हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग में मची भगदड़ में 123 लोगो की मौत का मामला संसद में गूंजा। से राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में शून्य काल के दौरान हाथरस हादसे पर कहा कि पीड़ित परिवारों को ज्यादा से ज्यादा सहायता दी जाए। सुमन ने कहा कि सरकारी आंकड़ों में मरने वालों की संख्या 123 है, लेकिन सही में यह संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। सत्संग में मची भगदड़ में मरने वाले कुछ लोगों के शवों का पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ। कुछ के परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम ही नहीं कराया। दो लाख की आंशिक सहायता राज्य सरकार ने परिवारों को दी है, जोकि ऊंट के मुह में जीरे के समान है। प्रधानमंत्री के घोषणा करने के बावजूद कोई धनराशि अभी तक पीड़ित परिवारों को नहीं दी गई है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। सत्संग हादसे में जो घायल लोग थे, उनका अस्पताल में पंजीकरण ही नहीं हुआ। ऐसे तमाम लोगों को अपने घर पर ही इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ा।
प्रशासन पर उठाया सवाल
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने यह भी कहा कि जो लोग भोले बाबा के सत्संग के बाद गिरफ्तार किए गए हैं, उनकी गिरफ्तारी झूठी और मनगढ़ंत है। इसकी समीक्षा करके उन लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम सिर्फ अनुमति देना ही नहीं था। यह देखना भी था कि सत्संग स्थल पर स्थिति कैसी है, उस हिसाब से उन्हें पुलिस बल की भी तैनाती करनी चाहिए थी। व्यवस्था के नाम पर एक एंबुलेंस की गाड़ी और एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी थी। नाममात्र के लिए पुलिस बल तैनात था। उप्र सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की। इसमें एसडीएम, सीओ सिकंदराराऊ सहित तमाम लोगों को दोषी करार दिया गया तो फिर सत्संग में उपस्थित लोगों की गिरफ्तारी क्यों की गई। उन्होंने कहा कि मामला अत्यधिक गंभीर है। मानवीय संवेदना का तकाजा है। सरकार को पीड़ित परिवारों की भरपूर मदद की करनी चाहिए।from https://ift.tt/BPMjya5
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