्थान में भारी बारिश के कारण हुई विकट परिस्थितियों के बीच आपदा राहत मंत्री कौन है? जनता को पता नहीं है, कि आपदा मंत्री पद पर है या नहीं? गहलोत ने कहा कि विकट परिस्थतियों में ऐसी असमंजस की स्थिति राज्य की जनता के साथ छलावे जैसी है।

25 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी आपदा मंत्री का पता नहीं

राजस्थान में भारी बारिश के कहर ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। इसको लेकर फिर से आपदा मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर सियासत गर्म हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किरोड़ी लाल मीणा के बहाने पर जमकर बरसे। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए कहा कि ‘प्रदेश भर में भारी बारिश एवं इससे संबंिधत दुर्घटनाओं के कारण 25 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ऐसी आपदा की स्थिति में राज्य के आपदा राहत मंत्री के बारे में जनता को यह नहीं पता है कि वह पद है या उनका इस्तीफा स्वीकार हो गया है।

गहलोत का निशाना, असमंजस की स्थिति जनता के साथ छलावा जैसी

गहलोत ने अपनी पोस्ट के माध्यम से किरोड़ी लाल के कंधे पर सियासी बंदूक तानते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में विपरीत परिस्थितियों के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे उचित मॉनिटरिंग और राहत बचाव कार्यों के लिए निर्देशन मिले,विकट परिस्थिति में जनता को यह पता नहीं है कि आपदा राहत मंत्री पद पर है या उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है। विकट परिस्थितियों में ऐसी असमंजस की स्थिति राज्य के साथ छलावे जैसी है

किरोड़ी लाल के इस्तीफा देने के बाद अभी भी सियासत गर्म

बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरोड़़ी लाल मीणा ने बीते दिनों अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राजस्थान का आपदा राहत मंत्रालय इससे पहले किरोड़ी लाल मीणा के अधीन था, लेकिन उनके इस्तीफा देने की घोषणा के बाद अभी तक असमंजस बरकरार है कि सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया या नहीं? ऐसी स्थिति में राजस्थान में आपदा राहत मंत्रालय किसके अधीन है, यह पता नहीं है? इधर गहलोत के सियासी हमले के बाद एक बार फिर किरोड़ी लाल मीणा गर्म हो चुका है।


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Sunday, August 11, 2024

उदयपुर में ACB का बड़ा एक्शन, चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक को सवा लाख की रिश्वत लेते हुए किया ट्रैप

जयपुर : राजस्थान के उदयपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने रविवार को बड़ा धमाका करते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान एसीबी ने सीपीडीएनटी और चिकित्सा विभाग के उदयपुर संयुक्त निदेशक डाॅ. जुल्फिकार अहमद को 1 लाख 25 हजार रुपए की रिश्वत के साथ दबोच लिया। आरोपी निजी अस्पताल को ब्लैकमेल करते हुए परेशान कर रहा था। साथ में कार्रवाई नहीं करने की एवज मे डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत की राशि मांग रहा था।

कार्रवाई नहीं करने की वजह से आरोपी ने मांगी रिश्वत

एसीबी के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि आरोपी संयुक्त निदेशक निजी अस्पताल को सोनोग्राफी मशीन को सील नहीं करने, सोनोग्राफी रजिस्टर वापस लौटने और आगे की कार्रवाई नहीं करने को लेकर परेशान कर रहा था। इसको लेकर आरोपी डॉक्टर ने पीड़ित से डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। इस पर दोनों में सवा लाख रुपए में सौदा तय हुआ। इसके बाद पीड़ित की शिकायत पर एसीबी के डीआईजी राजेंद्र प्रसाद गोयल के निर्देश पर एसीबी चैकी के एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह चारण ने इस शिकायतकी जांच की। इसमें आरोपी के खिलाफ शिकायत सही पाई।

पीड़ित का इशारा मिलते ही घूसखोर निदेशक को दबोच लिया

एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद संयुक्त निदेशक को दबोचने का प्लान बनाया। इसके तहत उन्होंने पीड़ित को रिश्वत की राशि लेकर आरोपी संयुक्त निदेशक के पास भेजा, जहां उसने 1 लाख 25 हजार रुपए की रिश्वत दी। इसके बाद पीड़ित ने एसीबी को इशारा किया। पीड़ित का इशारा पाते ही पहले से घात लगाकर बैठी एसीबी की टीम ने तत्काल घूसखोर संयुक्त निदेशक को दबोच लिया। इस मामले में एसीबी के महानिदेशक ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा आरोपी के दफ्तर और आवास की भी तलाशी ली जा रही है।


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Saturday, August 10, 2024

ऑन कैमरा मजिस्ट्रेट की लाठी-डंडे से पिटाई, भीड़ के हत्थे चढ़ गए पुलिसकर्मी, बिहार हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बवाल

पूर्णिया: हाउसिंग बोर्ड की जमीन खालनी कराने के दौरान बवाल हो गया। अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस और मजिस्ट्रेट की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। घटना खजांची हाट थाना के रंगभूमि मैदान के पास हाउसिंग कॉलोनी की है। लोगों ने मीडिया को बाइट देने के दौरान ही मजिस्ट्रेट पर हमला बोल दिया। पिटाई से मजिस्ट्रेट समेत कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। दरअसल, हाउसिंग बोर्ड की ये जमीन 12 साल पहले किसी और को आवंटित हुई थी। कुछ लोग अवैध रूप से यहां कब्जा कर घर बना लिए। कुछ लोग दुकान चला रहे थे। इसे खाली कराने हाउसिंग बोर्ड के मजिस्ट्रेट और पुलिस बल जेसीबी के साथ पहुंचे थे।

पूर्णिया में अतिक्रमण हटाने के दौरान बवाल

हाउसिंग बोर्ड की जमीन खाली कराने पहुंचे मजिस्ट्रेट के मुताबिक, 'यह जमीन 12 साल पहले ही हाउसिंग बोर्ड द्वारा दूसरे के नाम से आवंटित हुआ था। लेकिन यहां पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर इस जमीन पर घर और चाय का दुकान बना लिया था। जिसको खाली करने के लिए हाउसिंग बोर्ड के मजिस्ट्रेट और पुलिस बल पहुंचे थी।' जमीन मालिक ने हाई कोर्ट से डिग्री भी ली थी और अवैध कब्जाधारियों को नोटिस भी दिया गया था। लेकिन उन्होंने कब्जा नहीं छोड़ा। शनिवार को जब जेसीबी से घर और दुकान तोड़ने की कोशिश हुई तो लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमले के बाद मजिस्ट्रेट ने कहा कि हम उसके हाई टेम्प्रेचर को कागजी कार्रवाई से लो कर देंगे।

मजिस्ट्रेट और पुलिस की दौड़ाकर पिटाई

मजिस्ट्रेट ने बताया, 'जमीन मालिक ने हाई कोर्ट में केस कर डिग्री लिया और इसके बाद अवैध कब्जाधारी को नोटिस भी किया गया। इसके बावजूद उसने खाली नहीं किया। वे लोग पुलिस बल और जेसीबी लेकर जैसे ही बुलडोजर चला कर घर और दुकान को तोड़ने लगे, तभी महिला और पुरुषों ने मिलकर पहले मजिस्ट्रेट की लाठी-डंडों से पिटाई करना शुरू कर दिया। फिर महिला पुलिस और अन्य पुलिस बलों को भी लाठी डंडों से जमकर पीटा।'इसके बाद पुलिस और मजिस्ट्रेट को वहां से भागना पड़ा। हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जे की ये कोई पहली घटना नहीं है। सैकड़ों लोग अवैध रूप से यहां रह रहे हैं, जिससे असली जमीन मालिकों को परेशानी हो रही है। इसको लेकर पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है।


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Friday, August 9, 2024

महाराष्ट्र चुनाव में MVA को मिलेंगी 170 से ज्यादा सीटें, शरद पवार गुट के जयंत पाटील का बड़ा दावा

पुणे: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव() का ऐलान जल्द होने वाला है। इस बीच शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के नेता () ने शुक्रवार को आगामी चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। जयंत पाटिल का कहना है कि आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनेगी। इस दौरान एमवीए गठबंधन को महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 170 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। उनका मानना है कि जनता विश्वासघात और धोखे से नफरत करती है और इसी वजह से एमवीए को जीत मिलेगी।जयंत पाटील ने क्या कहा?जयंत पाटील ने पुणे जिले के जुन्नार और मंचर में अपनी पार्टी की 'शिव स्वराज्य यात्रा' के दौरान कहा कि हमारा गठबंधन 170 से ज्यादा सीटें जीतेगा क्योंकि राज्य के लोग विश्वासघात और धोखे से नफरत करते हैं। अगली सरकार हमारी होगी और हम ठोस और दीर्घकालिक कल्याणकारी योजनाओं के साथ सुशासन देंगे। दरअसल महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अक्टूबर में होने की संभावना है। 2019 में बीजेपी-शिवसेना लड़ी थी साथ2019 के चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के कारण दोनों दल अलग हो गए थे। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर एमवीए का गठन किया और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। हालांकि जून 2022 में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी। इससे एमवीए सरकार गिर गई। एनसीपी में अजित पवार ने की बगावतएकनाथ शिंदे ने पार्टी को भी विभाजित कर दिया। बीजेपी के समर्थन से शिंदे मुख्यमंत्री बने और वर्तमान में भी इस पद पर बने हुए हैं। चुनाव आयोग ने शिंदे के धड़े को 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाला समूह शिवसेना (यूबीटी) के रूप में कार्य कर रहा है। पिछले साल जुलाई में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने एनसीपी में भी ऐसा ही किया और महाराष्ट्र की बीजेपी-शिंदे सेना सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए। यहां भी अजित गुट 'असली' एनसीपी है, जबकि शरद गुट को एनसीपी (एसपी) कहा जाता है।महाराष्ट्र का गणित क्या?2024 के लोकसभा चुनावों में एमवीए ने राज्य की 48 संसदीय सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी, जबकि महायुति (बीजेपी-शिंदे सेना-एनसीपी) को केवल 17 सीटें मिली थीं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एमवीए अपने दावे के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनावों में 170 से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब होता है या नहीं।


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इजरायल नहीं बल्कि अपने पड़ोस के 'मुस्लिम देश' पर हमला कर सकता है ईरान, अटैक को लेकर नहीं बन रही बात, फुस्स हो रही धमकी

तेहरान: इजरायल पर ईरान के हमले का खतरा है। लेकिन ईरान इजरायल पर हमला करने की जगह अपने एक पड़ोसी मुस्लिम देश पर हमला कर सकता है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या पर की जाने वाली जवाबी कार्रवाई को लेकर असहमत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी राष्ट्रपति इजरायल के गुप्त ठिकानों को निशाना बनाना चाहते हैं। वहीं इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) इजरायल के अंदर तेल अवीव और अन्य हिस्सों पर हमला करना चाहता है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अजरबैजान ने इजरायल को ईरान के खिलाफ अपने एयरफील्ड को इस्तेमाल करने की इजाजत दी है।रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी राष्ट्रपति इजरायल के साथ बड़े पैमाने पर युद्ध नहीं लड़ना चाहते इसलिए अजरबैजान गणराज्य या इराकी कुर्दिस्तान क्षेत्र के अंदर इजरायल से जुड़े किसी स्थान पर हमले का प्रस्ताव दिया है। राष्ट्रपति को युद्ध के परिणामों को लेकर डर है। नए राष्ट्रपति पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की तुलना में अधिक उदारवादी माने जाते हैं। हमले को लेकर किसी भी तरह का निर्णय सुप्रीम लीडर अली खामनेई के पास है जो देश के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य करते हैं।

अजरबैजान पर हो सकता है हमला

ईरान ने पहले जनवरी में कई हमलों में इराकी कुर्दिस्तान में मोसाद के जासूसी ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें एक स्थानीय करोड़पति और उसके परिवार के सदस्यों सहित कई नागरिक मारे गए थे। ईरान के हमले का वैकल्पिक लक्ष्य अजरबैजान हो सकता है। हमले से पहले अजरबैजान को चेतावनी देने की योजना है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में इस समय वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। IRGC पेजेशकियान को कमजोर करने का प्रयास करते हुए अधिक आक्रामक कार्रवाई चाहता है।

राष्ट्रपति को किस बात का डर?

रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति के एक करीबी सहयोगी ने टेलीग्राफ को बताया, 'राष्ट्रपति को डर है कि इजरायल पर सीधे हमले के गंभीर परिणाम होंगे। वह मानते हैं कि ईरान भाग्यशाली है कि ईरान पिछली बार इजरायल के साथ युद्ध में नहीं गया था और शायद इस बार भी नहीं।' सहयोगी ने कहा, 'IRGC अपने अपमान को कवर करने की जगह राष्ट्रपति के पद को कमजोर करने के बारे में सोच रहा है।' उन्होंने यह भी कहा कि हमास चीफ पर हमले को लेकर वह अपमानित नहीं महसूस करते क्योंकि यह हमला उनके शपथ लेने के कुछ घंटों बाद हुआ था। ऐसी रिपोर्ट्स भी है कि हिजबुल्लाह अकेले हमला कर सकता है। ईरान में कुछ लोग चाहते हैं कि हिजबुल्ला को लड़ाई लड़ने देना चाहिए। ईरान उन्हें बस हथियारों की सप्लाई करे।


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राहुल द्रविड़ की होने वाली है घर वापसी, अपनी पुरानी टीम का बन सकते हैं कोच!

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ की इंडियन प्रीमियर लीग के उनके पुराने फ्रेंचाइजी में वापसी हो सकती है। आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्सऔर दिल्ली कैपिटल्स दो ऐसी टीमें हैं जिन्हें राहुल द्रविड़ ने पहले कोचिंग दी है और आईपीएल 2025 से पहले दोनों टीमें उनसे फिर से संपर्क कर सकती हैं। इसमें अधिक संभावना राजस्थान रॉयल्स को लेकर है कि द्रविड़ इस टीम के साथ जुड़ सकते हैं। बता दें कि दिल्ली कैपिटल्स ने रिकी पोंटिंग के साथ अपने सात साल के जुड़ाव को समाप्त कर दिया है और खबर यह भी आ रही हैं कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) कुमार संगकारा को अपनी व्हाइट-बॉल टीम के मुख्य कोच के पद पर विचार कर रहा है। ऐसे में संगकारा जो पिछले चार सीजन से राजस्थान रॉयल्स के कोच रहे हैं और वह इंग्लैंड की टीम के साथ जुड़ने का फैसला करते हैं तो राहुल द्रविड़ के लिए रास्ते बिल्कुल साफ हो जाएंगे।इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कोच बन सकते हैं संगाकारामाना जा रहा है कि श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा इंग्लैंड की मेंस टीम के प्रबंध निदेशक रोब की के करीबी हैं। साथ ही उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने वाले इंग्लैंड के व्हाइट-बॉल कप्तान जोस बटलर के साथ अच्छे संबंध बनाए हैं। संगकारा ने हाल ही में कहा, 'खैर मुझे पता है कि मेरे नाम का किसी कारण से जिक्र किया गया है, लेकिन ऐसा कोई संपर्क नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि इंग्लैंड की व्हाइट-बॉल का कोच बनना किसी के लिए भी एक रोमांचकह होगा, लेकिन वहां बहुत सारे अच्छे उम्मीदवार हैं। मैं इस समय बहुत खुश हूं। राजस्थान रॉयल्स का अनुभव बहुत ही संतोषजनक रहा है और यह एक ऐसा काम रहा है जिसका मैंने पिछले चार सालों में आनंद लिया है।'बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू मॉट दो साल में लगातार दूसरा विश्व खिताब बचाने में इंग्लैंड की विफलता के बाद अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही पद से हटा दिए गए हैं। इंग्लैंड टी20 विश्व कप 2024 के सेमीफाइनल में पहुंचा लेकिन अंतिम चैंपियन भारत से हार गया, लेकिन 10 टीमों के वनडे विश्व कप 2023 में सातवें स्थान पर रहा।


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Thursday, August 8, 2024

Florida में तूफान Debby लाया इतनी भारी बारिश कि कई जगह बह गई सड़कें, देखें वीडियो

Florida Rain: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ट्रॉपिकल स्टॉर्म का असर दिखाया गया है। वीडियो अमेरिका के फ्लोरिडा का बताया जा रहा है। पोस्ट में बताया गया के कारण भारी बारिश हुई और सड़कें बह गईं। साथ ही यह भी जिक्र किया गया है कि फ्लोरिडा में हाल ही में ऐसे दृश्य असमान्य नहीं थे। इसका मतलब है कि बारिश जनित पानी के बहाव के कारण कई जगहें सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं। बता दें कि तूफान डेबी के कारण अमेरिका में अब तक छह लोग जान गंवा चुके हैं।द वेदर चैनल की ओर से एक्स पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में सड़क बह जाने का जो दृश्य है वो बेहद सनसनीखेज है। 37 सेकेंड के इस वीडियो में भी टूटी हुई सड़क के हिस्से और भी टूटकर पानी में गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं, सड़क बहने से पानी की निकासी के लिए बनी जगह में एक कार फंसी दिखाई दे रही है। पोस्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि सड़क बह जाने की यह घटना फ्लोरिडा के किस स्थान की है। इसके अलावा, वहीं पास में कुछ अधिकारी खड़े हुए दिख रहे हैं, संभवत: वे जगह का निरीक्षण कर रहे होंगे।

फ्लोरिडा में सड़क बहने के वीडियो पर प्रतिक्रियाएं

कुछ यूजर्स ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देने में दिलचस्पी दिखाई है। एक यूजर ने लिखा, ''मुझे हमेशा आश्चर्य होता है कि लोग मौसम की चेतावनियों को नजरअंदाज़ कर देते हैं। क्यों न हम हैंगआउट करें और तूफान खत्म होने का इंतजार करें?''एक यूजर ने आपदा के बाद अवसर की संभावना जताई। उसने लिखा, ''बाढ़ के कम हो जाने के बाद इस क्षेत्र में धातु का पता लगाना अद्भुत हो जाएगा।'' वहीं, एक यूजर ने फ्लोरिडा के सुवानी नामक स्थान को हैशटैग करते हुए बताया, ''मैं इस शहर के ठीक बगल में रहता हूं, यहां अभी भी खतरा है, अगर आपको पानी दिखे तो बस पीछे मुड़ जाएं।''

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आपातकालीन घोषणाओं को दी मंजूरी

फॉक्स वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना, साउथ कैरोलिना और फ्लोरिडा के लिए आपातकालीन घोषणाओं को मंजूरी भी दी है। ये घोषणाएं संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (FEMA) को जीवन बचाने, संपत्ति की रक्षा करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघीय सहायता प्रदान करने के लिए अधिकृत करती हैं।


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Wednesday, August 7, 2024

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के जज की टिप्पणी से पीड़ा हुई, CJI चंद्रचूड़ ने ऐसा क्यों कहा?

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक जज की ओर से सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये टिप्पणी अपमानजनक और अनावश्यक थी। मामला अवमानना का था। यह मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज राजबीर सेहरावत की टिप्पणियों से जुड़ा था। जस्टिस सेहरावत ने एक अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन टिप्पणियों को अपमानजनक और अनावश्यक बताते हुए हटा दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सहरावत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। बेंच का नेतृत्व चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि न तो सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है और न ही हाई कोर्ट, वास्तव में भारत का संविधान सर्वोच्च है। इसने साथ ही कहा कि हाई कोर्ट में कार्यवाही के संचालन के लिए ऐसी टिप्पणियां पूरी तरह अनावश्यक थीं। पीठ ने हालांकि इस स्तर पर हाई कोर्ट के न्यायाधीश की 'अपमानजनक' टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कोई नोटिस जारी नहीं किया और न ही किसी तरह की कार्यवाही की।

सुप्रीम कोर्ट ने दी ये नसीहत

इसने कहा, 'हम तदनुसार न्यायमूर्ति सेहरावत की ओर से 17 जुलाई 2024 को पारित आदेश में की गईं टिप्पणियों को हटाते हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों पर... हाई कोर्ट की खंडपीठ द्वारा पारित आदेशों पर विचार करते समय अधिक सावधानी बरती जाएगी।' पीठ ने कहा, 'न्यायिक प्रणाली की पदानुक्रमिक प्रकृति के संदर्भ में न्यायिक अनुशासन का उद्देश्य सभी संस्थाओं की गरिमा को बनाए रखना है, चाहे वह जिला न्यायालय हों, हाई कोर्ट हों या सर्वोच्च न्यायालय का स्तर हो।'

'पूरे न्यायिक तंत्र की प्रतिष्ठा खराब होती है'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से पूरे न्यायिक तंत्र की प्रतिष्ठा खराब होती है और इससे न केवल सुप्रीम कोर्ट बल्कि उच्च न्यायालयों की गरिमा भी प्रभावित होती है। पीठ की कार्यवाही शुरू होने पर जीफ जस्टिस ने कहा, ‘ हमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की ओर से गई टिप्पणियों से पीड़ा हुई है।’ इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी के साथ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी पेश हुए। वेंकटरमणी ने टिप्पणियों का उल्लेख किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।


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Tuesday, August 6, 2024

हाथरस हादसा: राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा- पीएम की घोषणा के बाद भी पीड़ित परिवारों को नहीं मिली राशि

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगो की मौत का मामला संसद में गूंजा। से राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में शून्य काल के दौरान हाथरस हादसे पर कहा कि पीड़ित परिवारों को ज्यादा से ज्यादा सहायता दी जाए। सुमन ने कहा कि सरकारी आंकड़ों में मरने वालों की संख्या 123 है, लेकिन सही में यह संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। सत्संग में मची भगदड़ में मरने वाले कुछ लोगों के शवों का पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ। कुछ के परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम ही नहीं कराया। दो लाख की आंशिक सहायता राज्य सरकार ने परिवारों को दी है, जोकि ऊंट के मुह में जीरे के समान है।‌ प्रधानमंत्री के घोषणा करने के बावजूद कोई धनराशि अभी तक पीड़ित परिवारों को नहीं दी गई है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। सत्संग हादसे में जो घायल लोग थे, उनका अस्पताल में पंजीकरण ही नहीं हुआ। ऐसे तमाम लोगों को अपने घर पर ही इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ा।

प्रशासन पर उठाया सवाल

समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने यह भी कहा कि जो लोग भोले बाबा के सत्संग के बाद गिरफ्तार किए गए हैं, उनकी गिरफ्तारी झूठी और मनगढ़ंत है। इसकी समीक्षा करके उन लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम सिर्फ अनुमति देना ही नहीं था। यह देखना भी था कि सत्संग स्थल पर स्थिति कैसी है, उस हिसाब से उन्हें पुलिस बल की भी तैनाती करनी चाहिए थी। व्यवस्था के नाम पर एक एंबुलेंस की गाड़ी और एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी थी। नाममात्र के लिए पुलिस बल तैनात था। उप्र सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की। इसमें एसडीएम, सीओ सिकंदराराऊ सहित तमाम लोगों को दोषी करार दिया गया तो फिर सत्संग में उपस्थित लोगों की गिरफ्तारी क्यों की गई। उन्होंने कहा कि मामला अत्यधिक गंभीर है‌। मानवीय संवेदना का तकाजा है। सरकार को पीड़ित परिवारों की भरपूर मदद की करनी चाहिए।


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Monday, August 5, 2024

हसीना के देश छोड़ते ही खालिदा जिया की रिहाई का आदेश, बांग्लादेश में बनेगी एंटी-इंडिया सरकार?

ढाका: बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश से भागने के बाद उनकी धुर विरोधी और विपक्षी नेता का आदेश दिया गया है। खालिदा जिया 2018 से भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई का आदेश बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जारी किया है। की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। वह मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं। उन्हें धुर भारत विरोधी नेता के तौर पर जाना जाता है। ऐसी संभावना है कि वह रिहाई के बाद बांग्लादेश की नई प्रधानमंत्री नियुक्त हो सकती हैं।

राष्ट्रपति ने विपक्ष के साथ बैठक के बाद दिया हुक्म

एक प्रेस बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने खालिदा जिया की रिहाई का फैसला विपक्षी पार्टी के सदस्यों के साथ एक बैठक में लिया। बयान में कहा गया कि शहाबुद्दीन ने "बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का सर्वसम्मति से फैसला किया है।" बेगम खालिदा जिया ने मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वह बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और मुस्लिम दुनिया में बेनजीर भुट्टो के बाद दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।

जियाउर रहमान की पत्नी हैं खालिदा जिया

खालिदा जिया बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी हैं। वह 1984 से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष और नेता हैं, जिसकी स्थापना उनके पति ने 1978 में की थी। 1982 में सेना प्रमुख जनरल हुसैन मुहम्मद इरशाद के नेतृत्व में एक सैन्य तख्तापलट के बाद, जिया ने 1990 में इरशाद के पतन तक लोकतंत्र के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने में मदद की। 1991 के आम चुनाव में बीएनपी पार्टी की जीत के बाद वह प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने 1996 में अल्पकालिक सरकार में भी कुछ समय के लिए काम किया, जब अन्य दलों ने पहले चुनाव का बहिष्कार किया था।

शेख हसीना की कट्टर दुश्मन

1996 के आम चुनावों के अगले दौर में, अवामी लीग सत्ता में आई। हालांकि, 2001 में खालिदा जिया की पार्टी ने फिर वापसी की और बांग्लादेश में सरकार बनाई। वह 1991, 1996 और 2001 के आम चुनावों में पांच अलग-अलग संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से चुनी गईं। 1980 के दशक से, जिया की मुख्य प्रतिद्वंद्वी अवामी लीग की नेता शेख हसीना रही हैं। 1991 के बाद से, खालिदा जिया और शेख बसीना बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने वाले एकमात्र दो नेत्री हैं।


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Sunday, August 4, 2024

डंडो से की पिटाई , निर्वस्त्र कर प्राइवेट पार्ट पर किया वार, पति, पत्नी और वो का यह एंगल जान कांप जाएगी रूह

जयपुर/ अलवर : राजस्थान के अलवर निवासी एक युवती के साथ कथित पति और उसके परिजनों ने ऐसी दरिंदगी की, जिसे सुनकर आपका भी दिल दहल जाएगा। आरोपी युवक पहले तो युवती को कम्पीटिशन की तैयारी साथ- साथ करने का झांसा देकर दिल्ली ले गया, फिर उसका खूब देह शोषण किया। बाद में वह युवती के दबाव में झूठी शादी रचाकर पति-पत्नि की तरह रहने लगा। इस दौरान उसने दूसरी शादी भी कर ली। इस पर गुस्साई युवती शिकायत करने लड़के के घर पहुंची, तो युवक और उसके परिजनों ने युवती को निर्वस्त्र कर जमकर पीटा। यहीं गुप्तांगों पर डंडों से वार किया। बाद में युवती घायल अवस्था में पुलिस थाने पहुंची, तो पुलिसकर्मियों के भी होश उड़ गए।

दिल्ली कोचिंग करने के बहाने ले जाकर देह शोषण किया

दिल दहला देने वाला यह मामला अलवर के रैणी थाना क्षेत्र का है, जहां रिपोर्ट के मुताबिक एसएससी की कोचिंग करने के लिए जब पीड़ित युवती जयपुर गई, तो इसी दौरान आरोपी तपेश मीणा युवक से उसकी मुलाकात हुई। आरोपी तपेश ने कहा कि वह दिल्ली जाकर आईएएस की तैयारी करना चाहता है, वह भी उसके साथ चले और वहीं दिल्ली में तैयारी करे। इस पर दोनों दिल्ली गए। तपेश ने दिल्ली में भी उससे कई बार संबंध बनाए।

जयपुर आकर पति- पत्नि की तरह रहने लगे

करीब 8 महीने तक दिल्ली में रहने के बाद दिसंबर 2019 में दोनों जयपुर आ गए और जयपुर में किराए का कमरा लेकर रहने लगे। जून 2022 तक वो दोनों साथ लिव-इन में रहे। इस दौरान कई बार तपेश ने पीड़िता के साथ संबंध बनाए। इस दौरान आरोपी ने 5 साल तक शादी का झांसा देकर आरोपी पीड़िता का शारीरिक शोषण करता रहा। बाद में युवती के दबाव बनाने पर शादी की और उसके बाद पति-पत्नी की तरह दोनों रहने लगे।

लड़की आरोपी के घर पर गई, तो हुई दरिंदगी

इस दौराद आरोपी तपेश मीणा पीड़िता के साथ झूठी शादी कर पति पत्नि की तरह रहने लगा। इस बीच आरोपी ने दूसरी शादी कर ली। जब पीड़िता को इसका पता चला तो, वह गुस्साई आरोपी के घर पहुंची, तो आरोपी और उसके परिजनों ने पीड़िता की डंडों से पिटाई की और निर्वस्त्र करके उसके गुप्तांगों पर डंडों से वार किए। बाद में पीड़िता ने पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी।


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Saturday, August 3, 2024

IGI एयरपोर्ट पर बैग लिए शख्‍स पर गई CISF की नजर, फिर खुला बड़ा राज

IGI Airport News: देश के सबसे व्‍यस्‍त IGI एयरपोर्ट पर दवाइयों का जखीरा पकड़ा गया है. आरोपी यात्री काबुल (वाया दुबई) जाने वाली फ्लाइट में सवार होने वाला था, पर उससे पहले ही उसे हिरासत में ले लिया गया.

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इजरायल को किसी भी हाल में गोला-बारूद न देने की उठी मांग, राजनाथ सिंह को लिखे गए पत्र में किन बातों का जिक्र

नई दिल्ली: इजरायल-हमास जंग के बीच पूर्व न्यायाधीशों, राजनयिकों, कार्यकर्ताओं, लेखकों और अर्थशास्त्रियों सहित 25 नागरिकों के एक समूह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। इस पत्र में इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद के निर्यात का लाइसेंस रद्द करने का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है कि हम इजरायल को सैन्य हथियारों और युद्ध सामग्री की आपूर्ति के लिए विभिन्न भारतीय कंपनियों को निर्यात लाइसेंस और अनुमति जारी रखे जाने पर चिंतित हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया है कि इजरायल अपने दायित्वों का उल्लंघन कर रहा है। 30 जुलाई को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि इजरायल को किसी भी सैन्य सामग्री की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत भारत के दायित्वों और भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 (सी) के साथ अनुच्छेद 21 के जनादेश का उल्लंघन होगा। इसलिए, हम आपसे आग्रह करते हैं कि संबंधित निर्यात लाइसेंस रद्द करें और इजरायल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को किसी भी नए लाइसेंस को देना बंद करें।भारत की कई सरकारी और निजी कंपनियां इजरायली रक्षा उत्पादन कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। ये भारतीय कंपनियां इजरायल की कंपनियों के लिए उनके उत्पादों के और हिस्से बनाती हैं। पत्र में तीन भारतीय कंपनियों - मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL), प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (PEL) और अडानी-एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड का उल्लेख है। पत्र में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून एक तरफ, हम इस तरह के निर्यात को नैतिक रूप से आपत्तिजनक, वास्तव में घृणित मानते हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि इसके अलावा, भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत हर संभव प्रयास करना चाहिए कि इजरायल को पहले ही दिए जा चुके हथियारों का इस्तेमाल नरसंहार या अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन में न किया जाए।


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Friday, August 2, 2024

AC बोगी में 2 बड़े बैग के साथ बैठा था शख्‍स, RPF को देखते ही चेहरा पड़ा पीला

RPF Indian Railway: RPF इन दिनों एक खास मुहिम चला रहा है. इसके मुख्‍य रूप से दो उद्देश्‍य हैं- यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाना और ट्रेनों में या उसके जरिये होने वाली अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना.

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पति को मृत बताकर विधवा पेंशन और मुफ्त राशन ले रहीं महिलाएं, ऐसे पकड़ाए फर्जीवाड़े

इरशाद सिद्दीकी, फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां अच्छी-खासी हैसियत होने के बावजूद गरीबों के लिए चलाई जा रही सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का अपात्र महिलाएं जमकर लाभ उठा रहीं है। ऐसी महिलाओं की तादाद थोड़ा बहुत नहीं बल्कि, हज़ारों में है। जहां महिलाएं जिला पूर्ति विभाग से मुफ्त राशन योजना के तहत प्रति व्यक्ति मिलने वाले 5 किलो राशन का अतिरिक्त लाभ पति के नाम से उठा रहीं हैं। वहीं दूसरी तरफ पतियों को मृत घोषित कर सरकार से विधवा पेंशन भी ले रहीं हैं। जिससे सरकार को हर महीने करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है।

मामला उजागर होने के बाद मचा हड़कंप

प्रदेश सरकार ने जांच के बाद जिले की 3257 महिलाओं की सूची भेजी है। इन महिलाओं का डाटा जिले के दो विभाग महिला कल्याण विभाग और पूर्ति विभाग में है। महिलाएं पूर्ति विभाग से पति के नाम का मुफ्त राशन उठा रहीं हैं। साथ ही रूपयों की लालच में अपने पतियों को मृत घोषित कर सरकार से प्रति माह 1000 रुपये विधवा पेंशन का लाभ भी ले रहीं हैं। शासन से भेजी गई सूची से इतने बड़े पैमाने पर जिले में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद संबंधित विभागों में हड़कंप मचा हुआ है।

6600 आयकरदाता और बड़े काश्तकार भी शामिल

जिला पूर्ति विभाग ने महिला कल्याण विभाग को विधवा पेंशन का लाभ लेने वाली महिलाओं के सत्यापन के लिए सूची भेज दी है। वहीं पूर्ति विभाग भी सत्यापन के बाद दोषी पाए जाने वालों पर विभागीय कार्रवाई कर उनके राशन कार्डों को निरस्त कर मुफ्त में लिए गए राशन के रिकवरी बात कह रहा है । सूची में 3300 ऐसे लोग भी हैं जो आयकरदाता होने के बाद भी मुफ्त राशन का लाभ ले रहे हैं। वहीं 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन वाले 3000 किसान भी मुफ्त का राशन खा रहे हैं।

सूची का सत्यापन कराया जा रहा है: डीएसओ

जिला पूर्ति अधिकारी सुनील पुष्कर ने बताया कि शासन द्वारा अनियमितताओं की भेजी गई सूची को महिला कल्याण विभाग को जांच के लिए भेजा गया है। पूर्ति विभाग की ओर से भी राशन कार्ड धारकों का सत्यापन कराया जा रहा है।


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भारत के अंदर बाढ़ ला सकता है चीन, ब्रह्मपुत्र के ग्रेट बेंड पर बना रहा विशाल बांध, जानें कितना बड़ा खतरा

बीजिंग: ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन एक बड़ा बांध बनाने पर काम कर रहा है, जो भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इस बांध के तैयार होने पर चीन जब चाहे भारत के अंदर बाढ़ ला सकेगा और जब चाहे सूखा ला देगा। ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूड(ASPI) की एक रिपोर्ट में इस खतरे के बारे में चेतावनी दी गई है। चीन की योजना ब्रह्मपुत्र नदी की हाइड्रोपावर क्षमता के सबसे बड़े केंद्र ग्रेट बेंड पर बांध बनाने की है। यह जगह जगह चीन की तरफ है, जहां नदी एक तेज मोड़ लेती है। अरुणाचल प्रदेश में पहुंचने से पहले इसी जगह पर ब्रह्मपुत्र नदी एक घाटी में बढ़ते हुए 3000 मीटर नीचे गिरती है। चीन इसे दुनिया का सबसे ताकतवर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कहता है। इसकी विशालता और इसकी जगह को देखते हुए इसे सुपर डैम भी कहा जा रहा है। प्रस्तावित ग्रेड बेंड डैम का भारत पर बड़ा असर होगा।

भारत पर दबाव बना सकता है चीन

रिपोर्ट में कहा गया है इससे बीजिंग का वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के सीमावर्ती क्षेत्रों पर राजनीतिक नियंत्रण मजबूत हो जाएगा। यह सीमा के भारतीय हिस्से में मानवीय वस्तियों, आर्थिक निर्माण और आर्थिक स्वरूपों को प्रभावित कर सकता है। इसके बीजिंग को पानी पर नियंत्रण हासिल होगा, जिसके इस्तेमाल वह सौदेबाजी में भारत पर दबाव बनाने के लिए कर सकता है। भारत और चीन ने साल 2002 में ब्रह्मपुत्र पर अफना पहला डेटा समझौता किया था। इसके तहत चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर जल विज्ञान संबंधी जानकारी साझा करता है। यह समझौता 5 साल के लिए था, जिसे 2008, 2013 और 2018 में नवीनीकृत किया गया था।

ब्रह्मपुत्र पर समझौते का नवीनीकरण नहीं

एएसपीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले 2017 में फिर 2020 में दोनों पक्षों के सैनिकों में झड़प के बाद बीजिंग ने अस्थायी रूप से नई दिल्ली के साथ जल डेटा साझा करना बंद कर दिया था। यह समझौता 2023 में समाप्त हो गया और तब से इसका नवीनीकरण नहीं किया गया है। भारत की तरफ से आधिकारिक बयान के अनुसार समझौता ज्ञापन राजनियक चैनलों के माध्यम से नवीनीकरण की प्रक्रिया में है। हालांकि, एएसपीआई की रिपोर्ट बताती है मुख्य बात यह है कि दस्तावेज कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है।

भारत की सुरक्षा के लिए भी खतरा

ग्रेट बेंड डैम के बन जाने से नई दिल्ली की सुरक्षा चिंताएं भी हैं। भारत के पूर्वोत्तर में बाढ़ लाने की चीन की क्षमता एलएसी तक भारतीय पहुंच के लिए एक खतरा भी है। एएसपीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र बेसिन में ग्रेट बेंड पर एक विशाल बांध का निर्माण का भारत और बांग्लादेश में महत्वपूर्ण प्रभाव होगा। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर पहले ही कई छोटे बांध का निर्माण कर रखा है, जिनसे वह नदी के जल को नियंत्रित करता है। अब एक नया बांध नदी के जल पर उसका लगभग पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर देगा।


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Thursday, August 1, 2024

दिल्ली कोचिंग हादसा : राव स्टडी सर्कल ने की 50 लाख मुआवजे की पेशकश, एक शर्त भी रखी

नई दिल्ली : राजधानी के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी से भरने से तीन छात्रों की मौत मामले में कोचिंग सेंटर की तरफ से मुआवजे की पेशकश की गई है। राव आईएएस अकादमी सर्किल ने अब मृतकों के परिवार को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने की पेशकश की है। कोचिंग संस्थान के वकील मोहित सराफ ने चार दिनों से मौतों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा।

पहले 25 लाख...बाकि सीईओ के बाहर आने पर

पत्रकारों से बात करते हुए सराफ ने कहा कि संस्थान ने मृतकों के परिवार को दो किस्तों में 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि हम जान गंवाने वाले प्रत्येक छात्र को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने की पेशकश कर रहे हैं। 25 लाख रुपये तुरंत और 25 लाख रुपये तब दिए जाएंगे, जब संस्थान के सीईओ अभिषेक बाहर आएंगे। वकील सराफ ने कहा कि हम बाकी 25 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए पैसे का बंदोबस्त कर पाएंगे। वकील ने कहा कि मैंने यह भी वादा किया है कि अगले हिस्से का भुगतान छह महीने के भीतर कर दिया जाएगा... अलग-अलग लोगों की अलग-अलग अपेक्षाएं होती हैं, मैं एक संदेशवाहक हूं।

कोचिंग संस्थानों को किया सील

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में 27 जुलाई को जलभराव होने से तीन छात्रों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा एमसीडी ने राजधानी में बेसमेंट में चलने वाले करीब 20 कोचिंग संस्थानों को सील कर दिया है।

5 दिन से धरने पर डटे छात्र

वहीं, घटना से गुस्साए छात्र पिछले पांच दिन से लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं, नगर निगम का कहना है कि भविष्य में ऐसा कोई भी हादसा ना हो इसके लिए हम सक्रिय हैं। राजेंद्र नगर ही नहीं बल्कि पूरे राजधानी में ऐसी घटना न हो हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं। किसी भी तरह की लापरवाही न हो इसे लेकर हम लोग लगातार काम कर रहे हैं।


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